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Published on Apr 09, 2022 Updated 0 Hours ago

कनाडा ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस की आक्रामकता पर अमेरिका के समान ही रुख़ अपनाया है जबकि इसे लेकर मेक्सिको का तटस्थ रुख़ देश की बदलती विदेश नीति की ओर इशारा करती है. 

#UkraineRussiaWar से जुड़े दो दृष्टिकोण:  कनाडाई और मैक्सिकन प्रतिक्रिया

रूस के यूक्रेन पर अकारण हमले के 44 दिन हो चुके हैं और अब पूरी दुनिया की निगाहें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले कदम पर टिकी हुई है. यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूसी हिंसा और हमले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पश्चिमी देशों के द्वारा निंदा की गई है, ख़ास तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका) द्वारा. हालांकि रूसी सैनिकों की यूक्रेन से फौरन वापसी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आह्वान को लेकर अमेरिका के पड़ोसी देशों ने अलग प्रतिक्रिया दी है. विशेष रूप से, इस हमले के प्रति मेक्सिको और कनाडा की प्रतिक्रिया ना केवल उनकी व्यापक विदेश नीति की दिशा की ओर इशारा करती है बल्कि उत्तरी अमेरिकी हितों के प्रति अमेरिकी समर्थन का लाभ उठाने के लिए एक मौक़ा भी तैयार करती है.

यूक्रेन के संकट पर मेक्सिको का रूख़ ‘शांतिवादी’ एज़ेंडे से पैदा होता है और इसके साथ राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने दावा किया है कि सरकार कहीं भी बंदूकें नहीं भेजती है.

मेक्सिकन रुख़

मई 1942 में मेक्सिकन कांग्रेस ने दुनिया के ताक़तवर देशों के ख़िलाफ़ युद्ध का समर्थन करने वाले एक औपचारिक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसकी वज़ह से अमेरिका ने जर्मनी के ख़िलाफ़ जंग की घोषणा की थी. साल 2022 में, हालांकि, मेक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर ने कहा है कि यूक्रेन द्वारा अनुरोध किए जाने के बाद भी मेक्सिको हथियारों की आपूर्ति करके यूक्रेन की सहायता नहीं करेगा. यह दोनों ही स्थितियां बिल्कुल एक दूसरे से अलग हैं और यह बताती हैं कि शीत युद्ध के बाद से मेक्सिको की स्थिति में सुधार हुआ है. यूक्रेन के संकट पर मेक्सिको का रूख़ ‘शांतिवादी’ एज़ेंडे से पैदा होता है और इसके साथ राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने दावा किया है कि सरकार कहीं भी बंदूकें नहीं भेजती है. इसके अलावा, अमेरिका के विपरीत, मेक्सिको ने दोहराया है कि वे आक्रमण पर रूस पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध के किसी भी स्वरूप को नहीं मानेंगे. हालांकि यह रुख़ मेक्सिको द्वारा ऐलान किए गए शांतिवादी नैरेटिव के अनुकूल है लेकिन पुतिन और दक्षिण अमेरिकी राज्यों जैसे वेनेजुएला, निकारागुआ और क्यूबा के बीच बढ़ते गठजोड़ के साथ, मेक्सिको का धैर्य अमेरिका के लिए चिंता का विषय हो सकता है. लैटिन अमेरिका में रूसी प्रभाव पिछले एक दशक में ज़्यादा बढ़ा है और पुतिन अमेरिकी प्रभाव का मुक़ाबला करने के लिए महाद्वीप में अपने हितों के लिए गुंजाइश बनाने की कोशिश में हैं. हालांकि यह उम्मीद करना वास्तविकता से दूर होगा कि मेक्सिको रूस के साथ अपने हितों को लेकर अमेरिकी संबंधों को छोड़ देगा. मेक्सिको और अमेरिकी अर्थव्यवस्थाएं व्यापार, प्रवासी और संस्कृति के ज़रिए गहराई से जुड़ी हुई हैं. यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने मेक्सिको को अपने हितों का पुनर्मूल्यांकन करने और उत्तरी अमेरिका के भीतर अपने संबंधों को संतुलित करके अपनी स्थिति को मज़बूत बनाने का एक मौक़ा दिया है. मेक्सिको और अमेरिका के बीच सबसे बड़ी चिंता का विषय पलायन का है. मेक्सिको शायद यूक्रेन के संकट से प्रेरित शरणार्थी संकट पर अमेरिका के खुले रुख़ से खुश नहीं है, जबकि मेक्सिको से शरण चाहने वालों का विरोध किया जा रहा है. हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दक्षिणी मेक्सिको में विकास को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है, जहां से कई मेक्सिको के प्रवासियों के अमेरिका में प्रवेश करने की आशंका बनी रहती है, हालांकि वादों के मुताबिक़ यहां अभी काफी कम प्रगति हुई है. जबकि यूक्रेन के आक्रमण ने अमेरिका को कुछ हफ़्तों के भीतर अरबों डॉलर की सहायता राशि देने के लिए प्रेरित किया है. मेक्सिको में कई लोग इसे अमेरिकी नीति में दोहरे मापदंड के तौर पर देखते हैं. हालांकि रूस के हमले के बाद से 30 लाख से अधिक लोग यूक्रेन से पलायन कर चुके हैं और इस महीने कम से कम 310 यूक्रेनी नागरिक तिजुआना पहुंच चुके हैं.

लैटिन अमेरिका में रूसी प्रभाव पिछले एक दशक में ज़्यादा बढ़ा है और पुतिन अमेरिकी प्रभाव का मुक़ाबला करने के लिए महाद्वीप में अपने हितों के लिए गुंजाइश बनाने की कोशिश में हैं. हालांकि यह उम्मीद करना वास्तविकता से दूर होगा कि मेक्सिको रूस के साथ अपने हितों को लेकर अमेरिकी संबंधों को छोड़ देगा.

‘टाइटल 42’ की सख़्त शरणार्थी निष्कासन नीतियों के बावजूद, कई मानवाधिकार समूहों ने 18 महीनों के लिए अमेरिका में एक संरक्षित स्थिति प्राप्त करने में यूक्रेन के नागरिकों की मदद की है. हालांकि यह सवाल पैदा करता है क्योंकि मध्य अमेरिकियों को बाइडेन प्रशासन के तहत भी इस विशेषाधिकार से वंचित कर दिया गया है. यह बताया गया है कि कई कोलंबियाई और मेक्सिकन नागरिकों को शरण मांगने से मना कर दिया गया है, भले ही मेक्सिको ने अपनी मातृभूमि से भागने और तिजुआना पहुंचने वाले रूसी नागरिकों में हाल में बढ़ोतरी देखी है. मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने कहा है कि प्रवासी मुद्दों, क्षेत्र में निवेश की कमी, और ख़राब सीमा नियंत्रण नियमों के मामले में मध्य अमेरिकियों से संबंधित मामलों को लेकर अमेरिकी नौकरशाही की भूमिका बेहतर नहीं कही जा सकती है. अगर इस तरह के तनाव जारी रहे तो रूस, अमेरिका और मेक्सिको की संबंधों की जटिलता में अपनी जगह बनाने में सक्षम हो सकता है. रूसी तेल कंपनी, लुकोइल, मेक्सिको के एक तेल परियोजना में पहले ही 50 प्रतिशत ऑपरेटर हितों का अधिग्रहण कर चुकी है. इसी तरह, रूसी एयरलाइन एयरोफ्लोट अपनी दुनिया में मौजूदगी को आगे बढ़ाने के लिए मेक्सिको में दिलचस्पी जाहिर कर चुकी है. बाइडेन प्रशासन को मेक्सिको की स्थिति से सावधान रहना चाहिए क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि एक मज़बूत गठबंधन रूस के लिए भू-रणनीतिक द्वार खोल सकता है और अपने लैटिन अमेरिकी भागीदारों, विशेष रूप से मेक्सिको के साथ अमेरिकी संबंधों को जटिल बना सकता है.

मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने कहा है कि प्रवासी मुद्दों, क्षेत्र में निवेश की कमी, और ख़राब सीमा नियंत्रण नियमों के मामले में मध्य अमेरिकियों से संबंधित मामलों को लेकर अमेरिकी नौकरशाही की भूमिका बेहतर नहीं कही जा सकती है.

कनाडा का नज़रिया

इस मामले पर कनाडा का दृष्टिकोण मेक्सिको से काफी अलग है क्योंकि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेन की संप्रभुता के समर्थन में आवाज़ उठाई है. यह न केवल रूस की आलोचना करने की अमेरिकी नीति के अनुकूल है, बल्कि यूक्रेन-कनाडा संबंधों को बनाने का एक मौक़ा भी प्रदान करता है. 2 दिसंबर 1991 को, कनाडा यूक्रेन को स्वीकार करने वाला पहला पश्चिमी देश बनकर उभरा जिसने 1.3 मिलियन लोगों की ताक़त के साथ एक मज़बूत द्विपक्षीय संबंध को जन्म दिया. कनाडा ने घोषणा की है कि वह व्यक्तिगत कनाडाई द्वारा कनाडाई रेड क्रॉस को यूक्रेन में मानवतावादी संकट के लिए 10 मिलियन यूएस डॉलर दान करने के स्तर तक पहुंचने की कोशिश करेगा. यह समर्थन ना केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि विस्थापित आबादी को पानी, भोजन, स्वच्छता और आश्रय जैसी सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करेगा. कनाडा ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर कड़ा रुख़ अपनाया है. कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री हरजीत एस सज्जन का कहना है कि “यूक्रेन के बच्चों के जीवन को अराजकता में डाल दिया गया है. उनकी कक्षाएं बम आश्रयों में तब्दील हो गई हैं. उनके खेल के मैदान युद्ध के मैदान बन गए हैं…” कनाडा ने 2022 की शुरुआत के बाद से मानवीय सहायता में अतिरिक्त 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन किया है.

कनाडा आर्थिक साधनों जैसे प्रतिबंधों, वॉलन्टियर्स को कीव की सेना में शामिल होने, और हथियारों, वाहनों और अन्य प्रकार के हथियारों के शिपमेंट के ज़रिए रूसी ताक़त को पस्त करने की नेटो रणनीति का पालन कर रहा है.

रूस के संबंध में पुतिन और ट्रूडो के बीच तनाव के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री को कनाडा द्वारा लगाए गए एकतरफा आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब में रूस में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी गई. कनाडा आर्थिक साधनों जैसे प्रतिबंधों, वॉलन्टियर्स को कीव की सेना में शामिल होने, और हथियारों, वाहनों और अन्य प्रकार के हथियारों के शिपमेंट के ज़रिए रूसी ताक़त को पस्त करने की नेटो रणनीति का पालन कर रहा है. हालांकि इस तरह के प्रयास यूक्रेन से सेना को हटाने की गारंटी नहीं दे सकते हैं, रूस को अस्थिर करने की ऐसी कोशिशें परंपरागत हैं जिसे पश्चिमी देशों ने रूस के साथ सीधे टकराव के बदले में अपनाया है. अमेरिका के नक्शेकदम पर चलते हुए, कनाडा जैसे नेटो देशों का लक्ष्य रूस को यूक्रेन से बाहर निकालने और उसके वैश्विक प्रभाव को सीमित करने के लिए भारी प्रतिबंध थोपना है. हालांकि रूस के ख़िलाफ़ इस तरह की रणनीति की सफलता पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि रणनीतिकारों ने रूस द्वारा आर्थिक और रणनीतिक दबाव को प्रभावी बनाने के लिए उस क्षेत्र पर आक्रमण जारी रखने की संभावना पर विचार किया जा रहा है जो रूसी सुरक्षा के लिए आवश्यक होने का भरोसा पैदा करता है. वेनेजुएला और क्यूबा जैसे कुछ देशों ने पूर्वी यूरोप की मौजूदा स्थिति के लिए अमेरिका पर दोष मढ़ दिया और मेक्सिको जैसे देशों ने यूक्रेन को सहायता प्रदान करने से परहेज़ किया, जबकि कीव को लैटिन अमेरिकी देशों ने मदद करने से इंकार कर दिया.

कनाडा और मेक्सिको के बीच, अमेरिका के उत्तर और दक्षिण में दो राज्य अनोखे तरीक़े से यूक्रेनी संकट पर बहुत अलग स्थिति में हैं. हालांकि कनाडा और मेक्सिको का रुख़ उनके व्यक्तिगत हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो यह दुनिया की मौजूदा स्थिति को लेकर उत्तरी अमेरिकी देशों और लैटिन अमेरिकी देशों के विचारों के मतभेद को भी दिखाता है.

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