Author : Pulkit Mohan

Published on Jan 20, 2022 Updated 0 Hours ago

ऊर्जा की बढ़ती वैश्वक ज़रूरतों के साथ, क्या छोटे माड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य बन सकते हैं? 

नाभिकीय (Nuclear) ऊर्जा: क्या है छोटे माड्यूलर रिएक्टर्स का मामला

जलवायु परिवर्तन से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के लिए, ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने का लक्ष्य हमेशा की तरह महत्वपूर्ण बना हुआ है. कई देशों में जीवाश्म ईंधन की जगह अक्षय ऊर्जा (renewable energy) स्रोत अपनाये जाने से कार्बन उत्सर्जन कम करने में बहुत ज्यादा मदद मिली है. जहां तक बात है नाभिकीय ऊर्जा की, तो यह दुनिया की कुल बिजली का 10 फ़ीसद हिस्सा मुहैया कराती है और यह दुनिया में निम्न कार्बन ऊर्जा का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है. नाभिकीय ऊर्जा पैदा करने के लिए ‘एक रिएक्टर में परमाणु विखंडन के ज़रिये पानी को गर्म कर भाप में बदला जाता है, जो टरबाइन को घुमाकर बिजली पैदा करती है.’ नाभिकीय ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों जैसे कृषि, खाद्य, चिकित्सा, परिवहन और उद्योग में भी बहुत सारे दूसरे उपयोग हैं.

समय के साथ जैसे-जैसे दुनिया की ऊर्जा ज़रूरतें बढ़ रही हैं, इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा की आपूर्ति, ख़ासकर नाभिकीय ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति, बढ़ाये जाने की आवश्यकता है.

समय के साथ जैसे-जैसे दुनिया की ऊर्जा ज़रूरतें बढ़ रही हैं, इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा की आपूर्ति, ख़ासकर नाभिकीय ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति, बढ़ाये जाने की आवश्यकता है. ऊर्जा क्षेत्र के मुख्य भूमिका-निर्वाहकों (key players) की रिपोर्ट्स में स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने में नाभिकीय-जनित ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की गयी है. पारंपरिक रूप से, नाभिकीय ऊर्जा विशालकाय नाभिकीय रिएक्टरों में पैदा की जाती है, जो पूरी दुनिया में बिजली के क्षेत्र में नाभिकीय ऊर्जा को बड़े पैमाने पर अपनाये जाने की राह में एक बड़ी चुनौती रहा है.

नाभिकीय ऊर्जा की कई सारी वजहों से आलोचना की जाती है, जैसेकि पावर प्लांट बनाना अत्यधिक महंगा होना, रखरखाव पर ज्यादा खर्च, हादसे तथा सुरक्षा से जुड़े जोख़िम (जैसे 1986 में रूस में चेर्नोबिल की घटना और 2011 में जापान में फुकुशिमा की घटना), साथ ही साथ नाभिकीय कचरे से जुड़े जोख़िम. हालांकि, Organisation for Economic Co-operation and Development (OECD) की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नाभिकीय ऊर्जा में निवेश करने की आवश्यकता है, क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों की ओर बढ़ना समय के साथ ज्यादा महंगा और कठिन ही होता जायेगा. इसलिए, दुनिया की बिजली की ज़रूरतों के मद्देनज़र, स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में नाभिकीय ऊर्जा में निवेश करने की आवश्यकता है.

SMR का जो माड्यूलर पहलू है, उसका मतलब है कि SMR इकाई को फैक्ट्रियों में मैन्यूफैक्चर और असेंबल किया जा सकता है और फिर किसी स्थल पर ले जाकर स्थापित किया जा सकता है. यह बड़े ऊर्जा रिएक्टरों के उलट है, जो पारंपरिक रूप से किसी निर्दिष्ट जगह के लिए डिजाइन होते हैं.

छोटे माड्यूलर रिएक्टर की अवधारणा (concept) और उसके फ़ायदे

पारंपरिक विशालकाय नाभिकीय रिएक्टरों से जुड़ी इन चुनौतियों और चिंताओं के समाधान के लिए, छोटे माड्यूलर रिएक्टर (SMR) परमाणु बिजली उत्पादन के वास्ते एक व्यापक उपयोग लायक विकल्प पेश करते हैं. SMR को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) यूं परिभाषित करती है, ‘ऐसे उन्नत नाभिकीय रिएक्टर जिनकी बिजली उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट प्रति इकाई तक हो, जोकि पारंपरिक नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है.’ SMR को माड्यूलर फैक्ट्री फैब्रीकेशन तकनीक से डिजाइन किया जाता है. पारंपरिक विशालकाय नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टरों से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के रूप में, बिजली उत्पादन के लिए छोटी इकाइयों के निर्माण में दिलचस्पी बढ़ जाती है, जो SMR के मामले को मज़बूत करता है.

SMR के फ़ायदों को उनके डिजाइन की प्रकृति से जोड़ा जा सकता है- छोटा, माड्यूलर, और ऊर्जा पैदा करने के लिए नाभिकीय विखंडन का इस्तेमाल करने में सक्षम. SMR ने लचीले बिजली उत्पादन विकल्प प्रदर्शित किये हैं और अंतर्निहित सुरक्षा खूबियों को बेहतर किया है. साथ ही, इन्हें पारंपरिक बड़े नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टरों के मुक़ाबले कम पूंजी लागत और कम जगह की आवश्यकता होती है. बिजली क्षेत्र के साथ-साथ सह-उत्पादन (cogeneration) और गैर-बिजली उपयोगों के लिए इनका व्यापक इस्तेमाल है. इनके आकार को देखते हुए, SMR ऐसी जगहों पर भी लगाये जा सकते हैं जो पारंपरिक बड़े नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों के लिए उपयुक्त नहीं हैं. इसके अलावा, SMR का जो माड्यूलर पहलू है, उसका मतलब है कि SMR इकाई को फैक्ट्रियों में मैन्यूफैक्चर और असेंबल किया जा सकता है और फिर किसी स्थल पर ले जाकर स्थापित किया जा सकता है. यह बड़े ऊर्जा रिएक्टरों के उलट है, जो पारंपरिक रूप से किसी निर्दिष्ट जगह के लिए डिजाइन होते हैं.

चीन 2021 में छोटे माड्यूलर नाभिकीय रिएक्टर वाला दुनिया का पहला देश बन गया. उसने शिदाओ खाड़ी (Shidao Bay) में हुआनेंग ग्रुप कंपनी का 200 मेगावाट का यूनिट वन रिएक्टर शुरू होने का ऐलान किया.

भाप चक्र (steam cycle) के ज़रिये बिजली पैदा करने वाले बड़े ऊर्जा रिएक्टरों के लिए उच्च पूंजी लागत की ज़रूरत होती है. इन लागतों को कम करने और बनाने-में-आसान छोटे बिजली ग्रिडों की आवश्यकता पूरी करने के लिए, छोटी नाभिकीय ऊर्जा इकाइयों की ओर जाने का रास्ता बना है. SMR डिजाइन में बड़े निजी निवेश और बड़े वैश्विक योगदान के साथ SMR तकनीक पर महत्वपूर्ण रिसर्च जारी है. फ़िलहाल, 70 SMR डिजाइन हैं जो विकास के विभिन्न चरणों में हैं, और कुछ तो निकट भविष्य में इस्तेमाल लायक स्थिति में पहुंच गये हैं. IAEA ने भी अपने सदस्य राष्ट्रों के साथ SMR विकसित करने के प्रयास किये हैं. ‘ऐसे रिएक्टरों की प्रतिस्पर्धात्मकता और भरोसेमंद प्रदर्शन हासिल करने के लक्ष्य के साथ, मुख्य सक्षमकारी तकनीकों की पहचान और विकास के लिए प्रणालीबद्ध दृष्टिकोण’ के ज़रिये उसने ऐसा किया है. 

दुनिया में विभिन्न हिस्सों में SMR

17 से ज्यादा देशों में SMR के निर्माण के लिए डिजाइनों पर काम जारी है. अनुमान है कि 2040 तक SMR का वैश्विक बाज़ार 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जायेगा. कई देशों के SMR डिजाइन विकास के विभिन्न चरणों में हैं. फिर भी, नाभिकीय ऊर्जा के भविष्य और छोटे रिएक्टरों की भूमिका को लेकर होने वाली चर्चाओं में पूरी तरह से वाणिज्यिक SMR का सामने आना एक अहम सवाल है.

अमेरिका: अमेरिकी सरकार ‘सुरक्षित, स्वच्छ और वहनीय (affordable) नाभिकीय ऊर्जा विकल्प’ विकसित करने के अपने प्रयासों के क्रम में SMR के महत्व को पहचान चुकी है. देश के नाभिकीय ऊर्जा विभाग के मुताबिक़, हल्के जल से ठंडे किये जाने वाले (light water-cooled) SMR लाइसेंसिंग समीक्षा से गुज़र रहे हैं और संभवत: 2020 के दशक के आख़िर में या 2030 के दशक के शुरू में इनका इस्तेमाल शुरू हो जायेगा. सितंबर 2020 में, अमेरिकी नाभिकीय नियामक आयोग (NRC) ने NuScale Power के SMR डिजाइन को मंज़ूरी दी. यह NRC से मंज़ूरी पाने वाला अपनी तरह का पहला SMR है. NuScale Power SMR एक उन्नत हल्के जल वाला SMR है, जिसकी क्षमता 60 मेगावाट बिजली पैदा करने की है. यह क्षमता बड़े नाभिकीय रिएक्टरों की एक तिहाई है. इस रिएक्टर को आइडहो नेशनल लैबोरेट्री में स्थापित किया जाना है और इसे 2029 में काम शुरू करना है. NRC अमेरिका के पहले उबलते जल वाले SMR डिजाइन की समीक्षा करने की प्रक्रिया में भी है.

कनाडा: अमेरिका के अलावा, कनाडा ने भी देश के नाभिकीय क्षेत्र में SMR की भूमिका पर ज़ोर  दिया है. 2018 में, NRCan (कनाडा का प्राकृतिक संसाधन विभाग) कनाडा में SMR पर चर्चा और इसे लेकर एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने के लिए पूरे देश से सभी संबंधित पक्षों को एकसाथ लेकर आया. दिसंबर 2020 में, सरकार ने अपने साझेदारों के साथ देश में SMR को अमलीजामा पहनाने के वास्ते, SMR के लिए एक्शन प्लान जारी किया. उल्लेखनीय है कि कनाडा के Global First Power ने अपने माइक्रो माड्यूलर रिएक्टर के लिए लाइसेंस के वास्ते कनाडाई नाभिकीय सुरक्षा आयोग (CNSC) के पास आवेदन किया है. यह कनाडा का पहला SMR होगा जिसका संचालन 2026 के आसपास शुरू होना है.

ब्रिटेन: नवंबर 2021 में, ब्रिटेन की सरकार ने रोल्स-रॉयस SMR के विकास के लिए करीब 21 करोड़ पाउंड की प्रतिबद्धता जतायी, जिसके साथ 25 करोड़ पाउंड से ज्यादा का निजी निवेश हो रहा है. रोल्स-रॉयस 470 मेगावाट का SMR बनाना चाहता है, जो 2030 के दशक की शुरुआत तक ब्रिटेन के ग्रिडों को बिजली उपलब्ध करायेगा.

रूस: रूस के अकादेमिक लोमोनोसोव (Akademik Lomonosov) फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट ने मई 2021 में अपने संचालन का एक साल पूरा कर लिया. रूस का न्यूक्लियर कॉरपोरेशन, Rosatom सुदूर पूर्वी साइबेरिया में एक SRM के भावी स्थल पर काम कर रहा है, जिसके 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस प्लांट में 50 मेगावाट का एक RITM-200 reactor शामिल होगा, जो नयी पीढ़ी का नाभिकीय बर्फ़-तोड़क (icebreaker) है.

चीन: बिल्कुल हाल में, और उल्लेखनीय रूप से, चीन 2021 में छोटे माड्यूलर नाभिकीय रिएक्टर वाला दुनिया का पहला देश बन गया. उसने शिदाओ खाड़ी (Shidao Bay) में हुआनेंग ग्रुप कंपनी का 200 मेगावाट का यूनिट वन रिएक्टर शुरू होने का ऐलान किया. यह SMR चीन के पहले स्वदेशी नाभिकीय रिएक्टर डिजाइन ‘हुआलॉन्ग वन’ के लगभग पांचवें हिस्से के बराबर है. इसके अलावा, यह अनुमान लगाया गया है कि चीन अगले 40 सालों के लिए नाभिकीय ऊर्जा में लगभग 440 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का इरादा रखता है.  

अन्य देश: अर्जेंटीना 27 मेगावाट के Argentine CAREM के निर्माण के अग्रवर्ती चरण में है. अमेरिका के NuScale ने कनाडा, रोमानिया, चेक गणराज्य और जॉर्डन में SMR बनाने के लिए क़रार किये हैं.

चुनौतियां

भले ही SMR ने नाभिकीय ऊर्जा उद्योग के लिए शानदार मौका पेश किया है, लेकिन वे भी अपनी चुनौतियों से अछूते नहीं हैं. सबसे पहले, रिएक्टर डिजाइन के लिए विकल्पों की कुछ ज्यादा ही भरमार होने का मुद्दा है. SMR का बड़े पैमाने पर विकास और उपयोग इस बात को लेकर एक आम सहमति तक पहुंच पाने पर निर्भर करेगा कि कौन सी SMR तकनीक आदर्श है और बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक इस्तेमाल को हासिल करने में सक्षम है. दूसरा, SMR तकनीकें भी बड़े-पैमाने के रिएक्टरों की तरह ही लाइसेंस संबंधी चुनौतियों से प्रभावित होती है. कई बार SMR तकनीक मौजूदा लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में फिट नहीं बैठती और रिएक्टर डिजाइनों में अपेक्षाकृत नयेपन के चलते SMR डिजाइनों व इकाइयों की लाइसेंसिंग व नियमन में चुनौतियां पेश आती हैं. इनके डिजाइन, निर्माण और संचालन की लाइसेंसिंग के लिए प्रक्रिया बड़े रिएक्टरों के मुक़ाबले छोटी हो, यह क़तई ज़रूरी नहीं. इसके अलावा, SMR इकाइयों के तेज़ क्रियान्वयन की संभावना सुनिश्चित करने के लिए SMR इकाइयों के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया सरल और चुस्त बनायी जानी चाहिए. हालांकि SMR की शुरुआती लागत कम है, लेकिन एक बार क्रियान्वयन होने पर इसकी आर्थिक व्यवहार्यता तय होनी अब भी बाकी है.

नाभिकीय ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार के लिए, बड़े नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टरों की तुलना में SMR तकनीक ज्यादा सरल और अंतर्निहित रूप से सुरक्षित मौका उपलब्ध कराती है. SMR को कम ईंधन और कम जगह की ज़रूरत होती है.

निष्कर्ष    

SMR ने जो मौके पेश किये हैं उन्हें देखते हुए, बढ़ती वैश्विक ऊर्जा ज़रूरतों और साथ ही साथ निम्न-कार्बन ऊर्जा के विकल्पों की तलाश के लिए SMR तकनीकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. नाभिकीय ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार के लिए, बड़े नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टरों की तुलना में SMR तकनीक ज्यादा सरल और अंतर्निहित रूप से सुरक्षित मौका उपलब्ध कराती है. SMR को कम ईंधन और कम जगह की ज़रूरत होती है. इनका वैश्विक रूप से बड़े-पैमाने पर फैक्ट्री में उत्पादन, परिवहन, और स्थापन संभव है. अर्जेंटीना, कनाडा, चीन, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की ओर से SMR में दिखायी जा रही दिलचस्पी और सक्रिय भागीदारी को देखते हुए, एक व्यवहार्य ऊर्जा विकल्प के रूप में नाभिकीय ऊर्जा का भविष्य SMR तकनीक की संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर साकार करने पर टिका हुआ है. सभी की स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच के टिकाऊ विकास लक्ष्य (SDG 7) को हासिल करने के लिए, ऊर्जा की मांग पूरी करने में SMR और नाभिकीय ऊर्जा, पवन व सौर जैसे दूसरे अक्षय (renewables) विकल्पों के मुक़ाबले, ज्यादा दक्षता और लचीलेपन की पेशकश करते हैं. 

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Pulkit Mohan is the Head of Forums at ORF. She is responsible for the ideation curation and execution of ORFs flagship conferences. Her research focuses include ...

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