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India US defence deal — भरोसे का नया अध्याय
भारत और अमेरिका ने हाल ही में अपने दीर्घकालिक रक्षा फ्रेमवर्क समझौते को अगले दस साल के लिए नवीकृत किया है. यह कोई बिल्कुल नया करार नहीं है, बल्कि 2005 में शुरू हुए उस सहयोग का निरंतर विस्तार है, जो हर दशक में अद्यतन होता है ताकि नई तकनीकों और उभरती रणनीतिक आवश्यकताओं को शामिल किया जा सके. यह समझौता उस समय हुआ है जब द्विपक्षीय संबंधों में व्यापारिक तनाव, टेरिफ विवाद और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेदों के कारण अनिश्चितता का माहौल बना हुआ था. ऐसे में इस फ्रेमवर्क के नवीकरण को संबंधों में स्थिरता और भरोसे के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
नई टेक्नोलॉजी, सह-उत्पादन (co-production), सह-विकास (co-development) और रक्षा-नवाचार को इस समझौते में विशेष महत्व दिया गया है. उदाहरण के तौर पर, GE के F404 इंजन, MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन, P-8I समुद्री निगरानी विमान और स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल का संभावित सह-उत्पादन भारत की क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को सीधे आगे बढ़ाता है. यह परिवर्तन केवल उपकरण खरीदने से आगे बढ़कर दीर्घकालिक तकनीकी साझेदारी को मजबूत करता है.
इसके साथ ही, अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति-संतुलन का मुद्दा इस साझेदारी की रणनीतिक पृष्ठभूमि बनाता है. अमेरिका की क्षेत्रीय प्रतिबद्धता पर उठते सवालों के बीच भारत के साथ यह रिन्यूअल संकेत देता है कि वाशिंगटन इंडो-पैसिफिक में भारत को एक अहम साझेदार के रूप में देखता है.
हालाँकि, आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच डकॉटमी (दोहरी स्थिति) बनी हुई है—एक तरफ रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, दूसरी ओर व्यापार टेरिफ और एच-1बी जैसी मुद्दों पर तनाव भी मौजूद है. इसके बावजूद, दोनों देशों की समझ है कि रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी को जारी रखना परस्पर हित में है. भारत भी इस सहयोग को अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखते हुए आगे बढ़ा रहा है—रूस के साथ ऊर्जा-सुरक्षा और रक्षा संबंधों को संतुलित रखते हुए.
समग्र रूप से, यह 10-वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. यह न केवल मौजूदा रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा बल्कि भविष्य की तकनीकी और सुरक्षा जरूरतों के लिए एक मजबूत संरचना भी खड़ी करेगा. यह भारत की ‘आत्मनिर्भर रक्षा’ नीति, इंडो-पैसिफिक की स्थिरता और एक बहुध्रुवीय विश्व में भारत की रणनीतिक स्थिति को और सुदृढ़ करता है.
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