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Published on Aug 04, 2025 Updated 0 Hours ago

चीन के डिजिटल सिल्क रोड (DSR) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट प्रौद्योगिकी के निर्यात और पार्टनर देशों की निर्भरता को बढ़ा रहे हैं और साथ ही ये इंडो पेसिफ़िक इलाक़े के देशों के डिजिटल गवर्नेंस की संरचना को भी बदल रहे हैं.

चीन की स्मार्ट सिटी रणनीति और DSR का शहरी प्रयोजन

Image Source: Freepik

 

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के अंतर्गत की गई एक अन्य पहल डिजिटल सिल्क रोड (DSR) के तहत चीन द्वारा विदेशों में स्मार्ट सिटी बनाने का कार्यक्रम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के जिओ-इकनॉमिक और तकनीकी परिदृश्य को नया आकार दे रहा है. सन 2017 में शुरू किया गया DSR कार्यक्रम BRI पार्टनर देशों के साथ चीन के नेतृत्व में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) सहयोग और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में काम करता है.  सन 2017 और 2023 के बीच, DSR के अंतर्गत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आर्थिक भागीदारी कुल मिलाकर 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गई और इसमें दूरसंचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस निगरानी तंत्र और क्लाउड कंप्यूटिंग शामिल हैं. 

यह लेख इस बात की पड़ताल करता है कि DSR की स्मार्ट सिटी पहल किस तरह बीजिंग के रणनीतिक और जिओ-इकनॉमिक स्टारक्राफ्ट के माध्यम के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. 

चीनी सरकारी बैंकों के साथ-साथ निजी और सरकारी तकनीकी फर्मों के सपोर्ट से बीजिंग ने लगभग 40 देशों के साथ DSR सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से 24 हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थित हैं. DSR कार्यक्रम के चलते चीन इस क्षेत्र में AI द्वारा नियंत्रित निगरानी और स्मार्ट गवर्नेंस में मददगार उपकरणों के एक प्रमुख सप्लायर के रूप में उभर चुका है. इस पूरी प्रक्रिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में लोंग टर्म डिजिटल ऑटोनोमी के विषय में गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं. यह लेख इस बात की पड़ताल करता है कि DSR की स्मार्ट सिटी पहल किस तरह बीजिंग के रणनीतिक और जिओ-इकनॉमिक स्टारक्राफ्ट के माध्यम के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. 

 


DSR स्मार्ट सिटी : घटक और उद्देश्य  

चीन का विदेशी स्मार्ट शहर कार्यक्रम विभिन्न कार्यक्षेत्रों में DSR के ICT सहयोग को समाहित करता है. इसमें निगरानी, समुद्र के नीचे के केबल तंत्र, 5G/4G सहयोग, उच्च तकनीक के निर्माण, BeiDou नेविगेशन सिस्टम, क्लाउड कंप्यूटिंग और AI साझेदारी के साथ-साथ पारंपरिक BRI इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास शामिल है.

 

टेबल 1:  चिन्हित किए गए चीनी स्मार्ट सिटी टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट के तथ्य 

 

प्रौद्योगिकी की  श्रेणी

उत्पाद का प्रकार

शामिल चीनी कंपनियां

सर्विलांस 

इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) कैमरे, क्लोज्ड सर्किट टेलीविज़न (CCTV), डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR), नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (NVR), वीडियो प्रबंधन प्रणालियां, पुलिस बॉडी कैमरे, ट्रैफ़िक निगरानी प्रणालियां, फेसिअल रिकग्निशन यंत्र, इन्फ्रारेड (IR) कैमरे, लाइसेंस प्लेट पहचान की  तकनीक 

हुआवेई, हिकविज़न, दहुआ, शेन्ज़ेन ZNV, मेगवी, केडाकॉम, क्लाउडवॉक, यूनीव्यू, E-हुआलु, यितु

नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर 

बैकबोन नेटवर्क, Wi-Fi , हाई-स्पीड नेटवर्क, 3G, 4G और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) नेटवर्क

हुआवेई, ZTE, H3C

बिग डाटा 

क्लाउड नेटवर्क, डेटा सेंटर और सर्वर

हुआवेई, अलीबाबा, टेनसेंट, सुगॉन, इंसपुर, सांगफ़ोर, आईसॉफ्टस्टोन, चाइनासॉफ्ट

फिनटेक 

मोबाइल भुगतान एप्लीकेशन, स्वचालित भुगतान प्रणालियां

हुआवेई, पिंगआन, पांडा इलेक्ट्रॉनिक्स

ऊर्जा 

स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट मीटर, उन्नत मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर  (AMI)

हुआवेई, ZTE, CEIEC

इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म 

इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम, 'सेफ सिटी' सॉल्यूशन, एकीकृत शहरी संचालन प्लेटफ़ॉर्म, कमांड सेंटर, डिस्पैचिंग सिस्टम और कॉल सेंटर

हुआवेई, ZTE, दहुआ, अलीबाबा, केडाकॉम, शेन्ज़ेन ZNV

नगरीय सेवाएं

स्मार्ट पार्किंग, यातायात प्रबंधन और नियंत्रण प्रणालियां, बस प्रणालियां, स्मार्ट स्ट्रीट लैंप, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट 

हुआवेई, हिकविज़न, दहुआ, केडाकॉम, गोसनकन, E-हुआलू, पांडा इलेक्ट्रॉनिक्स, फाउंडर इंटरनेशनल, कारस्मार्ट, टेलचाइना, शेन्ज़ेन ZNV, आईसॉफ्टस्टोन

 

स्रोत: अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग

 

टेबल 1 के अनुसार, चीनी स्मार्ट सिटी प्रौद्योगिकी निर्यात का दायरा कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. जैसे की निगरानी प्रणालियों और 5G अवसंरचना से लेकर वित्तीय प्रौद्योगिकी, नगरपालिका सेवाओं और एकीकृत आपातकालीन प्लेटफार्मों तक, जो चीनी कंपनियों की व्यापक वैश्विक पहुंच को दर्शाता है. DSR  स्मार्ट शहरों के विकास को एक रणनीतिक अवसर के रूप में पेश करता है. इसके तहत, चीनी सरकारी और निजी कंपनियां बड़े पैमाने पर तैनाती कर रही हैं, खासकर विकासशील देशों में, जहाँ एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना (चाइना एक्जिमबैंक) जैसे सरकारी ऋणदाताओं द्वारा समर्थित कम लागत वाले समाधान विशेष रूप से प्रभावी साबित हुए हैं. हालांकि इन परियोजनाओं में डेटा प्रशासन को लेकर पारदर्शिता सीमित है, लेकिन विशाल, सीमा-पार डेटासेट तक पहुंच निश्चित रूप से चीनी कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को मजबूत करती है. यह राजकीय एजेंसियों के लिए ख़ुफ़िया बातों के संग्रह के प्रयासों में भी मदद करती है.

 

बीजिंग अपने DSR स्मार्ट शहरों को एक लाभकारी आधुनिकीकरण के प्रयास के रूप में पेश करता है. इसके अलावा, ये परियोजनाएं बीजिंग के कई रणनीतिक लक्ष्यों को भी पूरा करती हैं. DSR स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के प्रमुख परस्पर जुड़े उद्देश्यों में चीनी तकनीकी फर्मों के लिए निर्यात बाज़ारों को बढ़ावा देना, घरेलू अति-क्षमता को कम करना और उभरती प्रौद्योगिकियों में चीनी नेतृत्व को बढ़ावा देना शामिल है. इनका उद्देश्य चीनी वित्तपोषण और व्यापार के माध्यम से आर्थिक संबंधों को गहरा करना, युआन और चीन के डिजिटल प्लेटफार्मों को बढ़ावा देना और पार्टनर देशों को चीन के नेतृत्व वाली डिजिटल आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ना है. अतिरिक्त उद्देश्यों में प्रौद्योगिकी सहायता के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, 'साइबर-संप्रभुता' जैसे चीनी शासन मॉडल का निर्यात करना, क्षेत्रीय डिजिटल शासन संस्थाओं को आकार देना, ख़ुफ़िया जानकारी के लिए विदेशी डेटा और नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त करना और परस्पर निर्भरता के माध्यम से जिओ पोलिटिकल लाभ का निर्माण करना शामिल है.

 

चीन के ये सभी उद्देश्य एक-दूसरे को पोषित करते हैं.  स्मार्ट-सिटी परियोजना न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार करती है, बल्कि पार्टनर शहरों को चीन-केंद्रित आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा ढांचे को भी आगे लेकर चलने को बाध्य करती है. स्मार्ट-सिटी तकनीक को ऋणों, मानक-निर्धारण और उच्च-स्तरीय यात्राओं के साथ जोड़कर, चीन DSR सहयोग ढांचे के अंतर्गत एक व्यापक स्टारक्राफ्ट की रणनीति को भी आगे बढ़ाता है.  टेबल 1, चीन के व्यापक टूलकिट को विश्व स्तर पर निर्यात किए जाने को साफ़ दर्शाती है.  ये DSR स्मार्ट सिटी परियोजनाएं न केवल पार्टनर देशों के शहरी क्षेत्रों के आधुनिकीकरण के लिए, बल्कि चीनी शक्ति को प्रदर्शित करने और पार्टनर अर्थव्यवस्थाओं को चीन के रणनीतिक दायरे में शामिल करने के लिए भी डिजाइन की गई हैं. 

 


जिओ पोलिटिकल और जिओ इकनॉमिक मायने 

चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व और दक्षिण एशिया में, अपनी रणनीति को लगातार आगे बढ़ाया है. एसोसिएशन ऑफ़ साउथ ईस्ट नेशंस (ASEAN) की अर्थव्यवस्थाओं में DSR की कुल आर्थिक भागीदारी 10.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया सामूहिक रूप से इनमें से आधे से अधिक का योगदान करते हैं. अधिकांश निवेश चीनी निजी तकनीकी फर्मों—हुआवेई, अलीबाबा और जेडटीई—के माध्यम से हुए हैं, जिन्होंने मिलकर दक्षिण-पूर्व एशिया के स्मार्ट सिटी और डेटा सेंटर अनुबंधों का लगभग 79 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है. चीनी कंपनियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दूरसंचार की आधारभूत व्यवस्था का भी काफ़ी हिस्सा बनाया है. समुद्र के नीचे के केबल अब बीजिंग के प्रभाव में हैं.  चीनी कंपनियां जकार्ता से मनीला तक के शहरों में 5G नेटवर्क को चला रही हैं और चीनी क्लाउड/डेटा सेंटर पूरे क्षेत्र में फ़ैल गए हैं.  ये सफ़लताएं इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि चीन ने अपने आर्थिक लक्ष्यों को काफ़ी हद तक प्राप्त कर लिया है और DSR के तहत विदेशी बाज़ार, तकनीकी निर्यात और इनोवेशन की पार्टनरशिप, ये सब कई गुना बढ़ गए हैं. 

 

इस निर्माण के स्ट्रेटेजिक और जिओ पोलिटिकल लाभ और मायने इसके आर्थिक पहलुओं से गहराई से जुड़े हैं. महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों में चीनी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को शामिल करके, चीन उन देशों के शासन में प्रभाव हासिल कर रहा है.  चीनी कंपनियां अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 5G, निगरानी और फाइबर नेटवर्क की मुख़्य सप्लायर हैं. उदाहरण के लिए, मालदीव में नेटवर्क से जुड़ी सुविधाएं (आंशिक रूप से हुआवेई द्वारा निर्मित) चीन की प्रस्तावित समुद्री डिजिटल मार्ग में एक महत्वपूर्ण कड़ी  है. इसी तरह, पाकिस्तान की नई स्मार्ट-सिटी परियोजनाएं भी बीजिंग से गहरे रूप में जुड़ी हुई हैं और नई पाकिस्तान-पूर्वी अफ्रीका कनेक्टिंग यूरोप (PEACE) केबल जैसी परियोजनाएं पूर्वी अफ्रीका के रास्ते में चीनी-नियंत्रित बंदरगाहों (कराची/ग्वादर) से होकर जाती हैं. ऐसे संबंध बीजिंग को विकास की आड़ में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर देते हैं. गहन संपर्क को बढ़ावा देकर, चीन ने खुद को भारतीय उपमहाद्वीप की जिओ पोलिटिकल खेल में आर्थिक रूप से अपनी प्रधानता हासिल कर ली है. इसका एक शासन से जुड़ा आयाम भी है. डीएसआर चीनी डिजिटल मानदंडों को अपनाता है, जिससे साझेदार देशों में कड़े नियंत्रण वाले इंटरनेट और व्यापक निगरानी के मॉडल को बनाने में चीन को मदद मिलती है. 

डीएसआर चीनी डिजिटल मानदंडों को अपनाता है, जिससे साझेदार देशों में कड़े नियंत्रण वाले इंटरनेट और व्यापक निगरानी के मॉडल को बनाने में चीन को मदद मिलती है. 

DSR योजना से बने संबंधों ने चीन के लक्ष्यों को बल दिया है. DSR परियोजनाओं (दूरसंचार अनुबंध, तकनीकी निर्यात) से होने वाला लाभ मुद्रा के रूप में चीन को वापस मिलता है, जिससे उसका ICT उद्योग मजबूत होता है. साथ ही, साझेदार देश अक्सर चीनी ऋण या दीर्घकालिक दायित्वों का वहन करते हैं. पाकिस्तान का चीनी BRI/DSR ऋणों में निवेश अनुमान 28 अरब अमेरिकी डॉलर (पाकिस्तान के बाह्य ऋण का 22.48 प्रतिशत) है, जिससे बीजिंग को आर्थिक लाभ मिलता है.  इस प्रकार, जहां चीनी कंपनियां बाज़ार हिस्सेदारी और चीन के आर्थिक लाभों का लाभ उठा रही हैं, वहीं कई DSR  प्राप्तकर्ता देश आर्थिक रूप से खुद को बीजिंग से बंधा हुआ पाते हैं. ये परिणाम DSR के जिओ इकनोमिक तर्क को समाहित करते हैं. डिजिटल बुनियादी ढांचे में चीनी निवेश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी प्रभाव और इंटीग्रेटेड वैल्यू चैन को स्थापित करने के प्रयास के रूप में कार्य करता है. 

​​निष्कर्ष

DSR की स्मार्ट सिटी योजना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के रणनीतिक प्रयासों की आधारशिला है जिसने बीजिंग के आर्थिक, भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय सफ़लता प्रदान की है. प्रौद्योगिकी निर्यात, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और अपने डिजिटल मानकों का इस्तेमाल कर चीन ने न केवल अपनी बड़ी तकनीकी कंपनियो के लिए आकर्षक बाज़ार खोले हैं, बल्कि क्षेत्रीय शहरी शासन प्रणालियों के लिए खुद की निर्भरता भी पैदा की है. इस तरह की योजना से प्राप्त रणनीतिक लाभ और डेटा पर अपने कंट्रोल से लेकर मानदंडों पर अपने प्रभाव जैसी बातों ने बीजिंग को क्षेत्र में उल्लेखनीय दक्षता के साथ अपना डिजिटल पदचिह्न के विस्तार का अवसर भी प्रदान किया है.  विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में जहां स्मार्ट बुनियादी ढांचे के विकास में चीनी कंपनियों का दबदबा है.

 

बहरहाल, इस विस्तार नीति ने रणनीतिक संतुलन को भी नई गति दी है. चीन पर बढ़ती डिजिटल निर्भरता की बात, निगरानी का डर, डेटा संप्रभुता और बलपूर्वक प्रभाव डालने की चिंताओं ने कई हिंद-प्रशांत देशों को चीन के साथ अपनी पार्टनरशिप के बारे में फिर से सोचने को प्रेरित किया है. कुछ परियोजनाओं में देरी हुई है और उनका साइज़ छोटा किया गया है या उनको नए सिरे से बनाया गया है और ये सब बातें चीनी प्रभाव की प्रति बढ़ती चिंता को दर्शाती हैं. कुल मिलाकर, DSR का स्मार्ट सिटी अभियान इस बात की ओर इशारा करता है कि कैसे तकनीकी बुनियादी ढांचा रणनीतिक प्रभाव के लिए एक माध्यम के रूप में काम कर सकता है. DSR के क्षेत्रीय प्रभाव के भविष्य को यह बात तय करेगी कि क्या पार्टनर देश आर्थिक लाभों और चीन पर अति-निर्भरता के जोख़िमों के बीच संतुलन बना पाते हैं. यह बीजिंग की अपनी डिजिटल महत्वाकांक्षाओं को बनाए रखने की क्षमता के सवाल का उत्तर भी तय करेगा.


समीर पाटिल ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में सिक्योरिटी, स्ट्रेटेजी और टेक्नोलॉजी सेंटर के निदेशक हैं.

पृथ्वी गुप्ता ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रेटेजिक स्टडीज प्रोग्राम  में जूनियर फेलो हैं.

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