Author : Ayjaz Wani

Expert Speak Raisina Debates
Published on May 09, 2024 Updated 0 Hours ago

यूरोप को इस क्षेत्र में एक दबदबे वाली भू-आर्थिक शक्ति के तौर पर अपनी स्थिति बनाने और चीन के असर को रोकने के लिए TITR के विकास का लाभ उठाना चाहिए.

यूरोप में चीन की BRI की महत्वाकांक्षाएं कॉकेशस पर टिकी हैं

चीन के द्वारा ट्रांस-कैस्पियन इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (TITR)- जिसे मिडिल कॉरिडोर भी कहा जाता है- को अपनी महत्वाकांक्षी ट्रांसकॉन्टिनेंटल (कई महादेशों में फैले) बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के साथ रणनीतिक तौर पर जोड़ना अब अज़रबैजान के इर्द-गिर्द केंद्रित है. पूरब और पश्चिम के मिलने की जगह पर स्थित अज़रबैजान एक बेहद महत्वपूर्ण देश है. TITR यूरोपियन यूनियन (EU) और अमेरिका द्वारा समर्थित एक मल्टीमॉडल परिवहन रूट है जो मध्य एशिया, कैस्पियन सागर और कॉकेशस तक फैले प्राचीन काल के सिल्क रोड की तरह है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इसकी गति तेज़ हुई है. इसकी वजह ये है कि EU और मध्य एशिया के बीच एक विश्वसनीय संपर्क की आवश्यकता महसूस की गई. चीन TITR के रूट पर मौजूद महत्वपूर्ण देश अज़रबैजान के साथ आर्थिक संबंध बढ़ाकर अपनी BRI की धुरी को मज़बूत करने का लक्ष्य रखता है. BRI और TITR कनेक्टिविटी परियोजनाओं के बीच तालमेल बनाने के लिए चीन के स्कॉलर और सरकारी अधिकारी सक्रिय रूप से अज़रबैजान के साथ जुड़े हुए हैं

अज़रबैजान और BRI 

कैस्पियन सागर में रणनीतिक रूप से स्थित अज़रबैजान का महत्व ईरान और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों के बाद मध्य एशिया और यूरोप के बीच संपर्क के रास्ते और पाइपलाइन के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु के तौर पर कई गुना बढ़ गया है. 2015 में चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति इलहाम अलियेव ने BRI को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों की प्राथमिकता की पहचान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. हालांकि TITR को लेकर चीन का नज़रिया मिला-जुला है क्योंकि ये यूरोप तक रूस के उत्तरी रूट के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ाता है. रूस के साथ अपने संबंधों को ख़राब करने की इच्छा नहीं रखने वाले चीन ने अज़रबैजान और TITR में बहुत कम निवेश किया है. 2017 तक चीन ने अज़रबैजान में 54 मिलियन अमेरिकी डॉलर की केवल पांच BRI परियोजनाओं को लागू किया. चीन की कंपनियों ने अज़रबैजान में 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, विशेष रूप से तेल और दूरसंचार में. वहीं अज़रबैजान ने चीन में 1,700 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का निवेश किया. TITR में भागीदारी करने वाले कुछ देशों ने भी BRI की सीमित सफलता और चीन के संदिग्ध इरादों का हवाला देकर चीन के साथ साझा परियोजनाओं को लेकर अपनी आपत्ति जताई. 

TITR में भागीदारी करने वाले कुछ देशों ने भी BRI की सीमित सफलता और चीन के संदिग्ध इरादों का हवाला देकर चीन के साथ साझा परियोजनाओं को लेकर अपनी आपत्ति जताई. 

इसके बाद अज़रबैजान ने अपनी ज़्यादातर परियोजनाओं के लिए ख़ुद फंड दिया और जॉर्जिया के रास्ते तुर्किए और अज़रबैजान के बीच बाकू-त्बिलिसी-कार्स रेलवे लाइन, नए कैस्पियन सीपोर्ट (बंदरगाह) और अटल में स्वतंत्र व्यापार केंद्र (फ्री ट्रेड फैसिलिटी) जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया. 2017 में 826 किमी लंबी बाकू-त्बिलिसी-कार्स रेलवे लाइन को शुरू किया गया और अज़रबैजान ने 4,286 किमी लंबे रेल ट्रैक, जिसमें से 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिफाइड है और लगभग 40 प्रतिशत डबल ट्रैक लाइन है, पर 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया. ये रेलवे लाइन बाकू में नए कैस्पियन सीपोर्ट के साथ जुड़ती है जिससे यूरोप और एशिया के बीच कनेक्टिविटी की सुविधा हासिल होती है

EU के लिए TITR का सामरिक महत्व 

रूस-यूक्रेन संघर्ष और उसकी वजह से रूस पर अमेरिका और EU के द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण उत्तरी कॉरिडोर का संचालन बंद हो गया. इस तरह यूरोप के परिवहन ऑपरेटर और जहाज़ कंपनियां दूसरे विकल्पों की तलाश करने लगीं. इसके अलावा यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से मध्य एशिया के देशों में अपनी संप्रभुता को लेकर चिंता पैदा हो गई और वो TITR को चीन पर ज़रूरत से ज़्यादा टिके होने को रोकते हुए रूस पर अपनी निर्भरता कम करने के माध्यम के रूप में देखते हैं

4,500 किमी लंबी रेल लाइन और 500 किमी लंबे समुद्री रास्ते को शामिल करने वाला TITR रूस के उत्तरी कॉरिडोर से 2,000 किमी छोटा है. इसकी वजह से ये परिवहन के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन जाता है. 2021 की तुलना में 2022 में TITR में कंटेनर ट्रैफिक में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जैसे-जैसे EU अपने ऊर्जा स्रोतों का दायरा बढ़ाना चाहता है, वैसे-वैसे वो अपने भू-सामरिक और भू-आर्थिक हितों का समर्थन करने के उद्देश्य से TITR को बेहतर बनाने के लिए उत्सुक है. वैसे तो दक्षिणी गैस कॉरिडोर के रास्ते कैस्पियन सागर से गैस की ख़रीद रूस के सप्लाई की जगह लेने के लिए अपर्याप्त है लेकिन EU इसे एक सामरिक विकल्प के रूप में देखता है. तुर्कमेनिस्तान ने आधिकारिक तौर पर ट्रांस कैस्पियन पाइपलाइन (TCP) के ज़रिए कैस्पियन क्षेत्र के रास्ते यूरोप में गैस की ख़रीद को बढ़ावा देने के अपने इरादे का एलान किया है. EU के प्राकृतिक गैस के बाज़ार पर रूस का नियंत्रण काफी हद तक कम होने की उम्मीद है. 2021 की तीसरी तिमाही में यूरोप ने अपनी 39 प्रतिशत गैस का आयात रूस से किया जबकि 2023 की तीसरी तिमाही में इसे घटाकर केवल 12 प्रतिशत कर दिया

2023 में दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने मध्य एशियाई क्षेत्र के भीतर यूरोप और मध्य एशिया के बीच सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई. उनका उद्देश्य वैकल्पिक ऊर्जा सप्लाई के रास्तों को विकसित करके और कनेक्टिविटी में सुधार करके ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करना था.

EU और मध्य एशिया के नेतृत्व ने भू-सामरिक और भू-आर्थिक कारणों से एक-दूसरे से बातचीत की शुरुआत की. EU परिषद के अध्यक्ष ने TITR में यूरोप की अधिक महत्वपूर्ण भागीदारी पर चर्चा करने के लिए मध्य एशिया के नेताओं के साथ उच्च-स्तरीय बातचीत की. 2022 में पहले EU-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन ने आपसी हितों और साझा मूल्यों पर आधारित एक मज़बूत और प्रगतिशील साझेदारी तैयार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी. 2023 में दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने मध्य एशियाई क्षेत्र के भीतर यूरोप और मध्य एशिया के बीच सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई. उनका उद्देश्य वैकल्पिक ऊर्जा सप्लाई के रास्तों को विकसित करके और कनेक्टिविटी में सुधार करके ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करना था. EU नेताओं और EU के देशों के प्रधानमंत्रियों की उच्च-स्तरीय यात्रा की अधिक संख्या भी इन शिखर सम्मेलनों का समर्थन करती है

EU और BRI 

2013 में विदेश नीति के हथियार के तौर पर बड़े ज़ोर-शोर के साथ चीन ने BRI की शुरुआत की थी. चीन ने इसे "विदेश में विकास की रणनीति और विदेश नीति" के आधार पर अपनी अतिरिक्त क्षमता को 'बाहर' करने के एक अवसर के रूप में देखा. हालांकि, EU के अधिकारी दलील देते हैं कि BRI में पारदर्शिता की कमी है और इसने एशिया और अफ्रीका के ग़रीब देशों को कर्ज़ के जाल में धकेला है. वो सुरक्षा, जासूसी और दमन को लेकर तानाशाही गठबंधन जैसे संभावित ख़तरों को लेकर भी सावधान हैं. इन ख़तरों ने EU को चीन की BRI के ख़िलाफ़ रुख अपनाने के लिए प्रेरित किया है. BRI का समर्थन करने वाला EU का देश इटली दिसंबर 2023 में BRI से अलग हो गया.

सप्लाई चेन में कोविड-19 से जुड़ी रुकावटों और भू-राजनीतिक तनावों के बाद EU ने ग्लोबल गेटवे प्लान शुरू किया है जिसका लक्ष्य पूरी दुनिया में अनुसंधान एवं शिक्षा, डिजिटाइज़ेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और जलवायु एवं ऊर्जा पर 2027 तक 30 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करना है. इस योजना के तहत मार्च 2024 में EU ने TITR और मध्य एशिया में टिकाऊ बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 11 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का वादा किया जिसका अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने पूरी तरह से समर्थन किया. इसके बाद अमेरिका ने TITR के विकास का समर्थन करने के उद्देश्य से वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए G7 साझेदारी का इस्तेमाल करने का वादा किया. TITR में ये क्षमता है कि वो चीन, रूस और ईरान के साथ अमेरिका और EU के वैश्विक मुकाबले का निपटारा करने में सहायता करें.

 EU को इस क्षेत्र में एक दबदबे वाली भू-आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति का दावा जताने और दक्षिण कॉकेशस के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए TITR के विकास का उपयोग करना चाहिए.

चीन की आर्थिक मंदी, भ्रष्टाचार, कर्ज़ के तनाव और नाकाम बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं ने उसे मजबूर किया है कि वो अपनी महत्वाकांक्षी BRI पर खर्च में कटौती करे. चीन अब EU के साथ नए भू-सामरिक और भू-आर्थिक खेल में अपनी स्थिति मज़बूत करने के लिए TITR में असर बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ख़ास तौर पर बढ़ते अलगाव और भू-राजनीतिक मुकाबले के युग में. TITR EU को चीन और रूस- दोनों को मात देने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भू-आर्थिक शक्ति बनने में मदद करेगा, विशेष रूप से मध्य एशिया में. EU को इस क्षेत्र में एक दबदबे वाली भू-आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति का दावा जताने और दक्षिण कॉकेशस के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए TITR के विकास का उपयोग करना चाहिए. ये रणनीतिक कदम प्रभावी रूप से इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते असर को चुनौती देगा, उसे रोकेगा.


एजाज़ वानी ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में फेलो हैं

 

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