Author : Sanjay Ahirwal

Published on Jan 17, 2018 Updated 0 Hours ago

यह वक़्त की नज़ाकत है की हम सब मित्र देश अब मिल कर नयी चुनौतियों का सामना करते हुए एक साथ आगे बढ़े।

इस्लामिक कट्टरवाद दुनिया के लिए बड़ा ख़तरा: बेंजामिन नेतनयाहु
फोटोलेब्स@ORF

रायसीना डॉयलॉग—2018 इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहु के उद्घाटन भाषण से शुरू हुआ। श्री नेतनयाहु ने कहा कि नयी विश्व व्यवस्था में कमज़ोर की कोई जगह नहीं है। इस्राएल को भी अपना वजूद क़ायम रखने के लिए अपने को बलवान बनाना पड़ा था। ताक़तवर बनने के लिए चार तरीक़ों का इस्तेमाल हुआ। पहले अपनी सेन्य ताक़त को मज़बूत किया गया। फिर खुफिया तंत्र को मज़बूत किया गया। लेकिन यह सब करने में बहुत पैसा लगता है। तो यह पैसा आएगा कहाँ से ? इस के लिए ज़रूरी है की देश आर्थिक रूप से भी ताक़तवर बने। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र और मूलभूत ढाँचे को मज़बूत किया जाए। और यही इस्राएल ने किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तारीफ़ करते हुए श्री नेतनयाहु ने कहा की यह बहुत बड़ी बात है की व्यापार करने की आसानी होने के आँकड़ों में भारत ने ब्यालीस पायदानों की छलाँग लगायी है। अभी अफ़सरशाही को और कम करने की ज़रूरत है। भविष्य उनका है जो नयी खोज कर रहे हैं, प्रगति के नए रास्ते निकाल रहे हैं। आने वाले कुछ साल बिग डेटा कॉनेटिविटी और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स के होंगे और इन्हीं क्षेत्रों से भारी उन्नत्ति और प्रगति आएगी।

नयी औद्योगिक प्रगति का फ़ायदा उठाने के लिए राजनैतिक ताक़त की ज़रूरत पड़ेगी। मित्र देशों को व्यापार, सांस्कृतिक और सैन्य क्षेत्र में नए रिश्ते बनाने होंगे। बहुलवादी, लोकतांत्रिक देशों को साथ आना पड़ेगा और इस्लामिक कट्टरवाद से पैदा हो रहे नए ख़तरों से, नयी चुनौतियों से निपटना पड़ेगा। प्रौद्योगिकी और खुले बाज़ार का पूरा इस्तेमाल कर एक दूसरे से सहयोग बढ़ाना पड़ेगा ताकि मित्र देशों की जनता को विकास का पूरा फ़ायदा मिल सके।


नयी औद्योगिक प्रगति का फ़ायदा उठाने के लिए राजनैतिक ताक़त की ज़रूरत पड़ेगी। मित्र देशों को व्यापार, सांस्कृतिक और सैन्य क्षेत्र में नए रिश्ते बनाने होंगे।


इज़्रेली प्रधान मंत्री के इस उद्घाटन भाषण के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी रायसीना डॉयलॉग में मौजूद थे। इस्राएल के साथ भारत के सम्बन्धों को एक नयी ऊँचायी पर ले जाने के लिए श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए बेंजामिन नेतनयाहु ने कहा की पिछले तीन हज़ार सालों में नरेंद्र मोदी भारत के पहले बड़े नेता है जिनहो ने इस्राएल की यात्रा की है।

अपने धन्यवाद भाषण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा भारत और इस्राएल कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं ख़ास कर कृषि और पानी पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

रायसीना डॉयलॉग 2018 की औपचारिक शुरुआत करते हुए अब्ज़र्वर रीसर्च फ़ाउंडेशन के चयेरमैन संजय जोशी ने कहा की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से दो साल पहले रायसीना डॉयलॉग की शुरुआत हुई जिस के सहारे देश की पुरानी संस्कृति और परम्पराओं का फ़ायदा उठाते हुए नयी शुरुआतों और सम्भावनाओं को खोजने का सिलिसिल शुरू हुआ। इस्राएल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहु का स्वागत करते हुए श्री संजय जोशी ने कहा की इस्राएल तरह तरह के ख़तरों से जूझता रहा है लेकिन उस ने आर्थिक और सेन्य क्षेत्र में विश्व में अपनी एक महत्वपूर्ण जगह बनायी है।

यह वक़्त की नज़ाकत है की हम सब मित्र देश अब मिल कर नयी चुनौतियों का सामना करते हुए एक साथ आगे बढ़े। नयी टेक्नॉलजी को अपनाएँ। आर्थिक भविष्य के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देना विकासशील देश अपनी अहम रणनीति बना रहे हैं। इनोवेशन से चलने वाली जिओ-इकनॉमिक रणनीति विदेश नीति को और भी जानदार बना सकती है। यह भी एक्सप्लोर किया जाना चाहिए कि इस प्रोसेस को बढ़ावा देने के लिए देश कैसे रणनीतिक भागीदारी बना सकते हैं ? आर्थिक तरक्की इसी बात पर निर्भर करेगी कि देश कैसे नए आइडिया अपनाते हैं और कैसे इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं। अहम लोकतंत्रों ने हालांकि अलग-अलग, लेकिन एक साथ बढ़ते इनोवेशन की ताकत को अनुभव किया है। उदाहरण के लिए इजरायल का उन्नत एग्रीकल्चर, जापान का हाई एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम, अमेरिका की सिलिकॉन वैली और हमारी डिजिटल इंडिया पहल अच्छी मिसालें हैं।

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