Author : Harsh V. Pant

Originally Published NDTV Published on Apr 13, 2023 Commentaries 0 Hours ago

दुनिया एक बार फिर एक ऐसे नाटकीयता से रूबरू होने जा रही है जिसमें राजनीति और क़ानून का टकराव देखा जाएगा. इसका असर अमेरिका की राजनीति और उसके संस्थागत ताने-बाने पर भी होगा.

अमेरिकी प्रजातंत्र में ट्रंप का रियलिटी शो

अमेरिकी राजनीति में पिछले कुछ दिन बेहद नाटकीय रहे जिसमें अमेरिकी इतिहास में पहली बार एक पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमा चलाया गया, क्योंकि उन पर न्यूयॉर्क में मैनहट्टन की एक अदालत में 34 मामलों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुपके से भुगतान किए गए पैसे से जुड़े मामले में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे दुनिया पहले से नहीं जानती थी  लेकिन एक पूर्व "स्वतंत्र दुनिया के नेता" का "2016 के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में नकारात्मक जानकारी की पहचान और उसे हासिल करने के लिए दूसरों के साथ योजना" बनाने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी राजनीति में लगातार गिरावट का साक्षात प्रमाण है.

अदालत में ट्रंप ख़ामोश थे लेकिन बाहर उन्होंने हुंकार भरी और कहा कि "फर्ज़ी मामला" अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की साज़िश थी, जिसमें वह अब तक रिपब्लिकन पार्टी के फ्रंट रनर उम्मीदवार हैं

ट्रंप की प्रतिक्रिया

अदालत में ट्रंप ख़ामोश थे लेकिन बाहर उन्होंने हुंकार भरी और कहा कि "फर्ज़ी मामला" अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की साज़िश थी, जिसमें वह अब तक रिपब्लिकन पार्टी के फ्रंट रनर उम्मीदवार हैं और "एकमात्र अपराध जो मैंने किया है वह देश  को तबाह करने की कोशिश करने वालों से निडरता से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है.” उन्होंने अपने उत्तराधिकारी जो बाइडेन पर भी निशाना साधा और कहा कि "देश नर्क में जा रहा है" और "दुनिया हम पर हंस रही है."

यहां तक कि जब अदालत के अंदर ट्रंप के मामले पर बहस हो रही थी  तब उनके समर्थक और आलोचक बाहर थे  और दुनिया भर की मीडिया की मौज़ूदगी के बीच अपनी हरकतों से अमेरिकी राजनीति और समाज की ख़ामियों को उजागर कर रहे थे.

ट्रंप के ख़िलाफ़ ट्रायल जनवरी 2024 में शुरू होने की उम्मीद है, अगर अदालत द्वारा पहले मामले को ख़ारिज़ नहीं किया जाता है और इसका मतलब यह होगा कि ट्रंप का ट्रायल तब होगा जबकि प्राथमिक सत्र के दौरान दोनों ही राजनीतिक पार्टियां अपने संबंधित उम्मीदवारों का चयन करेंगे. ऐसे में कानूनी लड़ाई ना केवल ट्रंप की पूरी ताक़त से लड़ने की क्षमता को कम कर देगी बल्कि यह रिपब्लिकन पार्टी के लिए अराजकता का संकेत भी दे रही होगी, जो अब तक ट्रंप का ट्रेडमार्क बन चुका है. और ज़ाहिर है यहीं सब कुछ ख़त्म नहीं होता है. तीन अन्य जांच के केंद्र में अभी ट्रंप हैं जिसमें कैपिटल हिल पर हमले से लेकर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को उलटने के प्रयासों से लेकर गोपनीय सूचनाओं को साथ रखने तक का मामला शामिल है. यह ट्रंप के लिए आने वाली मुसीबतों का पहाड़ जैसा है. ट्रंप यह जानते हैं और उनकी बयानबाज़ी के साथ ही एक तरह की घबराहट की भावना घर करने लगी है.

लेकिन ट्रंप अपने ख़िलाफ़ अभियोग की निंदा और उसके समर्थन में रिपब्लिकन को एकजुट करने में कामयाब रहे है. रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेट्स द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तौर पर ट्रंप के ख़िलाफ़ आपराधिक आरोप लगाने में आगे रही है. यहां तक कि फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसांटिस जैसे रिपब्लिकन उम्मीदवार, जो उन्हें नामांकन के लिए चुनौती देने वाले हैं, वो भी ऐसी जांच को "पक्षपातपूर्ण रवैया" बता कर इसकी कड़ी आलोचना कर रहे है. ट्रंप और उनके विचार रिपब्लिकन समर्थन के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित हो रहे हैं लेकिन ट्रंप से जुड़े विवादित को देखते हुए राष्ट्रपति पद के नामांकन की राह उनके लिए आसान नहीं रहने वाली है. ज़मीनी स्तर पर रिपब्लिकन समर्थकों पर ट्रंप के अभियोग का असर अगले कुछ महीनों में ही दिखाई देगा लेकिन आज ट्रंप का समर्थन करना हर रिपब्लिकन, ख़ासकर पार्टी के अंदर महत्वाकांक्षी लोगों के लिए ज़हर का घूंट पीने जैसा होगा. डी सान्टिस ख़ुद को एक रिपब्लिकन के रूप में पेश करते रहे है जो संबंधित अराजकता के बिना ट्रंपवाद को आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन फिलहाल उनके पास भी ट्रंप को समर्थन देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

रिपब्लिकन पार्टी डेमोक्रेट्स द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तौर पर ट्रंप के ख़िलाफ़ आपराधिक आरोप लगाने में आगे रही है. यहां तक कि फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसांटिस जैसे रिपब्लिकन उम्मीदवार, जो उन्हें नामांकन के लिए चुनौती देने वाले हैं, वो भी ऐसी जांच को "पक्षपातपूर्ण रवैया" बता कर इसकी कड़ी आलोचना कर रहे है.

और यही वह चीज है जिसकी उम्मीद ट्रंप कर रहे हैं कि जो एक बार फिर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए नैरेटिव तैयार कर रहे हैं. अदालत में पेश होने के ठीक बाद  ट्रंप ने यह कहकर अपने समर्थकों को एकजुट करने का काम शुरू कर दिया है कि देश भर में "कट्टरपंथी वामपंथी" उन्हें "किसी भी क़ीमत पर" घेरने के लिए उतारू हैं. ट्रंप कह रहे हैं कि अमेरिका गर्त में जाता हुआ एक देश है और ये कट्टरपंथी वामपंथी उन्मादी कानून प्रवर्तन का इस्तेमाल कर हमारे चुनावों में हस्तक्षेप करना चाहते हैं" लेकिन उनके समर्थक "ऐसा नहीं होने दे सकते हैं". चुनाव से पहले भले ही ग़लत कारणों से, लोगों का जो ध्यान ट्रंप पर केंद्रित हो रहा है उसकी वज़ह से, वह पहले से ही अपने राजनीतिक अभियान के लिए बड़ी धनराशि जुटाने में सक्षम हो चुके हैं

डेमोक्रेट्स के लिए यह एक कठिन चुनौती है. चाहे वो कितना भी ख़ुश होंउन्हें अपने मोहरों को पकड़ना होगा क्योंकि उन्होंने अतीत में अपने फायदे के लिए इस तरह के विरोध प्रदर्शनों का इस्तेमाल करने में ट्रंप की राजनीतिक महारत देखी है. राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए मम शब्द का ज़्यादा महत्व है, फिर भी एक चिंता बनी हुई है कि इस समस्या के लिए कानूनी दृष्टिकोण डेमोक्रेट्स को किसी तरह का फायदा नहीं पहुंचा सकती ख़ास कर तब जबकि वो एक कठिन राष्ट्रपति चुनाव का सामना कर रहे हैं. जो बाइडेन की लोकप्रियता उनकी पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई है क्योंकि अगस्त 2021 के बाद से लगातार उनकी रेटिंग कम हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप उनके दूसरे कार्यकाल की संभावना के बारे में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सदन में वो एक सख़्त रिपब्लिकन का सामना कर रहे हैं जो उनके ख़िलाफ़ हंटर बाइडेन के व्यवसायों, अफ़ग़ानिस्तान वापसी और कोविड-19 रिस्पॉन्स जैसे व्यापक मुद्दों पर अपनी जांच शुरू करने के लिए इच्छुक है.

आगे की राह 

इस तरह का राजनीतिक ध्रुवीकरण ट्रंप और उनके अभियोजन पक्ष के बारे में अमेरिकी समाज में एक विपरीत मिसाल पेश करता है. कुछ के लिए यह एक ऐसा क्षण हो सकता है जहां सबसे शक्तिशाली पक्ष को भी देश के कानून के प्रति जवाबदेह होना पड़ता है, जबकि दूसरों के लिए यह एक डेमोक्रेट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी द्वारा अनावश्यक रूप से एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के पीछे पड़ना है जिससे व्हाइट हाउस के लिए ट्रंप की राह को कठिन बनाया जा सके. जबकि 60 प्रतिशत अमेरिकी ट्रंप के अभियोग का अनुमोदन करते हैं, वहीं लगभग 52 प्रतिशत का यह भी मानना है कि यह एक राजनीति से प्रेरित कदम था.

ट्रंप, सभी संभावनाओं को देखते हुए, सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए अपनी कानूनी लड़ाई को एक तमाशे के रूप में इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने अतीत में पारंपरिक सोच को चुनौती दी है ऐसे में यह भविष्यवाणी करना ज़ल्दबाज़ी होगी कि उनकी वर्तमान चुनौतियां उनके लिए क्या लेकर आने वाली है. लेकिन दुनिया एक बार फिर एक ऐसे नाटकीयता से रूबरू होने जा रही है जिसमें राजनीति और क़ानून का टकराव देखा जाएगा. इसका असर अमेरिकी राजनीति और उसके संस्थागत ताने-बाने पर भी होगा. ख़ास कर एक ऐसे राष्ट्र के लिए जो अक्सर दूसरे लोकतंत्रों पर अपना फैसला सुनाने के लिए तत्पर रहता है. अमेरिकी लोकतंत्र के पहले रियलिटी-शो से जुड़े राष्ट्रपति अमेरिकी लोकतंत्र को भी एक रियलिटी शो बनाने पर उतारू है. ऐसे में यह देखा जाना बाकी है कि इस नाटक के ख़त्म होने के बाद भी क्या अमेरिका में "सिटी अपऑन ए हिल" बने रहने का धैर्य बाकी रहेगा.

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