Author : Harsh V. Pant

Published on Dec 09, 2020 Updated 0 Hours ago

दुनिया में अमेरिका के महत्व की वजह से वैश्विक नीतियों पर अमेरिका के राष्ट्रपति का काफ़ी असर होता है. ट्रंप ने भी निराश नहीं किया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल में दुनिया को किस तरह से बदल दिया

अमेरिका में हर चार साल पर होने वाली 59वीं राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया अब जबकि ख़त्म हो गई है और जो बाइडेन नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं, तब वक़्त है ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति के मूलभूत तत्वों का जायज़ा लेने का, जिसको कई लोग हाल के वर्षों में सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण बता रहे हैं. राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को “बड़ा नुक़सान” करने वाला बताया गया है- ऐसा व्यक्ति जिसने न सिर्फ़ अमेरिका की घरेलू राजनीति की पुरानी मान्यताओं को चुनौती दी है, बल्कि अपने देश की विदेश नीति की प्राथमिकताओं को भी. ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ के नारे की वजह से उन्हें 2016 के चुनाव में जीत मिली. इस तरह उन्होंने ख़ुद के मज़बूत उम्मीदवार न होने के तमाम पूर्वानुमानों को झुठला दिया था. कई मोर्चों पर युद्ध से थके, व्यापक आर्थिक गड़बड़ी से नाराज़ और हद से ज़्यादा ध्रुवीकरण के शिकार अमेरिका के लोगों ने ट्रंप के ऊपर अपना भरोसा जताया.

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद हर पक्ष उनके ऊपर ज़ोरदार प्रतिक्रियाएं देता रहा. चार साल के बाद अमेरिका के मतदाताओं ने इस बात का फ़ैसला सुना दिया है कि फिर से ट्रंप को चुनें या फिर जो बाइडेन जैसी शख़्सियत को राष्ट्रपति की कुर्सी पर एक मौक़ा दें लेकिन अमेरिका के लोगों की पसंद के नतीजों के साथ बाक़ी दुनिया को जीना होगा. दुनिया में अमेरिका के महत्व की वजह से वैश्विक नीतियों पर अमेरिका के राष्ट्रपति का काफ़ी असर होता है. ट्रंप ने भी निराश नहीं किया है. एक से ज़्यादा मामलों में उनकी नीतियों ने हर क्षेत्र में दुनिया की व्यवस्था पर असर डाला है चाहे वो इंडो-पैसिफिक में चीन और उभरती शक्ति का संतुलन हो, अटलांटिक पार विभाजन, व्यापार और तकनीक हो या बहुपक्षीय व्यवस्था.

कितने कारगर रहे डोनाल्ड ट्रंप

इस रिपोर्ट में ORF इस सवाल का जवाब तलाश रहा है कि ट्रंप की वाक कला ज़मीनी हक़ीक़त से मेल खाती है या नहीं. क्या वो वाकई उतने नुक़सान पहुंचाने वाले हैं जितना अक्सर दावा किया जाता है? या फिर संरचनात्मक कारणों ने उन्हें उस दिशा में धकेल दिया जहां उनकी विदेश नीति को बारीकी से समझने की ज़रूरत है. क्या हम उन मुद्दों की साफ़ पहचान कर सकते हैं जिन पर ट्रंप की छाप दिखाई देती है? क्या उनके दिखावटी पागलपन के पीछे कोई वजह है?

वैश्विक राजनीति पर बतौर राष्ट्रपति ट्रंप के असर को आंकने के लिए हम ORF के रिसर्चर्स के द्वारा एक विश्लेषण पेश कर रहे हैं जो अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों के मुद्दों की पड़ताल कर पता लगाता है कि ट्रंप कितने नुक़सानदेह रहे हैं. जैसा कि इस सर्वे में पता लगता है, राष्ट्रपति पद पर होते हुए ट्रंप का दुनिया पर असर उम्मीद से ज़्यादा जटिल रहा है. ट्रंप के आलोचक- और उनके कुछ अजीबोगरीब ट्वीट और बयान- जो भी कहें लेकिन उनकी विदेश नीतियों में काफ़ी ज़्यादा निरंतरता रही है. अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण असहमतियां रही हैं जिनकी जांच-पड़ताल करने की ज़रूरत है ताकि सही ढंग से पता लग सके कि वैश्विक परिदृश्य पर ट्रंप का दीर्घकालीन असर क्या होगा. चुनाव के नतीजों के घोषित होने के बाद भी उनकी विरासत पर बहस निश्चित रूप से ख़त्म नहीं होगी.

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