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एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की जलवायु से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने में वित्तीय तौर पर मदद करने के मामले में ADB की क्षमता को बढ़ाने में IF-CAP एक प्रमुख ज़रिया हो सकता है.
जलवायु परिवर्तन के संकट के ख़िलाफ़ दुनिया की कोशिश में हार या जीत का फ़ैसला एशिया में होगा. वो एशिया जहां दुनिया की कुल आबादी के 60 प्रतिशत लोग रहते हैं और जहां सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली कुछ अर्थव्यवस्थाएं हैं. एशिया में ऐसे देश भी हैं जो ऊर्जा की ज़्यादा खपत करते हैं और इनमें से ज़्यादातर ऊर्जा जीवाश्म ईंधन से मिलती है. एशिया अब दुनिया में लगभग 45 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार है.
इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर यानी आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र के मुताबिक़ आपदा की वजह से दुनिया में होने वाला ज़्यादातर विस्थापन, जो कि मुख्य रूप से पर्यावरण और मौसम से जुड़ी घटनाओं की वजह से होता है, एशिया में होता है.
इन बातों के साथ-साथ एशिया जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक असर को लेकर बेहद असुरक्षित है. आधी सदी तक पानी का बढ़ता स्तर एशिया में लगभग एक अरब लोगों पर असर डालेगा. इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर यानी आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र के मुताबिक़ आपदा की वजह से दुनिया में होने वाला ज़्यादातर विस्थापन, जो कि मुख्य रूप से पर्यावरण और मौसम से जुड़ी घटनाओं की वजह से होता है, एशिया में होता है.
जलवायु परिवर्तन के मुताबिक़ बदलने और उसके असर को कम करने के मामले में एशिया में सरकारी और निजी निवेश में बढ़ोतरी हो रही है लेकिन ये निवेश उतना पर्याप्त नहीं है कि इस चुनौती की भयावहता का जवाब दे सके. इस तरह ये एक स्वागत योग्य ख़बर है कि एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने कई देशों की सरकारों के साथ साझेदारी करके फंडिंग की एक व्यवस्था तैयार की है जो एशिया में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. फंडिंग की इस व्यवस्था को इनोवेटिव फाइनेंस फैसिलिटी फॉर क्लाइमेट इन एशिया एंड द पैसिफिक (IF-CAP) का नाम दिया गया है. ADB ने इस नई सुविधा की व्यवस्था को परिभाषित करते हुए एक दस्तावेज़ प्रकाशित किया है.
मनीला में स्थित मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक (MDB) की IF-CAP के लिए योजना है कि ये फंड कुल मिलाकर 33 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचे. IF-CAP एक गारंटी की व्यवस्था की शुरुआत करेगा जहां फाइनेंसिंग पार्टनर से 1 अमेरिकी डॉलर की गारंटी पूरे एशिया में जलवायु के मुताबिक़ बदलने और राहत देने की परियोजनाओं के लिए 5 अमेरिकी डॉलर तक नये कर्ज़ के रूप में इकट्ठा करेगी.
इस तरह की परिस्थितियों का फ़ायदा उठाकर ADB जलवायु से जुड़ी मुहिम की फंडिंग के लिए 15 अरब अमेरिकी डॉलर तक इकट्ठा कर सकता है. इस आंकड़े को अगर परिप्रेक्ष्य में देखें तो 2022 में सभी काम-काज के लिए अपने संसाधनों से ADB की कुल वित्तीय ज़िम्मेदारी 20.5 अरब अमेरिकी डॉलर थी. IF-CAP मज़बूती से ADB की क्षमता में बढ़ोतरी करता है कि वो एशिया के विकासशील देशों को जलवायु की चुनौतियों का समाधान करने में वित्तीय मदद दे सके. इस सुविधा के तैयार होने का ये भी मतलब है कि ADB अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में पहला संस्थान है जिसने फाइनेंशियल इनोवेशन के इस्तेमाल का विस्तार करने के लिए MDB के निवेश की क्षमता पर G20 के विशेषज्ञों की समिति की सिफ़ारिश पर प्रतिक्रिया दी है
IF-CAP जलवायु के मुताबिक़ बदलने और राहत देने की परियोजनाओं के लिए संसाधनों को इकट्ठा करने की एक व्यापक व्यवस्था के रूप में काम करता है. इस व्यापक व्यवस्था के तहत IF-CAP गारंटी ट्रस्ट फंड है जो भुगतान में डिफॉल्ट को लेकर ADB को गारंटी मुहैया कराएगा. ADB के द्वारा किसी विकासशील देश को दिए गए कर्ज़ की गारंटी मिलने से वहां ADB की जो पूंजी मौजूदा समय में आवंटित की गई है, उसका एक हिस्सा जारी हो जाएगा. ये जारी की गई पूंजी तब ADB को इस बात की इजाज़त देगी कि वो किसी दूसरे विकासशील देश या प्राइवेट सेक्टर के लिए जलवायु कर्ज दे सके. ये सुविधा पांच साल की निवेश अवधि के दौरान परियोजनाओं को फाइनेंस करेगी लेकिन गारंटी 25 साल के लिए अमल में रहेगी.
IF-CAP में एक मल्टी-डोनर ग्रांट ट्रस्ट फंड भी शामिल है जो परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहायता का समर्थन करता है और परियोजनाओं के हिस्सों के लिए ग्रांट यानी अनुदान देता है. वित्तीय साझेदार IF-CAP ग्रांट ट्रस्ट फंड में नकद ग्रांट का योगदान करेंगे ताकि प्रोजेक्ट की तैयारी, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता के ज़रिए जानकारी से जुड़े समाधान के लिए फाइनेंस किया जा सके. ग्रांट का इस्तेमाल प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने में या ज़्यादा असरदार जलवायु परियोजनाओं की लागत और जोखिम को कम करने में भी किया जा सकता है.
इसके अलावा, ADB डोनर ट्रस्ट फंड और व्यवस्था का ढांचा स्थापित करेगा. साथ ही फाइनेंसिंग पार्टनरशिप के दूसरे तरीक़ों जैसे कि ग्रांट, गारंटी और इसी तरह की दूसरी व्यवस्थाएं बनाएगा जो IF-CAP के उद्देश्यों और लक्ष्यों का समर्थन करती हैं. IF-CAP सरकारी और प्राइवेट स्रोतों से योगदान हासिल करके IF-CAP के तहत स्थापित या भाग लेने वाले हर ट्रस्ट फंड और दूसरी वित्तीय साझेदारी व्यवस्थाओं (जिनमें गारंटी शामिल है) को वितरित करेगा.
इस सुविधा में ज़्यादातर योगदान गारंटी या ग्रांट के रूप में होगा. जिन देशों की सरकारों ने IF-CAP में योगदान देने का वादा किया है (या उसके बारे में सोच रहे हैं), उनकी जानकारी IF-CAP के आधिकारिक लॉन्च के दौरान वक़्ताओं की सूची से संभवत: हासिल की जा सकती है. ये कार्यक्रम 6 मई 2023 को दक्षिण कोरिया में आयोजित हो रहा है. डेनमार्क, जापान, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के अधिकारी लॉन्च के मौक़े पर मौजूद रहेंगे.
सभी विकासशील देश जो कि ADB से सहायता हासिल करने के पात्र हैं, वो IF-CAP से मदद हासिल करने के लिए भी योग्य हैं. ADB उन परियोजनाओं के प्रस्ताव को चुनेगी जो डोनर कमेटी (नीचे देखें) के साथ कसौटी को लेकर बनी सहमति पर आधारित हैं. सामान्य रूप से परियोजनाओं को पेरिस समझौते और ADB की उचित रणनीतियों एवं नीतियों के मुख्य उद्देश्यों के साथ रखा जाएगा.
अगर डोनर कमेटी कुछ अलग फ़ैसला नहीं करे तो सरकारी और प्राइवेट- दोनों तरह की परियोजनाओं के लिए IF-CAP की फंडिंग उपलब्ध रहेगी. IF-CAP के समर्थन को ADB के दूसरे संसाधनों और द्विपक्षीय या बहुपक्षीय सहायता के तरीक़ों के साथ जोड़ा जा सकता है और केंद्र एवं राज्य सरकारों, सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट सेक्टर और ADB से सहायता हासिल करने के योग्य दूसरे संस्थानों को मुहैया कराया जा सकता है.
IF-CAP के काम-काज को लेकर रणनीतिक सलाह देने के लिए वार्षिक आधार पर विकासशील देशों, वित्तीय साझेदारों और दूसरे भागीदारों के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक रणनीतिक साझेदारों का मंच बनाया जा सकता है. इसकी नज़र उपलब्ध फंड के मुताबिक़ जलवायु और विकास से जुड़ी ज़रूरतों को एक सीध में रखना है. रणनीतिक साझेदारों के मंच की सह अध्यक्षता विकासशील देश के एक प्रतिनिधि और वित्तीय साझेदार के एक प्रतिनिधि करेंगे.
IF-CAP से उम्मीद की जा रही है कि वो फाइनेंस करने का एक प्रमुख ज़रिया बनेगा जिसका इस्तेमाल करके ADB न सिर्फ़ 2019-2030 के बीच जलवायु वित्त के मामले में कुल मिलाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अपनी पुरानी महत्वाकांक्षा को हासिल कर सकता है बल्कि उसके आगे भी जा सकता है.
IF-CAP के ढांचे में वित्तीय योगदान देने वालों (डोनर कमेटी) की एक समिति शामिल होगी जो ख़ास तौर पर गारंटी एवं ग्रांट के फंड से जुड़ी बातों, IF-CAP के ढांचे और गवर्नेंस के मामलों को लेकर फ़ैसला लेगी. डोनर कमेटी IF-CAP के काम-काज को लेकर सामान्य रूप-रेखा तय करेगी लेकिन लागू करने के क्षेत्रों जैसे कि किसी परियोजना के चयन या आकार देने में शामिल नहीं होगी. डोनर कमेटी अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने में रणनीतिक साझेदारों के मंच की सलाह पर विचार करेगी. डोनर कमेटी की अध्यक्षता ADB के पास होगी जबकि IF-CAP के एक वित्तीय साझेदार को सह-अध्यक्षता मिलेगी. बाक़ी वित्तीय साझेदार डोनर कमेटी के सदस्य या पर्यवेक्षक होंगे.
IF-CAP के 5 साल की निवेश अवधि के पूरा होने के बाद डोनर कमेटी तय करेगी कि IF-CAP के निवेश को जारी रखा जाए या ख़त्म कर दिया जाए. डोनर कमेटी का फ़ैसला जो भी हो लेकिन वित्तीय साझेदारों के द्वारा द्विपक्षीय या IF-CAP गारंटी ट्रस्ट फंड के ज़रिए जारी गारंटी 25 साल की निर्धारित समय-सीमा पूरी होने तक प्रभावी रहेगी जब तक कि इसके विपरीत सहमति न बने.
IF-CAP से उम्मीद की जा रही है कि वो फाइनेंस करने का एक प्रमुख ज़रिया बनेगा जिसका इस्तेमाल करके ADB न सिर्फ़ 2019-2030 के बीच जलवायु वित्त के मामले में कुल मिलाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर की अपनी पुरानी महत्वाकांक्षा को हासिल कर सकता है बल्कि उसके आगे भी जा सकता है. ये दूसरे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को भी इसी तरह की जलवायु वित्त की सुविधा को तैयार करने के लिए प्रेरित कर सकता है.
बार्ट एडेस कनाडा के एशिया पैसिफिक फाउंडेशन में प्रतिष्ठित फेलो हैं. साथ ही मैकगिल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस हैं.
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Bart des a former Director in the Asian Development Bank's Sustainable Development and Climate Change Department is now a Distinguished Fellow at the Asia Pacific ...
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