Published on Oct 01, 2020 Updated 0 Hours ago

पुर्तगाल में होने वाली मौतों की अपेक्षाकृत कम संख्या को लेकर देश और विदेश में जो महत्वपूर्ण कारण गिनाए जाते हैं, उनमें सबसे प्रमुख है कि सरकार ने जिस तेज़ी के साथ महामारी को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की.

आर्थिक डर के साये के बीच, कोविड-19 से कैसे निपटा पुर्तगाल?

कोविड19 महामारी के शुरुआती दिनों में पुर्तगाल को दुनियाभर में सफलता के मॉडल के रूप में पेश किया गया था. हालांकि, क्या पुर्तगाल में कोरोनावायरस का अपेक्षाकृत नियंत्रित प्रसार हुआ, और क्या इसे सफलता की कहानी माना जा सकता है? इन सवालों के जवाब को लेकर पुर्तगाली ख़ुद भी सतर्क हैं. लगातार इन कारणों पर बहस होती रही है, और मतभेद रहे हैं कि पुर्तगाल में महामारी की रोकथाम की असली वजह कुछ और है. ऐसे में आने वाले महीनों में दुनिया भर में होने वाले मौसमी बदलावों के बीच जहां सरकारें ख़ुद को कोविड19 से लड़ने की दूसरी पारी के लिए तैयार कर रही हैं, वहीं यह जानना ज़रूरी है कि पुर्तगाल कोविड19  के पहले चरण के प्रभाव से कैसे उबर रहा है?

इस साल 20 अगस्त तक, पुर्तगाल ने कोविड19 से संबंधित 1,786 मौतें दर्ज कीं. देशभर में कोविड19 के 54,701 पुष्ट मामले थे और इनमें से 40,129 मामले ठीक हुए. शुरुआत में, राजधानी लिस्बन के आसपास के इलाके महामारी की समस्या का गढ़ रहे, जहां घनी आबादी के चलते लोगों के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना आसान नहीं था और वो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने में असमर्थ रहे हैं. लेकिन जल्द ही, उत्तर में स्थित पुर्तगाल के औद्योगिक इलाके और ओपॉर्टो जैसे शहर, संक्रमित मामलों को लेकर लिस्बन से कहीं आगे निकल गए.

पुर्तगाल की आबादी 10.28 मिलियन है. प्रति मिलियन निवासियों की मृत्यु के मामले में फिलहाल वैश्विक रूप से वो 32वें स्थान पर है. प्रति दस लाख निवासियों में संक्रमण के पुष्ट मामलों को लेकर, पुर्तगाल अब यूरोप का छठवाँ सबसे प्रभावित देश है. लेकिन पड़ोसी देशों जैसे- स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली की तुलना में पुर्तगाल ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है और वो सबसे प्रभावित यूरोपीय देशों की सूची में 11वें स्थान पर है.

पुर्तगाल में होने वाली मौतों की अपेक्षाकृत कम संख्या को लेकर देश और विदेश में जो महत्वपूर्ण कारण गिनाए जाते हैं, उनमें सबसे प्रमुख है कि सरकार ने जिस तेज़ी के साथ महामारी को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की. पुर्तगाल ने देश में पहली कोविड19 संबंधित मृत्यु के दो दिन बाद यानी 18 मार्च को ही आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी.

पुर्तगाल में होने वाली मौतों की अपेक्षाकृत कम संख्या को लेकर देश और विदेश में जो महत्वपूर्ण कारण गिनाए जाते हैं, उनमें सबसे प्रमुख है कि सरकार ने जिस तेज़ी के साथ महामारी को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की. पुर्तगाल ने देश में पहली कोविड19 संबंधित मृत्यु के दो दिन बाद यानी 18 मार्च को ही आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी. इसके अलावा सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी सहित विपक्षी दलों के बीच सामंजस्य और एकता; प्राथमिक देखभाल को लेकर चिकित्सकों की तैयारी (पुर्तगाल इस मायने में अपने मानव संसाधनों पर गर्व करता है); और पुर्तगाली लोगों द्वारा सरकार के निर्देशों का पालन किया जाना, महामारी की रोकथाम में सफल होने के कुछ अन्य कारण हैं. हालांकि, यह विवेचना इतनी सरल नहीं है.

पुर्तगाल की भौगोलिक स्थिति का इस मामले में सकारात्मक योगदान रहा है. स्पेन के साथ वह अपनी केवल एक सीमा साझा करता है, जिसे 16 मार्च को बंद कर दिया गया. इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण कारण है, भय यानी लोगों में बीमारी का डर. यह डर केवल वायरस का नहीं, बल्कि इस बात का भी था कि बीमारी फैलने से जो आर्थिक कठिनाई होगी उससे निपटना आसान नहीं रहेगा. इस डर ने, पुर्तगालियों को चौकस, नए मामलों के प्रति संदिग्ध और सतर्क रखा. नागरिकों ने अपनी आवाजाही रोकने के लिए, सरकारी आदेशों या लॉकडाउन की घोषणा का इंतज़ार नहीं किया और ख़ुद ही अपने स्तर पर इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया. इसका नतीजा यह रहा कि स्पेन, फ्रांस और इटली के उलट, पुर्तगाल में अत्यधिक रूप से पुलिस की कार्रवाई या जुर्माना लगाए बिना, कोरोनावायरस के संक्रमण के मामलों और मौतों की संख्या को अपेक्षाकृत नियंत्रित रखा जा सका. आर्थिक रूप से देखें तो इस दौर में, लोगों ने जमकर बचत की, साथ ही परिवार के स्तर पर होने वाला घरेलू खर्च भी कम रहा. माना जा रहा है कि इसके पीछे रोज़गार छिन जाने का भय और आर्थिक नुकसान की आशंका रही. पुर्तगाल सरीखा एक ऐसा देश, जो 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से सबसे अधिक प्रभावित रहा और इसकी आबादी जो आर्थिक तौर पर सरकारी कटौती के सबसे कठोर क़दम झेल चुकी है, स्पष्ट रूप से, महामारी के शुरुआती दिनों से ही आर्थिक मंदी के लिए ख़ुद को तैयार करने में जुट गई.

पुर्तगाल सरीखा एक ऐसा देश, जो 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से सबसे अधिक प्रभावित रहा और इसकी आबादी जो आर्थिक तौर पर सरकारी कटौती के सबसे कठोर क़दम झेल चुकी है, स्पष्ट रूप से, महामारी के शुरुआती दिनों से ही आर्थिक मंदी के लिए ख़ुद को तैयार करने में जुट गई.

इस साल मार्च में, पुर्तगाली सेंट्रल बैंक ने भविष्यवाणी की थी कि साल 2020 में जीडीपी वृद्धि 5.7 प्रतिशत तक सिमट सकती है. अधिक निराशावादी परिदृश्यों में जीडीपी के 17 प्रतिशत तक कम होने की बात कही गई, जिसमें बेरोज़गारी दर 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) को इस बात का अंदेशा है कि 2020  में सकल घरेलू उत्पाद में 11.3 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. हालांकि, पुर्तगाल में बेरोज़गारी की दर, 2020 की पहली तिमाही के 6.7 प्रतिशत के मुक़ाबले, दूसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत तक गिरी है, यानी यूरोपीय क्षेत्र में पुर्तगाल आठवें पायदान पर रहा.

महामारी के दौरान जो बात स्पष्ट रुप से सामने आई वह थी कि पुर्तगाल में क्रिटिकल-केयर यानी गहन चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने वाले संसाधनों की कमी थी और देश को इस तरह की महामारी से निपटने के लिए बेहतर तैयारी और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता थी, ख़ासकर सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में. जनवरी में, महामारी से पहले, राष्ट्रीय मीडिया में कई बार इस बात का ज़िक्र हुआ कि पुर्तगाल में, निजी क्षेत्र की मदद के बिना, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी, यानी महामारी से निपटने के लिए निजी और सरकारी स्वास्थ्य प्रणालियों का साथ काम करना ज़रूरी है.

ऐतिहासिक रूप से देखें तो, 1980 और 1990 के दशक में पुर्तगाल की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ब्रिटेन के एनएचएस (National Health Service) के आधार पर पुर्तगाल की सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणाली (Universal Healthcare System) पर निर्भर थी. कोविड19 की महामारी से पहले, देश के तील लाख नागरिक (यानी लगभग 40 प्रतिशत आबादी) किसी न किसी रूप में निजी स्वास्थ्य बीमा का सहारा ले रहे थे. फरवरी के महीने में, निजी अस्पतालों ने डॉक्टरी सुविधा का लाभ उठाने संबंधी कुल 700,000 अर्ज़ियां दर्ज कीं, जो अप्रैल तक घटकर 150,000 हो गईं, यानी डॉक्टरों से संपर्क में 75 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. इसकी वजह रही कि इन महीनों में गैर-कोविड19 संबंधित बीमारियों का इलाज व सर्जरी या तो नहीं की गईं या बड़ी संख्या में उन्हें टाल दिया गया. कुलमिलाकर यहाँ भी भय एक महत्वपूर्ण कारक है. तीन मिलियन से अधिक लोग अपने पारिवारिक डॉक्टरों से मिलने में असमर्थ रहे, लगभग 10 लाख लोगों ने अस्पतालों में नियत समय पर डॉक्टरों से मुलाक़ात नहीं की और एक लाख से अधिक सर्जिकल ऑपरेशन रद्द कर दिए गए.

डेटा की उपलब्धता और पारदर्शिता भी एक मुद्दा है, फिर वह राजनीतिक स्तर पर है या संगठनात्मक स्तर पर यह निर्धारित किया जाना बाकि है. पुर्तगाल में डेटा किसी भी रूप में भू-संदर्भित नहीं है, यानी भविष्य में आकलन के लिए इसका उपयोग किया जाना मुश्किल है.

डेटा की उपलब्धता और पारदर्शिता भी एक मुद्दा है, फिर वह राजनीतिक स्तर पर है या संगठनात्मक स्तर पर यह निर्धारित किया जाना बाकि है. पुर्तगाल में डेटा किसी भी रूप में भू-संदर्भित नहीं है, यानी भविष्य में आकलन के लिए इसका उपयोग किया जाना मुश्किल है. ऐसे में जितनी ज़रूरत, एक मज़बूत और नए स्वास्थ्य मॉडल की है, उतनी ही ज़रूरत  रीयल-टाइम में उपलब्ध यानी वास्तविक समय से संबंधित डेटा प्रणालियों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन (Blockchain) जैसी नई तकनीकों के इस्तेमाल की है, जो देश के स्वास्थ्य सेवा उद्योग में दक्षता लाने और उसे सुदृढ़ बनाने में मदद करें.

बड़ी संख्य़ा में पुर्तगाली लोगों द्वारा न्यूनतम वेतन जितना ही मेहनताना पाए जाने के चलते खाद्य असुरक्षा भी इस देश में एक वास्तविकता रही है. ऐसे में महामारी ने इस स्थिति को और ख़राब कर दिया है. लगभग 10.1 प्रतिशत पुर्तगाली परिवार पहले से ही खाद्य असुरक्षा यानी अपर्याप्त धन के कारण भोजन की कमी से जूझ रहे हैं.

पुर्तगाल के अपने पड़ोसियों, विशेषकर स्पेन और ब्रिटेन के साथ संबंध फिलहाल उतने बेहतर नहीं, खासतौर पर पिछले कुछ महीनों में, इन दो देशों के साथ, संबंधों में खटास आई है. स्पेन के साथ मामला संचार और संवाद से जुड़ा था, जब सीमाओं को बंद करने और उन्हें दोबारा खोलने को लेकर दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद रहे, लेकिन यह जल्द ही रफ़ा-दफ़ा हो गया. ब्रिटेन के साथ तनाव अब भी बरक़रार है, क्योंकि मामला ब्रिटिश सरकार की उस घोषणा से जुड़ा है, जिसमें नागरिकों को विशेष रूप से पुर्तगाल से लौटने पर 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इससे पहले, ब्रिटेन द्वारा पुर्तगाल को काली सूची में डाले जाने से भी पुर्तगाल निवासी बेहद नाखुश हुए थे, क्योंकि अकेले ब्रिटिश पर्यटकों ने पिछले साल पुर्तगाल को लगभग 3.3 बिलियन यूरो का व्यापार दिया. पुर्तगाल यात्रा पर लगी इस रोक को अब हटा लिया गया है. पुर्तगाल में संक्रमण के मामले यूरोपीय संघ के औसत से कहीं नीचे हैं, लेकिन पुर्तगालियों में इस बात का आश्चर्य बना हुआ है कि आर्थिक कारणों से वो अपने डर को कैसे दूर रख सकते हैं, जबकि उनके ऐतिहासिक सहयोगी ब्रिटेन ने उन्हें अलग-थलग कर दिया है.

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