Published on Jul 30, 2023 Updated 0 Hours ago

सऊदी अरब के तरक़्क़ीपसंद शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान ने तय किया है कि बीती बातें भुलाकर आगे बढ़ने का समय आ गया है और दोनों ही देश दोस्ताना रिश्ते क़ायम करने के लिए एक नई शुरुआत करने को बेक़रार हैं.

थाईलैंड और सऊदी अरब के सर्द रिश्तों की पिघलती बर्फ़
थाईलैंड और सऊदी अरब के सर्द रिश्तों की पिघलती बर्फ़

एक बड़े घटनाक्रम के तहत क़रीब तीन दशक के अंतराल के बाद थाईलैंड और सऊदी अरब के रिश्तों में एक नया उछाल देखने को मिल रहा है. दोनों देशों के बीच ये बातचीत तब हुई जब थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओ-चा (Prayut Chan-o-cha) ने जनवरी 2022 में सऊदी अरब का दौरा किया था. 1989-90 में दोनों देशों के बीच ब्लू डायमंड विवाद के चलते संबंध टूटने के बाद थाईलैंड और सऊदी अरब के बीच ये पहली उच्चस्तरीय मुलाक़ात थी. ब्लू डायमंड विवाद के दौरान सेंधमारी की घटना और एक के बाद एक कई हत्याओं के चलते, सऊदी अरब के राजनयिकों ने थाईलैंड के साथ राजनीतिक रिश्ते ख़त्म कर दिए थे.

ऐसी भी अटकलें लगाई गई थीं कि सऊदी अरब के शहज़ादे के बेशक़ीमती हीरे और जवाहरात को थाईलैंड पुलिस के बड़े अधिकारियों ने हथिया लिया था. वो मामला अब तक अनसुलझा है.

इस वक़्त सऊदी अरब के तरक़्क़ीपसंद शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान ने तय किया है कि बीती बातें भुलाकर आगे बढ़ने का समय आ गया है. 25 और 26 जनवरी को हुई बैठकों के दौरान दोनों ही देशों ने आपसी संबंधों को सामान्य बनाने और दोस्ती के नए दौर की शुरुआत करने पर बल दिया. थाईलैंड की सरकार ने उस घटना के लिए दिल से माफ़ी मांगी और ये उम्मीद जताई कि सऊदी अरब के दोस्ताना संबंध क़ायम होंगे. थाईलैंड की इस पहल ने रिश्तों में नई जान डालने में अहम भूमिका निभाई है. अब दोनों देश पर्यटन, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में साझा निवेश करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

संक्षिप्त इतिहास

वर्ष 1989 के कुख्यात ब्लू डायमंड विवाद का दोनों देशों के रिश्तों पर बहुत बुरा असर देखने को मिला था. तब हुआ यूं था कि जब सऊदी अरब के शहज़ादे और उनकी बीवी छुट्टियां मनाने गए थे, तब थाईलैंड के एक दरबान ने 50 कैरेट के नीले हीरे समेत क़रीब 2 करोड़ डॉलर के जवाहरात और महंगे पत्थर शाही महल से चुरा लिए थे. वैसे तो थाईलैंड के अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने चोर को आख़िरकार पकड़ लिया है. लेकिन, उसके बाद भी अजीब-ओ-ग़रीब घटनाएं होती रहीं. सऊदी अधिकारियों को थाईलैंड की तरफ़ से जो हीरा वापस किया गया था, वो नक़ली निकला. इसके बाद, फ़रवरी 1990 में थाईलैंड के बंदूकधारियों ने बैंकॉक में सऊदी अरब के उन तीन राजनयिकों की गोली मारकर हत्या कर दी, जो हीरे तलाशने की कोशिश कर रहे थे. गुमशुदा हीरों के इस मामले की जांच के लिए सऊदी अरब का एक कारोबारी भी थाईलैंड गया हुआ था. उसे अगवा कर लिया गया और माना जाता है कि उसकी भी हत्या कर दी गई, क्योंकि उस सऊदी कारोबारी की लाश भी कभी बरामद नहीं हुई.

इस घटना ने सत्ता और पद के दुरुपयोग की उस हक़ीक़त से पर्दा उठा दिया था, जो थाईलैंड की पुलिस व्यवस्था में गहरी जड़ें जमाए बैठी है. ऐसी भी अटकलें लगाई गई थीं कि सऊदी अरब के शहज़ादे के बेशक़ीमती हीरे और जवाहरात को थाईलैंड पुलिस के बड़े अधिकारियों ने हथिया लिया था. वो मामला अब तक अनसुलझा है.

इस घटनाक्रम ने सऊदी अरब और थाईलैंड के बीच रिश्तों को इस क़दर बिगाड़ दिया था कि आज भी सऊदी अरब की राजधानी रियाद में थाईलैंड के राजदूत का पद नहीं है. सऊदी अरब ने थाईलैंड के लाखों कामगारों को वीज़ा देना भी बंद कर दिया था. हज के लिए मक्का आने वाले थाईलैंड के हज़ारों मुसलमानों को भी सऊदी अरब ने परमिट देना बंद कर दिया था. इसके अलावा सऊदी अरब ने अपने नागरिकों को थाईलैंड न जाने के लिए भी आगाह करना शुरू कर दिया था.

थाईलैंड, लंबे समय से सऊदी अरब से रिश्ते सुधारने का इंतज़ार कर रहा था. इस दिशा में अहम मोड़ उस वक़्त आया जब सऊदी अरब ने अपने यहां सत्ता परिवर्तन किया और इसकी कमान नई पीढ़ी को सौंप दी.

वर्ष 2021 तक थाईलैंड की सरकार भी सऊदी अरब जाने वालों से आधिकारिक या निजी दौरे की इजाज़त देने की चिट्ठी जारी करती थी. दोनों देशों के बीच पर्यटन को भी बढ़ावा नहीं दिया जाता था और कई बार ऐसा करने पर जुर्माना और क़ैद की सज़ाएं भी दी जाती थीं. हज के लिए मक्का जाने वाले थाईलैंड के कई नागरिकों पर भी निर्णायक रूप से पाबंदियां लगा दी गई थीं.

रिश्तों में आया बदलाव

थाईलैंड, लंबे समय से सऊदी अरब से रिश्ते सुधारने का इंतज़ार कर रहा था. इस दिशा में अहम मोड़ उस वक़्त आया जब सऊदी अरब ने अपने यहां सत्ता परिवर्तन किया और इसकी कमान नई पीढ़ी को सौंप दी. सऊदी अरब की नई पीढ़ी के नेता रिश्तों का दायरा बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जिससे कि तेल पर आधारित अपने देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाई जा सके.

सऊदी अरब के शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान ने कई देशों के साथ दोस्ती को बढ़ाया है. उन्होंने पाकिस्तान, ईरान, क़तर और तुर्की जैसे क्षेत्रीय प्रतिद्वंदियों के साथ रिश्तों को नए सिरे से बहाल किया है. थाईलैंड इन देशों की सूची में जुड़ा नया नाम है.

इसीलिए, जनवरी में हुई अहम मुलाक़ात के दौरान थाईलैंड ने कहा कि अगर नए सुबूत सामने आते हैं, तो वो ब्लू डायमंड केस को सुलझाने में पूरी ताक़त लगा देंगे. थाईलैंड की सरकार ने बैंकॉक आने पर सऊदी अरब के शाही परिवार को पूरी सुरक्षा देने का भी वादा दोहराया. दोनों ही देशों ने अपने यहां आने वाले एक दूसरे के नागरिकों को भी पूरी तरह से सुरक्षा देने की बात दोहराई.

उपलब्ध मौक़े

थाईलैंड के प्रधानमंत्री के सऊदी अरब दौरे के दौरान कई समझौतों पर दस्तख़त किए गए. इनमें से सबसे अहम कामगारों के सहयोग का समझौता है. वर्ष 1980 के दशक में थाईलैंड के कामगारों के लिए सऊदी अरब जाना बड़ी प्राथमिकता हुआ करता था. उस समय थाईलैंड के क़रीब तीन लाख कामगार सऊदी अरब में रहकर अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे थे. इस वक़्त थाईलैंड के 1400 से भी कम नागरिक सऊदी अरब में काम करते हैं. वो भी छोटे-मोटे दर्ज़े के रोज़गार में.

हालिया बदलावों के बाद थाईलैंड की ओवरसीज़ मैनपावर एसोसिएशन ने कहा है कि अगले दो महीनों में थाईलैंड के कामगारों की एक छोटी सी टीम सऊदी अरब भेजी जाएगी. उनके काम-काज पर नज़र रखी जाएगी और अगर वो नए माहौल में ख़ुद को कामयाबी से ढाल लेते हैं, तो फिर कामगारों का नया समूह वहां भेजा जाएगा.

दूसरी बात, कूटनीतिक रिश्ते दोबारा बहाल होने से दोनों देशों के बीच पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग में भी नई जान आएगी. थाईलैंड के पर्यटन प्राधिकरण (TAT) अब सऊदी अरब के सैलानियों को लुभाने के लिए पर्यटन के प्रचार का एक अभियान शुरू करेगा. थाईलैंड के अधिकारी मेडिकल और ख़रीदारी के पर्यटन के दो क्षेत्रों को बढ़ावा देने और मज़बूत करने पर ज़ोर दे रहे हैं. 2017 में सऊदी अरब के 33,517 नागरिकों ने थाईलैंड का दौरा किया था. लेकिन, कोविड-19 महामारी के चलते 2020 में थाईलैंड आने वाले सऊदी सैलानियों की संख्या घटकर 4,125 और 2021 में और भी घटकर 467 ही रह गई. नए हालात में सऊदी अरब से थाईलैंड के बीच 28 फ़रवरी से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं . अब थाईलैंड इंटरनेशनल एयरवेज़ भी बैंकॉक और रियाद के बीच सीधी उड़ान शुरू करने की योजना पर काम कर रही है.

नए हालात में सऊदी अरब से थाईलैंड के बीच 28 फ़रवरी से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं . अब थाईलैंड इंटरनेशनल एयरवेज़ भी बैंकॉक और रियाद के बीच सीधी उड़ान शुरू करने की योजना पर काम कर रही है.

थाईलैंड के पर्यटन क्षेत्र के अधिकारियों ने वर्ष 2022 में दो लाख सऊदी सैलानियों की आमद से 20 अरब भात (Thai baht Currency )की आमदनी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है. थाईलैंड की सेवाओं की शुरुआत और उनका प्रचार करने के लिए रोड शो करने की योजना बनाई गई है. इसके अलावा सऊदी अरब के ग्राहकों से जान-पहचान बढ़ाने की योजनाओं पर भी काम चल रहा है, जिससे उनकी ज़रूरत पूरी करने वाली व्यापक सेवाएं तैयार की जा सकें.

इसमें कोई दो राय नहीं कि दोनों पक्षों की तरफ़ से रिश्ते बहाल करने की ये पहल बहुत अहम है. मगर सबसे बड़ी ज़रूरत भरोसे को दोबारा क़ायम करने की है. दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर अविश्वास करने की भारी क़ीमत चुकाई है. जिस तरह सऊदी अरब ने इंडोनेशिया और मलेशिया में फ़राख़दिली से रक़म निवेश की है, उससे सऊदी अरब के प्रति दक्षिणी पूर्वी एशिया में माहौल बना है. ऐसे में थाईलैंड को चाहिए कि वो सऊदी अरब के विज़न 2030 के साथ तालमेल मिलाते हुए बेहतर अवसर पैदा करने की अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार करे. सऊदी अरब का विज़न 2030 तेल पर अपनी निर्भरता कम करने पर ज़ोर देता है. सऊदी अरब को उम्मीद है कि वो शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्रों का विकास करके अपनी अर्थव्यवस्था का विकास कर सकता है. इस काम में थाईलैंड भी बड़ी भूमिका निभा सकता है और उसे ये मौक़ा गंवाना नहीं चाहिए.

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