Author : Neeru Sharma

Published on Dec 07, 2020 Updated 0 Hours ago

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत, ई-गवर्नेंस के अंतर्गत, हम ऐसी कई पहल देख रहे हैं, जो भारत को डिजिटल रुप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में काम करेंगी.

इन्फ़ीबीम से जुड़े नए अवसर: भुगतान, डिजिटल ढांचे और लेनेदेन माध्यमों का संपूर्ण हल

ORF: प्रौद्योगिकी, लागत को कम करने और विस्तार की अनंत संभावनाओं के साथ, विस्तृत रूप से लाभ पहुंचाने का काम कर सकती है. हमें बताएं कि इन्फ़ीबीम (Infibeam) ने प्रौद्योगिकी की इस ताक़त का इस्तेमाल करते हुए, खुद को एक बड़े व्यापारिक समूह के रूप में कैसे स्थापित किया.

Neeru Sharma: इन्फ़ीबीम एवेन्यूज़, ऐसे डिजिटल भुगतान और सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है जिनके ज़रिए, व्यवसायिक और सरकारी इकाईयां, भारत और विदेशों में ऑनलाइन लेनदेन कर सकें. परिसंपत्ति (company assets) को कम करने के सिद्धांत पर आधारित हमारा बिज़नेस मॉडल, अत्यधिक स्केलेबल यानी विस्तार योग्य बुनियादी ढांचा और लेनदेन आधारित लाभदायक राजस्व मॉडल, हमें व्यापार और शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने में सक्षम बनाता है. इंफीबीम इन तकनीकों का एक दुर्लभ संयोजन है, जहां एक कंपनी डिजिटल भुगतान की सुविधाएं और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म दोनों एक साथ प्रदान करती है.

इंफीबीम इन तकनीकों का एक दुर्लभ संयोजन है, जहां एक कंपनी डिजिटल भुगतान की सुविधाएं और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म दोनों एक साथ प्रदान करती है.

ORF: इन्फ़ीबीम की सफलता और व्यवसाय में बढ़ोत्तरी, पिछले एक दशक में भारत के प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में आई तेज़ी के समानांतर है. आपने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास के इस घटनाक्रम को कैसे भुनाया और आप आने वाले समय में, भारत व इंफीबीम दोनों के लिए किस तरह के रोमांचक बदलाव देखती हैं

Neeru Sharma: पिछले एक दशक में, भारत ने जिस तरह से डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल व्यावसायिक कामकाज को बेहतर ढंग से संचालित करने और उपभोक्ताओं के व्यवहार को समझने और प्रभावित करने के लिए किया है, उसमें व्यापक रूप से बदलाव देखा गया है. निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में बी2बी यानी व्यापार से व्यापार के बीच व बी2सी यानी व्यापार और ग्राहक समुदायों के बीच लेन-देन के डिजिटल तरीके पेश किए गए, जिससे इस क्षेत्र में गति, बढ़ते पैमाने और इनोवेशन का संचार हुआ है. इस बदलाव को अब व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया गया है. यह आज की ज़रूरत भी बन गया है. इन्फ़ीबीम ने ई-कॉमर्स माध्यमों, भुगतान संबंधी तकनीकों और बुनियादी ढांचे के विशिष्ट क्षेत्र में समाधान उपलब्ध करवा कर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. आज हम विश्व स्तर पर ग्राहकों की ज़रूरतों के लिए, एक एकीकृत पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं, जिसके तहत विभिन्न तकनीकों के माध्यम से ग्राहकों की विभिन्न ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है.

ORF: इन्फ़ीबीम, सरकार के ई-मार्केटप्लेस के साथ शामिल है. आप तकनीकी रूप से सक्षम प्रशासनिक पहल के क्षेत्र में पैदा हो रहे नए अवसरों को कैसे देखती हैं?

Neeru Sharma: डिजिटल इंडिया अभियान के हिस्से के रूप में, हमने ई-गवर्नेंस यानी डिजिटल तकनीक द्वारा प्रशासनिक कामकाज और जन कल्याण के क्षेत्र में कई पहल होती देखी हैं, जो भारत को डिजिटल रूप से एक सशक्त समाज में बदलने के लिए ज़रूरी हैं. इस संबंध में हर क्षेत्र में अवसर पैदा होंगे क्योंकि डिजिटल बुनियादी ढांचा, प्रत्येक नागरिक की हर ज़रूरत को पूरा करने में सक्षम है.

इन्फ़ीबीम ने ई-कॉमर्स माध्यमों, भुगतान संबंधी तकनीकों और बुनियादी ढांचे के विशिष्ट क्षेत्र में समाधान उपलब्ध करवा कर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है.

डिजिटल क्षेत्र में नागरिकों के सशक्तीकरण से उपयोग संबंधी आसानी पैदा होगी, और सभी तरह के सरकारी लेनदेन और कामकाज में गति, पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा. कैशलेस यानी बिना नकद भुगतान के होने वाले लेनदेन और डिजिटल के माध्यम से होने वाले वित्तीय लेन-देन से फिनटेक (fin-tech) क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे और इनोवेशन में भी बढ़ोत्तरी होगी.

ORF: आपने अपने करियर में कई भूमिकाएं निभाई हैं, इन्फ़ीबीम में और उससे पहले भी. ऐसा करने के लिए आपको प्रेरणा व संकेत कहां से मिले और तकनीकी पृष्ठभूमि का लाभ उठाते हुए, तकनीकी उद्यम स्थापित करने के इच्छुक लोगों के साथ अपने कौन से सबक साझा करना चाहेंगी?

Neeru Sharma: मुझे लगता है कि आज हम सभी वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के नागरिक हैं. हमें इस बात का पता होना चाहिए कि हमारे आसपास क्या हो रहा है और इन बदलावों के चलते क्या परिदृश्य हो सकते हैं. इस समझ, एहसास और जोख़िम को भांपने की कला ने मुझे उद्यमशीलता के सफ़र पर निकलने की प्रेरणा दी. तकनीक आज किसी एक माध्यम की मोहताज नहीं है, और एक बुनियादी ज़रूरत बन चुकी है. भौगोलिक और भौतिक आकार के संदर्भ में प्रौद्योगिकी का पैमाना अब असीमित हो गया है, तकनीक क्षेत्र के उद्यमियों को इस बात का एहसास होना चाहिए.

तकनीक आज किसी एक माध्यम की मोहताज नहीं है, और एक बुनियादी ज़रूरत बन चुकी है. भौगोलिक और भौतिक आकार के संदर्भ में प्रौद्योगिकी का पैमाना अब असीमित हो गया है, तकनीक क्षेत्र के उद्यमियों को इस बात का एहसास होना चाहिए.

व्यावसायिक अंतर्दृष्टि (Business insights) और बाज़ार से जुड़े अनुसंधान (market research) को वैश्विक आयाम दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, तकनीकी व्यवसाय से जुड़ा कोई विचार, किसी एक समय के लिए सुझाया गया हल नहीं हो सकता. उसे समय के लंबे अंतराल या यूं कहें कि लगातार, तकनीकी इनोवेशन की यात्रा के रुप में होना चाहिए, जो नई से नई समस्याओं को सुलझाने और व्यवसाय की बदलती जरूरतों को पूरा करने में मदद करता रहे.

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