Published on Jan 09, 2021 Updated 0 Hours ago

चीन की आक्रामकता का अब हर देश खुल कर विरोध कर रहा है, और इस तरह की चेतावनियां आगे आने वाले समय में और बढ़ेंगी

तकनीकी उद्यमियों को ब्रिटेन की चेतावनी का मतलब है चीन की 'डी-कपलिंग' कवायद की शुरुआत

लगभग 70 बिलियन डॉलर के व्यापार और निवेश संबंधों को ताक पर रखते हुए ब्रिटेन ने चीन के साथ व्यवसाय करने वाले सभी उद्यनों के लिए अलर्ट जारी किया है. उद्यमियों, निर्यातकों और चीन से निवेश प्राप्त करने वालों के लिए इस अलर्ट में अंतर्निहित संदेश स्पष्ट है: कि वो बहुत-बहुत सावधान रहें. यूके सरकार की ओर से सावधानी और सलाह के मसौदे के रूप में जारी की गई ये वेबसाइट जिसका नाम डिजिटल टेक एंड चाइना है (digital tech and China) एक अभियान है, जिसकी कोशिश चीन से तकनीकी क्षेत्र में लेन-देन, व्यापार व व्यवहार करते समय उद्योगों को सावधानी बरतने के लिए सचेत करना है.

निजी कंपनियों और प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े परामर्शदाताओं के माध्यम से ऐसी सलाह या चेतावनी जारी होना एक बात है, लेकिन एक देश जब ऐसा करे तो इसका बेहद महत्वपूर्ण अर्थ और परिणाम हो सकता है.

निजी कंपनियों और प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े परामर्शदाताओं के माध्यम से ऐसी सलाह या चेतावनी जारी होना एक बात है, लेकिन एक देश जब ऐसा करे तो इसका बेहद महत्वपूर्ण अर्थ और परिणाम हो सकता है. किसी देश द्वारा इस तरह खुल कर ऐसा कहना व्यापार और निवेश से आगे कई मायनों में प्रभाव डाल सकता है, जैसे:

  • इस संबंध में कॉर्पोरेट फाइलिंग की जांच करना सहायक है, लेकिन यह सतहीकार्रवाई है. वैश्विक स्तर पर बनाई गईब्लैकलिस्ट यानी काली सूची के डेटाबेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे शायद ही कभी चीनी नामों को सही ढंग से पकड़ती हैं और झूठे रूप से सकारात्मकता परिणाम पैदा कर सकती हैं.
  • चीन में सार्वजनिक रिकॉर्ड सीमित हैं. यह जानना महत्वपूर्ण है कि व्यवसायों द्वारा हासिल किए गए पंजीकरण व संपूर्ण कागज़ीकार्रवाई की कॉर्पोरेट फाइलिंग प्राप्त करना अवैध है (इनमें वित्तीय डेटा और सार्वजनिक रूप से सुलभ ऑनलाइन जानकारी के अलावा कोई भी जानकारी शामिल है). इसके अलावा व्यक्तिगत घरेलू पंजीकरण रिकॉर्ड और किसी व्यक्ति के कॉर्पोरेट हितों कीकी पूरी सूची भी शामिल है.
  • चीन को निर्यात करते समय, जालसाज़ी, ट्रेडमार्क और अन्य आईपीआर उल्लंघन जैसे मामलों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.
  • यदि चीनी निवेश हो रहा है, तो अपने व्यवसाय के संभावित व्यापारिक जोख़िमों के बारे में जानकारी रखना और उन्हें कम कैसे किया जा सकता है इसके बारे में रणनीति तैयार रखना ज़रूरी है.इससे व्यवसायों को अपनी संपत्ति, डेटा और बौद्धिक संपदा (आईपी) की सुरक्षा करने में मदद मिलेगी.
  • चीन में अपनी बौद्धिक संपदा यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीकी सुरक्षा के लिए क़ानूनी कदम उठा कर खुद को सुरक्षित करना भी महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यवसायों के लिए साइबर सुरक्षा पर विचार करना भी ज़रूरी है.
  • साल 2018 में चीन द्वारा अपना वादा तोड़े जाने, व्यावसायिक डेटा की चोरी और बड़े पैमाने पर सामने आई साइबर-चोरी की स्थिति में ब्रिटेन के पास अपने सहयोगियों के साथ मिलकर, चीन को धता बताने और खुल कर इस बात को सामने रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. 

यह अभियान ब्रिटेन के व्यवसायों को याद दिलाता है कि साल 2018 में चीन द्वारा अपना वादा तोड़े जाने, व्यावसायिक डेटा की चोरी और बड़े पैमाने पर सामने आई साइबर-चोरी की स्थिति में ब्रिटेन के पास अपने सहयोगियों के साथ मिलकर, चीन को धता बताने और खुल कर इस बात को सामने रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इसके तहत 20 दिसंबर 2019 को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अपने सहयोगियों के साथ, यूके ने यह घोषणा की थी कि एपीटी 10 के रूप में पहचाने जाने वाले एक समूह ने चीनी सुरक्षा मंत्रालय की ओर से काम करते हुए, यूरोप, एशिया और अमेरिका में बौद्धिक संपदा और संवेदनशील वाणिज्यिक डेटा को लक्षित करने वाले एक दुर्भावनापूर्ण साइबर अभियान को अंजाम देने के लिए काम किया,” सरकारों के लिए अपने कॉरपोरेट नागरिकों को किसी खास देश के साथ व्यापार न करने के लिए कहना मुश्किल है. इसलिए, यह सलाह के रूप में जारी की गई यह विज्ञप्ति चीन की तकनीक (China Tech) के ख़िलाफ़ किसी भी सरकार द्वारा जारी की गई अब तक की सबसे मज़बूत चेतावनी है. चीन की आक्रामकता का अब हर देश खुल कर विरोध कर रहा है, और इस तरह की चेतावनियां आगे आने वाले समय में और बढ़ेंगी और चीन की यह डी-कपलिंग डिजिटल क्षेत्र या ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं रहेगी.

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