Author : Prithvi Gupta

Published on Dec 17, 2024 Updated 0 Hours ago

मोरक्को की स्थिरता और उदारवादी नीतियों ने उसे चीन की BRI और DSR पहल के लिए निवेश के हिसाब से एक आकर्षक देश बना दिया है. 

डिजिटल सिल्क रोड: मोरक्को के विकास में एक नई कड़ी

Image Source: Getty

मोरक्को के साथ चीन की साझेदारी पिछले दो दशकों के दौरान महत्वपूर्ण रूप से बढ़ी है, विशेष रूप से 1999 में किंग मोहम्मद VI के सत्ता में आने के बाद. ऐतिहासिक रूप से मोरक्को पश्चिमी देशों का साझेदार रहा है लेकिन अब वो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, ख़ास तौर पर भूमध्यसागर, में बढ़ती बहुध्रुवीयता का लाभ उठा रहा है ताकि वो अलग-अलग देशों को अपना आर्थिक भागीदार बना सके और देश में बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी आधुनिकता और पूंजी निवेश की कमियों से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान कर सके. इस दिशा में एक प्रमुख घटनाक्रम था 2022 में चीन और मोरक्को के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लागू करने की योजना पर हस्ताक्षर. मोरक्को इसमें शामिल होने वाला अरब मग़रेब का पहला देश था. 

उसके बाद से मोरक्को में चीन की BRI की छाप का काफी विस्तार हुआ है, विशेष रूप से BRI के डिजिटल सिल्क रोड (DSR) के तहत जो कि BRI का तकनीकी और डिजिटल हिस्सा है. DSR, जिसे ‘इन्फॉर्मेशन सिल्क रोड’ भी कहा जाता है, BRI का निवेश हासिल करने वाले देशों में आधुनिक सूचना तकनीक (IT) का बुनियादी ढांचा लेकर आता है जैसे कि ब्रॉडबैंड नेटवर्क, ई-कॉमर्स हब और स्मार्ट सिटी. इसे चीन की बड़ी तकनीकी कंपनियां चलाती हैं जिनमें हुआवे और ZTE उल्लेखनीय हैं और जो यूरोप और अमेरिका की अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में काफी कम लागत पर अच्छी क्वालिटी के फाइबर ऑप्टिक केबल मुहैया करा सकती हैं. 

ये लेख मोरक्को में DSR का विश्लेषण करता है और इसके भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक निहितार्थों का वर्णन करता है. 

राजनीतिक रूप से स्थिर और विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में मोरक्को भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वो यूरोपीय भूमध्य सागर, सब-सहारन अफ्रीका (सहारा रेगिस्तान के दक्षिण में स्थित अफ्रीकी देश) और अटलांटिक महासागर के मिलने की जगह पर स्थित है. मोरक्को में चीन का मक़सद निवेश एवं व्यापारिक संबंध बनाना और मोरक्को से आगे- मेड-अटलांटिक क्षेत्र और सब-सहारन अफ्रीका तक- अपने बाज़ार को बढ़ाना है. ये लेख मोरक्को में DSR का विश्लेषण करता है और इसके भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक निहितार्थों का वर्णन करता है. 

मोरक्को में चीन का बढ़ता भू-आर्थिक प्रभाव

इस सदी की शुरुआत के समय से मोरक्को में चीन के आर्थिक प्रभाव में काफी बढ़ोतरी हुई है. 2023 में स्पेन (12.1 अरब अमेरिकी डॉलर) और फ्रांस (6.7 अरब अमेरिकी डॉलर) के बाद 6.67 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ चीन मोरक्को में तीसरे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में उभरा. चीन की हरित ऊर्जा और तकनीकी कंपनियां भी मोरक्को में निवेश के लिए उत्सुक हैं. लगभग 200 कंपनियों ने मोरक्को में निवेश की योजना बनाई है. मोरक्को के साथ आर्थिक साझेदारी में चीन बहुत ज़्यादा निवेश इसलिए कर रहा है क्योंकि मोरक्को एक विकासशील अर्थव्यवस्था है जहां की राजनीतिक सत्ता अपेक्षाकृत स्थिर एवं उदारवादी है और निवेश से जुड़ी नीतियां भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं. मोरक्को का यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली और अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) भी है. इसके अलावा मोरक्को ने अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (AfCFTA) पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत मोरक्को में उत्पादन करने वाली किसी भी विदेशी कंपनी को बाज़ार में पहुंच का वही लाभ मिलता है जो मोरक्को की किसी स्थानीय कंपनी को मिलता है. अमेरिका, कनाडा और EU के द्वारा अपने बाज़ार में प्रवेश करने वाले चीन के सामानों पर अधिक टैरिफ, प्रतिबंध और शुल्क लागू करने के बाद चीन को प्रतिस्पर्धा (कम से कम सिद्धांत में) करने में मुश्किल होने लगी है. इसकी वजह से चीन के भू-आर्थिक और रणनीतिक खेल के लिए मोरक्को का महत्व बढ़ गया है. 

तालिका 1: मोरक्को में चीन का डिजिटल सिल्क रोड निवेश/इंफ्रास्ट्रक्चर

देश

सब-सेक्टर

प्रोजेक्ट

कर्ज़ देने वाला/वित्त देने वाला

परियोजना में चीन का पैसा (मिलियन अमेरिकी डॉलर में) 

ठेकेदार

मोरक्को

परिवहन (सड़क और राजमार्ग)

बेरेचिड-बेन अहमद हाईवे, बेरेचिड-बेनी मेल्लाल, सेक्शन 1 (38.6 किमी.)

चाइना एग्ज़िम बैंक

248

चाइना इंटरनेशनल वाटर 

एंड इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन 

(CWE) और चाइना 

ओवरसीज़ इंजीनियरिंग 

ग्रुप (COVEC)

मोरक्को

मल्टी-सेक्टर

बिजली, परिवहन के बुनियादी ढांचे के लिए उपकरणों की ख़रीद

चाइना एक्ज़िम बैंक

515

उपलब्ध नहीं

मोरक्को

बिजली

172 MW सोलर पावर प्लांट

इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (ICBC)

177

पावर चाइना इंटरनेशनल

मोरक्को

मल्टी-सेक्टर

मोहम्मद VI टैंजियर टेक सिटी

चाइना एक्ज़िम बैंक, ICBC

1000

बीजिंग झोंगलू अर्बन 

डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, 

चाइना कम्युनिकेशन 

कंस्ट्रक्शन एवं उसकी 

सहायक कंपनियां, CRBC

मोरक्को

बिजली

नूर 2 क्वॉर्टज़ाइट सोलर कॉम्प्लेक्स

ICBC

235

TSK इलेक्ट्रॉनिक्स एंड 

इलेक्ट्रिसिटी, एक्शन 

इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्शन 

इंजीनियरिंग और 

सेनेर इंजीनियरिंग एंड 

सिस्टम्स 

मोरक्को

बिजली

नूर 3 क्वार्टजाइट सोलर कॉम्प्लेक्स

चाइना एक्ज़िम बैंक

298

शेनडोंग इलेक्ट्रिक पावर 

कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन 

III (SEPCO III)

मोरक्को

बिजली

नूर 4 क्वॉर्टज़ाइट 580 MW फोटोवोल्टेक प्लांट

चाइना एग्ज़िम बैंक

384

SEPCO III

मोरक्को

कोयला

जेराडा पावर प्लांट (350 MW)

चाइना एक्ज़िम बैंक

300

SEPCO III

मोरक्को

नवीकरणीय ऊर्जा

172 MW सोलर पावर प्लांट

ICBC

177

पावर चाइना इंटरनेशनल

मोरक्को

नवीकरणीय ऊर्जा

टैंजियर ग्रीन अमोनिया प्लांट

ऑफिस चेरीफिएन डेस फॉस्फेट ग्रुप, मोरक्को

4000

एनर्जी चाइना इंटरनेशनल 

कंस्ट्रक्शन ग्रुप 

आर्थिक क्षेत्रों की कुल संख्या: 5

परियोजनाओं की कुल संख्या: 10

चीन के कर्ज़ देने वाली कंपनियों की कुल संख्या: 2

चीन की तरफ से परियोजना में कुल पैसा: 7.3 अरब अमेरिकी डॉलर 

चीन की भागीदार 

कंपनियों की कुल 

संख्या: 10 

स्रोत: चाइना ग्लोबल इन्वेस्टमेंट ट्रैकर, ऐडडेटा

इस मक़सद के लिए चीन की सरकारी एवं प्राइवेट कंपनियों और सरकारी बैंकों ने 2013 से 2023 के बीच 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कीमत की परियोजनाओं को या तो पूरा किया है या उनमें निवेश किया है. बड़ी परियोजनाएं मुख्य रूप से हरित ऊर्जा के विकास, हरित तकनीक एवं ऊर्जा उत्पादन और निर्माण क्षेत्रों में केंद्रित हैं. 

मौजूदा समय में चीन हरित तकनीक एवं ऊर्जा उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है. 2023 में हरित तकनीक एवं ऊर्जा क्षेत्र ने देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हुए कुल निवेश में 39 प्रतिशत का योगदान किया. ध्यान देने की बात है कि चीन दुनिया के 80 प्रतिशत से अधिक सोलर पैनल का निर्माण भी करता है और हरित ऊर्जा की तरफ परिवर्तन के लिए आवश्यक दुनिया के महत्वपूर्ण खनिजों में से 66 प्रतिशत से अधिक को परिष्कृत करता है. चीन अपनी इस बढ़त का इस्तेमाल हथियार के रूप में कर रहा है और सोलर पावर प्लांट एवं ट्रांसमिशन सिस्टम बनाकर मोरक्को की मदद कर रहा है ताकि वो हरित ऊर्जा के विकास के अपने लक्ष्य को हासिल कर सके. साथ ही अपने घरेलू हरित ऊर्जा एवं निर्माण क्षेत्र के लिए आवश्यकता से अधिक ऊर्जा का निर्यात कर सके. मोरक्को में चीन के भू-आर्थिक खेल में टैंजियर टेक सिटी भी शामिल है. टैंजियर सिटी मोरक्को के टैंजर मेड बंदरगाह में चीन के फंड से तैयार एक उत्पादन केंद्र है जहां चीन की सरकारी और प्राइवेट कंपनियों की उत्पादन इकाइयां हैं. इन कारखानों के उत्पादन को विकसित यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी बाज़ारों में भेजा जाएगा. 

चीन के हरित तकनीकी एवं ऊर्जा उत्पादों पर EU एवं अमेरिका के टैरिफ से निपटने के भू-आर्थिक उद्देश्यों के अलावा इन निवेशों का मक़सद चीन की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की सप्लाई चेन और प्रोडक्शन यूनिट को उत्तरी अमेरिका और EU के विकसित बाज़ारों के नज़दीक तक पहुंचाना है.

2021 और 2024 के बीच चीन की हरित ऊर्जा एवं तकनीकी कंपनियों जैसे कि BTR न्यू मटेरियल ग्रुप, गोशन, CNGR, BYD, क्विंगदाओ सेंटुरी टायर कंपनी और यूशान ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EV) की बैटरी, फॉस्फेट कैथोड, टायर, महत्वपूर्ण खनिजों के शोधन और EV असेंबली में फैक्ट्री एवं मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का संकल्प लिया. इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 8.9 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का वादा किया. इन कारखानों और रिफाइनरी को मोहम्मद VI टैंगियर टेक सिटी में स्थापित किया जाना है. टैंगियर टेक सिटी चीन और मोरक्को के बीच एक DSR प्रोजेक्ट है जिसमें चीन के एग्ज़िम बैंक ने 1 अरब अमेरिकी डॉलर लगाया है. इसे बीजिंग झोंगलू अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, चाइना कम्युनिकेशन कंस्ट्रक्शन और उसकी सहायक कंपनियों ने विकसित किया है. ये सभी चीन की सरकारी कंपनियां हैं. चीन के हरित तकनीकी एवं ऊर्जा उत्पादों पर EU एवं अमेरिका के टैरिफ से निपटने के भू-आर्थिक उद्देश्यों के अलावा इन निवेशों का मक़सद चीन की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की सप्लाई चेन और प्रोडक्शन यूनिट को उत्तरी अमेरिका और EU के विकसित बाज़ारों के नज़दीक तक पहुंचाना है क्योंकि दुनिया भर में भू-राजनीतिक हितों से प्रेरित संघर्ष विश्व के स्तर पर पूर्व-पश्चिम सप्लाई चेन के नेटवर्क में रुकावट डालते हैं.  

 

प्रतिस्पर्धी संपर्क बनाने वाले विकल्प 

मग़रेब में चीन के फंड से विकास और चीन की आर्थिक घुसपैठ यूरोप और मग़रेब के बीच बढ़ती द्विपक्षीय दूरी से सीधे तौर पर जुड़ी है. इसका नतीजा यूरोपीय देशों के साथ कमज़ोर रिश्तों के रूप में निकल रहा है जो कि वर्षों से इस क्षेत्र में विकास से जुड़ी सहायता और विदेशी निवेश का एकमात्र स्रोत थे. विशेष रूप से फ्रांस इस क्षेत्र को अपने प्रभाव वाले क्षेत्र के तौर पर देखता था और फ्रांस के औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लंबे समय के बाद भी अपनी विदेश और आर्थिक नीतियां मोरक्को पर थोपता था.  

इस भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का सामना करने और प्रतिस्पर्धी पहल का लाभ उठाने की मोरक्को की क्षमता भविष्य में उसके विकास की राह को तय करने में महत्वपूर्ण होगी.

लेकिन चीन के द्वारा आसानी और तेज़ी से कर्ज़, सहायता एवं निवेश के वितरण, घरेलू एवं क्षेत्रीय मामलों में दखल न देने की उसकी नीति और बढ़ती आर्थिक ताकत ने मोरक्को को एक मज़बूत शुरुआत दी. EU के द्वारा दुनिया भर में बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में निवेश करने की पहल ग्लोबल गेटवे और इटली की मत्तेई योजना मोरक्को की अर्थव्यवस्था के ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन, शिक्षा एवं पानी के क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से चीन की इस ताकत का मुकाबला करने की कोशिश कर रही हैं. 

निष्कर्ष

मोरक्को की रणनीतिक स्थिति के साथ-साथ उसकी राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुधारों ने उसे चीन के निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है. DSR और BRI- दोनों ने मोरक्को में चीन के आर्थिक और तकनीकी प्रभाव को बढ़ाया है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करके और तकनीकी आधुनिकता को बढ़ावा देकर चीन का उद्देश्य मोरक्को के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना और इस व्यापक क्षेत्र में बाज़ार तक अपनी पहुंच का विस्तार करना है. 

लेकिन पश्चिमी शक्तियों के प्रतिस्पर्धी हितों के साथ उत्तरी अफ्रीका में भू-राजनीतिक परिदृश्य जटिल है. इस भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का सामना करने और प्रतिस्पर्धी पहल का लाभ उठाने की मोरक्को की क्षमता भविष्य में उसके विकास की राह को तय करने में महत्वपूर्ण होगी. आख़िरकार मोरक्को में DSR की सफलता कई बातों पर निर्भर करेगी जैसे कि चीन की बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की क्वालिटी, चीन की वित्तीय मदद की स्थिरता और मोरक्को के द्वारा अपने आर्थिक एवं भू-राजनीतिक हितों को संतुलित करने की क्षमता. 


पृथ्वी गुप्ता ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में जूनियर फेलो हैं. 

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.