Published on May 04, 2023 Updated 0 Hours ago

डिजिटल असेट्स को लेकर हॉन्ग कॉन्ग में चीन का प्रयोग पूरे विश्व के लिए एक दिलचस्पी का विषय है क्योंकि ये बेहतर नीति तैयार करने में मदद कर सकता है.

क्या हॉन्ग कॉन्ग चीन के लिए क्रिप्टो के प्रयोग की जगह है?

एक उथल-पुथल और अनिश्चित विश्व में क्रिप्टो इंडस्ट्री क़िस्मत के उतार-चढ़ाव के असर से बची नहीं रही है. लेकिन अव्यवस्था के बीच भी हॉन्ग कॉन्ग ने डिजिटल असेट्स के लिए एक केंद्र बनने को लेकर दृढ़तापूर्वक संकल्प ले रखा है. हॉन्ग कॉन्ग की ये महत्वाकांक्षा मेनलैंड चीन के पूरी तरह विपरीत है जहां सरकार ने क्रिप्टो से जुड़ी हर तरह की गतिविधि पर रोक लगा रखी है. जून में हॉन्ग कॉन्ग उन रेगुलेशन को लागू करेगा जिनके तहत क्रिप्टो के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए सिक्योरिटी एंड फ्यूचर्स कमीशन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. रेगुलेटर ने वर्चुअल असेट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने के अपने प्रस्ताव पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. इस तरह चीन के इस विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में डिजिटल करेंसी के हर समय बदलते परिदृश्य में एक नए अध्याय की शुरुआत की हुई है

क्रिप्टो को नज़दीकी रूप से विनियामक छानबीन के अधीन लाने के इस क़दम पर निगरानी रखते हुए चीन की सरकार सामान्य रूप से क्रिप्टो करेंसी और वेब 3 की दुनिया में हॉन्ग कॉन्ग के प्रवेश पर भी गहरी नज़र रखे हुए है. विश्लेषकों का मानना है कि चीन ग़ौर से देख रहा है कि हॉन्ग कॉन्ग का क्रिप्टो रेगुलेशन बाज़ार को कैसे प्रभावित करेगा.

क्रिप्टो को नज़दीकी रूप से विनियामक छानबीन के अधीन लाने के इस क़दम पर निगरानी रखते हुए चीन की सरकार सामान्य रूप से क्रिप्टो करेंसी और वेब 3 की दुनिया में हॉन्ग कॉन्ग के प्रवेश पर भी गहरी नज़र रखे हुए है. विश्लेषकों का मानना है कि चीन ग़ौर से देख रहा है कि हॉन्ग कॉन्ग का क्रिप्टो रेगुलेशन बाज़ार को कैसे प्रभावित करेगा. अगर हॉन्ग कॉन्ग का विनियामक दृष्टिकोण सफल साबित होता है तो ये चीन के दूसरे क्षेत्रों में भी नीति बनाने में मदद करेगा. क्रिप्टो करेंसी के अलावा चीन की नज़र हॉन्ग कॉन्ग की क्रिप्टो से जुड़ी गतिविधियों पर भी है. इनमें क्रिप्टो से जुड़े नये उत्पाद को जारी करना और ब्लॉकचेन आधारित समाधान शामिल हैं

वेब 3 क्या है? 

वेब 3, जिसे विकेंद्रित वेब के रूप में भी जाना जाता है, का मतलब इंटरनेट की एक नई पीढ़ी है जो यूज़र और एप्लीकेशन के बीच विकेंद्रीकृत और पीयर-टू-पीयर संपर्क को सक्षम बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती है. वेब 2.0, जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां भारी मात्रा में यूज़र के डेटा और ऑनलाइन अनुभव पर नियंत्रण रखती है, से हटकर वेब 3 का वादा है कि वो यूज़र को उनके डेटा और बातचीत को लेकर ज़्यादा नियंत्रण और स्वामित्व प्रदान करेगा. ये एथेरियम और IPFS जैसे विकेंद्रीकृत प्रोटोकॉल और प्लेटफॉर्म का उपयोग करके संभव बनाया गया है जो विकेंद्रीकृत एप्लीकेशन (डीऐप्स) बनाने और क्रिप्टो करेंसी लेन-देन के ज़रिए वैल्यू के एक्सचेंज की इजाज़त देते हैं. वेब 3 में ये क्षमता है कि वो वित्त से लेकर सोशल मीडिया तक उद्योगों की एक व्यापक श्रृंखला को बदल दे और इनोवेशन एवं सहयोग के लिए नए अवसरों का निर्माण कर सके

प्रस्तावित नियंत्रण 

हॉन्ग कॉन्ग के ताज़ा क्रिप्टो रेगुलेशन में ये निर्धारित किया गया है कि यहां संचालित होने वाली केंद्रीकृत वर्चुअल करेंसी या यहां के निवेशकों के लिए मार्केटिंग सेवाएं सिक्युरिटीज़ एंड फ्यूचर्स कमीशन से हर हाल में लाइसेंस हासिल करें. नये रेगुलेशन में संपत्ति की सुरक्षा से जुड़े उपाय, ग्राहक की पहचान, विवाद का समाधान, साइबर सुरक्षा, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, जोखिम प्रबंधन, मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद से मुक़ाबला और बाज़ार में अनियमितता को नाकाम करना शामिल हैं. विनियमन का लक्ष्य क्रिप्टो करेंसी उद्योग में इनोवेशन और विकास को बढ़ावा देते हुए निवेशकों की सुरक्षा करना है. इसे हॉन्ग कॉन्ग को ब्लॉकचेन और क्रिप्टो से जुड़े व्यवसायों के लिए एक अधिक आकर्षक जगह बनाने के उद्देश्य से उठाए गए क़दम के रूप में स्वीकार किया गया है. अंत में ये चीन के दूसरे क्षेत्रों के लिए ब्लॉकचेन अनुकूल नीतियों को अपनाने में एक आदर्श रेगुलेशन के रूप में काम करेगा

इनोवेशन को वापस लाना? 

क्रिप्टो ट्रेडिंग पर चीन की कार्रवाई के बाद यहां की क्रिप्टो कंपनियों को अपना व्यवसाय विदेशों में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कई कंपनियों ने ऐसी जगहों पर अपना ठिकाना स्थापित करने का विकल्प चुना है जिनकी नीतियां क्रिप्टो ट्रेडिंग के अनुकूल हैं. इनोवेशन पर ज़्यादा काम करने वाली कुछ कंपनियों ने सिंगापुर और दुबई जैसी जगहों में अपना नया दफ़्तर स्थापित किया है जबकि उनके डेवलपर चीन में ही हैं. क्रिप्टो करेंसी के लिए हॉन्ग कॉन्ग की ज़्यादा नरम नियामक रूपरेखा बाहर का रुख़ करने वाली इन कंपनियों में से कुछ को वापस अपने देश लौटने के लिए लुभा सकती हैं. वैसे तो हाल के दिनों में बाज़ार के उथल-पुथल को देखते हुए व्यक्तिगत निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग की अस्थिरता से बचाने का चीन का क़दम समझदारी से भरा लगता है लेकिन चीन वेब 3 में बढ़ती दिलचस्पी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है क्योंकि ये जल्द ही बेहद सफल बनने वाला है जिसका उपयोग पूरी दुनिया करेगी. 

हाल के दिनों में बाज़ार के उथल-पुथल को देखते हुए व्यक्तिगत निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग की अस्थिरता से बचाने का चीन का क़दम समझदारी से भरा लगता है लेकिन चीन वेब 3 में बढ़ती दिलचस्पी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है क्योंकि ये जल्द ही बेहद सफल बनने वाला है जिसका उपयोग पूरी दुनिया करेगी.

दुनिया के लिए सबक़

डिजिटल असेट रेगुलेशन को लेकर हॉन्ग कॉन्ग में रेगुलेटरी घटनाक्रम केवल चीन के लिए बल्कि भारत और दुनिया के बाक़ी देशों के लिए भी एक पहेलीनुमा परिस्थिति प्रस्तुत करते हैं. विश्व के सबसे बड़े वित्तीय केंद्रों में से एक के रूप में हॉन्ग कॉन्ग का वैश्विक वित्तीय परिदृश्य पर महत्वपूर्ण असर है. डिजिटल असेट रेगुलेशन को हॉन्ग कॉन्ग किस तरह शामिल करता है और उसके साथ सामंजस्य स्थापित करता है, उसका वैश्विक वित्तीय और रेगुलेटरी निर्देश- दोनों के संदर्भ में बाक़ी दुनिया के लिए दूरगामी नतीजे होंगे. इस तरह की जानकारी दुनिया भर के नीति निर्माताओं के लिए मददगार हैं क्योंकि डिजिटल असेट के रेगुलेशन को लेकर कोई एक मानक नहीं है बल्कि प्रमुख सिद्धांत है जो नीति बनाने में काम आते हैं. नीति बनाने में मददगार इन सिद्धांतों के पारस्परिक प्रभाव को समझने से नियामकों को उनके देश के लिए अनूठा समाधान विकसित करने में सहायता मिलेगी.

ज़रूरी नहीं कि डिजिटल असेट का उदय वर्तमान वित्तीय प्रणाली को कमज़ोर करे बल्कि ये परंपरागत वित्त का एक विकल्प पेश करता है. क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉकचेन आधारित टोकन में वित्त की कार्यक्षमता, उपलब्धता और सुरक्षा में सुधार करने की संभावना है. हालांकि तेज़ी से बदलते वित्तीय परिदृश्य में प्रासंगिकता बने रहने के लिए परंपरागत वित्तीय प्रणाली को हर हाल में इन बदलावों के अनुकूल बन जाना चाहिए.

निगरानी और जांच 

जून में लागू होने वाले क्रिप्टो रेगुलेशन के बीच 80 से ज़्यादा विदेशी और चीन की कंपनियों ने हॉन्ग कॉन्ग में वेब 3 कंपनी शुरू करने को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखाई है. हॉन्ग कॉन्ग आर्थिक प्राधिकरण भी स्थिर मुद्रा को लेकर नियमों पर काम कर रही है. उम्मीद की जा रही है कि ये नियम 2024 तक लागू हो जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने वेब 3 इकोसिस्टम के विकास का समर्थन करने के लिए 50 मिलियन हॉन्ग कॉन्ग डॉलर (6.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किया है. हॉन्ग कॉन्ग के वित्त सचिव पॉल चैन ने फरवरी में 2023-2024 के बजट भाषण के दौरान ये जानकारी दी थी.

चीन के एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में हॉन्ग कॉन्ग को अपनी आर्थिक नीतियों और नियामक रूपरेखा में एक हद तक स्वायत्तता हासिल है. इसकी वजह से हॉन्ग कॉन्ग वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखने और दुनिया भर से पूंजी एवं प्रतिभा को आकर्षित करने में सफल रहा है. इस बीच मेनलैंड चीन ने इन उभरती तकनीकों जैसे कि ब्लॉकचेन एवं क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख़्त रेगुलेशन लागू करके और इनकी पहुंच को सीमित करके एक एहतियाती उपाय अपनाया है.

हाल के दिनों में बाज़ार के उथल-पुथल को देखते हुए व्यक्तिगत निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग की अस्थिरता से बचाने का चीन का क़दम समझदारी से भरा लगता है लेकिन चीन वेब 3 में बढ़ती दिलचस्पी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है क्योंकि ये जल्द ही बेहद सफल बनने वाला है जिसका उपयोग पूरी दुनिया करेगी.


चीन के नीति निर्माता ब्लॉकचेन के संभावित फ़ायदों जैसे कि पारदर्शिता में बढ़ोतरी, कार्यक्षमता में सुधार और लागत में कमी के बारे में जानते हैं. ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हॉन्ग कॉन्ग के नियामक दृष्टिकोण पर ध्यान देकर चीन के नीति निर्माता वित्तीय बाज़ार पर इन तकनीकों के असर की निगरानी और संभावित जोखिमों एवं लाभ का आकलन कर सकते हैं. अगर हॉन्ग कॉन्ग के रेगुलेशन इनोवेशन को बढ़ावा देने और निवेशकों की सुरक्षा करने में सफल साबित होते हैं तो ये चीन के लिए वेब 3 और ब्लॉकचेन के अनुकूल ज़्यादा नीतियों को अपनाने में आदर्श के रूप में काम कर सकते हैं.

डिजिटल असेट्स को लेकर हॉन्ग कॉन्ग में चीन का प्रयोग दुनिया के लिए दिलचस्पी का एक क्षेत्र है क्योंकि ये बेहतर नीति तैयार करने में मदद कर सकता है. इस क्षेत्र को रेगुलेट करना चाहिए या नहीं, ये सवाल जटिल है और क्रिप्टो इकोसिस्टम को नये उत्पादों को विकसित करने के लिए खुला छोड़ना शायद एक ख़तरनाक दृष्टिकोण है. सफलता और असफलता इनोवेशन एवं रेगुलेशन के महत्वपूर्ण पहलू हैं और ये नीति निर्माताओं के लिए दोनों के बीच गतिशील पारस्परिक प्रभाव से सीखने का एक और अवसर है

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