Published on Oct 22, 2021 Updated 0 Hours ago

अंतरिक्ष के प्रशासन की किसी भी ठोस व्यवस्था को लागू करने के लिए, अंतरिक्ष के हालात की समीक्षा करने का ऐसा नेटवर्क होना ज़रूरी है जिस पर पूरी दुनिया विश्वास करती हो, तभी संबंधित पक्षों की गतिविधियों को नियमों के दायरे में रखना सुनिश्चित किया जा सकेगा.

स्पेस के असरदार प्रशासन की पहली शर्त; अंतरिक्ष की परिस्थितियों के प्रति जागरूकता

अंतरिक्ष में किसी उपग्रह की सटीक जगह का पता लगाना, सैटेलाइट की पहचान करना और भविष्य में भेजे जाने वाले उपग्रहों और अंतरिक्ष के कचरे की स्थिति की जानकारी, ‘अंतरिक्ष के हालात को लेकर जागरूकता’ (SSA) का हिस्सा है. अंतरिक्ष के हालात के आंकड़े जुटाने के मौजूदा तौर-तरीक़े, धरती का चक्कर लगा रहे सभी वस्तुओं की लगातार निगरानी नहीं कर सकते हैं. इससे अंतरिक्ष की गतिविधियां समझने की किसी की क्षमता, जोखिम कम करने की ताक़त और भविष्य के अंतरिक्ष प्रशासन की प्रक्रियाओं का पालन कराने की क्षमता सीमित हो जाती है. अंतरिक्ष के प्रशासन की किसी भी ठोस व्यवस्था को लागू करने के लिए, अंतरिक्ष के हालात की समीक्षा करने का ऐसा नेटवर्क होना ज़रूरी है जिस पर पूरी दुनिया विश्वास करती हो, तभी संबंधित पक्षों की गतिविधियों को नियमों के दायरे में रखना सुनिश्चित किया जा सकेगा. ऐसे नेटवर्क की अहमियत तब भी होगी, जब अंतरिक्ष में क़ानूनी तौर पर बाध्य करने वाली कोई व्यवस्था न लागू हो; किसी प्रशासनिक ढांचे पर सहमति न होने की स्थिति में आपसी सहयोग से चलने वाले SSA नेटवर्क के प्रयास देशों के बर्ताव के नियमों का काम कर सकते हैं.

भविष्य के इस नेटवर्क को पारदर्शी होने के साथ-साथ अंतरिक्ष के प्रस्तावित और चलाए जा रहे मौजूदा अभियानों के बारे में वास्तविक समय में जानकारी भी देनी होगी. तभी, टकराव से बचने से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन कराया जा सकेगा. या यूं कहें कि इसी सूरत में बाहरी अंतरिक्ष की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.

अंतरिक्ष में मौजूद सभी ग्रहों और उपकरणों की लगातार निगरानी कर सकने वाली SSA व्यवस्था के लिए अलग-अलग तरह के काम करने वाले सेंसर् की ज़रूरत होती है. मिसाल के तौर पर रेडियोमेट्रिक, फोटोमेट्रिक और हाइपरस्पेक्ट्रल. इन सेंसरों को दुनिया के अलग अलग ठिकानों के साथ-साथ भविष्य में अंतरिक्ष में भी लगाना होगा. भौगोलिक सीमाओं के चलते, कोई एक देश ऐसे सेंसर को अकेले अपने इलाक़े से नहीं चला सकता है. इसीलिए भविष्य के अंतरिक्ष प्रशासन का पालन कराने के लिए अलग अलग देशों के SSA नेटवर्क के बीच तकनीकी और राजनीतिक रूप से सहयोग बेहद ज़रूरी हो जाता है.

अंतरिक्ष के हालात को लेकर जागरूकता (SSA) का विश्लेषण करना इसलिए ज़रूरी है, ताकि ये पता लगाया जा सके की किसी भी मज़बूत अंतरिक्ष प्रशासन व्यवस्था का पालन हो भी रहा है या नहीं. इससे बुनियादी स्तर पर अंतरिक्ष की सुरक्षा में भी सहयोग मिलता है. विश्लेषण के मौजूदा तौर तरीक़े इसके संचालकों के लिए अंतरिक्ष की सुरक्षा से जुड़ी अहम चुनौतियों से निपटने में मददगार नहीं हैं. इसमें अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे स्पेसक्राफ्ट के बीच टक्कर को रोकना भी शामिल है. ऐसे जोखिमों को लेकर अनिश्चितता के कई कारण हैं. जैसे कि अंतरिक्ष में मौजूद उपकरणों के बारे में सही जानकारी न होना, या विश्लेषण की तकनीक में ख़ामियां. इससे भविष्य में बाहरी अंतरिक्ष की किसी भी व्यवस्था में शामिल देश, एक दूसरे पर भरोसा नहीं करेंगे. अंतरिक्ष में लॉन्च और कक्षा में चक्कर लगाने वाले स्पेसक्राफ्ट की बढ़ती संख्या के चलते संबंधित देशों के बीच अविश्वास और बढ़ गया है. आगे भी यही हालात बने रहने की आशंका है.

भविष्य के इस नेटवर्क को पारदर्शी होने के साथ-साथ अंतरिक्ष के प्रस्तावित और चलाए जा रहे मौजूदा अभियानों के बारे में वास्तविक समय में जानकारी भी देनी होगी. तभी, टकराव से बचने से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन कराया जा सकेगा. या यूं कहें कि इसी सूरत में बाहरी अंतरिक्ष की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.

भविष्य का अंतरिक्ष नेटवर्क

तमाम देशों के बीच अंतरिक्ष के सेंसर्स का सहयोगी नेटवर्क बनाना और विश्लेषण के केंद्र स्थापित करना मुश्किल होगा. ऐसी किसी व्यवस्था को राजनीतिक संवेदनशीलता और तकनीकी रूप से एकीकरण की चुनौतियों से निपटना होगा, तभी भविष्य की उम्मीदों को बुनियादी तौर पर पूरा किया जा सकेगा. भविष्य के इस नेटवर्क को पारदर्शी होने के साथ-साथ अंतरिक्ष के प्रस्तावित और चलाए जा रहे मौजूदा अभियानों के बारे में वास्तविक समय में जानकारी भी देनी होगी. तभी, टकराव से बचने से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं का पालन कराया जा सकेगा. या यूं कहें कि इसी सूरत में बाहरी अंतरिक्ष की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.

तो दूर होंगी अंतरिक्ष के प्रशासन की तकनीकी और राजनीतिक बाधाएं

ये तय है कि SSA की अलग-अलग व्यवस्थाएं अलग-अलग तरह के आंकड़े और विश्लेषण जुटाएंगे. इससे जोखिम कम करने की कोशिशों को भी झटका लगेगा. देशों के बीच क़ानूनी सीमाएं और राजनीतिक आशंकाएं अंतरिक्ष के हालात के इस विश्लेषण पर चर्चा या सहयोग की राह में और भी मुश्किलें खड़ी करेंगे. इससे विश्लेषण के ज़रिए सहयोग की बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं होंगी. आंकड़े जुटाने, साझा करने और विश्लेषण की बुनियादी ज़रूरतें पूरी न करने के चलते, भविष्य में अंतरिक्ष के प्रशासन की किसी भी व्यवस्था पर आम सहमति बना पाना और भी मुश्किल हो जाएगा.

अपारदर्शी SSA तौर-तरीक़े, अंतरिक्ष की गतिविधियों की सामूहिक निगरानी की कोशिशों को नुक़सान पहुंचाते हैं और इससे एक अर्थपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था बनाने में भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. अंतरिक्ष के हालात के आंकड़े जुटाने और उनके विश्लेषण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत नागरिक साझेदारियां बनाने का मतलब है अंतरिक्ष में मौजूद स्पेसक्राफ्ट और उनकी निगरानी के उपकरणों के आपस में मिलकर काम करने की व्यवस्था बनाना. इससे अंतरिक्ष के प्रशासन की तकनीकी और राजनीतिक बाधाएं दूर करने में भी मदद मिलेगी. इन बेहतर साझेदारियों से विश्लेषण भी बेहतर होगा और आधे-अधूरे डेटा जैसी शिकायतें भी दूर होंगी.

अंतरिक्ष के हालात के आंकड़े जुटाने और उनके विश्लेषण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़बूत नागरिक साझेदारियां बनाने का मतलब है अंतरिक्ष में मौजूद स्पेसक्राफ्ट और उनकी निगरानी के उपकरणों के आपस में मिलकर काम करने की व्यवस्था बनाना. इससे अंतरिक्ष के प्रशासन की तकनीकी और राजनीतिक बाधाएं दूर करने में भी मदद मिलेगी. 

कुछ देश आपस में SSA के आंकड़े साझा करते हैं. उदाहरण के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष कमान, जो SSA के आंकड़े जुटाने और उनके विश्लेषण में पूरी दुनिया में सबसे आगे है, वो बुनियादी आंकड़े और आपातकालीन पूर्वानुमान संबंधी जानकारी बिना कोई क़ीमत लिए साझा करता है, जिससे कि किसी तबाही को रोका जा सके और अंतरिक्ष का टिकाऊ तौर पर इस्तेमाल हो सके. बदक़िस्मती से अमेरिका के रक्षा विभाग के मौजूदा सेंसर, अंतरिक्ष में केवल 10 सेंटीमीटर से ज़्यादा बड़ी चीज़ों को ही ट्रैक करते हैं. इससे कक्षा में मौजूद अन्य छोटी-छोटी घातक वस्तुओं की निगरानी में चिंताजनक कमियां रह जाती हैं. हाल ही में अमेरिका ने सैन्य SSA सिस्टम को बेहतर बनाने की कोशिश की है. ऐसे में कुछ पर्यवेक्षकों और सांसदों ने SSA की ज़िम्मेदारी असैन्य सरकारी संस्था को देने का समर्थन किया है जिससे आंकड़ों को लगातार पारदर्शी तरीक़े से जुटाया जा सके और ये सबकी पहुंच में भी हो.

अंतरिक्ष में सक्रिय अन्य देश भी स्वदेशी SSA नेटवर्क संचालित कर रहे हैं. मिसाल के तौर पर, यूरोपीय संघ द्वारा किसी SSA सिस्टम को इस तरह से परिभाषित किया गया है कि इससे विदेशी सैन्य व्यवस्था पर निर्भरता कम होगी और विश्लेषण को अंतरिक्ष में सुरक्षित और टिकाऊ गतिविधियों की चुनौतियों के हिसाब से ढाला जा सकेगा. इसी तरह रूस की अकादमी ऑफ़ साइंस का केलडिश इंस्टीट्यूट ऑफ़ एप्लाइड मैथमैटिक्स, इंटरनेशनल साइंटिफिक ऑप्टिकल नेटवर्क के साथ सहयोग करता है. ये ऑप्टिकल नेटवर्क एक सार्वजनिक SSA व्यवस्था है, जो 15 देशों में मौजूद ऑप्टिकल सेंसरों के ज़रिए आंकड़े इकट्ठा करता है.

कारोबारी क्षेत्र में उभर रहा SSA

SSA की कारोबारी सेवाएं देने वालों के सामने अनूठी चुनौतियां खड़ी हैं. उन्हें ये सुनिश्चित करना होता है कि उनके आंकड़े भरोसेमंद भी हों और सबकी पहुंच में भी हों. बाज़ार की अपनी सीमाएं और विश्लेषण के औज़ारों से जुड़ी बौद्धिक संपदा संबंधी पाबंदियां एक प्रभावी सहयोग और निगरानी की राह मुश्किल बना सकते हैं. इससे एक ऐसा इको-सिस्टम खड़ा हो सकता है, जो SSA की निजी सेवाएं देने वालों के बीच आम सहमति बनाने से रोके और इस तरह से अंतरिक्ष उद्योग के ख़ुद से प्रशासनिक व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा ये भी साफ़ नहीं है कि किस तरह कारोबारी आंकड़ों का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष के क्षेत्र में बदनीयती भरे क़दम रोके जा सकते हैं या अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है.

आत्मनिर्भरता के लिए देशों द्वारा स्वदेशी SSA क्षमताएं विकसित करने से आपसी समन्वय और सहयोग को ही नुक़सान पहुंचेगा. आपस में मेल न खाने वाले आंकड़े जुटाने और इनके विश्लेषण की व्यवस्था, अन्य देशों के सिस्टम से सहयोग किए बिना किसी वैश्विक पैमाने को गढ़ने में मददगार नहीं होंगे. इससे भविष्य में किसी अंतरिक्ष प्रशासन के नियमों का पालन सुनिश्चित करने में भी दिक़्क़तें पेश होंगी. SSA के क्षेत्र में सहयोग की कमी से सुरक्षा की बुनियादी ज़रूरतें जैसे कि एक साथ कोई अंतरिक्ष अभियान शुरू करने से रोकने में भी मुश्किलें आएंगी. उदाहरण के लिए एक ही समय पर अंतरिक्ष अभियान शुरू करने के अलग-अलग पूर्वानुमानों से सैटेलाइट चलाने वाले कोई क़दम उठाने से पहले आख़िरी पल तक इंतज़ार करेंगे. वैसे तो समय पर मिल जाने वाली दूसरी राय कई बार जोखिम के ठोस विश्लेषण की प्रक्रिया के लिए फ़ायदेमंद होती है. लेकिन, अलग अलग विश्लेषणों से निकलने वाले अलग अलग निष्कर्ष आपसी अविश्वास और संकट के समय अलग नज़रिया बनाने को बढ़ावा देंगे.

आपस में मेल न खाने वाले आंकड़े जुटाने और इनके विश्लेषण की व्यवस्था, अन्य देशों के सिस्टम से सहयोग किए बिना किसी वैश्विक पैमाने को गढ़ने में मददगार नहीं होंगे. 

अंतरिक्ष की किसी प्रशासनिक व्यवस्था की राह में आने वाली राजनीतिक और तकनीकी बाधाएं दूर करने का काम मोटे तौर पर दो लक्ष्य हासिल करने के लिए होगा: पहला: धरती की कक्षा में चक्कर लगाने वाले हर आकार की वस्तुओं की निगरानी से जुड़े आंकड़े जुटाने में असैन्य संस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना. दूसरा: SSA के आंकड़ों के विश्लेषण के लिए एक मज़बूत वैश्विक मानक तय करना. इस दिशा में पहला क़दम तो देशों को उठाना पड़ेगा, जो राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे नियम बनाएं और लागू करें, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र की निगरानी के आंकड़े ताज़ातरीन हों, सही समय पर जानकारी जुटाकर उन्हें साझा करें और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करें. उम्मीद है कि कारोबारी SSA सेवाएं देने वाली संस्थाएं भी इसके समानांतर अहम भूमिका निभाएंगी. वो इसके लिए मज़बूत मानक और विश्लेषण व्यवस्था विकसित करें. इस दिशा में आगे बढ़ रही कंपनियों को एक फ़ायदा है कि वो अफ़सरशाही की बाधाओं के बग़ैर अपने उद्योग के मानक तय कर सकते हैं. जैसे-जैसे सैन्य और असैन्य SSA गतिविधियां आपस में तालमेल करेंगी, तो कुछ बहुराष्ट्रीय व्यवस्थाओं और कारोबारी सेवाएं देने वालों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक साथ लाया जा सकता है. इससे अलग अलग आंकड़ों और विश्लेषण का बिना टकराव के इस्तेमाल हो सकेगा. जब तक वास्तविक रूप से एक वैश्विक SSA सहयोग व्यवस्था नहीं विकसित होती, तब तक यही रास्ता आगे बढ़ने का एक उपयोगी और असरदार तरीक़ा होगा.

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