रेडीमेड गारमेंट (RMG) के दबदबे वाले बांग्लादेश के निर्यात सेक्टर को निर्यात राजस्व में असाधारण बढ़ोतरी के लिए अक्सर सराहा जाता है. वास्तव में, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात से आमदनी 52 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई. निटवेयर गारमेंट (बुने हुए कपड़े) का निर्यात जहां पिछले वर्ष के मुक़ाबले 36.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 23.21 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया वहीं वूवेन गारमेंट (गुंथे हुए कपड़े) का निर्यात इसी अवधि के दौरान 33.82 प्रतिशत बढ़कर 19.40 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. लेकिन वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में रसायनिक उत्पादों, कृषि उत्पादों और फ्रोज़ेन एवं ज़िंदा मछली से निर्यात राजस्व में क्रमश: 30 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वैसे तो बांग्लादेश विकास के अलग-अलग पैमानों के मामले में अच्छा कर रहा था लेकिन महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाहरी झटकों ने यहां की वित्तीय असुरक्षा को बढ़ा दिया है.
आयात-निर्यात में अंतर बांग्लादेश के चालू खाते और इस तरह से भुगतान संतुलन (BOP) के लिए अतिरिक्त समस्या पैदा करता है. बांग्लादेश मुख्य रूप से सहायक सामानों (इंटरमीडिएट गुड्स) जैसे कि पेट्रोलियम उत्पादों एवं रसायनों और पूंजीगत माल (कैपिटल गुड्स) जैसे कि मशीनरी का आयात करता है. सिर्फ़ 2021 की अंतिम तिमाही और 2022 की पहली तिमाही के बीच आयात बिल में लगभग 327.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2016 से 2021 के बीच बांग्लादेश का व्यापार संतुलन (-) 9.26 अरब अमेरिकी डॉलर (GDP का 3.49 प्रतिशत) से बिगड़कर (-) 26.63 अरब अमेरिकी डॉलर (GDP का 6.40 प्रतिशत) पर पहुंच गया.
बांग्लादेश विकास के अलग-अलग पैमानों के मामले में अच्छा कर रहा था लेकिन महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाहरी झटकों ने यहां की वित्तीय असुरक्षा को बढ़ा दिया है.
आंकड़ा 1: बांग्लादेश का व्यापार संतुलन (अरब अमेरिकी डॉलर और GDP के प्रतिशत के रूप में) (2010-2021)
स्रोत: विश्व बैंक के आंकड़े
दक्षिण कोरिया, चीन और कुछ दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, जिन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था को गारमेंट एवं फुटवेयर उत्पादों के निर्यात से बदलकर ज़्यादा जटिल उत्पादों के निर्यात की तरफ़ मोड़ने में कामयाबी हासिल की, से अलग बांग्लादेश अभी भी कम क़ीमत वाले तैयार उत्पादों का निर्यात करता है और निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में वर्ष 2000 से अभी तक कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ है. निटवेयर, वूवेन गारमेंट, कॉटन टी-शर्ट और जूट के उत्पादों, जिनका बांग्लादेश के निर्यात में वर्चस्व है, को अब वियतनाम से कड़ी टक्कर मिल रही है. इसकी वजह वियतनाम में बेहतर साजो-सामान और बिजली की आपूर्ति जैसे पैमाने हैं. वित्तीय वर्ष 2022 में बांग्लादेश में चालू खाते का घाटा 308 प्रतिशत बढ़ गया और ये (-) 4.57 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर (-) 18.69 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. वैसे तो चालू खाते के घाटे में बढ़ोतरी को एक अल्पकालीन झटका माना जा रहा है जिसकी वजह वैश्विक बाज़ार में उतार-चढ़ाव है लेकिन निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की संरचना में मूलभूत समस्याओं- निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की विविधता में कमी एवं आवश्यक समानों के आयात- और आने वाले जोखिम के कारण सामान्य भुगतान संतुलन की स्थिति के संदर्भ में बांग्लादेश की व्यापक आर्थिक स्थिरता में बाधा आएगी.
आंकड़ा 2: बांग्लादेश में भुगतान संतुलन (अरब अमेरिकी डॉलर में) (2015-2022)
स्रोत: लेखक का अपना, बांग्लादेश बैंक के आंकड़े
इस पृष्ठभूमि में ये ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि श्रीलंका की तरह बांग्लादेश भी ‘जुड़वां कमी की अवधारणा’ (ट्विन डेफिसिट हाइपोथेसिस) का एक अच्छा उदाहरण है. ये अवधारणा देश के वित्तीय संतुलन और चालू खाते के संतुलन के बीच मज़बूत संपर्क दिखाती है. 2021 में एक छानबीन के दौरान एक दिशा की तरफ़ जाने वाला एक कारण मिला जिसकी शुरुआत वित्तीय घाटे से व्यापार घाटे की ओर जाने से होती है और लंबे समय में ये चालू खाते के घाटे की तरफ़ जाता है. इसलिए बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में एक स्थायी चालू खाते के घाटे को बनाए रखने में टिकाऊ बजट घाटे को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. ये घटना बांग्लादेश जैसे उपभोग पर आधारित विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए बेहद प्रचलित है जहां की विशेषता भारी मात्रा में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कर्ज़ है. चूंकि बांग्लादेश में मांग का स्तर बहुत ज़्यादा है, इसलिए उपभोक्ताओं की ज़रूरत को पूरा करने के लिए आयात बढ़ाने की आवश्यकता होती है. इससे महंगाई में और बढ़ोतरी होती है जो कि बांग्लादेश के मामले में हुआ भी है. इस तरह जिन सामानों का उत्पादन देश में होता है, उन्हें वैश्विक निर्यात बाज़ार में अक्सर क़ीमत के मामले में कम प्रतिस्पर्धी के तौर पर देखा जाता है.
FDI के सभी पहलू
अब भुगतान संतुलन के पूंजी खाते पर आएं तो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) पूंजी खाते का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है जो बांग्लादेश के लिए कुल भुगतान संतुलन के घाटे को कम करने में मदद करता है. वैसे तो अल्पकालीन झटकों का असर सहने में बांग्लादेश की क्षमता को बढ़ाने में FDI आवश्यक है लेकिन इसका उद्देश्य तकनीक की कमी से पार पाने और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में निवेश के ज़रिए नये आविष्कार में मदद करना भी है. इस तरह अर्थव्यवस्था में बचत और निवेश के अंतर को कम किया जा सकता है. लेकिन बांग्लादेश में GDP के प्रतिशत के रूप में कुल FDI प्रवाह में लगातार कमी हो रही है और ये 2013 के 1.7 प्रतिशत से घटकर 2020 में 0.4 प्रतिशत से भी कम हो गया है. ये आंकड़ा 2013 से 2020 के दौरान पूंजी खाते का संतुलन 725 मिलियन अमेरिकी डॉलर से गिरकर 213 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने के मुताबिक़ है.
बांग्लादेश की FDI नीति के तहत विदेशी निवेशकों को कई तरह की रियायत मुहैया कराई गई है. इसके अलावा FDI को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग तरह के निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र एवं आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया गया है. पिछले 4 वर्षों में बांग्लादेश ने FDI बढ़ाने के लिए कारोबार को शुरू करने, क्रेडिट की उपलब्धता को आसान बनाने और बिजली तक पहुंच को सुनिश्चित करने के क्षेत्र में कई तरह के क़दम उठाए हैं. आधारभूत ढांचे की कई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है लेकिन FDI में बढ़ोतरी तब भी नहीं हो सकी. रेडीमेड गारमेंट या किसी दूसरे क्षेत्र में किसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी का निवेश नहीं आया है. 2019 में बांग्लादेश में शुद्ध FDI 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा जो कि GDP का 0.53 प्रतिशत है. ये एशिया में सबसे कम में से है. ऊपर बताए गए उपायों के बावजूद 2020 के लिए विश्व बैंक के ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में बांग्लादेश 8 पायदान नीचे खिसककर 190 देशों में 168वें स्थान पर पहुंच गया. बांग्लादेश में व्यवसाय शुरू करना अभी भी एक मुश्किल काम माना जाता है. यहां बिजली कनेक्शन हासिल करने के अलावा विवाद के समाधान और संपत्ति के अधिकार को ट्रांसफर करने का तौर-तरीका भी जटिल है.
बांग्लादेश की FDI नीति के तहत विदेशी निवेशकों को कई तरह की रियायत मुहैया कराई गई है. इसके अलावा FDI को आकर्षित करने के लिए अलग-अलग तरह के निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्र एवं आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया गया है.
तालिका 1: बांग्लादेश में FDI के पांच सबसे बड़े स्रोत और दूसरे देशों में बांग्लादेश के पांच सबसे बड़े निवेश (दिसंबर 2019 तक) (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)
कुल आई रक़म |
16,872 |
100% |
बाहर गई कुल रक़म |
321 |
100% |
अमेरिका |
3,488 |
20.70% |
यूनाइटेड किंगडम |
84 |
26.20% |
यूनाइटेड किंगडम |
1,960 |
11.60% |
हॉन्ग कॉन्ग |
72 |
22.40% |
नीदरलैंड्स |
1,372 |
8.10% |
भारत |
49 |
15.30% |
सिंगापुर |
1,254 |
7.40% |
नेपाल |
45 |
14.00% |
हॉन्ग कॉन्ग |
869 |
5.20% |
संयुक्त अरब अमीरात |
35 |
10.90% |
स्रोत: बांग्लादेश का इन्वेस्टमेंट क्लाइमेट स्टेटमेंट 2021, अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़े
दिसंबर 2021 में मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत वास्तविक GDP विकास दर का पूर्वानुमान किया गया. लेकिन मौजूदा समय में बढ़ती महंगाई, घटते विदेशी मुद्रा भंडार एवं घरेलू मुद्रा की घटती क़ीमत, सरकार के कर एवं ग़ैर-कर राजस्व संग्रह में कमी, बढ़ते व्यापार संतुलन और FDI में कमी की स्थिति के कारण इस बात की संभावना कम है कि बांग्लादेश अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब हो पाएगा. वित्तीय मज़बूती से अलग हटने के अतिरिक्त जोखिम हैं जैसे कि सॉवरेन रेटिंग में कमी जो अर्थव्यवस्था से पूंजी को बाहर निकाल सकती है. इससे भुगतान संतुलन की स्थिति और बिगड़ सकती है. इसका समाधान करने के लिए सरकार ने खर्च कम करने के कुछ उपाय अपनाए हैं. उदाहरण के लिए, वित्त मंत्रालय ने ‘सी’ श्रेणी की परियोजनाओं के लिए फंड जारी करना टाल दिया है. वैसे तो बांग्लादेश में सार्वजनिक नीति को लेकर बातचीत वर्तमान में अल्पकालीन उपायों को लेकर केंद्रित है लेकिन दीर्घकाल में मज़बूत विकास दर हासिल करने के लिए उसे वित्तीय संतुलन के साथ-साथ भुगतान संतुलन में संरचनात्मक परिवर्तन लाने वाले महत्वपूर्ण निर्धारकों पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.
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