Author : Vivek Mishra

Published on Jul 27, 2023 Updated 0 Hours ago

अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के नतीज़ों के बाद लगता है कि डेमोक्रेट्स को राहत मिली है और रिपब्लिकन की 'रेड वेव' देखने को नहीं मिली है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि अमेरिकी कॉंग्रेस बंट चुकी है.

US Midterm Elections 2022: ‘अमेरिका में मध्यावधि चुनावी नतीज़ों के निहितार्थ’
US Midterm Elections 2022: ‘अमेरिका में मध्यावधि चुनावी नतीज़ों के निहितार्थ’

अभी हाल ही में संपन्न हुए अमेरिका (America) के मध्यावधि चुनावों (midterm elections) के परिणाम और जिन जगहों के नतीज़े आने बाकी हैं, उन जगहों के चुनावी रुझान स्पष्ट तौर पर राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बाकी कार्यकाल के लिए कॉंग्रेस की स्थिति की ओर इशारा करने वाले हैं. इस नतीज़ों से यह भी स्पष्ट है कि बहुत ही थोड़े अंतर के साथ (Democrats) डेमोक्रेट्स सीनेट पर अपने नियंत्रण के लिए तैयार हैं, वहीं रिपब्लिकन (Republicans) को हाउस ऑफ़ रिप्रिजेंटेटिव (House of representatives) में बहुमत मिलने की संभावना है. जॉर्जिया राज्य में बचे हुए रन-ऑफ के बाद आने वाले नतीज़े इसे और पुख़्ता करेंगे कि सीनेट पर डेमोक्रेट्स का निर्णायक दबदबा होगा या नहीं. स्टेट क़ानून के मुताबिक़, अगर कोई भी प्रत्याशी न्यूनतम 50 प्रतिशत वोट हासिल नहीं करता है, तो जॉर्जिया इस साल 6 दिसंबर को डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर राफेल वार्नॉक और रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर हर्शल वॉकर के बीच रन-ऑफ का आयोजन करेगा. यानी एक टाई या अनिर्णायक परिणाम के बाद एक और चुनाव का आयोजन. इसमें कौन जीत हासिल करता है, इस पर निर्भर करते हुए, सीनेट में डेमोक्रेट्स के पक्ष में 51-49 की गिनती हो सकती है, जो दो स्वतंत्र उम्मीदवारों द्वारा समर्थित हैं, या दोनों पार्टियों के बीच 50-50 से टाई हो सकती है.

ऐतिहासिक रूप से, मध्यावधि चुनाव को सत्ताधारी पार्टी के पहले कार्यकाल के दौरान होने वाली ख़ामियों को दुरुस्त करने के अवसर और उसके लिए मुकम्मल तैयारी करने के रूप में माना जाता है, जो अमेरिका में आगामी राष्ट्रीय चुनावों में होने वाली कांटे की टक्कर के लिए एक मंच तैयार करता है. 

बहरहाल, चुनाव नतीज़ों को अपेक्षाकृत डेमोक्रेट्स के लिए अधिक मुनासिब माना जा रहा है. फिर भी, चुनाव के लिहाज़ से सबसे उत्सुकता वाले राज्य पेनसिल्वेनिया में ले. गवर्नर जॉन फेटरमैन ने अपने रिपब्लिकन समकक्ष मेहमेट ओज़ को हरा दिया, तो यह मध्यावधि चुनावों में दिखने वाली राजनीतिक रस्साकशी और तीखेपन का एक छोटा सा रूप था. मध्यावधि चुनाव के दौरान ओहियो से डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि टिम रयान की सीनेट की दौड़ में हार और रिपब्लिकन जे.डी. वेंस की जीत एक प्रकार से लगातार रिपब्लिकन को समर्थन बनाए रखने का वादा था. ज़ाहिर है कि रिपब्लकन के प्रति यह विश्वास वर्ष 2024 में राजनीतिक रूप से अहम राष्ट्रीय चुनावों में भी दिखाई दे सकता है.

देखा जाए तो अमेरिका में 2022 के मध्यावधि चुनाव ने सत्तारूढ़ पार्टी के ख़िलाफ़ सत्ता विरोधी लहर को कुछ हद तक कम कर दिया है. ऐतिहासिक रूप से, मध्यावधि चुनाव को सत्ताधारी पार्टी के पहले कार्यकाल के दौरान होने वाली ख़ामियों को दुरुस्त करने के अवसर और उसके लिए मुकम्मल तैयारी करने के रूप में माना जाता है, जो अमेरिका में आगामी राष्ट्रीय चुनावों में होने वाली कांटे की टक्कर के लिए एक मंच तैयार करता है. कम बहुमत के बावज़ूद डेमोक्रेट्स अब सीनेट को नियंत्रित करने के लिए तैयार हैं, देखा जाए तो यह राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. जैसा कि मध्यावधि चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि रिपब्लिक पार्टी हाउस में बहुमत की ओर बढ़ रही है, ऐसे में सीनेट में डेमोक्रेट्स का दबदबा, हाउस में पास होने वाले रिपब्लिकन विधेयकों को रोकने के लिए उन्हें सक्षम बनाएगा. इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि डेमोक्रेट्स द्वारा सीनेट का नियंत्रण उन्हें राष्ट्रपति बाइडेन के नामितों और न्यायिक नियुक्तियों की पुष्टि करने की अनुमति देगा. यह भी बेहद अहम है कि सीनेट पर नियंत्रण और रिपब्लिकन द्वारा चुनाव में स्वीप नहीं करने से, जिसकी कि मध्यावधि चुनाव से पहले उम्मीद की जा रही थी, डेमोक्रेट्स को वर्ष 2024 में राष्ट्रपति चुनावों में बढ़त दिलाएगा और अपने एजेंडे व योजनाओं को मतदाताओं तक पहुंचाने का अच्छा अवसर प्रदान करेगा. राजनीतिक तौर पर मध्यावधि चुनावों के परिणामों को डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व और उनके “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) आंदोलन और व्यापक रिपब्लिकन एजेंडे के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. इतना ही नहीं इन नतीज़ों ने वर्ष 2024 में व्हाइट हाउस पर दोबारा कब्जा जमाने की रिपब्लिकन्स की संभावनाओं को भी एक प्रकार से धूमिल कर दिया है.

नकारात्मक पक्ष की बात करें तो मध्यावधि चुनाव के परिणामों से डोनाल्ड ट्रंप और रॉन डीसैंटिस के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने की संभावना है, जिससे रिपब्लिकन पार्टी में टूट और बढ़ जाएगी. पहले से ही रिपब्लिकन पार्टी से दो अहम घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जो इसके सदस्यों के बीच एक राजनीतिक सहमति का संकेत नहीं देते हैं.

डीसैंटिस फैक्टर और रिपब्लिकन में टूट

हालांकि, रिपब्लिकन के लिए मध्यावधि चुनाव से जो उम्मीद की किरण जगी है, वह है फ़्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस की जीत. यद्यपि 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए अंतिम रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की भविष्यवाणी करना ज़ल्दबाजी होगी, लेकिन रॉन डीसैंटिस की जीत ने निश्चित तौर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के लिए संभावनाएं बढ़ा दी हैं. रॉन डीसैंटिस ने 2024 के चुनावों में अपने राष्ट्रपति पद के नामांकन को लेकर सार्वजनिक तौर पर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है, लेकिन उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा रहा है. हाल के एक सर्वेक्षण के मुताबिक़ बड़ी संख्या में वोटर डीसैंटिस को वर्ष 2024 के रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में पसंद करते हैं.

दूसरी तरफ, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा समर्थित लगभग सभी रिपब्लकिन उम्मीदवार इस साल के मध्यावधि चुनाव में या तो हार गए हैं या मतगणना में पीछे चल रहे हैं. उदाहरण के लिए, पेनसिलवेनिया में मेहमत ओज़ चुनाव हार गए हैं, उन्हें जॉन फेटरमैन ने हराया है. मिशिगन में ग्रेचन व्हिटमर ने रिपब्लिकन टूडर डिक्सन को हराकर गवर्नर के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की है. एरिज़ोना सीनेट की दौड़ में रिपब्लिकन ब्लैक मास्टर्स अपने डेमोक्रेटिक समकक्ष मार्क केली से पीछे चल रहे हैं. इसी राज्य में, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के बीच गवर्नर के पद की दौड़ ट्रंप समर्थित उम्मीदवार कैरी लेक के लिए अनुकूल नहीं हो रही है.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन को लेकर अमेरिकी मध्यावधि चुनाव बेहद अहम होने की उम्मीद थी. एक विभाजित कॉंग्रेस वाशिंगटन से यूक्रेन को वित्तीय और भौतिक समर्थन को कमज़ोर कर सकती है. 

रॉन डीसैंटिस द्वारा आसानी से हासिल की गई जीत, रिपबल्किन पार्टी में अन्य दावेदारों के ऊपर एक नेता के रूप में उनकी स्थिति को बहुत मज़बूत कर सकती है. यह जीत इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह संभावित रूप से रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उन्हें डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़ा कर देगी. रिपब्लिकन पार्टी के लिए रॉन डीसैंटिस का उभर कर सामने आना, अच्छा भी है और बुरा भी है. सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें तो रिपब्लिकन पार्टी इसके साथ राजनीतिक रूप से एक बार फिर से खड़े होने का रास्ता खोज सकती है और डोनाल्ड ट्रंप के कारण अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में अपनी खोई हुई जगह को दोबारा हासिल कर सकती है. ज़ाहिर है कि रिपब्लिकन पार्टी के भीतर मतभेदों को कम करना और आंतरिक एकजुटता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. चाहे कुछ भी हो, लेकिन मध्यावधि चुनाव ने दिखाया है कि GOP यानी ग्रांड ओल्ड पार्टी पूरी तरह से ट्रंप के समर्थन पर निर्भर नहीं रह सकती है. अब नकारात्मक पक्ष की बात करें तो मध्यावधि चुनाव के परिणामों से डोनाल्ड ट्रंप और रॉन डीसैंटिस के बीच टकराव की स्थिति पैदा होने की संभावना है, जिससे रिपब्लिकन पार्टी में टूट और बढ़ जाएगी. पहले से ही रिपब्लिकन पार्टी से दो अहम घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जो इसके सदस्यों के बीच एक राजनीतिक सहमति का संकेत नहीं देते हैं. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डीसैंटिस को एक किनारे धकेल दिया है, जो उनकी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं को साफ तौर पर ज़ाहिर करता है. इसका मतलब है कि ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के 2024 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल होंगे. एक अन्य घटनाक्रम में ट्रंप ने हाउस के अल्पसंख्यक नेता, केंटकी के सीनेटर मिच मैककोनेल को मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन की विफलता के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. जैसा कि मिच मैककोनेल हाउस में रिपब्लिकन के नेता के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए एक और चुनाव में हिस्सा लेने वाले हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अपने पद से हटाने के लिए जनता के बीच में अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया है. ज़ाहिर है कि मिच मैककोनेल वर्ष 2007 से इस पद पर बने हुए हैं. हालांकि ट्रंप के इस मनमाने रवैये से पार्टी के भीतर उनके अलग-थलग होने की संभावना है. क्योंकि रिपब्लिक पार्टी के भीतर के फैसलों के रूप में, डीसैंटिस और मैककोनेल, दोनों ही मामलों में पार्टी के बड़े धड़ों द्वारा ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है.

हाउस पर रिपब्लिकन का नियंत्रण

रिपब्लिकन द्वारा नियंत्रित हाउस का मतलब होगा कि बाइडेन प्रशासन का राजनीतिक एजेंडा मंद पड़ जाएगा. इसके अतिरिक्त, रिपब्लिकन राष्ट्रपति बाइडेन और उनके परिवार से जुड़े मामलों की जांच शुरू कर सकते हैं. हाउस पर नियंत्रण के साथ, हाउस ओवरसाइट कमेटी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन पर जांच शुरू करने की उम्मीद है. जांच का दायरा हंटर बाइडेन के निजी जीवन के साथ ही, कुख्यात लैपटॉप एपीसोड से लेकर, जिसमें हंटर बाइडेन का नाम उछला था और एक यूक्रेनी तेल कंपनी से उनके कनेक्शन तक हो सकता है, जब जो बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे. रिपब्लिकन को उम्मीद है कि इन जांचों से वे राष्ट्रपति बाइडेन पर लगाम लगाने में और उन्हें झुकाने में क़ामयाब होंगे. इस सबके मद्देनजर हाउस पर रिपब्लिकन का नियंत्रण इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि हाउस ओवरसाइट कमेटी माइनॉरिटी सदस्यों की स्वीकृति के बिना सम्मन जारी करने के अधिकार वाली एकमात्र समितियों में से एक है. इसके अलावा, रिपब्लिकन के नियंत्रण वाला हाउस COVID-19 की उत्पत्ति और बाइडेन प्रशासन द्वारा दक्षिणी सीमाओं और इमाइग्रेशन को संभालने जैसे मामलों की भी जांच शुरू कर सकते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन को लेकर अमेरिकी मध्यावधि चुनाव बेहद अहम होने की उम्मीद थी. एक विभाजित कॉंग्रेस वाशिंगटन से यूक्रेन को वित्तीय और भौतिक समर्थन को कमज़ोर कर सकती है. रिपब्लिकन से उम्मीद की जाती है कि वे हाउस पर अपने नियंत्रण के साथ नो ब्लैंक चेक‘ रणनीति पर ज़ोर देते हुए यूक्रेन को बाइडेन प्रशासन की वॉर-टाइम सहायता पर ज़्यादा नियंत्रण और संतुलन बनाए रखेंगे. अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फ़ीति ने यूक्रेन को जारी बड़ी वित्तीय सहायता के विरुद्ध घरेलू नैरेटिव गढ़ने में रिपब्लिकन की बहुत मदद की है. राष्ट्रपति बाइडेन पर बढ़ते घरेलू मुद्रास्फ़ीति के दबाव और हाउस में बहुमत की कमी इसके पीछे अहम फैक्टर हो सकते हैं, क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए मज़बूर किया है. बाइडेन प्रशासन के लिए रिपब्लिकन द्वारा हाउस पर नियंत्रण और खेरसॉन में यूक्रेन का दोबारा कब्जा व वहां से रूस की वापसी की घटनाएं सौभाग्य से एक इत्तेफ़ाक हो सकती हैं.

यह ज़रूर है कि अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के नतीज़ों के पश्चात डेमोक्रेट्स को राहत मिली है और रिपब्लिकन द्वारा कॉंग्रेस के ‘रेड वेव’ स्वीप देखने को नहीं मिला है. लेकिन यह भी सच्चाई है कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के बीच एक-एक सदन पर बहुमत के साथ ही अमेरिकी कॉंग्रेस बंट चुकी है. देखा जाए तो अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के बाद का जो माहौल होता है, वो आम तौर पर राष्ट्रीय चुनावों के लिए बिगुल फूंकने की तरह होता है. ऐसे में यह कहना उचित होगा कि अमेरिका में वर्ष 2024 में होने वाले हाई वोल्टेज राष्ट्रीय चुनावों के लिए मंच पूरी तरह से सज कर तैयार है.

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Vivek Mishra

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Vivek Mishra is a Fellow with ORF’s Strategic Studies Programme. His research interests include America in the Indian Ocean and Indo-Pacific and Asia-Pacific regions, particularly ...

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