मालदीव गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति और संसद के स्पीकर महामहिम मोहम्मद नशीद, मॉरीशस गणराज्य के उप प्रधानमंत्री एवं स्थानीय सरकार में आपदा और ज़ोख़िम प्रबंधन मंत्री माननीय डॉ. मोहम्मद अनवर हुस्नू, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. समीर सरन और यहां मौजूद महामहिम राजदूत एवं उच्चायुक्त, रवांडा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य विशिष्ट प्रतिभागीगण, किगाली वैश्विक संवाद के इस दूसरे संस्करण में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे हार्दिंक प्रसन्नता हो रही है. इस संवाद का शीर्षक है- विकास वृद्धि और मानव पूंजी को उन्मुक्त करना. किगाली में इस महत्वपूर्ण संवाद की मेज़बानी करते हुए हमें वास्तव में बेहद ख़ुशी महसूस हो रही है.
पिछले संवाद के बाद से विश्व ने कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभावों की वजह से उत्पन्न हुई आर्थिक दुश्वारियों को देखा है. यूक्रेन में युद्ध ने इन परिस्थितियों को और मुश्किल बना दिया है.
मैं इस अवसर पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, ओआरएफ़ अमेरिका और रवांडा कन्वेंशन ब्यूरो को इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के आयोजन में उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. मुझे विश्वास है कि आज हमारे देशों के सामने विकट सतत् विकास चुनौतियों पर विचार करने और समावेशी आर्थिक सुधार सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकने वाले विभिन्न अवसरों को लेकर परिचर्चा करने का यह एक अच्छा मौक़ा होगा.
वर्ष 2019 की शुरुआत में आयोजित किया गया किगाली संवाद का पहला संस्करण, रवांडा-आधारित एक ऐसे वार्षिक मंच के रूप में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां पूरी दुनिया के विशेषज्ञ और बिजनेस लीडर्स वैश्विक स्तर पर सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्र होंगे और उनका समाधान निकालने के लिए नीतिगत विकल्पों को प्रस्तुत करेंगे. पिछले संवाद के बाद से विश्व ने कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभावों की वजह से उत्पन्न हुई आर्थिक दुश्वारियों को देखा है. यूक्रेन में युद्ध ने इन परिस्थितियों को और मुश्किल बना दिया है. इस युद्ध का नकारात्मक प्रभाव दुनिया भर में महसूस किए जा रहे हैं. यही वजह है कि इस वर्ष के संवाद का फोकस, समयानुसार लचीलापन, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, डिजिटल परिवर्तन और वैश्विक गवर्नेंस जैसे विषयों पर है. मौजूद समय की इन अभूतपूर्व चुनौतियों से निपटने के लिए और हमारे देशों को सुधार और सतत् विकास के मार्ग पर वापस लाने को लेकर इस सम्मेलन में महान विचारों में योगदान करने के लिए जानकारी, ज्ञान और विशेषज्ञता का ख़जाना है.
साझेदारी स्थापित करने का मौका
किगाली वैश्विक संवाद सिर्फ़ अनुभवों और समाधानों को साझा करने के लिए ही नहीं, बल्कि देशों, संगठनों के साथ-साथ पारस्परिक नेटवर्क के बीच नई साझेदारी स्थापित करने का भी एक अनूठा अवसर प्रदान करता है. रवांडा और भारत के मध्य न केवल सरकारी स्तर पर, बल्कि भारतीय संस्थानों और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन जैसे थिंक-टैंक के साथ भी बेहतरीन संबंध हैं. दोनों देशों, जिनकी जनसंख्या में बदलाव लाने वाले नवाचारों और प्रतिकूल परिस्थियों का सामना करने की क्षमता रखने वाले युवाओं की बड़ी आबादी है, को अगर अवसर दिया जाता है, तो वे अपने अनुभव के दम पर कोविड-19 के बाद की परिस्थियों को बदलने और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की वर्तमान चुनौतियों का समाधान निकालने में अहम भूमिका निभाते रहेंगे.
यह सुनिश्चित करके कि महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए स्थायी समाधान हमारी योजनाओं का हिस्सा हैं, हम स्वच्छ एनर्जी के लिए बदलाव को तेज़ कर सकते हैं. लेकिन, यह बदलाव निष्पक्ष और न्यायसंगत होना चाहिए.
माननीय विशिष्ट अतिथियों, जलवायु परिवर्तन, जो आज पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है, ख़ासकर विकासशील देशों के लिए कोविड-19 महामारी से हुए नुकसारन की भरपाई के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश कर रहा है. अगर इससे प्रभावी तरीके से नहीं निपटा गया, तो सतत् विकास के साथ-साथ विकास से हासिल हुए फ़ायदों के उलटने का ज़ोख़िम है. इसलिए, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर त्वरित कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है. इस संबंध में यह अहम है कि हमारे देश नीतियों और रणनीतियों के कार्यान्वयन में तेज़ी लाएं, यह एक सहज हरित परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगा. यह सुनिश्चित करके कि महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए स्थायी समाधान हमारी योजनाओं का हिस्सा हैं, हम स्वच्छ एनर्जी के लिए बदलाव को तेज़ कर सकते हैं. लेकिन, यह बदलाव निष्पक्ष और न्यायसंगत होना चाहिए. इसके साथ ही यह परिवर्तन हमारी सरकार की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं के साथ तालमेल स्थापित करने वाले होने चाहिए और इसमें यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई भी पीछे न छूटे.
रवांडा सरकार ने वर्ष 2030 तक नवीकरणीय संसाधनों द्वारा संचालित होने वाले जेनरेशन मिक्स के 60 प्रतिशत के लक्ष्य के साथ एक योजना स्थापित की है. कोविड-19 की महामारी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में वैश्विक असमानताओं के साथ-साथ व्यापक कमज़ोरियों को सामने ला दिया है. ऐसे में टिकाऊ और मज़बूत स्वास्थ्य तंत्र के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना अति आवश्यक है, ताकि हमारे देश स्वास्थ्य आपात जैसी स्थितियों से बचाव करने, उनका पता लगाने, उनको लेकर कार्रवाई करने और उनसे उबरने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हों. इस संबंध में इस वर्ष रवांडा ने बायोएनटेक (BioNTech) के साथ साझेदारी में किगाली में एक वैक्सीन निर्माण संयंत्र को स्थापित करने की शुरुआत की है. यह संयत्र ना केवल रवांडा में, बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में हमारे स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत करने और संभावित बीमारियों की रोकथाम में मददगार होगा. अफ्रीकी संघ के फ्रेमवर्क में अफ्रीकी देश स्वास्थ्य क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं. मुझे आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि रवांडा को हाल ही में अफ्रीकी संघ के सदस्य देशों द्वारा अफ्रीकी मेडिसिन एजेंसी की मेज़बानी के लिए चुना गया था. हम इस महत्वपूर्ण नियामक निकाय के संचालन के लिए तत्पर हैं, जो हमारे महाद्वीप में दवा उद्योग के विकास का समर्थन करने के लिए, उसे बढ़ावा देने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा.
जहां तक आर्थिक मोर्चे की बात है, तो कोविड-19 के बाद के समय में हमारी रिकवरी के लिए हम अफ्रीकी महाद्वीप में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीका महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र द्वारा बनाए गए अवसरों का लाभ उठाने वाले देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि पर विश्वास करते हैं.
यहां मौजूद विशिष्ट अतिथियों के समक्ष मैं एक बार फिर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, ओआरएफ़ अमेरिका और रवांडा कन्वेंशन ब्यूरो को इस महत्वपूर्ण विचार-विमर्श के आयोजन और परस्पर मेलजोल बढ़ाने का एक सार्थक मंच बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं इस कार्यक्रम के दौरान होने वाली व्यावहारिक और जानकारी से भरपूर चर्चाओं को लेकर बेहद उत्सुक हूं और उनका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं. मैं इस सम्मेलन की सफ़लता और इसके फलदायी परिणामों की कामना करता हूं, साथ ही मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुनने के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं.
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