Author : Girish Luthra

Published on Nov 20, 2023 Updated 28 Days ago

वैसे तो कुछ देश BRI का विरोध कर रहे हैं लेकिन ग्लोबल गेटवे (GG) फोरम के द्वारा ख़ुद को स्थापित किया जाना अभी बाकी है. संतुलन के हिसाब से देखें तो ये सभी पहल आने वाले दशकों में एक साथ मौजूद रहेंगी. 

ग्लोबल गेटवे और BRI फोरम: समानताएं कम, मतभेद ज़्यादा

पांच साल से ज़्यादा समय के बाद चीन ने 17-18 अक्टूबर को बीजिंग में तीसरे बेल्ट एंड रोड फोरम (BRI) की मेज़बानी की. इसके एक हफ्ते बाद यूरोपियन यूनियन (EU) ने 25-26 अक्टूबर को ब्रसेल्स में पहले ग्लोबल गेटवे (GG) फोरम की मेज़बानी की. इन कार्यक्रमों पर दुनिया भर के विश्लेषकों और नीति निर्माताओं की करीब से नज़र थी क्योंकि ये उस समय आयोजित हुए जब अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का माहौल नाज़ुक है, एक उग्र एवं सभी क्षेत्रों को शामिल करके सामरिक मुकाबला सामने आ रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था की बहाली सुस्त एवं अनिश्चित ढंग से चल रही है. इस साल आयोजित BRI फोरम पहले के दो फोरम (2017 और 2019 में आयोजित) से काफी हटकर था क्योंकि उस समय BRI के तहत निवेश और प्रोजेक्ट अपने चरम पर थे जबकि मौजूदा स्थिति में BRI को झटके, आलोचनाएं और चुनौतियां सुर्खियों में बनी हुई हैं. दूसरी तरफ, GG फोरम पिछले कुछ वर्षों में शुरू की गई कई प्रतिस्पर्धी पहल, जो कि एक अलग आकर्षण पेश करती हैं, में से इस तरह का पहला कार्यक्रम था.

तीसरा BRI फोरम

आयोजन के एक हफ्ते पहले चीन के स्टेट काउंसिल इन्फॉर्मेशन ऑफिस ने एक श्वेत पत्र जारी किया जिसका शीर्षक था ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव: साझा भविष्य वाले वैश्विक समुदाय का एक प्रमुख स्तंभ.’ इसमें पिछले 10 साल के दौरान BRI की प्रगति, उपलब्धियों और योगदान का ज़िक्र किया गया था. इसमें ज़ोर देकर कहा गया कि ये पूरी दुनिया के लिए है और इसके पीछे “चीन के सपनों को दुनिया के सपनों के साथ जोड़ने” की भावना है.

व्यवस्थित तरीके से इसने BRI से जुड़ी सभी आलोचनाओं को झूठा ठहराने की कोशिश की. इसमें मुखरता से कहा गया कि ये एक भू-राजनीतिक साधन नहीं है; किसी विचारधारा पर आधारित नहीं है

श्वेत पत्र का मक़सद BRI को एक बेहद सफल वैश्विक धारणा और परियोजना के तौर पर दिखाना था जो कुछ देशों के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली और वैश्वीकरण में अनचाहे दबदबे की जगह लेने के लिए ज़रूरी है. इसमें अमेरिका का ज़िक्र नहीं किया गया लेकिन इस बात को रेखांकित किया गया कि दुनिया को एकपक्षीय, संरक्षणवाद और आधिपत्य को बढ़ावा देने वाले पुराने पड़ चुके दृष्टिकोणों की आवश्यकता नहीं है. व्यवस्थित तरीके से इसने BRI से जुड़ी सभी आलोचनाओं को झूठा ठहराने की कोशिश की. इसमें मुखरता से कहा गया कि ये एक भू-राजनीतिक साधन नहीं है; किसी विचारधारा पर आधारित नहीं है; इसमें भ्रष्टाचार के लिए ज़ीरो टॉलरेंस है; ये किसी भी संभावित पर्यावरण और पारिस्थितिक (इकोलॉजिकल) प्रभाव का ध्यान रखती है; कोई भी देश BRI सहयोग की वजह से कर्ज़ के संकट में नहीं फंसा है; ये नियम आधारित है; कोई भी लेन-देन ज़बरदस्ती नहीं है; ये वास्तविक बहुपक्षवाद का समर्थन करती है और इसने स्थानीय रोज़गार को सहारा देने और साझेदार देशों में स्थानीय कानूनों का सम्मान करने के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है.

इस्तेमाल में लाया गया तरीका, शैली और शब्दावली अमेरिका (कुछ मामलों में पश्चिमी देश) और चीन की सोच और नज़रिए की सरल तुलना को आसान बनाने पर ज़ोर का समर्थन करती है और चीनी तरीके को सहयोगात्मक और सबके लिए फायदेमंद बताया गया है. स्वतंत्र, खुला, समावेशी और नियम आधारित जैसी शर्तें बहुत ज़्यादा उपयोग में लाई गई हैं. केस स्टडी और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सफल परियोजनाओं को शामिल किया गया है और किए गए दावों के समर्थन में विश्व बैंक, मैकेंज़ी एवं ब्रूजेल जैसी एजेंसियों की रिपोर्ट को शामिल किया गया है. श्वेत पत्र में स्वीकार किया गया है कि BRI चुनौतियों का सामना कर रही है लेकिन ये विश्वास भी जताया गया है कि ये चुनौतियां उम्मीद के मुताबिक हैं और इन पर जीत हासिल हो जाएगी.

फोरम के सामने ये बताया गया कि 2023 में 90 नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है. फोरम के दौरान कई नए प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए गए जिनकी कुल लागत लगभग 3 अरब यूरो है

130 साझेदार देश और 30 अंतर्राष्ट्रीय/क्षेत्रीय संगठन फोरम में शामिल हुए. कुछ राष्ट्र प्रमुखों और प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने BRI की भरपूर तारीफ की. अपने भाषण में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साझा शांति और समृद्धि की तरफ BRI की प्रगति और संभावना पर प्रकाश डाला और 100 अरब अमेरिकी डॉलर की नई फंडिंग के समर्थन का एलान किया. आयोजन के पूरा होने पर चीन के विदेश मंत्रालय ने एक दस्तावेज़ जारी किया जिसमें व्यावहारिक सहयोग की सूची पर प्रकाश डाला गया. इसमें ज़ोर डाला गया कि फोरम के दौरान 369 ठोस नतीजे हासिल किए गए. इनमें द्विपक्षीय दस्तावेज़, अंतर्राष्ट्रीय/क्षेत्रीय संगठनों के साथ समझौते, नई योजनाएं एवं मंच, परियोजनाएं और लोगों को जोड़ने वाले कार्यक्रम शामिल हैं. चाइना डेवलपमेंट बैंक, एग्ज़िम (EXIM) बैंक ऑफ चाइना और सिल्क रोड फंड के द्वारा अतिरिक्त फंडिंग की योजनाओं की रूप-रेखा तैयार की गईं. इसका मक़सद ये संकेत देना था कि चीन की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों के बावजूद BRI के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा.

शुरुआती ग्लोबल गेटवे फोरम

ब्रसेल्स में आयोजित पहले GG फोरम में 40 सरकारों, प्राइवेट सेक्टर, सिविल सोसायटी, वित्तीय संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. फोरम के दौरान दो साल पहले GG के लॉन्च, जब 2027 तक लगभग 300 अरब यूरो निवेश करने की योजना के बारे में इशारा किया गया था, के समय से अब तक की गई प्रगति और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया. GG की शुरुआती कुछ परियोजनाएं अफ्रीका में शुरू की गई थीं लेकिन बाद में नई परियोजनाएं लैटिन अमेरिका, कैरिबियन, बाल्कन, पूर्वी यूरोप एवं कॉकेशस , एशिया एवं पैसिफिक और भूमध्य सागर  के क्षेत्र में शुरू की गईं. फोरम के दौरान मुख्य विषय थे: हरित परिवर्तन, महत्वपूर्ण कच्चे माल, परिवहन कॉरिडोर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य उत्पाद, मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा और रिसर्च. फोरम के सामने ये बताया गया कि 2023 में 90 नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है. फोरम के दौरान कई नए प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए गए जिनकी कुल लागत लगभग 3 अरब यूरो  है. इनमें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और ज़ाम्बिया के साथ महत्वपूर्ण कच्चे माल से संबंधित परियोजनाएं और बांग्लादेश, केप वर्दे, नामीबिया, फिलीपींस, तंज़ानिया और वियतनाम के साथ स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं.

फोरम का मक़सद G7 के द्वारा शुरू पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII), जो कि ग्लोबल गेटवे के साथ जुड़ी है, के तहत दर्ज की गई प्रगति को पेश करना भी था. हालांकि PGII के प्रोजेक्ट से संबंधित कोई भी विशेष सूचना नहीं दी गई. फोरम के तहत बंद दरवाजे में बैठक का आयोजन किया गया और कार्यक्रम के ठीक बाद कुछ प्रमुख ब्योरों को शामिल करके कोई भी बयान जारी नहीं किया गया. सीमित उच्च-स्तरीय प्रतिनिधित्व, जिनमें कुछ प्रमुख EU देश शामिल हैं, पर भी विश्लेषकों ने गौर किया.

GG और BRI- समानताएं और मतभेद

GG और BRI की शुरुआत मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी कार्यक्रम के रूप में हुई. लेकिन BRI अब ऐसी परियोजनाओं तक ही सीमित नहीं है और ये सुरक्षा के लिए उचित जुड़ाव के साथ व्यापार, विकास, सामाजिक, सांस्कृतिक, कला, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, जलवायु और मीडिया समेत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय लेन-देन के सभी पहलुओं को शामिल करती है. GG से अलग BRI सर्वव्यापी है और दुनिया को लेकर चीन का नज़रिया इसके मूल में है. चीन पूरी तरह से साफ करता है कि उसके बदलाव वाले एजेंडे और वैश्विक नेतृत्व के लिए महत्वाकांक्षा के मामले में BRI प्रमुख योजना है. दूसरी तरफ GG EU की सामरिक स्वायत्तता, लगातार प्रमुख भूमिका और जोखिम-रहित एजेंडे का हिस्सा है.

EU कमीशन के अध्यक्ष के रूप में उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फोरम में अपने बयान में ज़िक्र किया कि GG एक नया नज़रिया अपनाता है जो दूसरे देशों को विकल्प देता है. इसी तरह का विकल्प दूसरे देशों के द्वारा भी पेश किया जा सकता है.

BRI चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के संविधान और चीन की पंचवर्षीय योजनाओं में चीन की विदेश नीति के मुख्य स्तंभ में शामिल है. सभी विभागों और एजेंसियों को इसके साथ पहले ही जोड़ा गया है और वो पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. अब इसमें कई ब्रांच हैं जो अलग-अलग सेक्टर को कवर करती हैं, साथ ही इसके भौगोलिक दायरे का भी महत्वपूर्ण रूप से विस्तार हुआ है (GG के 60 साझेदारों की तुलना में लगभग 150 साझेदार). GG के तहत 2027 तक निवेश की तुलना में BRI के तहत पहले ही लगभग तीन गुना निवेश हो चुका है. चीन ने BRI की योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए एक मज़बूत संगठन भी तैयार किया है जबकि EU के द्वारा इस तरह की व्यवस्था अभी शुरुआती चरण में ही है.

शुरुआत से ही चीन ने BRI को ऐतिहासिक व्यापार के रास्तों और सभ्यताओं के बीच संबंधों के साथ जोड़ा है. दूसरी तरफ EU GG को श्रम, समाज और जेंडर जैसे क्षेत्रों में यूरोपीय मानकों और प्रशासन एवं पारदर्शिता के अपने स्थापित नियमों के साथ जोड़ना चाहता है. GG का लक्ष्य एक ऐसा विकल्प बनना भी है जो BRI की कमियों को दूर कर सके.

चीन और EU- दोनों इस समय आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं और वो घरेलू आर्थिक बहाली की ज़रूरत के साथ विदेशी निवेश और फाइनेंसिंग (वित्त व्यवस्था) को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे तो चीन ने BRI की प्रगति को अभी तक मुख्य रूप से सरकारी स्तर पर समझौते के ज़रिए बढ़ाया है जिसमें सरकारी उद्यम और सार्वजनिक बैंक/वित्तीय संस्थान मुख्य आधार हैं लेकिन EU का लक्ष्य बड़े पैमाने पर प्राइवेट सेक्टर को भागीदार बनाना है. BRI के साझेदारों को चीन के सरकारी स्तर के दबदबे के साथ संतोष करना होगा जबकि GG के साझेदारों को कॉरपोरेट लॉबी के असर से निपटने की ज़रूरत हो सकती है. ये भी महत्वपूर्ण है कि GG में शामिल होने वाली EU की कई प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों का चीन में व्यावसायिक हित है और EU के 18 सदस्य BRI में साझेदार भी हैं.

चीन ने पर्यावरण पर BRI के प्रोजेक्ट के असर की तरफ कम ध्यान देने से जुड़ी आलोचनाओं की वजह से ख़ुद को बदला है. इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र (UN) के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 2030 एजेंडे और पेरिस समझौते के साथ इसको जोड़ने पर ज़ोर दिया है और एक स्वच्छ एवं हरित BRI को पेश करने की तरफ आगे बढ़ गया है. EU ने भी GG को अपने हरित बदलाव और जलवायु परिवर्तन के एजेंडे के साथ जोड़ा है. आने वाले समय में BRI और GG के बीच मुकाबले का प्राथमिक क्षेत्र नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा की परियोजनाएं होने की उम्मीद है.

BRI कुछ देशों से विरोध और पीछे धकेलने का सामना कर रही है लेकिन इसके बावजूद इस बात की संभावना है कि ये अपने विस्तार की कोशिश में सफल रहेगी और एक सकारात्मक छवि विकसित करेगी. GG ने अच्छी शुरुआत की है लेकिन ये अभी तक ख़ुद को स्थापित नहीं कर पाया है. EU कमीशन के अध्यक्ष के रूप में उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फोरम में अपने बयान में ज़िक्र किया कि GG एक नया नज़रिया अपनाता है जो दूसरे देशों को विकल्प देता है. इसी तरह का विकल्प दूसरे देशों के द्वारा भी पेश किया जा सकता है. इन सभी पहलों के कुछ समय तक एक साथ मौजूद रहने की संभावना है और साझेदारों के द्वारा चुना गया विकल्प काफी हद तक आने वाले दशक में वैश्विक पर्यावरण को आकार देगा.


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