Author : Ayjaz Wani

Issue BriefsPublished on Jan 04, 2024
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रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच मध्य एशिया में चीन को मिलता फायदा!

  • Ayjaz Wani

    मध्य एशिया गणराज्य, कार्स- (The Central Asian Republics- CARs,)  ने हाल के वर्षों में रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करने और चीन के प्रभाव और रूस के पारंपरिक दबदबे को कम करने के लिए बहुआयामी विदेश नीतियों को लागू किया है. लेकिन, कार्स में हुए घरेलू विद्रोह, अफ़गानिस्तान में तालिबान के पुनरुत्थान और अब रूस-यूक्रेन संघर्ष ने चीन को मध्य एशिया में अपनी उपस्थिति को मज़बूत करने के नए अवसर प्रदान किए हैं. यह संक्षिप्त विश्लेषण रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान चीन की बढ़ी हुई संलग्नता और अन्य वैश्विक और क्षेत्रीय शक्तियों के लिए इसके निहितार्थों की पड़ताल करता है.

Attribution:

अयाज़ वानी, "रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच मध्य एशिया में चीन को बढ़त," ओआरएफ़ विषय सारपत्र संख्या 672, नवंबर 2023, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन 

प्रस्तावना

मध्य एशिया गणराज्यों (कार्स) की आंतरिक और बाहरी दरारें 2021 से फिर उभर आई हैं और वे उनकी वजह से ख़राब होते प्रभावों का सामना कर रहे हैं. जहां अफ़गानिस्तान में तालिबान की वापसी से सुरक्षा और स्थिरता की चिंताएं बढ़ी हैं, वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध ने इस क्षेत्र में संप्रभुता के जोखिमों को बढ़ा दिया है. इसी समय, 2022 में ताज़िकिस्तान और किर्गीज़ गणराज्य के बीच हुई सीमा झड़पों में सैकड़ों लोग मारे गए और हज़ारों विस्थापित हुए हैं, जबकि कज़ाकिस्तान में तरलीकृत पैट्रोलियम गैस पर सरकारी सब्सिडी रोकने के ख़िलाफ़ विद्रोह और उज़्बेकिस्तान में कराकलपाकस्तान के स्वायत्त दर्जे को कम करने के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों ने मध्य एशिया में स्थिरता की चिंताओं को बढ़ा दिया है.

मध्य एशिया गणराज्य (कार्स) ने लंबे समय से रूस को आंतरिक स्थिरता और बाहरी खतरों के ख़िलाफ़ सुरक्षा गारंटर के रूप में देखा है.[i] उदाहरण के लिए, जब तालिबान अफ़गानिस्तान में सत्ता में वापस आया, तो रूस ने सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) के तहत ताजिक-अफ़गान सीमा पर सैन्य उपकरण तैनात किए,[ii] और उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ अफ़गान सीमा से महज़ 20 किमी दूर संयुक्त सैन्य अभ्यास किए.[iii] इस प्रदर्शन का उद्देश्य तालिबान या अन्य आतंकवादी संगठनों द्वारा मध्य एशिया के ख़िलाफ़ किसी भी आक्रमण की स्थिति में अपने पिछले दरवाजे पर रूस की सैन्य तैयारी का प्रदर्शन करना था. इसी तरह, जनवरी 2022 में, मॉस्को ने सीएसटीओ के तहत अपने सैनिकों को कज़ाकिस्तान में विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए भेजा.[iv] हालांकि, यूक्रेन में रूसी आक्रमण ने कार्स को मॉस्को पर अपनी पारंपरिक सुरक्षा निर्भरता को कम करने के लिए मजबूर किया है. रूस को अब क्षेत्रीय स्थिरता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए ख़तरे के रूप में देखा जाना बढ़ रहा है, ख़ासकर कज़ाकिस्तान में.[v]

फरवरी 2022 में, रूस ने सोवियत संघ के एक पूर्व गणराज्य, ठीक कार्स की तरह का ही, यूक्रेन के ख़िलाफ़ एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया. ताजिक सैन्य अड्डे[vi] से यूक्रेन में सैनिकों के पुनर्नियोजन ने अफ़गानिस्तान और ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच 2,000 किलोमीटर से अधिक की छिद्रपूर्ण सीमा के साथ आतंकवाद फैलने की चिंताओं को जन्म दिया.[vii] इसके अतिरिक्त, रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों ने कार्स को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में माल निर्यात करने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने के लिए मजबूर किया है. यूक्रेन युद्ध के बीच 3,00,000 सैनिकों के आंशिक लामबंदी के आह्वान के दौरान, रूस ने कार्स के प्रवासी श्रमिकों को भी युद्ध क्षेत्र के मोर्चों पर भेज दिया, विशेषकर इससे द्वितीय विश्व युद्ध की यादें ताज़ा हो गईं[viii] प्रवासी श्रमिकों को मृत सैनिकों के शरीर इकट्ठा करने और खाइयां खोदने के लिए रूसी-अधिकृत यूक्रेनी क्षेत्रों में भेजा गया था.[ix] यहां तक ​​कि लामबंदी से बचने की कोशिश करने पर मॉस्को ने किसी भी मध्य एशियाई नागरिक को जारी रूसी पासपोर्ट रद्द करने की धमकी दे दी थी.[x]

यूक्रेन में रूस की हरकतों, कार्स में घरेलू अशांति और संप्रभुता के बारे में बढ़ती चिंताओं ने मध्य एशियाई देशों को दीर्घकालिक सुरक्षा साझेदारी के लिए नए साझेदारों की तलाश करने पर मजबूर किया है. विशेष रूप से, चीन रूस के प्रति चिंता का लाभ उठा रहा है ताकि कार्स को उनकी कानून प्रवर्तन और सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिल सके.

यूक्रेन में रूस की हरकतों, कार्स में घरेलू अशांति और संप्रभुता के बारे में बढ़ती चिंताओं ने मध्य एशियाई देशों को दीर्घकालिक सुरक्षा साझेदारी के लिए नए साझेदारों की तलाश करने पर मजबूर किया है. विशेष रूप से, चीन रूस के प्रति चिंता का लाभ उठा रहा है ताकि कार्स को उनकी कानून प्रवर्तन और सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिल सके. इन ख़ास किस्म की परिस्थितियों में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सितंबर 2022 में मध्य एशिया की अपनी यात्रा के दौरान कज़ाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन को दोहराया. मई 2023 में, शी ने शीआन में चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की और दोहराया कि कार्स की सुरक्षा, संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए.[xi] प्रमुख शक्तियों के बीच बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच, बीजिंग अपने क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने के लिए दबंगता के साथ कदम उठा रहा है ताकि अमेरिका द्वारा अपने "दोस्तों के मंडली" का विस्तार कर चीन को घेरने की कोशिशों का मुकाबला  किया जा सके.[xii]

स्वतंत्रता के बाद से, कार्स ने कनेक्टिविटी, व्यापार और सुरक्षा में रणनीतिक स्वायत्तता विकसित करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन उन्हें बहुत सफलता नहीं मिली है. यह परिस्थिति अब उन्हें एक लड़ाकू चीन की ओर धकेल रही है, भले ही इस क्षेत्र में चीन विरोधी भावनाएं बढ़ रही हों.[xiii] यह संक्षिप्त विश्लेषण चीन के मध्य एशिया पर बढ़ते प्रभाव और उसकी वजह से अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों पर पड़ने वाले रणनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करता है.

मध्य एशिया में रूस-चीन सहकारी आधिपत्य का पता लगाना

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर स्थित, मध्य एशिया प्राचीन सिल्क रोड के लिए एक प्रमुख क्षेत्र था. यह क्षेत्र भूराजनीतिक और भू-आर्थिक परिवर्तनों के लिए महत्वपूर्ण था.[xiv] 1991 में पूर्व सोवियत संघ के पतन के बाद, मध्य एशिया एक बार फिर वैश्विक शक्तियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र बन गया.[xv] रूस ने कार्स को अपना "पिछवाड़ा" माना और इस बात का ध्यान रखा कि इसके देश अमेरिका और यूरोप के करीब न जाने पाएं. साथ ही, मध्य एशिया में सोवियत शासन के बाद आने वाली सरकारें अधिनायकवादी थीं और पश्चिमी/यूरोपीय लोकतंत्र, कानून के शासन और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के प्रयासों को संदेह की दृष्टि से देखती थीं.[xvi] नतीजतन, जबकि कार्स को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को शुरू करने के लिए ऋण और निवेश की तत्काल आवश्यकता थी, वे विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की आवश्यकताओं, विशेष रूप से मानवाधिकार और कानून के शासन, को पूरा नहीं कर पाए. इसके अतिरिक्त, मास्को का प्रमुख लक्ष्य क्षेत्रीय ऊर्जा राजनीति को नियंत्रित करना और यूरोप की आपूर्ति पर एकाधिकार बनाए रखना था, इसलिए उसने यूरोपीय संघ (ईयू) को मध्य एशिया के समृद्ध हाइड्रोकार्बन भंडार तक पहुंच प्राप्त करने से रोका.[xvii] अब चूंकि सोवियत संघ के बाद के युग में रूस भी आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था, इसलिए वह "सहकारी आधिपत्य" के माध्यम से क्षेत्र पर चीन के साथ "प्रभाव का विभाजन" करने पर मजबूर हो गया.[xviii]

इसी तरह, चीन की भी अपने अस्थिर पश्चिमी प्रांत शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पूर्व के समृद्ध हाइड्रोकार्बन संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए मध्य एशिया में रुचि थी.[xix] इसके अलावा, 2001 के बाद, चीन अपने उदय को रोकने के लिए क्षेत्र में अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के प्रभाव को लेकर भी आशंकित था.[xx] परिणामस्वरूप, बीजिंग ने कार्स को बहुत ज़रूरी ऋण प्रदान किए और इन देशों में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का इस्तेमाल अपने पक्ष में लंबे समय से चले आ रहे सीमा मुद्दों को हल करने के लिए सौदेबाज़ी में तुरुप के पत्ते के रूप में किया.b,[xxi] चीनी ऋण और निवेश के बदले, कार्स ने 1997 में उइगर संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया और पूरे मध्य एशिया में रहने वाली उइगर आबादी की निगरानी बढ़ा दी.[xxii]

अपने सहकारी आधिपत्य के हिस्से के रूप में, रूस और चीन ने 2001 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना की, जो दोनों देशों के लिए रक्षा और सुरक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण मंच बन गया. दरअसल, रूस और चीन ने एससीओ की स्थापना के बाद से कई बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास किए हैं.[xxiii] एससीओ ने मध्य एशिया में शासन स्थिरता बनाकर और शिनजियांग में अलगाववाद के ख़िलाफ़ चीनी आर्थिक हितों और निवेश की सुरक्षा भी सुनिश्चित की.[xxiv]

तब भी, एससीओ के माध्यम से चीन ने संभावित खतरों के ख़िलाफ़ मध्य एशियाई देशों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए संयुक्त सैन्य अभ्यासों में अधिक समन्वय की मांग की. अक्टूबर 2002 में, चीन ने ताजिकिस्तान के साथ पहला ऐसा अभ्यास शुरू किया; अगले वर्ष, उज़्बेकिस्तान को छोड़कर सभी एससीओ सदस्य ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हुए.[xxv] लेकिन उस समय, बीजिंग रूस के प्रभुत्व वाले सीएसटीओ के साथ 2007 के शांति मिशन अभ्यास करने को तैयार नहीं था.[xxvi]

2013 से, रूस ने विभिन्न पहलों के माध्यम से कार्स में चीन की बढ़ती संलग्नता को रोकने की कोशिश की है (हालांकि 2014 के एससीओ शिखर सम्मेलन में उसने संगठन को सीएसटीओ के साथ विलय करने की सिफ़ारिश की थी, लेकिन बीजिंग ऐसा करने को तैयार नहीं था[xxvii]). 2014 में, रूस ने बेलारूस और कज़ाकिस्तान के साथ यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईईयू)[xxviii] के गठन की घोषणा की, जो पूर्व सोवियत क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी.[xxix] आर्मेनिया और किर्गीज़ गणराज्य 2014 में ईईयू में शामिल हुए. उसी समय, रूस ने चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए भारत की क्षेत्रीय उपस्थिति को भी प्रोत्साहित किया.[xxx] हालांकि, महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) और हाइड्रोकार्बन और बुनियादी ढांचे में निवेश के माध्यम से चीनी गतिशीलता ने क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बीजिंग के पक्ष में झुका दिया.

चीन का मध्य एशिया में स्वार्थ: ऊर्जा, निवेश और रक्षा

रूस के साथ सहकारी आधिपत्य के मॉडल के तहत, चीन ने खुले तौर पर अपनी वास्तविक महत्वाकांक्षाओं का खुलासा नहीं किया; बल्कि, यह मध्य एशिया में एक निवेशक के रूप में काम करता रहा. हालांकि, मध्य एशिया में चीन के निवेश इस बात को उजागर करते हैं कि उसने आधुनिक परिप्रेक्ष्य के माध्यम से उपनिवेशवाद के शास्त्रीय रूप को अपनाया है.[xxxi]

चीन ने क्षेत्र से हाइड्रोकार्बन खरीदने में निवेश किया है और देशी उद्योगों और कारखानों की  कोई परवाह किए बिना मध्य एशियाई बाज़ारों में तैयार माल की बाढ़ ला दी है. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद, चीन ने ऊर्जा-समृद्ध तुर्कमेनिस्तान और कज़ाकिस्तान को ऋण प्रदान किया - तुर्कमेनिस्तान को 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मिले[xxxii] और कज़ाकिस्तान को दोनों देशों के साथ "तेल के लिए ऋण" समझौते के तहत 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर मिले.[xxxiii] चीन ने चीन-मध्य एशिया पाइपलाइन में 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, जो 2009 में चालू हो गई.[xxxiv] इसके अतिरिक्त, सरकारी स्वामित्व वाली चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने कज़ाकिस्तान के तेल और गैस क्षेत्र में 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है.[xxxv] तुर्कमेनिस्तान ने 2021 में चीन को 34 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की[xxxvi] और 2022 में, उस देश से चीनी गैस आयात का मूल्य 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था.[xxxvii] वर्तमान में, चीन बीजिंग और शंघाई को मध्य एशिया से जोड़ने वाली पाइपलाइनों के माध्यम से अपनी प्राकृतिक गैस का 30 प्रतिशत आयात करता है.[xxxviii]

हाल के दशकों में, चीन में निर्माण सामग्री, स्टील और लोहे का अतिरिक्त मात्रा में उत्पादन हुआ है[xxxix] लेकिन इस अतिरिक्त क्षमता के कारण लाभ में गिरावट आई है, ऋण बढ़ गया और देश में कई विनिर्माण कंपनियां लगभग दिवालिया हो गई हैं. इस प्रकार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने "विदेशों में [चीन की] विकास रणनीति और विदेश नीति के आधार पर इस अतिक्षमता को 'बाहर निकालने' का एक अवसर देखा".[xl] ऐसी आंतरिक और बाहरी आवश्यकताओं के तहत, शी ने 2013 में कज़ाकिस्तान में बीआरआई को शुरू किया और इसे "सदी की परियोजना"[xli] कहा, जो भाग लेने वाले देशों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा दे सकती है, उनके नागरिकों के रहने की स्थिति में सुधार ला सकती है और लगभग 2.9 प्रतिशत तक वैश्विक वास्तविक आय बढ़ा सकती है.[xlii]

बीआरआई और चीनी सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों के ऋण के एक हिस्से के रूप में, चीनी कंपनियों ने मध्य एशिया में कई आधारभूत ढांचागत परियोजनाओं (जिसमें रेलवे और राजमार्गों का निर्माण शामिल है) का बीड़ा उठाया है. 2020 तक चीनी संचयी निवेश 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया और 2021 में मध्य एशियाई देशों में 7,700 चीनी फ़र्म काम कर रही थीं.[xliii] यह क्षेत्र यूरोप जाने वाले चीनी सामानों के लिए एक पारगमन मार्ग भी बन गया. चीन ने कार्स को एक भू-रणनीतिक और भू-राजनीतिक उपकरण के रूप में भी बीआरआई ऋण प्रदान किया ताकि क्षेत्र में अपने स्वयं के आधिपत्य की तलाश को मज़बूत और विस्तारित किया जा सके. उदाहरण के लिए, ताजिकिस्तान का 52 प्रतिशत (1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) विदेशी ऋण और किर्गीज़ गणराज्य का 45 प्रतिशत (1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) बाहरी ऋण चीन का दिया हुआ कर्ज़ है. उज़्बेकिस्तान पर चीन का उसके सकल घरेलू उत्पाद का 16 प्रतिशत, कज़ाकिस्तान का 6.5 प्रतिशत और तुर्कमेनिस्तान का 16.9 प्रतिशत ऋण है.[xliv] हालांकि कज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान चीन को समृद्ध हाइड्रोकार्बन निर्यात से मिलने वाले रिटर्न के कारण बीआरआई ऋण को चुकाते रहने में सक्षम रहे हैं, किर्गीज़ गणराज्य और ताजिकिस्तान - कम संसाधन-समृद्ध मध्य एशियाई देश - पहले से ही चीन से ऋण के कारण तनाव में हैं. बीजिंग ने बिश्केक और दुशांबे को मजबूर किया है कि यदि वे ऋण का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो चीन को संपत्ति पर अधिक नियंत्रण देने के लिए बीआरआई परियोजनाओं में प्रावधान करें.[xlv] ऋण संकट में एक अन्य महत्वपूर्ण कारक भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी है, जिसमें कार्स के कई वरिष्ठ नेताओं पर बीआरआई परियोजनाओं के लिए निर्धारित धन का गबन करने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करने का आरोप है.[xlvi] क्षेत्र में अपने भू-आर्थिक और भू-रणनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए, चीन ने अधिकारियों को ठेके देकर और सामाजिक अशांति को दबाने के लिए निगरानी प्रौद्योगिकी की आपूर्ति करके सत्तावादी शासनों का समर्थन करके भ्रष्टाचार के माध्यम से समाज का एक वर्ग तैयार कर दिया है.[xlvii]

2015 से, कार्स में 1 से अधिक चीन विरोधी विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं, ख़ासकर किर्गीज़ गणराज्य, ताजिकिस्तान और कज़ाकिस्तान में.[xlviii] इसके अतिरिक्त, शिनजियांग में धर्मनिरपेक्ष उइगर, कज़ाक, किर्गीज़ और उज़बेक मुसलमानों के दमन के कारण कार्स में चीन विरोधी भावनाओं में वृद्धि हुई है.

साथ ही, बीआरआई परियोजनाओं और निवेशों के परिणामस्वरूप कार्स में चीनी श्रमिकों की आमद हुई, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के अवसर कम हो गए. इसकी वजह से सरकार की उदासीनता और चीनी उपस्थिति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन और यहां तक ​​कि हिंसक संघर्षों के कारण क्षेत्र में चीन विरोधी भावना को बढ़ावा मिला है. 2015 से, कार्स में 1 से अधिक चीन विरोधी विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं, ख़ासकर किर्गीज़ गणराज्य, ताजिकिस्तान और कज़ाकिस्तान में.[xlviii] इसके अतिरिक्त, शिनजियांग में धर्मनिरपेक्ष उइगर, कज़ाक, किर्गीज़ और उज़बेक मुसलमानों के दमन के कारण कार्स में चीन विरोधी भावनाओं में वृद्धि हुई है.[xlix] क्षेत्र में विरोधी भावनाओं को दूर करने के लिए, बीजिंग ने निवेश को बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बजाय विनिर्माण उद्योगों में स्थानांतरित कर दिया है. इस नई योजना के तहत, बीजिंग केवल उधार देता है, जिसमें प्राथमिकता प्राप्तकर्ता देशों की संयुक्त निधि को दी जाती है. उदाहरण के लिए, चीन ने कज़ाक सरकार के साथ कई संयुक्त उद्यमों में प्रवेश किया है, जैसे कि एक सीमेंट प्लांट, ओरदा ग्लास प्लांट और युटोंग बस फैक्ट्री का निर्माण.[l] इसी तरह, उज़्बेकिस्तान में चीन ने सीमेंट उद्योग में और संयुक्त उद्यम के रूप में एक कपड़ा संयंत्र के निर्माण में लगभग 380 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.[li] ताजिकिस्तान में चीन ने खनन, सीमेंट और कपड़ों के क्षेत्र में कई संयुक्त उद्यम स्थापित किए हैं.[lii] हालांकि, ताजिकिस्तान की वित्तीय परेशानियों (अत्यधिक गरीबी और धन की कमी) को देखते हुए, चीनी साझेदार अधिकांश निवेश प्रदान करेंगे, और ताजिक सरकार कर लाभ[liii] और मुफ़्त ज़मीन[liv] उपलब्ध करवाएगी. मई 2023 में पहले चीन-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान, शी ने स्वीकार किया कि चीन विरोधी भावना बढ़ रही है और गोदामों और उद्योगों का निर्माण करते समय चीनी कंपनियों के लिए स्थानीय रोज़गार पैदा करने के महत्व पर ज़ोर दिया.[lv] ऐसी योजनाओं के तहत, "चीन मध्य एशियाई देशों को कुल 26 बिलियन युआन (3 बिलियन अमेरिकी डॉलर) वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान करेगा,"[lvi] इसके अतिरिक्त, उन्होंने पर्यटन को प्रोत्साहित करने और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विशेष ट्रेनें अधिक चलाने का प्रस्ताव दिया.

कुछ वर्षों में, बढ़े हुए संपर्क और गैस और तेल पाइपलाइनों के पूरा होने से चीन और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार में कई गुना वृद्धि हुई है - 2015 में 24.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर व्यापार, 2022 में 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया (चित्र 1 देखें)

चित्र 1: चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापार परिमाण (2015-2022; बिलियन अमेरिकी डॉलर में)

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स्रोत: विभिन्न समाचार पत्रों और आधिकारिक वेबसाइटों से लेखक द्वारा संकलित

कार्स मुख्य रूप से चीन को हाइड्रोकार्बन, यूरेनियम, अयस्क, स्लैग और तांबा निर्यात करते हैं[lvii] और उस देश से तैयार माल, जिसमें इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण, वाहन, जूते, खिलौने, रासायनिक उत्पाद और लोहे और स्टील की तैयार वस्तुएं उत्पाद शामिल हैं, का आयात करते हैं.[lviii] 2022 में, चीन और मध्य एशिया के बीच व्यापार 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया,[lix] जिसमें चीन-कज़ाकिस्तान व्यापार 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. चूंकि चीन अपनी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना चाहता है, इसलिए वह इस क्षेत्र के साथ गहन संबंध स्थापित करना चाहता है. बीजिंग ने तेल और गैस व्यापार बढ़ाने, औद्योगिक श्रृंखलाओं में ऊर्जा सहयोग विकसित करने और नव ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग को मज़बूत करने पर भी ज़ोर दिया है. कार्स के साथ व्यापार को उदार बनाने के चीन के दबंग दावों के बावजूद, उसकी सीमाएं और बाज़ार कोविड-19 महामारी के दौरान बंद रहे, जिससे 2020 में कार्स से आयात में गिरावट आई.[lx] परिणामस्वरूप, तुर्कमेनिस्तान को छोड़कर, चीन के साथ कार्स का व्यापार घाटा बड़ा हो गया और अब भी बढ़ रहा है. चीनी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ कस्टम्स द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों के अनुसार, 2023 के पहले छह महीनों में, चीन ने कार्स को लगभग 26.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामानों का निर्यात किया, जबकि उन देशों से आयात कुल 13.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.[lxi] यद्यपि चीन निवेश और ऋण के मामले में कार्स के लिए एक प्रमुख साझेदार है, मध्य एशियाई नेता अपने देशों के लिए अधिक लाभ की मांग अब बढ़कर कर रहे हैं. नतीजतन, शियान शिखर सम्मेलन के दौरान, बीजिंग ने "व्यापार सुविधा उपायों को बढ़ाने, द्विपक्षीय निवेश संधियों को उन्नत करने और सभी सीमा बंदरगाहों पर कृषि और उपव्यवसायिक उत्पादों की सुव्यवस्थित सीमा शुल्क निकासी के लिए "ग्रीन लेन" खोलने का वादा किया.[lxii] बीजिंग ने व्यापार घाटा कम करने के लिए कार्स के उत्पादों के लिए लाइव-स्ट्रीमिंग बिक्री आयोजित करने का भी वादा किया. चीन सुरक्षा मामलों पर एशिया में 'पैक्स सिनिका' के लिए एक मज़बूत नींव रखने के लिए कार्स में अपने सैन्य हितों को भी मज़बूत कर रहा है. बीजिंग ने चीन-अफ़गान सीमा के पास, ताजिकिस्तान के मुर्गोब ज़िले में अपना पहला सैन्य अड्डा स्थापित किया है.[lxiii] चीन ने एससीओ के ढांचे के भीतर और द्विपक्षीय या त्रिपक्षीय आधार पर कार्स के साथ कई संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किए हैं; 2003 और 2020 के बीच, चीन ने कार्स के साथ 45 अभ्यास किए (चित्र 2 देखें).[lxiv] चीन ने कार देशों की सेनाओं को प्रशिक्षित करने और सैन्य प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करने के लिए भी कार्यक्रम शुरू किए. नीचे दिया गया ग्राफ़ कार्स में चीनी सैन्य अभियानों की बढ़ोत्तरी को दर्शाता है.

चित्र 2: मध्य एशिया में सैन्य अभ्यास (2004-2019)

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स्रोत: विल्सन सेंटर64

चीन कार्स के रक्षा उपकरण बाज़ार पर कब्ज़ा करने के लिए भी उत्सुक है. किर्गीज़ गणराज्य को 2014 में  चीन से हथियारों के उन्नयन और सैन्य कर्मियों के आवास के लिए 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर[lxv] और 2017 में 14.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर[lxvi] मिले. 2016 में, कज़ाकिस्तान को चीन से  3.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 30 हैवी ड्यूटी ट्रक (जीफ़ैंग जे6) और 30 बड़े ट्रेलर मुफ़्त में मिले.[lxvii] ताजिकिस्तान में, चीन ने कई सीमा चौकियां बनाई हैं, एक प्रशिक्षण केंद्र खोला है, और अधिकारियों का क्लब बनाने के लिए 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान दिया है.[lxviii] साथ ही, क्षेत्र में चीन के हथियारों की बिक्री में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. तुर्कमेनिस्तान ने 2016 में चीन से 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के एचक्यू-9 और एचक्यू-12 मिसाइल सिस्टम खरीदे; 2018 में, कज़ाकिस्तान ने 296 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का एक परिवहन विमान खरीदा; और 2019 में, उज़्बेकिस्तान ने 103 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का एक मिसाइल सिस्टम (एचक्यू-9 एफ़डी2000) ख़रीदा.[lxix] इसके अतिरिक्त, उज़्बेकिस्तान और कज़ाकिस्तान के शस्त्रागार में चीनी विंग लोंग-1 हमलावर ड्रोन शामिल है.[lxx]

रूस को लेकर कार्स चिंता का लाभ उठाना 71[lxxi]

रूस-यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच, कार्स मास्को पर अपनी पारंपरिक सुरक्षा निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे अब क्षेत्रीय स्थिरता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए ख़तरे के रूप में देखा जा रहा है.[lxxii] गौरतलब है कि कार्स में से किसी ने भी यूक्रेन में रूस की हरकतों का समर्थन नहीं किया है. अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए जोखिमों का अनुमान लगाते हुए, कार्स क्रेमलिन के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी विदेश नीति में विविधता ला रहे हैं. उदाहरण के लिए, कज़ाकिस्तान ने पूर्वी यूक्रेन को मानने से इनकार कर दिया और रूसी राजनेताओं पर मॉस्को और अस्ताना के बीच कलह के बीज बोने का आरोप लगाया.[lxxiii] कज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने भी यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की पुष्टि की[lxxiv] और मास्को की उम्मीदों के ख़िलाफ़ कीव को मानवीय सहायता भेजी.[lxxv]

क्षेत्र में बढ़ती चिंता और रूस के यूक्रेन में उलझे होने ने चीन के लिए एक आशाजनक स्थिति बनाई है. सितंबर 2022 में, शी ने पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन की विदेश नीति के उद्देश्यों में इस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका को उजागर करते हुए, महामारी के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए मध्य एशिया को चुना[lxxvi]. शी पहले कज़ाकिस्तान पहुंचे और अपने समकक्ष राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट केमेलुली टोकायेव से मिले.[lxxvii] उन्होंने कज़ाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन को यह कहते हुए दोहराया कि, "चाहे अंतर्राष्ट्रीय स्थिति कैसे भी बदले, हम (चीन) कज़ाकिस्तान की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में अपना मज़बूत समर्थन जारी रखेंगे ... और आपके देश के आंतरिक मामलों में किसी भी ताकत के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करेंगे".[lxxviii] इसके बाद, शी ने उज़्बेकिस्तान का दौरा किया, जहां उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और उज़्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गीज़ गणराज्य और तुर्कमेनिस्तान के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय वार्ता की.[lxxix] उन्होंने शियान शिखर सम्मेलन के दौरान एक बार फिर अपने समर्थन को दोहराया और कहा कि कार्स की सुरक्षा, संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता को कायम रखना चाहिए.[lxxx]

रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों ने कार्स और चीन को भी मध्य एशिया के माध्यम से ऐसा एक परिवहन मार्ग स्थापित करने के लिए मजबूर किया, जिसकी मॉस्को पर निर्भरता न हो. इस उद्देश्य के लिए, 2022 में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति व्यक्त की गई चीन-किर्गिस्तान-उज़्बेकिस्तान (सीकेयू) रेलवे लाइन को यूरोप के लिए रास्ते को छोटा करने और रूस को दरकिनार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. प्रस्तावित रेलवे लाइन की कुल लंबाई 523 किलोमीटर है, जिसमें चीन में 213 किलोमीटर, किर्गीज़ गणराज्य में 2 किलोमीटर और उज़्बेकिस्तान में  किमी शामिल हैं.[lxxxi] चीन से यूरोप तक माल के सीमा पार परिवहन को बढ़ाने के लिए चीन कैस्पियन सागर के आर-पार अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारे के विकास और निर्माण का भी समर्थन करता है.[lxxxii]

शियान शिखर सम्मेलन के दौरान, शी ने आतंकवाद और नागरिक अशांति से बढ़ते ख़तरों के मद्देनज़र क्षेत्रीय कानून प्रवर्तन और रक्षा क्षमताओं को समर्थन और बढ़ाने का भी वादा किया.[lxxxiii] सम्मेलन में मौजूद नेताओं ने ज़ोर दिया कि "संप्रभुता, स्वतंत्रता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता सहित अपने प्रमुख हितों को दृढ़ता से बनाए रखें और दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करें", वैश्विक सुरक्षा पहल के तहत जिसे शी ने आगे बढ़ाया है.

प्रमुख शक्तियों के लिए रणनीतिक निहितार्थ

मध्य एशिया के भू-रणनीतिक और भू-आर्थिक महत्व को देखते हुए, कार्स ने चीन के बढ़ते प्रभाव और रूस के पारंपरिक प्रभाव को कम करने और रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी विदेश नीति अपनाई है. कार्स ने दुनिया में चल रही महाशक्ति प्रतियोगिता में पक्ष चुनने से परहेज़ किया है. मध्य एशिया रणनीतिक रूप से यूरेशिया के केंद्र में स्थित है और भू-राजनीतिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में कार्य करता है; हालांकि, व्यापार और संपर्क के लिए, यह क्षेत्र ईरान और एक अस्थिर अफ़गानिस्तान पर निर्भर करता है. इस प्रकार, यह क्षेत्र चीन को सस्ते हाइड्रोकार्बन और यूरेशिया के विभिन्न बाज़ारों के लिए एक भूमि मार्ग प्रदान करता है.

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थिति वाले मध्य एशिया पर चीन के बढ़ते प्रभाव ने अमेरिका, यूरोपीय संघ और यहां तक कि भारत के पास जुड़ाव के लिए सीमित विकल्प ही छोड़े हैं. 

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थिति वाले मध्य एशिया पर चीन के बढ़ते प्रभाव ने अमेरिका, यूरोपीय संघ और यहां तक कि भारत के पास जुड़ाव के लिए सीमित विकल्प ही छोड़े हैं. फ़रवरी 2023 में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ‘सी5+1’ प्रारूप के तहत संवाद के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया और क्षेत्रीय व्यापार मार्गों का विस्तार करने, नए निर्यात बाज़ार स्थापित करने और अधिक महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने और उसका लाभ उठाने के लिए 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की योजना की घोषणा की[lxxxiv] ब्लिंकन ने एक स्वतंत्र, समृद्ध और सुरक्षित मध्य एशिया के लिए अमेरिकी समर्थन पर भी ज़ोर दिया.[lxxxv] सितंबर 2023 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की, जिसमें सुरक्षा, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय संपर्क, विशेष रूप से ट्रांस-कैस्पियन व्यापार मार्ग के विकास पर चर्चा हुई.[lxxxvi] बाइडन ने क्षेत्रीय अखंडता और सभी राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया.[lxxxvii]

ये घटनाक्रम तालिबान के अफ़गानिस्तान में वापसी के बाद क्षतिग्रस्त वैश्विक स्थिति के बीच कार्स में वाशिंगटन की बढ़ती रुचि को रेखांकित करते हैं.[lxxxviii] हालांकि, मध्य एशिया में अमेरिकी रणनीति काफी हद तक प्रतिक्रियावादी और संयमित रही है, जिससे यह असंगत, कम संसाधन वाली और चीन की तुलना में अप्रतिस्पर्धी है. यदि अमेरिका एक क्षेत्रीय प्रतियोगी के रूप में अपना स्थान बनाए रखना चाहता है, तो उसे अपना दृष्टिकोण बदलना होगा. अमेरिका की मध्य एशिया नीति ने हमेशा मानवाधिकारों, प्रेस स्वतंत्रता, लोकतंत्रीकरण और आंतरिक सुधारों को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है और इस मोर्चे पर कुछ प्रगति हुई है (यद्यपि धीमी). उदाहरण के लिए, उज़्बेकिस्तान और कज़ाकिस्तान ने कानून के शासन को बेहतर बनाने और धीरे-धीरे लोकतंत्र की ओर परिवर्तन के लिए संवैधानिक सुधार लागू किए हैं. इसलिए, अमेरिकी विदेश नीति में धैर्य का प्रदर्शन किया जाना चाहिए और दीर्घकालिक फ़ोकस बनाए रखना चाहिए.

हाल के वर्षों में, यूरोपीय संघ ने अफ़गानिस्तान में शांति और सुरक्षा के लिए जुड़ाव और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र के लिए एक नई रणनीति को सक्रिय रूप से बनाए रखा है.[lxxxix] रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भूराजनीतिक विवेचना ने इस क्षेत्रीय जुड़ाव को और बढ़ा दिया है. यूक्रेन संकट ने यूरोपीय संघ को रूस को बायपास करने वाले वैकल्पिक पारगमन और व्यापार मार्गों की तलाश करने के लिए मजबूर कर दिया है. फिर भी, इसे वास्तविकता बनाने के लिए यूरोपीय संस्थानों से अतिरिक्त धन की आवश्यकता है, विशेष रूप से 'मध्य गलियारा'.एफ़ जून 2023 में, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गीज़ गणराज्य के नेताओं और तुर्कमेनिस्तान के उप सभापति के साथ दूसरी क्षेत्रीय उच्च-स्तरीय बैठक की.[xc] बैठक में यूरोपीय संघ-मध्य एशिया सहयोग की समीक्षा की और 2022 में कज़ाकिस्तान के अस्ताना में उद्घाटन बैठक के बाद से अंतरराष्ट्रीय विकास के निहितार्थों की समीक्षा की गई.[xci] इन प्रयासों के बावजूद, सत्तावादी मध्य एशियाई सरकारों ने मानवाधिकारों, कानून के शासन और सुशासन पर यूरोपीय संघ के ज़ोर को देखते हुए उसके प्रति मिला-जुला रुख़ अपनाया है.

भारत ने कार्स के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें कई योजनाएं लागू करना और 'कनेक्ट सेंट्रल एशिया' नीति (2012 में शुरू हुई) शामिल है. हालांकि, पाकिस्तान की अपने क्षेत्र से कार्स तक आने-जाने की अनुमति देने की अनिच्छा ने भारत के प्रयासों में बाधा डाली है. जुलाई 2015 में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मध्य एशियाई देशों की यात्रा ने दिखाया कि नई दिल्ली यूरेशिया के साथ पुराने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश करके कार्स को 'रुचि वाले क्षेत्र' के रूप में देखता है. कार्स ने नई दिल्ली के वाणिज्यिक और रणनीतिक हितों को सुविधाजनक बनाने के लिए अश्गाबात समझौते में भारत को भी स्वीकार किया. कार्स भारत द्वारा शुरू की गई कनेक्टिविटी परियोजनाओं (जैसे चाबहार बंदरगाह) को इस क्षेत्र के लिए गेम चेंजर के रूप में देखते हैं. भारत के निरंतर आर्थिक विकास और परिवर्तन के साथ, मध्य एशियाई देश नई दिल्ली को यूरेशियाई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी मानते हैं. यद्यपि भारत के नेतृत्व वाली कनेक्टिविटी परियोजनाओं को एक अवसर के रूप में देखा जाता है, फिर भी कुछ चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए.

बीजिंग के अपने शासन मॉडल, सुरक्षा सिद्धांत और निगरानी तकनीकों को बढ़ावा देने के प्रयासों का क्षेत्र में अमेरिकी, यूरोपीय और भारतीय हितों पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा, कार्स रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करने और चीन के बढ़ते प्रभाव और रूस के पारंपरिक प्रभाव को कम करने के लिए व्यवहार्य विकल्पों की तलाश में हैं. यूरोपीय संघ, अमेरिका और भारत को कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर एक साथ काम करना चाहिए, जैसे कि मध्य गलियारा और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा और चीन का मुकाबला करने के लिए कार्स के साथ अपनी मौजूदा पहलों का लाभ उठाना चाहिए. हालांकि मध्य एशिया में उभरते चीन को पूरी तरह से रोकना मुश्किल हो सकता है लेकिन यूरोपीय संघ, अमेरिका और भारत कार्स को कनेक्टिविटी परियोजनाओं में कुछ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश के साथ मदद कर सकते हैं, जो इन देशों को दुनिया से जुड़ने का एक विकल्प प्रदान करते हैं.

अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत के विपरीत, चीन ने इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. बीजिंग ने अपनी परिधि में रक्षा की एक मज़बूत लाइन और आर्थिक अवसर बनाए हैं, जो भू-राजनीति, सैन्य शक्ति, सॉफ्ट पावर और अर्थशास्त्र में कई उद्देश्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है.

निष्कर्ष

रूस का ध्यान यूक्रेन पर लगे होने और मध्य एशिया में सुरक्षा और बचाव में इसके कम होते प्रभाव ने चीन को इस क्षेत्र में एक बढ़त दे दी है. अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत के विपरीत, चीन ने इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. बीजिंग ने अपनी परिधि में रक्षा की एक मज़बूत लाइन और आर्थिक अवसर बनाए हैं, जो भू-राजनीति, सैन्य शक्ति, सॉफ्ट पावर और अर्थशास्त्र में कई उद्देश्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है. नाज़ुक वैश्विक व्यवस्था ने चीन को अपने मित्रों का दायरा बढ़ाने की अनुमति दी है. सुरक्षा और बचाव के क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग से कार्स के मास्को की बजाय बीजिंग के साथ गठबंधन करते हुए दिखने की ज़्यादा संभावना है. हालांकि रूस और चीन के बीच सहकारी आधिपत्य जारी है, लेकिन मॉस्को इस क्षेत्र में 'जूनियर पार्टनर' बन रहा है. साथ ही, बीजिंग के बढ़ते हित मध्य एशिया को सामाजिक अशांति और वर्तमान शासन के ख़िलाफ़ विद्रोह के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं, यह एक ऐसी चिंता जिसे क्षेत्र के नेतृत्व को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

Endnotes

[1] Ayjaz Wani, “The Ukraine war weighs down on the Central Asian Republics,” Observer Research Foundation, May 13, 2022, https://www.orfonline.org/expert-speak/the-ukraine-war-weighs-down-on-the-central-asian-republics/.

 

 

[1] “Russia sends military equipment to Tajik-Afghan border amid Taliban-led violence,” ANI News, July 24, 2021, https://www.aninews.in/news/world/asia/russia-sends-military-equipment-to-tajik-afghan-border-amid-taliban-led-violence20210724081203/.

 

[1] “Russia Wraps Up Drills With Uzbek And Tajik Troops Near Afghan Border,” Radio Free Europe Radio Liberty, August 11, 2021, https://www.rferl.org/a/russia-tajikistan-uzbekistan-military-drills-afghanistan-/31403841.html#:~:text=Russia%20completed%20joint%20military%20exercises,bordering%20Moscow's%20Central%20Asian%20allies.

 

[1] Shaun Walker and Naubet Bisenov, “Kazakhstan protests: Moscow-led alliance sends ‘peacekeeping forces’,” The Guardian, January 05, 2022, https://www.theguardian.com/world/2022/jan/05/kazakhstan-protests-president-threatens-ruthless-crackdown.

 

[1] Stefan Headlund, “China courts Central Asia as Russia falters,” Geopolitical Intelligence Services, May 09, 2023, https://www.gisreportsonline.com/r/china-central-asia-russia/.

 

[1] “'Up To 1,500' Russian Troops Redeployed To Ukraine From Tajik Base, Investigation Reveals,” Radio Free Europe Radio Liberty, September 14, 2022, https://www.rferl.org/a/russia-troops-tajik-base-redeployed-ukraine/32033791.html.

 

[1] Edward Lemon, “Talking Up Terrorism in Central Asia,” Kennan Cable No. 38, Wilson Center, December 2018, https://www.wilsoncenter.org/sites/default/files/media/documents/publication/kennan_cable_38.pdf.

 

[1] Robbie Gramer and Jack Detsch, “Russia Is Losing Its Clout In Central Asia As Ukraine War Spirals,” Foreign Policy, October 06, 2022, https://foreignpolicy.com/2022/10/06/russia-ukraine-war-central-asia-dipomacy/.

 

[1] Farangis Najibullah, “Collecting Dead Russians: Central Asians Being Lured to Work In Occupied Ukraine,” Radio Free Europe Radio Liberty, (RFE/RL), March 10, 2023, https://www.rferl.org/a/russia-ukraine-central-asians-work-accomplices-invasion/32311813.html.

 

[1]  “Russia Threatens Denaturalization for Draft-Defying Central Asians,” Moscow Times, September 23, 2022, https://www.themoscowtimes.com/2022/09/23/russia-threatens-denaturalization-for-draft-defying-central-asians-a78873.

 

[1] Ministry of Foreign Affairs, the People’s Republic of China, “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech,” https://www.mfa.gov.cn/eng/zxxx_662805/202305/t20230519_11080116.html .

 

[1]Xi's trip to Central Asia ‘breaks US encirclement’ with ‘a circle of friends at SCO’: Chinese FM Wang Yi,” Global Times, September 17, 2022, https://www.globaltimes.cn/page/202209/1275460.shtml .

 

[1] Dipanjan Roy Chaudhury, “China’s grand designs in resource rich Central Asia face local ire”, Economic Times, April 16, 2023, https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/chinas-grand-designs-in-resource-rich-central-asia-face-local-ire/articleshow/99535121.cms.

 

[1] Halford J. Mackinder, “The Round World and the Winning of the Peace,” Foreign Affairs, July 01, 1943, https://www.foreignaffairs.com/articles/world/1943-07-01/round-world-and-winning-peace.

 

[1] Alexander Cooley, “Central Asia: A Political History from the 19th Century to Present,” Asia Societyhttps://asiasociety.org/central-asia-political-history-19th-century-present.

 

[1] Alexander Cooley, “The New Great Game in Central Asia; Geopolitics in a Post-Western World,” Foreign Affairs, August 07, 2012, https://www.foreignaffairs.com/articles/central-asia/2012-08-07/new-great-game-central-asia?gad=1&gclid=CjwKCAjws7WkBhBFEiwAIi168-sTLjE7eIneKaHggSFgGm3kPek3EzDHebdGIv76foFy7ABU8d0muxoC2EIQAvD_BwE.

 

[1]  Marcin Kaczmarski, “Russia-China Relations in Central Asia: Why Is There a Surprising Absence of Rivalry?,” The ASAN ForumAugust 19, 2019, https://theasanforum.org/russia-china-relations-in-central-asia-why-is-there-a-surprising-absence-of-rivalry/#2.

 

[1] Thomas Pedersen, “Cooperative hegemony: power, ideas and institutions in regional integration,” Review of International Studies, 28 (4) , October 2002, pp. 677 – 696, https://www.cambridge.org/core/journals/review-of-international-studies/article/abs/cooperative-hegemony-power-ideas-and-institutions-in-regional-integration/F645117544038966DCE173FA987315F8

 

[1] Ayjaz Wani, “India and China in Central Asia: Understanding the new rivalry in the heart of Eurasia,” Observer Research Foundation, February 2020, https://www.orfonline.org/research/india-and-china-in-central-asia-understanding-the-new-rivalry-in-the-heart-of-eurasia-61473/#_ednref8 .

 

[1] Svante E. Cornell, “The United States and Central Asia: in the Steppes to stay?,” Cambridge Review of International Affairs, 17(2), 2004, 239-254, https://doi.org/10.1080/0955757042000245870.

 

[1] Wani, “India and China in Central Asia”.

 

[1] Karrar, H. H, The New Silk Road Diplomacy: China’s Central Asian Foreign Policy since Cold War, (Vancouver: UBC Press, 2009).

 

[1] Gaurav Saini and Happymon Jacob, “India, China, and the Shanghai Cooperation Organization (SCO) Bilateral Relations, Geopolitical Trends, and Future Trajectory,” Council for Strategic and Defense Research, 2022, https://csdronline.org/upload/user/CSDR_SCO_Report.pdf.

 

[1] Marcin Kaczmarski, “Russia-China Relations in Central Asia: Why Is There a Surprising Absence of Rivalry?, ” The ASAN ForumAugust 19, 2019, https://theasanforum.org/russia-china-relations-in-central-asia-why-is-there-a-surprising-absence-of-rivalry/#2.

 

[1] Ariel Cohen, ‘After the G-8 summit: China and the Shanghai Cooperation Organization’, China and Eurasia Forum Quarterly 4(3), 2006 51–64, https://www.files.ethz.ch/isn/31649/CEF_4,3_full.pdf.

 

[1] Marc Lanteigne, “Russia, China and the Shanghai Cooperation Organization: Diverging Security Interests and the ‘Crimea Effect’,” in the Russia’s Turn to the East, ed. Helge Blakkisrud and Elana Wilson Rowe (London: Palgrave Macmillan, 2018)

 

[1] Oleg Salimov, “SCO-CSTO Merger Raised at Dushanbe Conference,” The Central Asia-Caucasus Analyst, June 04, 2014, https://www.cacianalyst.org/publications/field-reports/item/12983-sco-csto-merger-raised-at-dushanbe-conference.html.

 

[1] Kataryna Wolczuk, Rilka Dragneva, Jon Wallace, “What is the Eurasian Economic Union?,” Chatham House, July 15, 2022, https://www.chathamhouse.org/2022/07/what-eurasian-economic-union.

 

[1] Ministry of Foreign Affairs, Republic of Armenia, “International Organisations: Eurasian Economic Union,” https://www.mfa.am/en/international-organisations/6.

 

[1] Sergey Strokan, “India breaks into Eurasia,” Kommersant, May 29, 2019, https://www.kommersant.ru/doc/3984235.

 

[1] Wani, “India and China in Central Asia”.

 

[1] Martha Brill Olcott, “Asia’s Overlooked Middle,” Carnegie Endowment for International Peace, June 17, 2009, https://carnegieendowment.org/2009/06/17/asia-s-overlooked-middle-pub-23288.

 

[1] Saibal Dasgupta, “ China inks ‘loan-for-oil’ deal with Kazakhstan,” Times of India, April 18, 2009, https://timesofindia.indiatimes.com/world/china/china-inks-loan-for-oil-deal-with-kazakhstan/articleshow/4418468.cms.

 

[1] Marcin KaczmarskiRussia-China Relations in the Post-Crisis International Order (London: Routledge, 2015).

 

[1] Almaz Kumenov, “Kazakhstan: Specter of Chinese control over oil and gas largely illusory,” Eurasianet, August 24, 2022, https://eurasianet.org/kazakhstan-specter-of-chinese-control-over-oil-and-gas-largely-illusory.

 

[1] “China Imports 34 bcm of Turkmen Natural Gas in 2021,” Business Turkmenistan, August 08, 2023, https://business.com.tm/post/8075/china-imports-34-bcm-of-turkmen-natural-gas-in-2021.

 

[1] Aygerim Sarymbetova, “China Seeks to Expand Cooperation with Turkmenistan on Natural Gas,” Caspian News, January 10, 2023, https://caspiannews.com/news-detail/china-seeks-to-expand-cooperation-with-turkmenistan-on-natural-gas-2023-1-10-5/.

 

[1] “Explainer: Unraveling the significance of the China-Central Asia Summit,” Xinhuanet, May 15, 2023, https://english.news.cn/20230515/1aee386fc3d34616992a23301ed41858/c.html.

 

[1] He Yafei, “Chinese Overcapacity Crisis Can Spur Growth through Overseas Expansion,” South China Morning Post, January 7, 2014, https://www.scmp.com/comment/insight-opinion/article/1399681/chinas-overcapacity-crisis-can-spur-growth-through-overseas.

 

[1][1] Charles Clover, Sherry Fei Ju and Lucy Hornby, “China’s Xi hails Belt and Road as ‘project of the century’,” Financial Times, May 14, 2017, https://www.ft.com/content/88d584a2-385e-11e7-821a-6027b8a20f23.

 

[1] World Bank, “Belt and Road Initiative”, World Bank Group, Washington DC, 2018, 

https://www.worldbank.org/en/topic/regional-integration/brief/belt-and-road-initiative.

 

[1] Azimzhan Khitakhunov, “Economic Cooperation between Central Asia and China,” Eurasian Research Institutehttps://www.eurasian-research.org/publication/economic-cooperation-between-central-asia-and-china/.

 

[1] Temur Umarov, “China Looms Large in Central Asia,” Carnegie, March 30, 2020, https://carnegiemoscow.org/commentary/81402

 

[1] Eiji Furukawa, “Belt and Road Debt Trap Spreads to Central Asia,” Nikkei Asian Review, August 29, 2018, https://asia.nikkei.com/Spotlight/Belt-and-Road/Belt-and-Road-debt-trap-spreads-to-Central-Asia.

 

[1]  “Kyrgyzstan jails former PMs over China-linked corruption, South China Morning Post, December 7, 2019, https://www.scmp.com/news/world/russia-central-asia/article/3041051/kyrgyzstan-jails-former-pms-over-china-linked-graft.

 

[1] Ayjaz Wani, “Invest, Indebt, Incapacitate: Is China Replicating Its ‘Xinjiang Model’ In BRI Countries?,” Occasional Paper No. 268, August 2020, Observer Research Foundation, https://www.orfonline.org/research/is-china-replicating-its-xinjiang-model-in-bri-countries/.

 

[1] Roy Chaudhary, “China’s grand designs in resource-rich Central Asia face local ire”.

 

[1] Roy Chaudhury, “China’s grand designs in resource-rich Central Asia face local ire”.

 

[1] Akhmetbekov Askhat, “Chinese buses will be produced in Karaganda region,” Azattyq Ryhy, July 08, 2023, https://rus.azattyq-ruhy.kz/economics/13484-kitaiskie-avtobusy-budut-vypuskat-v-karagandinskoi-oblasti.

 

[1] “Issues of expanding investment activities of Chinese companies in the textile industry of Uzbekistan discussed,” UZDAILY, January 28, 2020, http://www.uzdaily.com/en/post/54399.

 

[1] Dirk Van Der Kley, “China shifts polluting cement to Tajikistan,” China Dialogue, August 08, 2016, https://chinadialogue.net/en/pollution/9174-china-shifts-polluting-cement-to-tajikistan/.

 

[1] Kley, “China shifts polluting cement to Tajikistan”.

 

[1] Liao Bingqing, “Chinese textile company brings new life to Tajikistan's cotton industry,” Xinhua Finance Agency, June 13, 2019, http://en.xfafinance.com/html/World/2019/413852.shtml.

 

[1] Ministry of Foreign Affairs of the People’s Republic of China, “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech,” https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/zxxx_662805/202305/t20230519_11080116.html.

 

[1] “China’s Xi presents development plans for Central Asia,” Al Jazeera, May 19, 2023, https://www.aljazeera.com/news/2023/5/19/chinas-xi-presents-development-plans-for-central-asia.

 

[1] Khitakhunov, “Economic Cooperation between Central Asia and China”.

 

[1] International Trade Centre, “Bilateral trade between China and Central Asian countries,” ITC, 2022, https://www.trademap.org/Country_SelProductCountry_TS.aspx?nvpm=1%7c156%7c%7c%7c23%7cTOTAL%7c%7c%7c2%7c1%7c1%7c2%7c2%7c1%7c2%7c1%7c1%7c1

 

[1] “China-Central Asia cooperation in numbers,” Xinhua, 16 May, 2023, https://english.news.cn/20230516/1f486fbe727441158170221544fc8211/c.html#:~:text=The%20five%20Central%20Asian%20countries,documents%20under%20the%20BRI%20framework.&text=China%20has%20been%20the%20largest,over%2070%20billion%20U.S.%20dollars.

 

[1] Khitakhunov, “Economic Cooperation between Central Asia and China”.

 

[1] [1] Justin Burke, "Central Asia: Trade with China registers strong growth during the first half of 2023," Eurasianet, July 26, 2023, https://eurasianet.org/central-asia-trade-with-china-registers-strong-growth-during-first-half-of-2023.

 

[1] “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech”.

 

[1] Gerry Shih, “In Central Asia’s forbidding highlands, a quiet newcomer: Chinese troops,” The Washington Post, February 18, 2019, https://www.washingtonpost.com/world/asia_pacific/in-central-asias-forbidding-highlands-a-quiet-newcomer-chinese-troops/2019/02/18/78d4a8d0-1e62-11e9-a759-2b8541bbbe20_story.html.

 

[1] Umarov, “China Looms Large in Central Asia”.

 

[1] Bradley Jardine and Edward Lemon, “In Russia’s Shadow: China’s Rising Security Presence in Central Asia,” Kennan Cable No.52, Wilson Center, May 2020, https://www.wilsoncenter.org/sites/default/files/media/uploads/documents/KI_200519_cable%2052_v1.pdf.

 

[1] Joshua Kucera, “China Boosts Military Aid To Kyrgyzstan, Tajikistan,” Eurasianet, September 04, 2014, https://www.refworld.org/docid/5486fe6e4.html.

 

[1] “Kyrgyzstan to receive $14.5 million from China as military aid,” Sputnik, March 22, 2017, https://tj.sputniknews.ru/20170322/kyrgyzstan-poluchit-kitaya-voyennuyu-pomoshch-1021908111.html.

 

[1] Umarov, “China Looms Large in Central Asia”.

 

[1] Umarov, “China Looms Large in Central Asia”.

 

[1] Jardine and Lemon, “In Russia’s Shadow: China’s Rising Security Presence in Central Asia”.

 

[1] Francisco Olmos, “Dawn of the Drone Age in Central Asia”, The Diplomat, November 23, 2022, https://thediplomat.com/2022/11/dawn-of-the-drone-age-in-central-asia/.

 

[1] There is no endnote with no 71, Please check the original document.

 

[1] Gavin Helf, “Blinken Debuts New U.S. Approach in Central Asia,” United States Institute of Peace, March 02, 2023, https://www.usip.org/publications/2023/03/blinken-debuts-new-us-approach-central-asia.

 

[1] Christopher Rickleton, “Ukraine War Strains Ties Between Kazakhstan and Russia,” The Moscow Times, June 24, 2022, https://www.themoscowtimes.com/2022/06/24/ukraine-war-strains-ties-between-kazakhstan-and-russia-a78100.

 

[1] “President Says Kazakhstan 'Respects' Ukraine's Territorial Integrity,” Radio Free Europe Radio Liberty, April 06, 2022, https://www.rferl.org/a/kazakhstan-toqaev-respect-ukraine-integrity/31789173.html.

 

[1] Cathrine Putz, “Uzbekistan, Kazakhstan Dispatch Humanitarian Aid to Ukraine,” The Diplomat, April 11, 2022, https://thediplomat.com/2022/04/uzbekistan-kazakhstan-dispatch-humanitarian-aid-to-ukraine/.

 

[1] Francisco Olmos, “Dawn of the Drone Age in Central Asia,” The Diplomat, November 23, 2022, https://thediplomat.com/2022/11/dawn-of-the-drone-age-in-central-asia/

 

[1] Asim Kashgarin, “China’s Xi Kicks Off Central Asia Trip With Visits to Kazakhstan, Uzbekistan,” VOA, September 14, 2022, https://www.voanews.com/a/china-xi-kicks-off-central-asia-trip-with-visits-to-kazakhstan-uzbekistan/6747766.html.

 

[1] President of the Republic of Kazakhstan, “President Kassym-Jomart Tokayev held a bilateral meeting with President Xi Jinping of China,” September 14, 2022, https://akorda.kz/en/president-kassym-jomart-tokayev-held-a-meeting-with-president-xi-jinping-of-china-1484612.

 

[1] Yang Sheng and Wan Hengyi, “Xi’s key visit to C.Asia shows China’s strategic vision, charms SCO summit with ‘hopes, opportunities and certainty’,” Global Times, September 15, 2022, https://www.globaltimes.cn/page/202209/1275375.shtml.

 

[1] “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech”.

 

[1] China-Kyrgyzstan-Uzbekistan railway to start construction in 2023: Kyrgyz President tells local media,” Global Times, June 02, 2022, https://www.globaltimes.cn/page/202206/1267203.shtml.

 

[1] “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech”.

 

[1] “President Xi Jinping Chairs the Inaugural China-Central Asia Summit and Delivers a Keynote Speech”.

 

[1] Navbahor Imamova, “Blinken’s Central Asia Visit Raises Questions on US Role, Assistance,” VOA, March 02, 2023, https://www.voanews.com/a/blinken-s-central-asia-visit-raises-questions-on-us-role-assistance-/6987471.html.

 

[1] US Department of State, Government of the United States, “C5+1 Diplomatic Platform,” February 27, 2023, https://www.state.gov/c51-diplomatic-platform/.

 

[1] The White House, Government of the United States, “Readout of President Biden’s Meeting with the C5+1 Leaders at UNGA,” September 19, 2023,

https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2023/09/19/readout-of-president-bidens-meeting-with-the-c51-leaders-at-unga/

 

[1] [1] The White House, “Readout of President Biden’s Meeting with the C5+1 Leaders at UNGA”.

 

[1] Helf, “Blinken Debuts New U.S. Approach in Central Asia”.

 

[1] European Council, “Central Asia: Council adopts a new EU strategy for the region,” June 17, 2019https://www.consilium.europa.eu/en/press/press-releases/2019/06/17/central-asia-council-adopts-a-new-eu-strategy-for-the-region/.

 

[1] European Council, “Joint press communiqué by Heads of State of Central Asia and the President of the European Council,” June 02, 2023, https://www.consilium.europa.eu/en/press/press-releases/2023/06/02/press-communique-by-heads-of-state-of-central-asia-and-the-president-of-the-european-council/.

 

[1] Samuel Doveri Vesterbye and Ayjaz Wani, “EU’s expanding engagement in Central Asia to counter Russia and China,” ORF, July 14, 2023,

https://www.orfonline.org/expert-speak/eus-expanding-engagement-in-central-asia/.

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