Published on Oct 15, 2020 Updated 0 Hours ago

रूसी सरकार का दावा है कि लोगों को अब हर हाल में क्वारंटीन और प्रतिबंधों से बचने के लिए आगे आना चाहिए और उन्हें वो सब कुछ करना चाहिए जिससे उन्हें प्रतिबंधित जीवन न जीना पड़े.

क्वॉरंटीन ख़त्म होने के साथ ही क्या रूस अब जश्न की तैयारी कर सकता है?

हाल फिलहाल यदि कोई रूस का दौरा करे, तो उसे यह प्रतीत होगा कि देश में अब कोई महामारी नहीं है. लोगों की भीड़ सड़कों से गुज़र रही है, पर्यटन स्थलों, कैफे, रिसॉर्ट्स और समुद्र के किनारे बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और कुछ जगहों पर संगीत कार्यक्रम और सम्मेलनों का आयोजन शुरु हो चुका है. इसमें कोई हैरत की बात भी नहीं क्योंकि आखिरकार  रूस कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने की घोषणा करने वाला दुनिया का पहला देश था [1] तो,  ऐसे में क्या रूस के लिए अब जीत का जश्न मनाने का समय आ गया है?

रूसी सरकार का दावा है कि लोगों को अब हर हाल में क्वारंटीन और प्रतिबंधों से बचने के लिए आगे आना चाहिए और उन्हें वो सब कुछ करना चाहिए जिससे उन्हें प्रतिबंधित जीवन न जीना पड़े [2] ध्यान रहे कि रूस के लगभग 12 इलाके अभी भी ‘रेड जोन’ में हैं,  और कई तरह के प्रतिबंध पूरे देश में लागू हैं. मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, लगातार तापमान जांचने, दफ्तरों को बंद रखने और घरों से काम करने जैसी गतिविधियां अब रूस की रोज़मर्रा ज़िंदगी का हिस्सा हो गई हैं. इस बीच, लगभग 60 प्रतिशत रूसी नागरिक यह मानते हैं कि आने वाले महीनों में कोरोनोवायरस का प्रकोप सर्दियां आने के साथ एक बार फिर अपना रंग दिखाएगा [3]. हर मायने में ऐसा लगता है कि लोगों ने नए तरीके से जीवन जीने और उसके लिए ज़रूरी नए नियमों को अब अपने जीवन का हिस्सा मान लिया है, और वो उसके अनुकूल ढल गए हैं. ऐसे में सरकारों ने प्रतिबंधात्मक माहौल जारी रखने पर नए सिरे से विचार किया और लोगों को आम ज़िंदगी जीने की छूट देते हुए, उनके लिए बाधाएं पैदा नहीं कीं. सच ये है कि, प्रतिबंधों के हटने और नियमों में ढील देने से रूस में संक्रमण की संख्या में कोई भारी वृद्धि नहीं हुई. कुलमिलाकर यह दर्शाता है कि सरकार का स्थिति पर नियंत्रण है.

रूसी सरकार का दावा है कि लोगों को अब हर हाल में क्वारंटीन और प्रतिबंधों से बचने के लिए आगे आना चाहिए और उन्हें वो सब कुछ करना चाहिए जिससे उन्हें प्रतिबंधित जीवन न जीना पड़े ध्यान रहे कि रूस के लगभग 12 इलाके अभी भी ‘रेड जोन’ में हैं,  और कई तरह के प्रतिबंध पूरे देश में लागू हैं. 

कुछ देशों ने पहले ही रूस के लिए अपने हवाई मार्ग खोल दिए हैं,  जिसमें तुर्की, ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैं, तंज़ानिया, [4] मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और मालदीव जैसे देश शामिल हैं. [5] हालांकि, किसी भी तरह के आयोजन और यात्रा करने से पहले कोरोनावायरस की जांच करवाना ज़रूरी है और क्वारंटीन भले ही आनिवार्य न हो, लेकिन ये नियम अब लोगों के लिए ज़िंदगी का हिस्सा बन गए हैं. यह जानना भी ज़रूरी है कि ज़िंदगी का यह नया रूप और जीवन की इस नई वास्तविकता का रूस द्वारा ‘स्पुतनिक-V’ वैक्सीन की घोषणा से कोई संबंध नहीं है. रूस की यह वैक्सीन पूरी दुनिया के लिए उत्सव का कारण हो सकती थी, लेकिन कई देशों और स्वास्थ्य संस्थाएं अभी भी इसके उपयोग के बारे में अनिश्चित हैं. [6] मैक्सिको, बेलारूस और वेनेज़ुएला जैसे कुछ देशों ने रूसी टीके के परीक्षण में भाग लेने के लिए सहमति व्यक्त की है, और वियतनाम और कज़ाकिस्तान ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है, लेकिन बहुत से अन्य देशों ने रूस से अधिक जानकारी की मांग की है. [7][8] रूस ने भले ही कोविड-19 के टीके की घोषणा कर दी हो, लेकिन इसकी प्रभावशीलता की जांच करने के लिए परीक्षण अभी भी जारी हैं. इसके अलावा, ‘स्पुतनिक-V’ कोरोनावायरस से लड़ने वाली एकमात्र संभव वैक्सीन नहीं है, और अन्य संस्थान भी विभिन्न तरह के टीकों का परीक्षण कर रहे हैं.

वैक्सीन की घोषणा करने वाला पहला देश होने के बावजूद, रूसी समाज के लिए फिलहाल सामान्य स्थितियों यानी आसान दौर की शुरुआत नहीं हुई है. देश में टीकाकरण के ख़िलाफ़ एक मज़बूत आंदोलन चल रहा है और यही वजह है कि वर्तमान में फैली कोरोनावायरस की महामारी को भी षड्यंत्र की नज़रों से देखा जा रहा है. सभी समुदायों में संदेह बना हुआ है. लोग अस्पतालों में उपलब्ध कराए जा रहे उपचार को लेकर संदेह की स्थिति में हैं, और टीके के संभावित दुष्प्रभावों से डरते हैं. ऐसे में इसके प्रभावी होने को लेकर ज़ाहिर किए गए संदेह ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है. फिर भी, रूस में चिकित्सीय कार्यकर्ता और शिक्षक, वैक्सीन प्राप्त करने वालों की सूची में पहले नंबर पर हैं, और बड़े पैमाने पर स्वैच्छिक रूप से वैक्सीन लेने से जुड़ा एक टीकाकरण कार्यक्रम, साल 2021 में शुरू किया जाएगा. [9]

बदलाव को अपनाना

अधिकांश स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने फिलहाल पारंपरिक रूप से कक्षाएं शुरु किए जाने और स्कूलों के पुराने प्रारूप में नहीं लौटने का फैसला किया है. इस साल बड़े पैमाने पर कोई भी कार्यक्रम नहीं होंगे [10] और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले विनिमय यानी एक्सचेंज कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं. रूस में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र जो फिलहाल देश से बाहर हैं, वे अपने शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से करेंगे. रूसी सरकार अब भविष्य में देश में उनके प्रवेश को लेकर रणनीति बना रही है, और इस बारे में चर्चा जारी है. साथ ही डिजिटल शिक्षण को अब शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनया जा रहा है, हालांकि, रूसी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के नकारात्मक रवैये का संज्ञान लेते हुए [11] इसे शिक्षा के मुख्य माध्यम के रुप में स्थापित नहीं किया जा सकता. डिजिटल शिक्षा की अपनी सीमाएँ हैं, जिसमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित होने और व्यक्तिगत संवाद के ज़रिए ही सीखे जाने वाले, हुनर जैसी अड़चनें शामिल हैं.

वैक्सीन की घोषणा करने वाला पहला देश होने के बावजूद, रूसी समाज के लिए फिलहाल सामान्य स्थितियों यानी आसान दौर की शुरुआत नहीं हुई है. देश में टीकाकरण के ख़िलाफ़ एक मज़बूत आंदोलन चल रहा है और यही वजह है कि वर्तमान में फैली कोरोनावायरस की महामारी को भी षड्यंत्र की नज़रों से देखा जा रहा है. 

बंद सीमाएं केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ही एक मुद्दा नहीं हैं. रूस को अपनी अर्थव्यवस्था को सामान्य रूप से चलाने और कामकाज को जारी रखने के लिए विदेशी श्रमिकों की भी ज़रूरत है, खासतौर पर सेवा उद्योग में. यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और हवाई मार्ग को निश्चित रूप से जल्द ही खोला जाएगा, लेकिन, इस बीच, कड़ी निगरानी जारी है, ताकि कोविड-19 के नए मामलों के फैलने का ख़तरा न रहे, खासकर सोवियत राष्ट्र के पूर्व देशों से.

घरेलू नीति में भी कई तरह के बदलाव हुए हैं. रूसियों ने सक्रिय रूप से और आगे बढ़कर स्वंयसेवी संस्थाओं और चैरिटी आदि को दान देना शुरू कर दिया है- क्वारंटीन के दौरान सामाजिक रूप से कमज़ोर समूहों को पहले की तुलना में 89 प्रतिशत अधिक दान मिला. [12] लॉकडाउन के दौरान, महामारी के कारण पीड़ित लोगों की मदद के लिए कई नई गतिविधियों और परियोजनाओं की घोषणा की गई थी. उदाहरण के लिए, रूस के बड़े वित्तीय घराने, सर्बैंक ने वैक्सीन के आविष्कार को प्रोत्साहन देने के लिए व्यापक स्तर पर दान अभियान [13] शुरू किया और अपनी सहायक कंपनी के ज़रिए वह एक और संभावित वैक्सीन का उत्पादन करने जा रहा है.[14]

रूस की स्वास्थ्य प्रणाली में भी तत्काल सुधारों की आवश्यकता है, और यह काफी समय से लंबित है. फिर भी, अपनी सीमाओं के बावजूद, स्वास्थ्य व्यवस्था बिना चरमराए, महामारी की कठिन परिस्थितियों और आर्थिक दबाव के बीच टिकी रही और लोगों के काम आई. इस बीच सरकार ने लगातार खुद को संकट के अनुरूप ढालने और विकराल होती स्थिति को संभालने का काम किया.

महामारी ने निजी जीवन की भेद्यता और तकनीक के ज़रिए बड़ी संख्या में व्यक्तिगत जानकारी के सार्वजनिक होने जैसे मामलों को भी हमारे सामने रखा है. संक्रमण के प्रसार को रोकने और किस व्यक्ति के ज़रिए यह कहां तक पहुंच रहा है, इस बात का पता लगाने के लिए अब नई से नई तकनीक पर आधारित निगरानी ज़रूरी है. 

रूस के धार्मिक समुदाय को भी नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. सामाजिक दूरी और स्वच्छता के नियमों ने कई तरह की नई चर्चाओं और असहमतियों को जन्म दिया, लेकिन संघीय और स्थानीय स्तर पर धार्मिक संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने समझौते पर पहुंचते हुए मध्यममार्ग निकाले. उदाहरण के लिए, रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च ने ‘ग्रेट फास्ट’ के दौरान और ‘ईस्टर’ से ठीक पहले,  चर्चों को बंद कर दिया, ताकि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित किया जा सके [15] रूस में अधिकांश चर्चों और मस्जिदों को श्रद्धालुओं के लिए लगभग दो महीने तक बंद कर दिया गया था, और कुछ इलाकों में यह नियंत्रण और प्रतिबंध लंबे समय तक चले. सभी नियमों और प्रतिबंधों का पालन करते हुए धार्मिक रीति-रिवाज़ और गतिविधियां निभाना बेहद कठिन रहा. फिर भी, धार्मिक समुदाय ने इस ‘न्यू-नॉर्मल’ यानी सामान्य ज़िंदगी की नई परिभाषा को, बहुत हद तक अपना लिया है. कुछ मामलों में विरोध और विद्रोह भी हुआ, बावजूद इसके कि कई बिशप और पुजारी खुद संक्रमण का शिकार हुए.[16]

कैसा है आगे का रास्ता

कोविड-19 के चलते कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. रूस के पर्यटन क्षेत्र में महामारी के कारण लगभग 6.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है.[17] बड़े शहरों में गतिविधियां कम हुई हैं, और लोगों की आवाजाही पर असर पड़ा है. सामूहिक समारोह और लोगों की भीड़ वाले आयोजनों को लंबे समय तक रद्द कर दिया गया. कोविड19 की महामारी ने पहले-पहल शहरों की सीमाओं में अपना प्रकोप दिखाया और इसके चलते रूस के सुदूर इलाकों को विकसित करने और गांव-देहात को पुनर्जीवित करने को लेकर एक नई चर्चा ने जन्म लिया है. एक तरह से देखें तो इस साल, रूसियों को अपने देश को नए सिरे से खोलना होगा. देश के भीतर कामकाज और आवाजाही से जुड़ी यह एक ऐसी गतिविधि है जो पहले कभी नहीं की गई. यह ऐतिहासिक रूप से सुंदर जगहों और भूला दिए गए शहरों को एक फिर टटोलने और उन्हें लोकप्रिय बनाने का एक अवसर भी है. हालांकि, महामारी ने यह भी दिखाया है कि देश के सभी गंतव्य फिलहाल आंतरिक पर्यटन के लिए तैयार नहीं हैं.

लॉकडाउन ने लोगों को अपने तेज़ी से भागते जीवन और करियर को नए सिरे से देखने और समझने पर मजबूर किया है. साथ ही यह जीवन को नए ढंग से देखने का एक अवसर भी है. लोगों को अपने परिवार के साथ समय बिताने और दोस्तों और परिचितों के साथ पुराने संबंधों को एक बार फिर जीने का अवसर मिला है, साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा लोगों ने घर से काम करने की आदत डाली है. इस तरह के सामाजिक बदलावों के पूर्ण परिणाम केवल भविष्य में ही दिखाई देंगे, लेकिन कुछ संकेत अभी से सकारात्मक नज़र आ रहे हैं.

महामारी ने निजी जीवन की भेद्यता और तकनीक के ज़रिए बड़ी संख्या में व्यक्तिगत जानकारी के सार्वजनिक होने जैसे मामलों को भी हमारे सामने रखा है. संक्रमण के प्रसार को रोकने और किस व्यक्ति के ज़रिए यह कहां तक पहुंच रहा है, इस बात का पता लगाने के लिए अब नई से नई तकनीक पर आधारित निगरानी ज़रूरी है. हालांकि इन बदलावों और इस घटनाक्रम ने व्यक्ति की निजता के हनन और उसके निजी जीवन में अतिक्रमण की ख़तरनाक मिसाल भी कायम की है. दुनियाभर की सरकारों के पास अब यह डेटा उपलब्ध है, और इसका पूरा नियंत्रण सरकारों के पास ही है. इस डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंताएं भी ज़ाहिर की गई हैं.

लॉकडाउन, आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक अस्थिरता मिलकर अशांति को जन्म दे सकते हैं और विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरु हो सकता है. रूसी सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, खासकर तब जब लोगों के बीच असंतोष का आधार मौजूद है. 

दुनियाभर में फैली इस महामारी के आर्थिक दुष्परिणामों से निपटने के लिए, रूसी सरकार ने छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों, डॉक्टरों और बच्चों के साथ वाले ऐसे परिवारों जिनकी नौकरी चली गई, की मदद के लिए बड़े पैमाने पर [18] सहायक पैकेज की घोषणा की है. [19] इनमें से कुछ उपायों को अब बंद किया जा चुका है, लेकिन यह सोचना जल्दबाज़ी होगी कि लॉकडाउन खुलने से आर्थिक संकट दूर हो गया है. कई समूह और समुदाय अब भी आर्थिक रूप से असुरक्षित हैं, जिनमें बेघर लोग,  नए शुरु हुए परिवार व एकल माताएं, विकलांग व्यक्ति, बेरोज़गार और वो जिन्होंने महामारी के कारण अपनी नौकरी खो दी, शामिल हैं. सरकार और नागरिक समाज को इन समूहों की सहायता करनी होगी. लॉकडाउन, आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक अस्थिरता मिलकर अशांति को जन्म दे सकते हैं और विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरु हो सकता है. रूसी सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, खासकर तब जब लोगों के बीच असंतोष का आधार मौजूद है.

कोविड-19 के संकट और अन्य स्थानीय कारकों का रूस पर खासा प्रभाव पड़ा है. यदि रूस द्वारा विकसित की गई वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी साबित होती है, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा कदम होगा. लेकिन तब तक, रूस और अन्य देशों को पिछले छह महीनों के दौरान सीखे गए सबक को अमल में लाते हुए, संक्रमण की किसी भी नई संभावना या उसके दूसरे चरण से बचने की कोशिश करनी चाहिए.

Endnotes

[1] Russia Becomes First Country to Register a Coronavirus Vaccine,” Euronews, August 11, 2020.

[2] Путин призвал сделать все, чтобы избежать повторного карантина, Интерфакс, July 29, 2020.

[3] Ольга Игнатова, “ВЦИОМ: Около 60% Россиян не исключают второй волны коронавируса, Российская газета, August 22, 2020.

[4] Russia to Re-Launch International Air Travel on August 1, Russian Aviation Insider, July 25, 2020.

[5] Russia Resumes International Air Service with Egypt, Emirates, Maldives,” TASS, September 3, 2020.

[6] Zamira Rahim, “What We Know – and Don’t Know – about Russia’s ‘Sputnik V’ Vaccine, CNN, Cable News Network, August 13, 2020.

[7] Mexico to Test Russia’s Coronavirus Vaccine, The Moscow Times, August 21, 2020; “Mexico to Test Russia’s Coronavirus Vaccine, The Moscow Times, August 21, 2020.

[8] Russia to Supply over 2 Mln Doses of Sputnik V Vaccine to Kazakhstan, TASS, August 26, 2020; “Vietnam to Purchase Russian COVID-19 Vaccine, TASS, August 14, 2020.

[9] Russia Likely to Start Covid-19 Mass Vaccination from January 1, 2021, Business-Standard, August 11, 2020.

[10] Массовые мероприятия в российских школах запретили до конца 2020 года, Lenta.ru, August 14, 2020.

[11] Надежда Померанцева, “Почему студенты и преподаватели невзлюбили дистанционное обучение, Ведомости, May 28, 2020.

[12] Дарья Гладких, “В период пандемии россияне аожертвовали на благотворительность в два раза больше, чем до начала эпидемии, Собака.ru, May 19, 2020.

[13] Сбербанк дает возможность всем присоединиться к борьбе с коронавирусом,” “Сбербанк” – Individual Clients, May 12, 2020.

[14] ‘Дочка’ Сбербанка займется производством вакцины от коронавируса, РБК, August 21, 2020.

[15] Moscow Orthodox Churches Re-Open, Republic World, June 7, 2020.

[16] РПЦ назвала храмы, в которых выявили случаи заражения коронавирусом, Коммерсантъ, April 13, 2020.

[17] Ростуризм оценил потери российского турбизнеса из-за COVID-19 в 1,5 трлн рублей, Интерфакс, July 9, 2020.

[18] Парламент принял новый пакет законов для поддержки граждан в условиях коронавируса,” Государственная Дума, April 17, 2020.

[19] Стимулирующие выплаты работникам, оказывающим медицинскую помощь пациентам с COVID-19,” mosgoszdrav, 2020.

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