Published on Sep 02, 2023 Updated 0 Hours ago

तीनों उम्मीदवारों में से प्रत्येक द्वारा टेबल पर कुछ नया लाने की वजह से,ताइवानी मतदाताओं को आगामी राष्ट्रपति चुनावों में पर्याप्त विकल्प मिलते हैं.

आइये जानते हैं कौन-कौन हैं ताइवान के 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार?

ताइवान में नवंबर 2022 के स्थानीय 9-इन-1 चुनावों के बाद से काफी कुछ बदल चुका है. इसके लिये 9 इन 1 शब्दका इस्तेमाल इसलिये किया जाता है, क्योंकि22 शहर और स्थानीय काउंटी मिलकर नौ अलग-अलग स्थानीय सरकारी पदों के लिए,जिसमें शहर के महापौर और कई अन्य पद शामिल हैं, उसके लियेसभी एक साथ मिलकर मतदान करते हैं, इसलिए . “9-इन-1” शब्द का उपयोग किया जाता है. जैसे-जैसे 2024 के राष्ट्रपति चुनावों की तारीख-13 जनवरी 2024– के नज़दीक आती जा रही है, ताइवान की राजनीति के विशेषज्ञों को ये तलाश है कि ताइवान की जनता बहुप्रतीक्षित तीन-तरफा दौड़ में किस तरह से मतदान करती है.

दौड़ में शामिल तीन उम्मीदवारों में से दो पारंपरिक दो दलों के हैं-कुओमिनटांग (केएमटी) के लिए होउ यू-यी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP)के लिए लाई चिंग-ते. वर्ष 2019 में नवगठित तीसरी वैकल्पिक पार्टी, ताइवान पीपुल्स पार्टी (टी. पी. पी.) ने, को वेन-जे को अपना उम्मीदवार बनाया है. एक नए उम्मीदवार होने के कारण, कई लोगों को इस बात का संदेह है कि टीपीपी आगामी चुनाव में मतदाताओं को एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करने में सक्षम होगी. इस तीन-तरफा दौड़ का रोमांचक हिस्सा यह है कि सभी उम्मीदवार या तो वर्तमान के या पूर्व के महापौर हैं.

ताइवान में काफी सारे प्रमुख मुद्दे हैं जो स्थिर तनख्व़ाह और घरों की ऊंची कीमतों से लेकर पेंशन पॉलिसी और अर्थव्यवस्था तक फैली हुई है, और उन्हीं में कुछ प्रमुख मुद्दों और मुख्यतः प्रत्येक उम्मीदवारों के नीतिगत दृष्टिकोणों की जांच हम इस लेख में करेंगे.

हालांकि, ताइवान में काफी सारे प्रमुख मुद्दे हैं जो स्थिर तनख्व़ाह और घरों की ऊंची कीमतों से लेकर पेंशन पॉलिसी और अर्थव्यवस्था तक फैली हुई है, और उन्हीं में कुछ प्रमुख मुद्दों और मुख्यतः प्रत्येक उम्मीदवारों के नीतिगत दृष्टिकोणों की जांच हम इस लेख में करेंगे. जो कि मुख्य तौर पर क्रॉस- स्ट्रेट संबंधों और ताइवान के घरेलू मुद्दों के लिए कितनामायने रखता है, इसकी जांच करेगा.

केएमटी: होउ यू-यी (वर्तमान न्यू ताइपेई नगर महापौर, 2018 से वर्तमान तक)

23 जुलाई 2023 को पार्टी के कॉकस में केएमटी के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होउ की घोषणा एक चुनौती के अलावा और कुछ नहीं थी. नामांकन के लिए उनके प्रतिद्वंद्वी, फॉक्सकॉन के संस्थापक, टेरी गौ, ताइशांग का एक हिस्सा हैं (जो चीन में ताइवानी व्यापारिक समुदाय)और उन्होंने पहले दावा किया था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा क्योंकि वह स्वतंत्रता की घोषणा नहीं करेंगे.

2018 के बाद से ताइवान के सबसे बड़े शहर के मेयर होने के नाते, होउ को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जिसने विवादों को जन्म दिया है. ऐसे समय में जब केएमटी नेताओं को चीन के करीब होने के लिए दोषी ठहराया जा रहा है,उस वक्त होउ की क्रॉस-स्ट्रेट नीति विशाल जनता की अपेक्षाओं, जो कि स्वतंत्रता को नकार कर के यथास्थिति को बनाए रखने के विश्वास के अनुरूप रही है. अपने नामांकन की दौड़ के दौरान, होउ ने कहाकि, “ताइवान की स्वतंत्रता का कोई कानूनी आधार नहीं है, इसलिए मैं इसका विरोध करता हूं.” उन्होंने आगे अपनी बात जोड़ते हुए कहा, “चीन गणराज्य (आरओसी) हमारा देश है और ताइवान हमारा घर. हमें अपने घर के साथ-साथ अपने देश की भी अच्छी देखभाल करनी होगी.” होउ की नीति, क्रॉस-स्ट्रेट पर पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जियोके विचारों का अनुसरण करती है, जिन्होंने कहा कि आरओसी एकमात्र चीन और उनका घर है.

ताइवान पहले से ही एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है और इसलिए उसे अपनी स्वतंत्रता की घोषणा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.” बाद में मई 2023में, लाई ने चीन के” वन चाइना या एक चीन” के सिद्धांत और “1992 की सर्वसम्मति” पर अपनी आपत्तियों/पूर्वाग्रहों को साझा किया और जलसंधि क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का समर्थन किया.

होउ की एक और नीति जिसने सुरक्षा विश्लेषकों की भौहें तान दी हैं, वह यह है कि उसके निर्वाचित होने की सूरत में चार महीने पुरानी सैन्य भर्ती को वापस लाना.होउ ने ज़िक्र करते हुए कहा किडीपीपी के अंतर्गत बढ़ते क्रॉस-स्ट्रेट तनाव के कारण, अनिवार्य भर्ती की प्रक्रिया में एक वर्ष की वृद्धि हुई, और वह इस क्षेत्र में सामान्य स्थिति वापस स्थापित चाहते हैं, जिससे कि वह अनिवार्य भर्ती को चार महीने तक कम करने में सक्षम हो पायें.

इस कदम को होउ के नेतृत्व वाली केएमटीखेमे द्वारा जबरन भर्ती से प्रभावित, युवा मतदाताओं को वापस लाने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है, और केएमटी को एक ऐसी पार्टी के तौर पर देखा जाना चाहिए जो अपनी नीति के ज़रिए चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के पक्ष में जाता हुआ दिख रहा है. यदि होउ अगले राष्ट्रपति के रूप में चुने जाते हैं, तो इस तरह का निर्णय निश्चय ही ताइवान की रक्षा की तैयारियों को गंभीर रूप से बाधित करेगी,जो पहले से ही कार्यबल की गंभीर कमी का सामना कर रहा है.

डीपीपी: लाई चिंग-ते (तैनान के पूर्व महापौर, 2010 – 2017)

दक्षिण में ताइनान शहर के पूर्व महापौर लाई चिंग-ते के पास विशाल राजनीतिक अनुभव है. साई इंग-वेन के अंतर्गत, उन्हें वर्तमान डीपीपी सरकार द्वारा वर्ष 2017-2019 तक प्रीमियर नियुक्त किया गया था, जब तक कि उन्होंने डीपीपी के 2020 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन के लिए अपनी बोली शुरू नहीं की. साई द्वारा पराजित किए जाने के बाद, उन्हें ताइवान के उपराष्ट्रपति का पद भी दिया गया था.

लाई को डीप ग्रीन या “गहरे हरे” कैंप में से एक के रूप में देखा जाता है. (ताइवान को स्वतंत्र घोषित करने के लिए प्रतिबद्ध). क्रॉस-स्ट्रेट संबंधों पर उनके बयानों ने कई मौकों पर हलचल मचा दी है.

ताइवान की स्वतंत्रता की ओर झुकाव न केवल चीन के साथ बल्कि अमेरिका के साथ भी काफी हलचल पैदा करेगा,जिनमें कि बाद वाले उनकी सुरक्षा और यथास्थिति की प्रमुख गारंटी देते हैं.

2017 में, लाई को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि वह “ताइवान की स्वतंत्रता के लिए एक व्यावहारिक कार्यकर्ता” और “ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले एक राजनीतिज्ञ हैं” और अपने “इस रुख़ को वो कभी नहीं बदलेंगे, चाहे किसी भी पद पर क्यों न रहें.” बाद में, 18 जनवरी 2023 को डीपीपी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, लाई ने कहा, “ताइवान पहले से ही एक संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र है और इसलिए उसे अपनी स्वतंत्रता की घोषणा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.” बाद में मई 2023में, लाई ने चीन के” वन चाइना या एक चीन” के सिद्धांत और “1992 की सर्वसम्मति” पर अपनी आपत्तियों/पूर्वाग्रहों को साझा किया और जलसंधि क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखने का समर्थन किया.

राष्ट्रपति साई के नक्शेकदम पर चलते हुए, लाई को सहयोगी राष्ट्र के राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह के दौरान वहां जाते हुएपराग्वे की यात्रा करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) में एक “ट्रांज़िट स्टॉप” का संचालन करने का आरोप लगाया जाता है. जुलाई 2023 में, लाई फिर से विवाद में आ गए जब उनके एक अभियान के कार्यकर्ता ने कथित तौर पर ये बयान दिया कि, “जब ताइवान के राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में प्रवेश कर सकते हैं, तो हम जिस राजनीतिक लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं वह हासिल हो जाएगा”, जिसके कारण वॉशिंगटन द्वारा उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया.

क्रॉस-स्ट्रेट में सुरक्षा मुद्दों के संबंध में, लाई इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं कि अधिकांश जनता एक साल की सैन्य भर्ती के पक्ष में है. इस कदम को ताइवान के आसपास बढ़ती चीनी आक्रामकता की प्रतिक्रिया स्वरूप भी देखा जा रहा है. ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) को बार-बार पार करने और द्वीप की परिक्रमा करने वाले युद्धपोतों के साथ, एकनये तरह की सामान्य अवस्था बन गयी है, जो बीजिंग की तरफ से बनाया जा रहा है, उसने ताइवान और उसके समर्थकों में एक किस्म की तात्कालिकता की भावना पैदा कर दी है.

टीपीपी: को वेन-जे (ताइपेई शहर के भूतपूर्व महापौर, 2014-2022)

नवगठित टीपीपी पार्टी को आगामी चुनाव में एक कमतर दल के तौर पर आंका जा रहा है. इनके नेता को वेन-जे ने डीपीपी और केएमटी राजनीतिक पार्टीका विकल्प तैयार करने के लिए व्यापक प्रशंसा मिली है, जिस वजह से वह 2014-2022 तक के लिए, ताइपे शहर के मेयर भी चुने गए हैं.

ताइवान के क्षेत्र और दुनिया के लिए राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. इस चुनाव में जिसकी भी जीत होती है, उसे ताइवान के आसपास बढ़ती चीनी सैन्य गतिविधियों की एक नई वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा.

ताइपे शहर के महापौर के तौर पर, को वेन-जे ने संयुक्त रूप से शंघाई में अपने समकालीनों के साथ एक वार्षिक जुड़वां-शहर मंका आयोजन किया और महापौर के रूप में 18 बार चीन का दौरा किया है. यह उनके “व्यवसाय पहले, राजनीति बाद में” ढांचे को ज़ाहिर करता है. अपने चुनाव अभियानों के तहत, को वेन-जे’ ने दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को कम करने के उद्देश्य से वार्ता पर विशेष ज़ोर दिया है. को वेन-जे’ चीन का सामना करते समय “प्रतिरोध और संवाद के मिश्रण” पर विश्वास करते हैं.

को वेन-जे’ ये महसूस करते हैं कि ताइवान की स्वतंत्रता की ओर झुकाव न केवल चीन के साथ बल्कि अमेरिका के साथ भी काफी हलचल पैदा करेगा,जिनमें कि बाद वाले उनकी सुरक्षा और यथास्थिति की प्रमुख गारंटी देते हैं. इसने उन्हें जलसंधि वाले इलाके के दोनों ओर आपसी विश्वास कायम करने और चीन से निपटने के लिए एक नए दृष्टिकोण के लिए प्रेरित किया है. “1992 की सर्वसम्मत” के सवाल पर, को वेन-जे’ का मानना है कि चीन ने कभी भी अपनी ओर से सर्वसम्मति या आम सहमति की व्याख्या को स्पष्ट नहीं किया है. उनका मानना है कि समय के साथ, ताइवान और चीन के बीच जुड़ाव पुराने समझौतों के बजाय वर्तमान ज़मीनी वास्तविकताओं पर होना चाहिए.

हालांकि अपनी शर्तों पर स्पष्ट, को वेन-जे’ के नेतृत्व वाली टीपीपी, केएमटी और डीपीपी कैंप से मतदाताओं को आकर्षित करने वाला तीसरा मोर्चा साबित हो सकता है. को वेन-जे’ ने अपनी आगामी “कलर रेवोल्यूशन यानी रंग क्रांति” में, पार्टी की मेंबरशिपको किनारे रखते हुए, “ताइवान” को एक साथ विकसित करने का प्रस्ताव दिया है. हालाँकि, यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया है कि इसे तब अमल किया जाएगा को वेन-जे’ को राष्ट्रपति पदमिल जाएगा.

नए अप्रवासी

सामान्य ताइवानी जनता के अलावा, ताइवान में “नए आप्रवासियों” की एक नई और बढ़ती तादाद है. मुख्य रूप से ये दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के नागरिक हैं जिन्होंने शादी और/या दीर्घकालिक प्रवास के माध्यम से ताइवान की नागरिकता प्राप्त की है. उनमें से कुछ के बच्चे पहले से ही ताइवान में शिक्षा प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर हैं. उपलब्ध नवीनतम (नवंबर 2022) आंकड़ों के अनुसार – 23 मिलियन आबादी में से 571,595 यानि देश के नए अप्रवासी नागरिक, कुल आबादी का 2.5प्रतिशत हैं. इन छोटे अंशों में से, 1.5 प्रतिशत या 289,024 वोट देने के योग्य हैं. हालांकि, वे कुल मतदाताओं का एक छोटा सा हिस्सा हैं,फिर भी, ताइवान के नए नागरिक उन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के दौरान महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं जो आमतौर पर बराबरी की संख्या में मतदान में हिस्सा लेते हैं.

दशकों से बढ़ते संबंधों और दक्षिण पूर्व एशिया पर केंद्रित ध्यान और 2016 में हाल ही में नई दक्षिण-प्रेरित नीति (एनएसपी) के साथ, यह क्षेत्र ताइवान के ताइशांग समुदाय के लिए चीन से स्थानांतरित होने के विकल्पों में से एक बन गया है. ताइवान के केंद्रीय चुनाव आयोग (सी. ई. सी.) ने नए अप्रवासी समुदाय को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए नियमित रूप से “वोट कैसे करें” अभियान की शुरुआत की हैं. केएमटी और डीपीपी सरीखी राजनीतिक दल धीरे-धीरे उन देशों में अपने कार्यालयों की स्थापना कर रही है जहाँ से ये अप्रवासी आते हैं और चुनावों के लिए समर्थन और धन उगाही का लक्ष्य रखते हैं. हालांकि, टीपीपी इस खेल के लिए बिल्कुल ही नया है, लेकिन वह इन देशों में कार्यालय स्थापित करने में भी बहुत दूर नहीं होगा और यही लक्ष्य वो तय करेगा.

सारांश

ताइवान के क्षेत्र और दुनिया के लिए राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. इस चुनाव में जिसकी भी जीत होती है, उसे ताइवान के आसपास बढ़ती चीनी सैन्य गतिविधियों की एक नई वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा. नए राष्ट्रपति के तौर पर, उनका सबसे पहला कार्य होगा, ताईवानी जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की ज़रूरत के लिए, इस तरह की सैन्य कार्रवाइयों को कम करना. उम्मीदवार अपने बयानों और दृष्टिकोण के साथ उतार-चढ़ाव करते रहेंगे, लेकिन 20 मई 2024 को एक बार राष्ट्रपति पद संभालते ही इस वास्तविकता का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.

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