Author : Manoj Joshi

Originally Published दैनिक भास्कर Published on Oct 10, 2024 Commentaries 0 Hours ago

हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में गिरावट न आए. लेकिन सफलता का सबसे अच्छा इंडिकेटर मालदीव रहा है.

भारत की पड़ोस-नीति: आर्थिक सहयोग और कूटनीतिक पुनर्निर्माण पर जोर

भारत अपनी पड़ोस-नीति को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. रणनीतिक संयम और धैर्य से नई दिल्ली को सफलताएं मिल रही हैं. हम नेपाल के साथ अपने संबंधों को स्थिर करने में कामयाब रहे हैं, जबकि नेपाल का नेतृत्व बीजिंग समर्थक केपी शर्मा ओली कर रहे हैं.

साथ ही हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में गिरावट न आए. लेकिन सफलता का सबसे अच्छा इंडिकेटर मालदीव रहा है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू नवंबर 2023 में सत्ता संभालने के बाद अपनी पहली यात्रा पर भारत आए हैं.

 

पटरी पर लौटता मालदीव 

निकट-अतीत में वे ‘इंडिया-आउट’ का नारा बुलंद कर चुके थे. इसी जनवरी में, मुइज्जू ने लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मियों को हटाने का आदेश दिया था. मालदीव ने एक हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को भी रद्द कर दिया था, जिस पर मालदीव के जलक्षेत्र की मैपिंग में भारत की मदद के लिए हस्ताक्षर किए गए थे.

मुइज्जू ने नई दिल्ली को नजरअंदाज करते हुए तुर्किये और चीन की यात्रा की थी, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हो गया कि भारत के बिना उनका काम नहीं चल सकता. जून में वे प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले नेताओं में से एक थे.

अगस्त में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव का दौरा किया और संबंधों को बेहतर बनाने में मदद की. मुइज्जू की मौजूदा यात्रा का मकसद मालदीव को आर्थिक संकट से उबारना है. सितंबर में, एसबीआई ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर उनके ट्रेजरी बिलों के 5 करोड़ डॉलर के अपने सब्सक्रिप्शन को एक और साल के लिए बढ़ा दिया था.

जहां भारत ने इस मुद्दे पर चर्चा करने में रुचि दिखाई, वहीं चीन आगे नहीं आया और उसने मालदीव को राहत नहीं दी है. मालदीव की आर्थिक सेहत के लिए भारतीय पर्यटकों का फैक्टर भी महत्वपूर्ण है. पिछले साल के विवादों के कारण, पर्यटकों की संख्या में 50,000 की गिरावट आई, जिससे उसे 15 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ.

सितंबर में मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार 44 करोड़ डॉलर था, जो 6 सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त था. लेकिन पिछले महीने मूडीज ने मालदीव की क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया. मालदीव का सार्वजनिक कर्ज लगभग 8 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत और चीन दोनों का लगभग 1.4 अरब डॉलर का कर्ज भी शामिल है.

जहां भारत ने इस मुद्दे पर चर्चा करने में रुचि दिखाई, वहीं चीन आगे नहीं आया और उसने मालदीव को राहत नहीं दी है. मालदीव की आर्थिक सेहत के लिए भारतीय पर्यटकों का फैक्टर भी महत्वपूर्ण है. पिछले साल के विवादों के कारण, पर्यटकों की संख्या में 50,000 की गिरावट आई, जिससे उसे 15 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ.

 

श्रीलंका की नई राजनीतिक स्थिति

एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम विदेश मंत्री एस. जयशंकर की श्रीलंका यात्रा रही है. श्रीलंका ने हाल ही में जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके (एकेडी) को श्रीलंका के नौवें कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में चुना है. 1960 के दशक में स्थापित जेवीपी की विचारधारा मार्क्सवादी और सिंहली-राष्ट्रवादी है और उसने श्रीलंका में दो विद्रोहों का नेतृत्व किया है.

1994 के बाद से उसने हिंसा का त्याग कर रखा है. 2022 के आर्थिक संकट और अरागालया आंदोलन- जिसके कारण गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था- तक इसे एक छोटी पार्टी के रूप में देखा जाता रहा था.

भारत ने गोटबाया की जगह लेने वाली रानिल विक्रमसिंघे की सरकार का बढ़-चढ़कर सहयोग किया था. भारत के द्वारा श्रीलंका को दिए गए 4 अरब डॉलर के कर्ज के चलते ही वह आईएमएफ से 3 अरब डॉलर के पैकेज के लिए सौदेबाजी कर पाया.

श्रीलंका के मतदाताओं ने देश में बहुत जरूरी बदलाव लाने के लिए अल्पज्ञात एकेडी को चुना है.

लेकिन पिछले महीने श्रीलंका में हुए चुनावों में विक्रमसिंघे 20 प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर पाए, हालांकि वे अपने देश की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में कामयाब रहे थे. श्रीलंका के मतदाताओं ने देश में बहुत जरूरी बदलाव लाने के लिए अल्पज्ञात एकेडी को चुना है.

इसी साल फरवरी में, जब एकेडी विपक्षी विधायक थे, तब उन्हें जेवीपी प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली की यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया था. यह पहली बार था, जब भारत द्वारा जेवीपी के किसी नेता को आमंत्रित किया गया था. उस समय तक यह स्पष्ट हो चुका था कि जेवीपी चुनाव में विजेता बन सकती है.

हम नेपाल से अपने संबंधों को स्थिर करने में कामयाब रहे हैं, साथ ही हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में गिरावट न आए. लेकिन सफलता का सबसे अच्छा इंडिकेटर मालदीव रहा है.

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