Issue BriefsPublished on Jun 28, 2023
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विकासशील देशों में ज़ीरो एमिशन ट्रकिंग को बढ़ावा देना

ट्रकिंग क्षेत्र किसी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विश्व स्तर पर, ऑन-रोड बेड़े में ट्रकों की हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत है लेकिन वे 27 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (मैकडॉनेल और फ़ैकान्हा, 2021) के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. विकासशील देशों में, आर्थिक उत्पादन में वृद्धि के कारण ट्रकिंग की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ज़ीरो एमिशन ट्रक (जेट) डीज़ल ट्रकों का एक बेहतर विकल्प है जो ऑपरेटिंग कॉस्ट और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हैं. हालांकि  उभरते जेट बाज़ार को प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे मांग और आपूर्ति की कमी, सीमित बुनियादी ढांचा  और किफायती वित्त और सहायक नीतियों में कमी का होना.

यह पॉलिसी ब्रीफ विकासशील देशों में जेट(जेडईटी) को तेज़ी से अपनाने की रणनीतियों पर प्रकाश डालती है. यह एक मज़बूत जेट आपूर्ति श्रृंखला की दिशा में ठोस प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए जेट्स के लिए प्रासंगिक नीतियां बनाने और महत्वाकांक्षी लक्ष्य अपनाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाता है. संक्षेप में कहें तो जी20 देशों और विकासशील दुनिया में जेट पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए वित्त जुटाने, उपयुक्त चार्जिंग/ईंधन भरने वाले बुनियादी ढांचे को तैनात करने और रिसर्च इनोवेशन और नॉलेज के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के तरीक़ों का भी प्रस्ताव दिया गया है.

चुनौती

ट्रकिंग सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि का केंद्र में रहता है और व्यवसायों और उपभोक्ताओं की दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है. वैश्विक स्तर पर, मध्यम और भारी-भरकम ट्रक ऑन-रोड बेड़े का केवल 4 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं  लेकिन सड़क क्षेत्र (मैकडॉनेल और फाकान्हा 2021) से 27 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और 60 प्रतिशत वैश्विक नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार हैं. यह विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अधिक प्रमुख होगा [i] क्योंकि बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के साथ उनकी ट्रकिंग गतिविधि बढ़ जाती है (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2017). चूंकि ट्रक मुख्य रूप से डीज़ल ईंधन पर निर्भर होते हैं लिहाज़ा ट्रकिंग गतिविधि में वृद्धि से सीओ2 उत्सर्जन, वायु प्रदूषण और परिचालन लागत में वृद्धि होगी.

ज़ीरो-एमिशन ट्रक (जेट) पारंपरिक ट्रकिंग क्षेत्र से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों का एक बेहतर समाधान प्रदान करते हैं. क्योंकि वे डीज़ल ट्रकों की तुलना में अधिक बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि इसके टेलपाइप से हानिकारक प्रदूषक (जैसे पार्टिकुलेट मैटर और एनओएक्स) नहीं निकलते हैं  और इससे कम सीओ2 उत्सर्जन (वाहन के प्रकार और बिजली ग्रिड मिश्रण के आधार पर) और परिचालन लागत कम होती है. वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए दुनिया को 2050 तक नेट ज़ीरो तक पहुंचने की आवश्यकता है, जो कि जेट्स द्वारा नई बिक्री में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल किए बिना दूर की कौड़ी लगती है. विश्व स्तर पर, नेट-ज़ीरो परिदृश्य में, [ii] जेट्स के बताए गए नीति परिदृश्य (बेसलाइन) (चित्र 1 देखें) (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2022सी) की तुलना में 2022-50 की अवधि में संचयी रूप से 36 जीटी सीओ2 से अधिक को कम करने में मदद कर सकते हैं.

चित्र 1: मध्यम और भारी ट्रकों से वैश्विक सीओ2 उत्सर्जन

स्रोत: आईईए का वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2022 सी)

परिवहन लागत समग्र रसद लागत के प्रमुख घटकों में से एक है. जेट के माध्यम से परिवहन लागत कम करने से लॉजिस्टिक्स लागत काफी कम हो सकती है, जो विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण है जहां लॉजिस्टिक्स लागत सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा बन सकती है. भारत, इंडोनेशिया और ब्राज़ील में  लॉजिस्टिक लागत क्रमशः सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत, 23 प्रतिशत और 12 प्रतिशत है, जो विकसित देशों में 8 प्रतिशत-10 प्रतिशत के औसत से बहुत अधिक है (सैंटोसो एट अल., 2021; नीति आयोग, आरएमआई और आरएमआई, 2021; एफजीवी ट्रांसपोर्ट्स, 2020). भारत में जेट को अपनाने से यह हिस्सेदारी 11.5 प्रतिशत तक कम हो सकती है, जिससे ईंधन लागत में महत्वपूर्ण बचत होगी (सिन्हा और तेजा, 2022). यह ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरियों की घटती लागत, रिन्युएबल इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड के विस्तार, ग्रीन हाइड्रोजन बुनियादी ढांचे के विकास और जेट मॉडल की बढ़ती उपलब्धता पर निर्भर होगा.

जबकि जेट्स डीज़ल ट्रकों के लिए एक स्थायी विकल्प प्रदान करते हैं लेकिन कुछ प्रमुख बाधाएं हैं जो इनकी एंट्री विकासशील देशों में रोक सकती हैं. अधिकांश विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में जेट बाज़ार शुरुआती स्थिति में है, जिसमें सीमित या कोई जेट मॉडल नहीं है. 2022 में वैश्विक स्तर पर उपलब्ध सभी मध्यम और भारी जेट मॉडलों में से 92 प्रतिशत चीन, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में थे; भारत और मैक्सिको ने कुल उपलब्धता में 5 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि शेष विकासशील दुनिया में सीमित या कोई जेट मॉडल उपलब्ध नहीं थे (ग्लोबल कमर्शियल व्हीकल ड्राइव टू जीरो, 2022). अधिकांश विकासशील देशों में जेट्स को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक नीति संकेतों और संबंधित प्रोत्साहनों की कमी है (खान एट अल. 2022).   यह डिमांड साइड प्लेयर्स को डीज़ल ट्रकों की तुलना में अधिक महंगे जेट्स खरीदने से हतोत्साहित कर सकता है.

इसके अलावा, चार्जिंग और ईंधन भरने वाले स्टेशनों के डेन्स नेटवर्क की कमी और चार्जिंग के लिए बिजली की पहुंच जेट्स (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2022 डी) की परिचालन व्यवहार्यता को सीमित करती है. इसके अलावा, अफ्रीका में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में विश्वसनीय बिजली आपूर्ति की कमी है (विश्व आर्थिक मंच, 2021).  अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में रिन्युएबल एनर्जी (सौर और पवन) की पहुंच भी कम है, जो उनके कुल बिजली उत्पादन का 4 प्रतिशत है (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2022सी). इसी प्रकार  वैश्विक स्तर पर कुल हाइड्रोजन उत्पादन में लो-कार्बन हाइड्रोजन की हिस्सेदारी केवल 1 प्रतिशत के आसपास है (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2023ए). अंत में, फाइनेंसरों को इंटरनल कंबनशन इंजन काउंटरपार्टस के बराबर प्रदर्शन करने वाली ज़ीरो एमिशन व्हीकल टेक्नोलॉजी को लेकर  संदेह है, जिससे उधार लेने की लागत बढ़ गई है और ऋण वित्तपोषण तक सीमित पहुंच हो गई है (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2021). विकासशील देशों में जेट पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में चुनौतियों पर अधिक विवरण के लिए चित्र 2 देखें.

चित्र 2: विकासशील देशों में जेट अपनाने से संबंधित प्रमुख चुनौतियां

स्रोत: लेखक का संकलन

जी20 की भूमिका

जी 20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं (जी20 भारत, 2023).  इस प्रकार जी20 माल ढुलाई और ट्रकिंग डीकार्बोनाइजेशन से संबंधित मुद्दों के केंद्र में है. आर्थिक सहयोग को अलाइन (संरेखित) करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच के रूप में  जी20 जेट बदलाव की दिशा में वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करने और सुविधाजनक बनाने के लिए एक मज़बूत स्तंभ के रूप में काम कर सकता है.

कुछ जी20 देशों ने जेट पर स्विच करने के फायदों को महसूस करना शुरू कर दिया है. चीन और अमेरिका जैसे देशों ने परिवर्तन को सक्षम करने के लिए नीतियां और शासनादेश पारित करना शुरू कर दिया है, जिसके कारण जेट की बिक्री 2020 में 5,000 से बढ़कर 2021 में 15,000 हो गई है (चित्र 3 देखें) (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, 2023). अधिकांश विकासशील देशों में जेट की बिक्री और उसे अपनाना सीमित कर दिया गया है (खान एट अल. 2022). जी 20 जेट  परिनियोजन को फास्ट-ट्रैक करने के लिए क्रॉस-लर्निंग और सहयोग का मौक़ा देते हैं. विकासशील देश उन देशों से सबक को शामिल कर सकते हैं जिन्होंने जेट्स और संबंधित चार्जिंग तकनीक़ और बिजनेस मॉडल को तैनात करना शुरू कर दिया है.

चित्र 3: 2021 में अमेरिका, चीन और यूरोप में जीरो एमिशन ट्रकों की बिक्री

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स्रोत: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी पर आधारित लेखक का संकलन (2023)

जेट पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना

ज़ीरो एमिशन ट्रक विभिन्न जी20 देशों की प्राथमिकताओं, जैसे एनर्जी एमिशन, एमिशन्स मिटिगेशन, ट्रेड, फाइनेंस और ग्रीन ग्रोथ को पूरा करते हैं. विकासशील दुनिया में जेट ट्रांजिशन को सक्षम करने के लिए रिसर्च एंड इनोवेशन, फाइनेंसिंग और मार्केट क्रिएशन की आवश्यकता को पहचानते हुए, जी20 नवाचार, क्रॉस-कोलैबोरेशन और ड्राइविंग कमिटमेंट्स के लिए कई रास्ते बना सकता है :

1.मार्केट क्रिएशन : जी20 जेट पर स्विच करने की तात्कालिकता और आवश्यकता पर एक वैश्विक नैरेटिव बना सकता है और पर्यावरण और आर्थिक लाभों के बारे में जागरूकता पैदा कर सकता है. इससे नीति निर्माताओं और इंडस्ट्री प्लेयर में जेट ट्रांजिशन के प्रति विश्वास पैदा होगा और जेट  के लिए आवश्यक मांग में वृद्धि शुरू होगी. इसके अलावा जी 20 जेट के निर्माण और अपनाने की सुविधा के लिए नीतिगत सिफ़ारिशों और फाइनेंसिंग सॉल्युशन का एक संग्रह बना सकता है और रिन्युएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक वैश्विक बाज़ार के निर्माण को बढ़ावा दे सकता है.

  1. हितधारक सहयोग को सुविधाजनक बनाना :जेट मूल्य श्रृंखला व्यापक है और असंख्य स्टेकहोल्डर्स और उनके हितों और प्राथमिकताओं तक फैली हुई है. जी20 विभिन्न हितधारक समूहों के बीच सहयोगात्मक चर्चा शुरू करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय मंच की सुविधा प्रदान कर सकता है. स्टेकहोल्र्डर्स में ये निम्नलिखित बातें शामिल हो सकती हैं :
  • नीति निर्माताओं का लक्ष्य ट्रकिंग सेक्टर को उनके भूगोल के आर्थिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप अधिक कुशल बनाना है.
  • ऑटो मेकर्स हाई परफॉर्मेंस वाले, भरोसेमंद और क्लीन व्हीकल विकल्प बेचकर अपनी बाज़ार की हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
  • फ्लीट ऑपरेटर्स यह सुनिश्चित करते हैं कि वे कम से कम पर्यावरणीय प्रभाव के साथ कॉस्ट एफिसियेंसी तरीक़े से माल ले जा सकें.
  • ट्रक मालिक अपने ईंधन ख़र्च को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
  • चार्जिंग/हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशन संचालक अपनी संपत्ति का अधिकतम उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं.
  • इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइडर्स बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं.
  • जेट्स के लिए फाइनेंसर किफायती वित्तपोषण समाधान प्रदान कर रहे हैं.

विभिन्न स्टेकहोल्डर्स द्वारा मिलकर किए गए ठोस प्रयास जेट पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देंगे.

3.रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना : टेक्नोलॉजी इनोवेशन, जेट की लागत को कम करने, महत्वपूर्ण खनिजों पर निर्भरता को कम करने, चार्जिंग समय को कम करने और जेट की दक्षता को बढ़ाने की कुंजी है. जी20 महत्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सस्टेनेबल मिनरल एक्सप्लोरेशन, प्रोसेसिंग और रिसाइकलिंग में इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है. इसके अलावा यह नई बैटरी रसायन विज्ञान के सह-विकास, ऊर्जा-कुशल जेट के निर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए वैश्विक मानकों को बढ़ावा देने में अनुसंधान की सुविधा प्रदान कर सकता है.

4.सर्वोत्तम प्रैक्टिस और लर्निंग को साझा करना : कुछ जी20 देशों के भीतर शुरुआती जेट पायलटों की तैनाती से लर्निंग और एक्सपीरियेंस को साझा करके जेट ट्रांजिशन को बढ़ावा दिया जा सकता है. जी20 अपने डिस्क्शन फोरम से जेट मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी, चार्जिंग/ईंधन भरने, वित्तपोषण और संबंधित नीतियों से जुड़ी चुनौतियों और समाधानों को लेकर सबक साझा करने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है. क्रॉस-लर्निंग विकासशील देशों को किसी भी नुकसान से बचने में सक्षम बना सकती है क्योंकि वे भी जेट के करीब और दीर्घकालिक तैनाती की योजना बनाने में लगे हैं.

जी 20 को सिफ़ारिशें

पॉलिसी बेस्ट प्रैक्टिस का एक सार-संग्रह बनाना

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में बढ़ावा देने में नीतियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. जी20 सरकारों को अपने-अपने देशों में उपयुक्त नीतिगत उपाय को बढ़ावा देने के लिए जेट नीतियों के लिए बेस्ट प्रैक्टिस का एक संग्रह विकसित करना चाहिए. इस कॉम्पेडियम (सार-संग्रह) में डिज़ाइन और कार्यान्वयन को सूचित करने के लिए मांग और आपूर्ति पक्ष की नीतियों और वैश्विक मामले के अध्ययन का एक मेनू शामिल किया जा सकता है.

डिमांड साइड पॉलिसी (जैसे ख़रीद सब्सिडी, छूट और कर और टोल छूट) जेट बाज़ार की नींव रख सकती हैं और इंडस्ट्री प्लेयर को जेट अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं (चित्र 4 देखें). गैर-राजकोषीय प्रोत्साहन, जैसे प्रायरिटी पार्किंग (प्राथमिकता पार्किंग) और ज़ीरो एमिशन क्षेत्रों तक पहुंच जेट के ऑपरेशन को आसान बना सकते हैं.

चित्र 4: जेट अपनाने को उत्प्रेरित करने के लिए डिमांड साइड स्ट्रैटजी

स्रोत: लेखक का संकलन

फ्लीट परचेज की आवश्यकताएं यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि बेड़ा संचालक जेट्स को अपनाएं, जिससे निर्माताओं के लिए एक प्रारंभिक बाज़ार तैयार हो सके. अनुदान और कर छूट जैसे आपूर्ति-पक्ष प्रोत्साहन, पारंपरिक ऑटो निर्माताओं और स्टार्टअप को जेट क्षेत्र में उद्यम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं (चित्र 5 देखें). जेव (जेडईवी) क्रेडिट कार्यक्रम और ईंधन अर्थव्यवस्था जैसे उपाय बाज़ार में जेट (जेडईटी) विकल्पों की उपलब्धता को बढ़ा सकते हैं. इतना ही नहीं, प्रशिक्षण और कौशल कार्यक्रम जेट (जेडईटी) ट्रांजिशन को आसान बनाने के लिए आवश्यक क्षमता और काबिलियत की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं.

चित्र 5 : जेट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सप्लाई साइड स्ट्रैटजी

स्रोत: लेखक का संकलन

जेट्स और आवश्यक बुनियादी ढांचे की तैनाती को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी संयुक्त लक्ष्यों को अपनाना

ईवी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में लक्ष्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. जेट मैन्युफैक्चरिंग में आवश्यक निवेश की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, लक्ष्य और सक्षम सरकारी नीतियां जेट रिसर्च और विकास में निवेश करने के लिए मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) का विश्वास पैदा कर सकती हैं. टारगेट अनांउसमेंट फ्लीट, लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों को दीर्घकालिक डीकार्बोनाइजेशन रणनीतियों की योजना बनाने और जेट डिप्लॉयमेंट लक्ष्य निर्धारित करने में भी मदद कर सकती हैं. इसके अलावा जेट में बदलाव के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य और नीति संबंधी रोडमैप, निवेशकों को जेट इकोसिस्टम में बड़े निवेश करने में भरोसा पैदा करने में मदद कर सकते हैं.

कुछ भौगोलिक क्षेत्रों ने अपने जेट इलेक्ट्रिफिकेशन टारगेट की घोषणा करना शुरू कर दिया है (चित्र 6 देखें). जी20 दुनिया भर में जेट्स के लिए एक स्पष्ट, सामान्य और दीर्घकालिक लक्ष्य का आह्वान करके इसे और तेज कर सकता है.

चित्र 6: विभिन्न देशों द्वारा इलेक्ट्रिक ट्रक का लक्ष्य

स्रोत: अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (2022ए) और वैपेलहॉर्स्ट और रोड्रिग्ज (2021) से लेखक का संकलन

जेट्स की एक मजबूत आपूर्ति के विकास को सुविधाजनक बनाना और जेट घटकों के लिए सर्कुलरिटी को बढ़ावा देना

जेट मॉडल की उपलब्धता बढ़ाने और वाहनों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए, वाहन निर्माताओं को इनोवेशन करने, प्रौद्योगिकी विकास पर सहयोग करने और स्केल हासिल करने और लागत कम करने के लिए समर्पित उत्पादन सुविधाओं में निवेश करने की आवश्यकता है. जेट्स की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए, आवश्यक खनिजों और बैटरी और ईंधन सेल घटकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. हालांकि इस सप्लाई चेन का अधिकांश हिस्सा दुनिया भर के कुछ क्षेत्रों (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी 2022बी) में केंद्रित है. इन सामग्रियों और घटकों की चक्रीयता और रिसाइकलिंग पर ध्यान देने से सप्लाई चेन में विविधता लाने और कच्चे माल की उपलब्धता और लागत से संबंधित जोख़िमों को कम करने में मदद मिल सकती है.

G20 एक प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है जो ZET की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ा सकता है:

  1. वैश्विक ट्रक औईएम के लिए एक मंच की मेज़बानी करें : जी20 जेट मॉडल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अपने दृष्टिकोण, योजनाओं और समाधानों को साझा करने के लिए जी20 सदस्य देशों के प्रमुख वाहन निर्माताओं और बेड़े ऑपरेटरों को आमंत्रित करने के लिए एक मंच की मेज़बानी कर सकता है. ऐसा प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न ओईएम के बीच, और ओईएम और बेड़े ऑपरेटरों के बीच नई टेक्नोलॉजी को सह-विकसित करने और फिट टू परपस जेट का उत्पादन करने के लिए साझेदारी का रास्ता बना सकता है. ये साझेदारियां बड़े पैमाने पर सक्षम हो सकती हैं और जेट और संबंधित घटकों के निर्माण की लागत को कम कर सकती हैं, जिससे ओईएएम को लागत प्रभावी जेट मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी.
  2. सर्कुलर इकोनॉमी और रिसाइकलिंग सामग्री को बढ़ाएं : जी20 सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकता है, विशेष रूप से बैटरी, ईंधन सेल घटकों और संबंधित सामग्रियों के रिसाइकलिंग के माध्यम से. इससे खनन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का बोझ कम हो सकता है. पर्यावरण और जलवायु स्थिरता पर जी20 का वर्किंग ग्रुप, जो वर्तमान में अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करता है, उसमें जेट घटकों (G20 इंडिया 2023) के लिए सर्कुलरिटी और रिसाइकलिंग के विकल्पों पर चर्चा शामिल हो सकती है.

व्यापक चार्जिंग ईंधन भरने के इन्फ्रास्ट्रक्चर का समर्थन करने वाली कार्रवाई को बढ़ावा देना

आमतौर पर जेट लंबी दूरी तक भारी वज़न ढोते हैं, जिसमें क्रमशः बैटरी इलेक्ट्रिक ट्रक (बीईटी) और ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (एफसीईटी) के लिए एक महत्वपूर्ण बैटरी पैक और हाइड्रोजन ईंधन टैंक क्षमता होती है. जेट्स की उच्च शक्ति और ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत बुनियादी ढांचा नेटवर्क आवश्यक है. जेट्स की उच्च शक्ति और ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत बुनियादी ढांचा नेटवर्क ज़रूरी है. विश्व स्तर पर बीईटी को चार्ज करने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं को तैनात किया जा रहा है. इनमें अमेरिका में मध्यम और भारी ट्रकों के लिए 2100 किलोमीटर लंबे I-5 अंतर्राज्यीय कॉरिडोर के विद्युतीकरण की योजना (वेस्ट कोस्ट क्लीन ट्रांजिट कॉरिडोर इनिशिएटिव, 2022), चीन में बैटरी-स्वैपेबल ट्रकों को शामिल करना (युकुन, 2023), और जर्मनी में कैटेनरी-आधारित चार्जिंग का प्रदर्शन (इविंग, 2021) शामिल हैं. बीईटी से चरम बिजली की मांग, विशेष रूप से लंबी अवधि के उपयोग के मामलों के लिए, बहुत अधिक हो सकती है, जिसके लिए एक सहायक अपस्ट्रीम बिजली ग्रिड नेटवर्क की आवश्यकता होती है.

इस बीच, एफसीईटी में ईंधन भरने के लिए प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित एच 2 हाउल प्रोजेक्ट में 16 एफसीईटी (यूरोपीय आयोग, 2019) के लिए उच्च क्षमता वाले ईंधन भरने वाले स्टेशन शामिल हैं.

इन्फ्रास्ट्रक्चर असेट्स की तैनाती में तेज़ी लाने के लिए, जी20 विभिन्न चार्जिंग/ईंधन भरने की रणनीतियों के संबंध में बेस्ट प्रैक्टिस और तकनीक़ी जानकारी साझा करने के लिए सरकारों, फाइनेंसरों और उद्योगों के बीच कनेक्शन के लिए मंच बनाकर साझेदारी की सुविधा प्रदान कर सकता है. जी20 ट्रकों की हाई पावर आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए अपस्ट्रीम पावर ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विस्तार के लिए साझा सिद्धांतों को भी बढ़ावा दे सकता है  और ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन बाज़ार की आवश्यकता पर चर्चा की मेज़बानी कर सकता है. इसके अलावा, यह इलेक्ट्रिक/हाइड्रोजन कॉरिडोर विकसित करने, बुनियादी ढांचे को मानकीकृत करने और अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करने के लिए पारस्परिक लक्ष्य बना सकता है. आखिर में जी20 जेट को अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की ज़रूरत और तात्कालिकता को संप्रेषित करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है. बुनियादी ढांचे की तैनाती को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर अधिक विवरण के लिए चित्र 7 देखें :

चित्र 7: जेट्स के लिए सहायक बुनियादी ढांचे की तैनाती को बढ़ावा देने की रणनीतियां

स्रोत: लेखक का संकलन

जेट और बुनियादी ढ़ांचे की तैनाती को बढ़ाने के लिए वित्त जुटाना

वाहन निर्माताओं को जेट्स के निर्माण के लिए नई सप्लाई चेन तैयार करने या मौज़ूदा आपूर्ति श्रृंखलाओं को फिर से तैयार करने में काफी निवेश की आवश्यकता होती है और इस प्रकार जेट्स के निर्माण के लिए वित्तपोषण सहायता की आवश्यकता होती है. और इस तरह इसे अपनाने के संदर्भ में, ट्रक रिटेल फाइनेसिंग को वर्तमान में इसकी नैसेंट नेचर, परफॉर्मेंस हिस्ट्री की कमी, स्थापित अवशिष्ट मूल्य और सहायक चार्जिंग इकोसिस्टम (सिन्हा और तेजा, 2022) के कारण एक उच्च जोख़िम के रूप में माना जाता है.

जी20 ब्लेंडेड फाइनेंस प्रदान करने के लिए मल्टीलैटरल डेवलपमेंट बैंकों (एमडीबी) और डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स (डीएफआई) को बुलावा दे सकता है जो जेट बाज़ार से जुड़े जोख़िमों को कम करने और वाणिज्यिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक पूंजी का उपयोग करता है. एमडीबी पूंजी लंबी अवधि, कम-ब्याज ऋण के माध्यम से जेट्स के लिए आवश्यक चार्जिंग और ईंधन भरने के बुनियादी ढांचे को बनाने के लिए राष्ट्रीय/राज्य सरकारों का समर्थन कर सकती है. इसके अतिरिक्त, डीएफआई बेहतर जेट ओईएम और स्टार्टअप्स को रियायती शर्तों पर ऋण पूंजी प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. जी 20 देशों की द्विपक्षीय विकास एजेंसियां आगामी जेट-केंद्रित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभिक चरण के रिसर्च और ड़ेवलपमेंट अनुदान भी प्रदान कर सकती हैं. इसके अलावा फ्लीट और ओनर – ऑपरेटर्स के लिए किफ़ायती वित्तपोषण विकल्पों की आवश्यकता को पूरा करना एमडीबी स्थानीय बैंकों और फाइनेंसरों को आंशिक जोख़िम-साझाकरण गारंटी और रियायती ऋण की पेशकश भी यह कर सकता है. अंत में, जी20 रणनीतियों का एक संग्रह बना सकता है जिसका लाभ डेवलपमेंट बैंक सरकारों, ओईएम,  लॉजिस्टिक्स ऑपरेटरों और उद्योग की वित्तपोषण आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए उठा सकते हैं (चित्र 8 देखें).

चित्र 8: ZETs के लिए वित्त जुटाने की रणनीतियां

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स्रोत: लेखक का संकलन

कैपिसिटी सपोर्ट और नॉलेज के आदान-प्रदान के लिए नीतियों और तकनीक़ी इनोवेशन पर चर्चा आयोजित करना

जी20 जेट (जेडईटी) टेक्नोलॉजी इनोवेशन को बढ़ाने, डेमोस्ट्रेशन प्रोजेक्ट का समर्थन करने और विकासशील देशों को जेट(जेडईटी) अपनाने से संबंधित नॉलेज और बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए कई देशों में सहयोगात्मक प्रयासों का समर्थन कर सकता है.

  • टेक्नोलॉजी इनोवेशन को आगे बढ़ाना : जेट(जेडईटी) टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए जी20 व्हीकल से जुड़ी नई तकनीक और अपकमिंग टेक्नोलॉजी में प्रतिस्पर्धा को बढ़ा सकती है, संबंधित सहायक इन्फ्रास्ट्रक्चर, अन्य कंपनियों में एडवांस्ड सेल कैमिस्ट्री बैटरी और नेक्स्ट जेनरेशन फ्यूल सेल्स उन्नत सेल रसायन बैटरी – लिगेसी और स्टार्टअप दोनों – को प्रोत्साहित कर सकता है.
  • नॉलेज एक्सचेंज को बढ़ावा देना : जी20 जेट ऑपरेशन के बारे में बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने और जेट नीतियों के डिज़ाइन को सूचित करने के लिए केस स्टडीज़ पर विकासशील देशों के साथ चर्चा की मेज़बानी कर सकता है. यह इन देशों को क्षमता सहायता प्रदान करने के लिए जेट इकोसिस्टम के विशेषज्ञ स्टेकहोल्डर्स सहित वर्किंग ग्रुप का गठन कर सकता है.
  • पायलटों को बढ़ावा देना : जी20 विभिन्न उपयोग के मामलों में नई जेट टेक्नोलॉजी की ऑपरेशनल और आर्थिक व्यवहार्यता का परीक्षण करने के लिए प्रदर्शन परियोजनाओं को बढ़ावा दे सकता है. पायलटों से सीख लेने के लिए जी20 समूह के भीतर समितियां बनाई जा सकती हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से मंचों और कार्यक्रमों के द्वारा साझा किया जा सकता है.
  • इनक्लुजन को बढ़ावा देना : जी 20 जेट्स और संबंधित बुनियादी ढांचे से संबंधित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विकासशील देशों के साथ बढ़ती साझेदारी की वकालत कर सकता है. विकासशील देशों को उनकी चुनौतियों और चिंताओं को दूर करने के लिए एक मंच प्रदान करना विभिन्न देशों के हितधारकों के बीच प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देने का कारगर तरीक़ा हो सकता है.

निष्कर्ष

जी 20 और अन्य विकासशील देशों में जेट(जेडईटी) को तेजी से अपनाना जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, वायु प्रदूषण को कम करने और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक कुशल बनाने के लिए सबसे बेहतर है. आर्थिक सहयोग, जलवायु और व्यापार पर महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में जी20 की भूमिका इस गठबंधन को जेट संक्रमण के लिए एक अग्रणी आवाज़ के रूप में काम करने का अवसर प्रदान करती है. जी 20 जेट ट्रांजिशन का नेतृत्व करने में अपने कुछ सदस्य देशों की शक्तियों, अनुभवों और सबक का लाभ उठा सकता है और अन्य विकासशील देशों के लिए इन सबक को अपनाने के लिए रास्ता बना सकता है. यह क्रॉस-लर्निंग के लिए चैनल विकसित करके, प्रभावी मल्टीस्टेकहोल्डर सहयोग को बढ़ाकर और इनोवेशन के साथ-साथ रिसर्च प्रयासों को आगे बढ़ाकर जेट्स के लिए मांग में वृद्धि पैदा कर सकता है.

कुल मिलाकर सक्षम नीतियों, पारस्परिक लक्ष्य निर्धारण, जेट मैन्युफैक्चरिंग के लिए सप्लाई चेन को बढ़ाने, इन्फ्रास्ट्रक्चर की तैनाती को बढ़ावा देने, वित्त तक पहुंच को सक्षम करने और नॉलेज के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने से वैश्विक जेट इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. जी 20 के नेतृत्व में किए गए सामूहिक प्रयासों से दुनिया भर में मध्यम और भारी वाहनों को डीकार्बोनाइज करने में मदद मिल सकती है.


[i]  Based on the United Nations’ classification of ‘developing economies’. For the full list.

[ii] As per the International Energy Agency’s assessment, the stated policy scenario (baseline) considers today’s policy settings, the announced pledge scenario assumes all government announcements and targets are timely met, and the net-zero scenario assumes new sales of internal combustion engine trucks to cease by 2045 to achieve the global 1.5°C target.

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