Author : Harsh V. Pant

Published on Jul 09, 2022 Commentaries 0 Hours ago

इस अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर चीन के विदेश मंत्री एलएसी की समस्‍या को छोड़ भारत-चीन संबंधों पर ज्‍यादा बोले. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन एवं भारत के संबंधों में सुधार की दिशा में प्रगति दिख रही है. आखिर चीनी विदेश मंत्री के इस बयान के क्‍या मायने हैं.

G-20 की बैठक में क्यों छाया रहा LAC का मुद्दा

जी-20 की बैठक में भारत और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने थे. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 24 और 25 मार्च को भारत का दौरा किया था और उसके बाद दोनों विदेश मंत्रियों की यह पहली मुलाकात है. इस बैठक में रूस यूक्रेन जंग के अलावा भारत ने एलएसी मामले को जोरशोर से उठाया. हालांकि, इस मामले में चीन अपनी चाल से बाज नहीं आया. इस अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर चीन के विदेश मंत्री एलएसी की समस्‍या को छोड़ भारत-चीन संबंधों पर ज्‍यादा बोले. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन एवं भारत के संबंधों में सुधार की दिशा में प्रगति दिख रही है. आखिर चीनी विदेश मंत्री के इस बयान के क्‍या मायने हैं. आखिर चीन ने एलएसी पर क्‍यों नहीं बोला. इसके क्‍या कूटनीतिक निहितार्थ है. आइए जानते हैं कि इस मामले में विशेषज्ञ प्रो हर्ष वी पंत की क्‍या राय है.

इस अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर चीन के विदेश मंत्री एलएसी की समस्‍या को छोड़ भारत-चीन संबंधों पर ज्‍यादा बोले. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन एवं भारत के संबंधों में सुधार की दिशा में प्रगति दिख रही है. आखिर चीनी विदेश मंत्री के इस बयान के क्‍या मायने हैं.

विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि बाली में जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा का मामला उठाया तो चीन ने बहुत चतुराई से इस मुद्दे को नज़रअंदाज़ कर दिया. चीन ने कहा कि भारत के संबंधों में सुधार की दिशा में प्र‍गति दिख रही है. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों में संवाद कायम है. चीन ने बाली के मंच पर दुनिया को यह दिखाने की कोशिश की है कि दोनों देशों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा है. उधर, चीन एलएसी पर अपनी सैन्‍य गतिविधियों को जारी रख रहा है, लेकिन दुनिया के समक्ष यह दिखाने की कोशिश में जुटा है कि दोनों देशों में संवाद प्रक्रिया सही और सुचारू ढंग से चल रहा है.

चीन की कूटनीतिक चाल

यह चीन की सोची समझी रणन‍ीति का हिस्‍सा है. उन्‍होंने कहा कि जी-20 की बैठक में जब भारतीय विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मामलों को शीघ्र समाधान की जरूरत पर बल दिया तब उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने कहा कि चीन एवं भारत के संबंधों में सुधार की दिशा में प्रगति दिख रही है, क्योंकि दोनों देशों ने संवाद कायम रखा है और अपने मतभेदों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया है. द्विपक्षीय संबंधों में आम तौर पर सुधार की दिशा में प्रगति दिखी है. उधर, भारत ने इस मुद्दे को प्रभावशाली ढंग से उठाते हुए इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित होना चाहिए. प्रो पंत ने कहा कि चीन एलएसी की असल समस्‍या को लगातार नज़रअंदाज़ कर रहा है. यह उसकी कूटनीतिक चाल का हिस्‍सा है.

जी-20 की बैठक में एलएसी के मुद्दे पर भारत ने चीन को घेरने की भरपूर कोशिश की, लेकिन चीनी विदेश मंत्री इस पूरे मामले में डिफेंसिव दिखे. 

जी-20 की बैठक में एलएसी के मुद्दे पर भारत ने चीन को घेरने की भरपूर कोशिश की, लेकिन चीनी विदेश मंत्री इस पूरे मामले में डिफेंसिव दिखे. द्विपक्षीय मुद्दों के संबंध में चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि चीन एवं भारत को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी इस महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करनी चाहिए कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए ख़तरा नहीं हैं, बल्कि सहयोगी हैं . वांग ने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द पटरी पर लाने के लिए जोर देना चाहिए. प्रो पंत ने कहा कि वांग एलएसी की समस्‍या को गोलमोल कर गए. यह कहा जाए कि वह भारत की समस्‍या को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर गए.

आखिर क्‍या कहा चीनी प्रवक्‍ता ने

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि इस समय भारत-चीन सीमा क्षेत्र में स्थिति आम तौर पर स्थिर है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के अहम पड़ोसी हैं. हमारे पास अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की रक्षा करने की क्षमता और इच्छा है. उधर, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल तथा पूर्व की बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बनी समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व को भी दोहराया. विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान का आह्वान किया है. ग़ौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री वांग ने 24 और 25 मार्च को भारत का दौरा किया था और उसके बाद दोनों विदेश मंत्रियों की यह पहली मुलाकात थी. पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद मई, 2020 को भारत व चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. गतिरोध खत्‍म करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता का दौर जारी है.

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यह आर्टिकल जागरण में प्रकाशित हो चुका है.

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