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SCO सम्मेलन में पीएम मोदी जिनपिंग-शाहबाज ऐसे समय एक मंच साझा कर रहे हैं जब दोनों देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध नहीं है. सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ संबंध तनाव है वहीं आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के संबंधों में कटुता बनी हुई है.
रूस यूक्रेन जंग के बाद पहली बार रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मंच साझा करेंगे. खास बात यह है पीएम मोदी, जिनपिंग और शाहबाज ऐसे समय एक मंच साझा कर रहे हैं, जब दोनों देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध नहीं है. सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ संबंध तनाव के चरम पर है, वहीं आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के संबंधों में कटुता बनी हुई है. ऐसे में तीनों नेताओं का एक साथ मंच साझा करने के क्या निहितार्थ हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ इस कूटनीतिक मुलाकात को किस रूप में ले रहे हैं. क्या चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में नरमी आएगी? क्या चीनी राष्ट्रपति सीमा विवाद पर चर्चा करने को तैयार होंगे? इसके साथ यह मोदी और पुतिन के साथ होने वाली वार्ता भी काफी अहम मानी जा रही है. दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन जंग खत्म करने के सभी कूटनीतिक पहल निराशाजनक रही है.
खास बात यह है पीएम मोदी, जिनपिंग और शाहबाज ऐसे समय एक मंच साझा कर रहे हैं, जब दोनों देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध नहीं है. सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ संबंध तनाव के चरम पर है, वहीं आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के संबंधों में कटुता बनी हुई है.
वैसे भी दोनों देशों के बीच चल रही जंग में भारत ने अब तक तटस्थता की नीति को अपनाया है. उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में कोई पहल करेगा, इसकी संभावना कम ही दिखती है.
दिसंबर, 2021 में राष्ट्रपति पुतिन ने कुछ घंटे के लिए नई दिल्ली की यात्रा की थी और उनकी पीएम मोदी के साथ सालाना भारत-रूस शीर्ष बैठक हुई थी. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पीएम मोदी की पुतिन के साथ कई बार टेलीफोन पर वार्ता हुई है, लेकिन यह हाल के दिनों की इनके बीच पहली द्विपक्षीय बैठक होगी. इनके बीच चर्चा में भारत-रूस के मौजूदा रिश्ते, पेट्रोलियम आयात-निर्यात और ऊर्जा संबंधों से जुड़े मुद्दे खास तौर पर उठेंगे. फरवरी, 2022 के बाद रूस भारत का एक अहम क्रूड व गैस आपूर्तिकर्ता देश है. भारत ने इस बारे में अमेरिका व पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर रूस से तेल व गैस की खरीद को बढ़ा दिया है.
यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.
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Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
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