Author : Falguni Tewari

Published on Jan 21, 2017 Updated 21 Days ago

प्रधानमंत्री चाहते हैं डिजिटल इंडिया — डिजिटल खाई को पाटे तथा गरीबों और वंचितों को समर्थ बनाए।

जल्द ही आधार-आधारित विशिष्ट डिजिटल भुगतान प्रणाली की शुरूआत: प्रसाद
Photolabs@ORF

अधिक मूल्य वाली बड़ी मुद्रा के विमुद्रीकरण और उसके बाद डिजिटल माध्यमों पर दिए जा रहे जोर के बाद सरकार अब जल्द ही आधार-आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली शुरू करने जा रही है।

यह जानकारी यहां केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने ऑब्र्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित वार्षिक रायसीना डॉयलॉग के द्वितीय संस्करण को संबोधित करते हुए दी।

श्री प्रसाद ने कहा कि यह विशिष्ट भुगतान पहल अंगूठे के निशान पर आधारित होगी। आम आदमी के लिए सुगम भुगतान प्रणाली की सुरक्षा और संरक्षा के लिए इसकी पुष्टि आधार पहचान के माध्यम से की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिए गए विमुद्रीकरण के साहसी फैसले ने आतंकवाद, माओवादी गतिविधियों, हवाला रैकेट, मानव तस्करी विशेषकर वेश्यावृत्ति की रीढ़ तोड़ दी है, क्योंकि ये लोग 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट जमा किए करते थे।

श्री प्रसाद ने कहा कि ‘आधार’, जिसे डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने आरंभ किया था, पहले ही देश के 99 प्रतिशत वयस्कों को कवर कर चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं डिजिटल इंडिया — डिजिटल खाई को पाटे तथा गरीबों और वंचितों को समर्थ बनाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस बात के बेहद इच्छुक हैं कि देश डिजिटल संकल्प को पूरा करे।

श्री प्रसाद ने बताया कि किस तरह सरकार ने 585 से ज्यादा ज्यादा मंडियों को ई-मंडी पोर्टल के माध्यम से जोड़ कर गरीब किसानों के लिए अपनी उपज सीधे तौर पर और सही दामों पर बेचने के लिए डिजिटल व्यवस्था तैयार की है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी को जल्द ही लागू करने का फैसला किया है, इसलिए प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभाने जा रही है।

65 देशों के 250 से ज्यादा प्रतिभागी इस तीन दिवसीय संवाद में भाग ले रहे हैं। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को किया था। इसके पहले संस्करण में 40 देशों के 120 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।

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