Issue BriefsPublished on Jun 12, 2023
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हेल्थकेयर आपूर्ति श्रृंखला का लचीलापन और व्यापार उदारीकरण; सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य मुहैया कराना

  • Aniruddha Inamdar
  • Helmut Brand

    COVID-19 महामारी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करते हुए सभी के लिए आर्थिक समृद्धि और कल्याण को बढ़ावा देने को लेकर नीतिगत समन्वय की आवश्यकता को उजागर किया है. G20 ने अपनी कार्य योजनाओं में COVID-19 रिकवरी के साथ आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को शामिल किया है. इसके बावजूद, महत्वपूर्ण विकासात्मक ख़ामियां मौजूद है जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक समान और सस्ती पहुंच को रोक रही हैं. G20 को अभी भी समूह के सदस्यों के बीच इन ख़ामियों का निवारण करने की आवश्यकता है. COVID-19 ने स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखलाओं को तो बाधित किया ही है, लेकिन क्षेत्रीय आधुनिकीकरण के साथ स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं तक समावेशी पहुंच को संतुलित करना अभी भी एक सतत् चुनौती बनी हुई है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए यह आलेख तीन नीतिगत रणनीतियां प्रस्तावित करता है: (i) स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं संबंधी व्यापार उदारीकरण को बढ़ावा देना, (ii) क्षेत्र के उदारीकरण और विनियमन के प्रतिकूल प्रभावों का मुकाबला करना, और (iii) अराजनीतिकरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाना.

Attribution:

एट्रीब्यूशन : उपलत कोरवतनसाकुल et al., ‘‘अचविंग क्वॉलिटी हेल्थ फॉर ऑल बाय एनहांसिंग हेल्थकेयर सप्लाई चेन रेसिलियन्स एंड ट्रेड लिबरलाइज़ेशन,’’ T20 पॉलिसी ब्रीफ, मई 2023.

टास्क फोर्स 1: मैक्रोइकोनॉमिक्स, ट्रेड, एंड लाइवलीहुड्‌स: पॉलिसी कोहेरन्स एंड इंटरनेशनल कोऑर्डिनेशन


चुनौती

 

कोविड-19 महामारी ने वस्तुओं और सेवाओं तथा विशेषत: स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर दिया है. महामारी के दौरान अनेक देशों द्वारा चिकित्सा आपूर्ति के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ, ऐसी आपूर्ति पर उनकी उच्च निर्भरता के कारण ग्लोबल साउथ में स्वास्थ्य प्रणालियों को काफ़ी उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है. ग्लोबल साउथ में वैक्सीन की कमी को देखते हुए घरेलू उपयोग के लिए उत्पादन क्षमता बनाने की आवश्यकता उजागर हुई है. विशेष रूप से, अन्य विनिर्माण देशों ने भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा वैश्विक दक्षिण में वैक्सीन उत्पादन में विविधता लाने के प्रयास का विरोध किया था. भारत और दक्षिण अफ्रीका बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर समझौते में छूट का प्रस्ताव देकर ऐसा करने की कोशिश कर रहे थे. यह इस बात का संकेत है कि वैश्वीकृत दुनिया समान विकास पर व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता दे रही है.

पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखला प्रणालियों के विपरीत, स्वास्थ्य देखभाल आपूर्ति श्रृंखलाएं, परिष्कृत और व्यापक तंत्रों का उपयोग करती हैं. राजनीतिक औचित्य के आधार पर विकसित आपूर्ति श्रृंखला, अस्थिर भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक जलवायु को देखते हुए आर्थिक तर्कों को ध्यान में नहीं रख सकती है. वैश्विक प्रभावों के साथ राजनीतिक अनिवार्यताओं, जैसे राजनीतिक भिन्नताओं और संरक्षणवादी नीतियों के संघर्ष से प्रणालियों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना, उनके कामकाज को बढ़ाने की दृष्टि से अहम है. नियर-शोरिंग [a] और फ्रेंड-शोरिंग [b] में प्रभावों की अनिवार्यताओं ने दुनिया को दो ध्रुवों में विभाजित कर दिया है, जो आर्थिक और सामाजिक ख़ामियों को बढ़ा रहा है.[1] विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने[2]  राजनीतिक विचलन के कारण पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं के मामले में अब वैकल्पिक तटों को तरजीह देने की नीति अपना ली है. इसकी वज़ह से एक नई आपूर्ति श्रृंखला की व्यवस्था तैयार हुई है. लेकिन अब नए आपूर्तिकर्ताओं पर उनकी क्षमता से ज़्यादा आपूर्ति करने का दबाव पैदा हो गया है.

चित्र 1 में G20 देशों के बीच स्वास्थ्य सेवा व्यापार डेटा, यानी चिकित्सा उपकरणों और संबद्ध सेवाओं के लिए फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों के माध्यम से निश्चित अभिसरण दिखाता है. विकसित अर्थव्यवस्थाएं अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों में कमी के बावजूद ग्लोबल साउथ को पीछे छोड़ देती हैं.[3] इसी प्रकार उत्तर-उत्तर व्यापार में स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखलाओं का ध्रुवीकरण स्पष्ट दिखाई देता है.

चित्र 1: 2021 में स्वास्थ्य सेवा पर आयात और निर्यात डेटा (US$ billions में)

a.आयात

  1. निर्यात

स्रोत: ग्लोबल एज[4]

इसके साथ ही, G20 देशों में मानव विकास के विभिन्न स्तरों के कारण गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं (HSS) संबंधी असमान उपलब्धता और पहुंच उपलब्ध होती है. मानव विकास में ऐसी बाधाओं को दूर करने के लिए समन्वित नीतिगत प्रयासों और व्यापक रणनीतियों की ज़रूरत है. हालांकि, विशेष रूप से विकासशील देशों में विकसित तकनीक, वित्त पोषण, मानव संसाधन और चिकित्सा सुविधाओं की कमी, ऐसी रणनीतियों के कार्यान्वयन में बाधक बनी हुई है.

2030 तक सतत विकास लक्ष्य (SDG) 3.8 [c] प्राप्त करने की कोशिशों के बावजूद, किसी भी G20 देश ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) हासिल नहीं किया है. G20 देशों का आधा UHC सर्विस कवरेज इंडेक्स (SCI) 80 से कम है. यह विशेषत: उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे - भारत (61.2), इंडोनेशिया (58.7), और दक्षिण अफ्रीका (67.5) से संबंधित है. (टेबल 1 देखें).

इसके अलावा, जनसांख्यिकीय चुनौती से निपटने में, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में व्यापार उदारीकरण विकसित G20 देशों में नीति संतुलन में सुधार कर सकता है. [d] हालांकि, नीति निर्माताओं को HSS के उदारीकरण और विनियमन से होने वाले संभावित जोख़िमों पर विचार करना चाहिए. नीति निर्माताओं को बुनियादी HSS प्रदान करने और इन सेवाओं में अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के बीच संसाधनों को विभाजित करने यानी (i) बुनियादी HSS के लिए समान और सस्ती पहुंच को बढ़ावा देना, और (ii) हाल की तकनीकों के साथ HSS का आधुनिकीकरण करने[5] में मदद की आवश्यकता है.

टेबल 1: G20 में स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाओं के प्रमुख संकेतक

0

 

Population

(millions)

 

Population ages 65 and above (% of total population) Current health expenditure (% of GDP) Universal Health Coverage Service Coverage Index   Physicians (per 1,000 people)   Nurses and midwives (per 1,000 people)   Hospital beds (per 1,000 people)  
  2021 2021 2019 2019   2020   2020   2019  
Argentina 45.8 12 Ageing 9.51 73.4   4.1   2.6 d 5.0 d
Australia 25.7 17 Aged 9.91 87.2   4.1   13.1 b 3.8 e
Brazil 214.3 10 Ageing 9.59 75.0   2.3 b 7.4 b 2.1 d
Canada 38.2 19 Aged 10.84 89.4   2.4 b 11.1   2.5  
China 1,412.4 13 Ageing 5.35 82.2   2.2 b 3.1 b 4.3 d
France 67.7 21 Super-aged 11.06 83.9   3.3 b 11.8 b 5.9 c
Germany 83.2 22 Super-aged 11.70 85.8   4.4   14.2 b 8.0 d
India 1,407.6 7 Ageing 3.01 61.2   0.7   1.7   0.5 d
Indonesia 273.8 7 Ageing 2.90 58.7   0.6   4.0   1.0 d
Italy 59.1 24 Super-aged 8.67 83.4   3.9   6.3   3.1 c
Japan 125.7 30 Super-aged 10.74 84.9   2.5 c 11.9 c 13.0 c
Mexico 126.7 8 Ageing 5.43 73.9   2.4 b 2.8 b 1.0 c
South Korea 51.7 17 Aged 8.16 87.1   2.5 b 8.2 b 12.4 c
Russia 143.4 16 Aged 5.65 75.4   3.8   8.5 b 7.1 c
Saudi Arabia 36.0 3 Young 5.69 72.9   2.7   5.8 b 2.2 d
South Africa 59.4 6 Young 9.11 67.5   0.8 b 5.0 c 2.3 f
Türkiye 84.8 8 Ageing 4.34 78.7   1.9 b 3.0 b 2.9 c
UK 67.3 19 Aged 10.15 87.7   3.0   8.9   2.5  
US 331.9 17 Aged 16.77 82.6   2.6 c 15.7 c 2.9 d
European Union 447.2 21 Super-aged 9.92 79.2 a 3.9 c 9.5 c 4.6 c

नोट: a = यूरोप और मध्य एशिया;  b= 2019; c = 2018; d = 2017; e = 2016; f = 2010

स्रोत: विश्व बैंक[6]

टेबल 2 G20 HSS व्यापार की अपेक्षाकृत कम मात्रा और हिस्सेदारी यानी शेयर को दिखाती है, जो पूर्व सेवा व्यापार उदारीकरण में HSS के महत्व को दी जाने वाली तुच्छता को दर्शाता है. 2017 में, G20 का HSS निर्यात US$25.8 बिलियन था, जबकि कुल आयात US$34 बिलियन था, जो कुल HSS व्यापार मूल्यों का केवल 0.5 प्रतिशत था. HSS व्यापार में उभरते हुए G20 का हिस्सा और भी छोटा, यानी विकसित G20 की तुलना में लगभग दस गुना छोटा हो जाता है. G20 अर्थव्यवस्थाओं ने मोड 1 (सीमा पार व्यापार के माध्यम से आपूर्ति) और सीमित श्रम गतिविधि (मोड 4) का कम उपयोग किया. [e] समान चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, विकसित और उभरती हुई G20 अर्थव्यवस्थाओं ने HSS व्यापार में विभिन्न लाभों को देखा है. विकसित G20 देशों ने जहां मोड 3 में अपनी ताकत प्रदर्शित की और HSS व्यापार के बीच उच्चतम व्यापार मात्रा (US$27.0 billion का आयात और US$22.2 billion का निर्यात) और हिस्सेदारी (आयात का 89 प्रतिशत और निर्यात का 93.9 प्रतिशत) दर्शाता है. हालाँकि, उभरती हुए G20 देशों की ताकत US$2 बिलियन (HHS व्यापार का 55.1 प्रतिशत) की सबसे बड़ी आयात मात्रा और US$1.8 बिलियन (HSS व्यापार का 85.6 प्रतिशत) की निर्यात मात्रा के साथ मोड 2 पर निर्भर करती है. इस प्रकार, कम उपयोग किया गया मोड 2 (विदेश में ख़पत) विकसित G20 के लिए एक चुनौती है, जबकि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (मोड 3) को आकर्षित करने में परेशानी उभरते हुए G20 के लिए एक चुनौती है, जो उनके न्यूनतम मोड 3 आयात मात्रा (US$32 मिलियन या 1.5 उभरते हुए G20 के HSS व्यापार का प्रतिशत) के माध्यम से दिखाया गया है.

टेबल 2. G20 में स्वास्थ्य और सामाजिक से संबंधित सेवा व्यापार का अनुमानित मूल्य और हिस्सा (2017, US$ millions और प्रतिशत में)

 

nt)

  Receipts from the world (imports) Supply to the world (exports)
 

Health-related and

social services

Total services

Health-related and

social services

Total services
G20 Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 ** 925.5 2.7 1,994,703.2 26.8 522.2 2.0 1,521,417.3 28.2
Mode 2 ** 4,761.0 14.0 748,187.2 10.0 2,858.4 11.1 414,895.6 7.7
Mode 3 ** 27,970.5 82.3 4,509,635.9 60.6 22,203.7 86.2 3,272,680.9 60.6
Mode 4 ** 308.5 0.9 192,159.7 2.6 174.2 0.7 192,554.2 3.6
Total 33,965.4 100.0 7,444,686.0 100.0 25,758.4 100.0 5,401,548.0 100.0
Advanced G20 * Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 434.0 1.4 1,391,720.1 26.1 314.7 1.3 1,067,639.4 27.0
Mode 2 2,754.0 9.1 448,487.5 8.4 1,017.1 4.3 257,818.7 6.5
Mode 3 26,987.6 89.0 3,346,753.0 62.8 22,171.7 93.9 2,492,696.9 63.1
Mode 4 144.7 0.5 140,863.6 2.6 104.9 0.4 134,918.2 3.4
Total 30,320.3 100.0 5,327,824.2 100.0 23,608.3 100.0 3,953,073.3 100.0
Emerging G20 * Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 491.5 13.5 602,983.0 28.5 207.5 9.7 453,777.9 31.3
Mode 2 2,006.9 55.1 299,699.7 14.2 1,841.3 85.6 157,076.8 10.8
Mode 3 982.8 27.0 1,162,882.9 54.9 32.0 1.5 779,984.0 53.8
Mode 4 163.8 4.5 51,296.1 2.4 69.3 3.2 57,636.0 4.0
Total 3,645.2 100.0 2,116,861.8 100.0 2,150.1 100.0 1,448,474.7 100.0

नोटस्‌:  * के लिए फुटनोट d देखें; ** के लिए फुटनोट d देखें 

स्रोत: विश्व व्यापार संगठन[7]

 

G20 की भूमिका

गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, G20 को अपनी भूमिकाओं का ध्यान इन बातों पर देना होगा (i) प्रणाली की राजनीतिक आक्रोश से स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाना, और (ii) स्वास्थ्य प्रणाली की समावेशिता और लचीलेपन की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना.

स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली में राजनीतिक हित-प्रेरित विविधताओं को मिटाने के लिए, सबसे पहले अराजनीतिकरण की आवश्यकता को समझते हुए स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को रेखांकित करना आवश्यक है.[8] G20 बाली लीडर्स डिक्लेरेशन[9] में उजागर किए गए दीर्घकालिक विकास और सतत् विकास के लिए G20 को अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए ताकि सुधारों के माध्यम से लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क और न्यायसंगत बहुपक्षीय व्यापार को सुनिश्चित किया जा सके. इसे हासिल करने के लिए, G20 को राजनीतिक आक्रोश से व्यवस्था की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए.

दूसरा, SDG 3.8 हासिल करने के लिए G20 की राजनीतिक इच्छाशक्ति अहम है. G20 की सिफ़ारिशों और 'सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल' के लिए हस्तक्षेप की निरंतरता को महसूस किया जाना चाहिए. G20 सरकारों द्वारा स्वास्थ्य समावेशन और लचीलेपन की सुविधा के लिए उद्देश्यपूर्ण प्रतिबद्धता प्रत्येक क्षेत्राधिकार के विनियामक और कानूनी ढांचे में अनुवादित नीतिगत कार्यों में परिलक्षित होनी चाहिए. निम्नलिखित नीतिगत प्रस्तावों को लागू करने के लिए, G20 को UHC की ओर स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक विभिन्न संसाधनों का पता लगाना चाहिए. यह G20 सदस्यों के बीच और G20 एवं संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों (जैसे विश्व व्यापार संगठन), और तकनीकी सहायता कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले प्रमुख बहुपक्षीय विकास बैंकों के बीच सहयोग को मज़बूत करके किया जा सकता है.

G20 के लिए सिफारिशें

यह आलेख सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य तक पहुंच में सुधार के लिए तीन मुख्य नीतिगत विचारों का प्रस्ताव करता है.

  • स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं से संबंधित व्यापार में प्रत्याशित उदारीकरण को और बढ़ावा देना (प्रत्याशित उदारीकरण)

 

  1. उदारीकरण के निहितार्थ के साथ सुधार

G20 को HSS में घरेलू विशेषताओं के अनुरूप सुधार करने चाहिए. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से तुलनात्मक लाभ के आधार पर HSS में होने वाला व्यापार, सदस्य देशों के बीच सेवाओं की निरंतर गुणवत्ता में योगदान देता है. उदाहरण के लिए, उभरते हुए G20 देशों के साथ विकसित G20 अधिक इन्नोवेटिव क्लीनिकल ​​और चिकित्सा सेवाएं साझा कर सकता है, जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाएं विकसित G20 को मिड-स्कील्ड हेल्थ वर्कर्स प्रदान कर सकती हैं. HSS इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और प्रबंधन में विदेशी खिलाड़ियों द्वारा बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर योजनाएं आवश्यक हैं.[10]  इस तरह की योजनाओं के लिए (i) राष्ट्रीय बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और स्वास्थ्य देखभाल रखरखाव संस्थानों के लिए वित्तीय समीक्षा की आवश्यकता होती है, और (ii) अप-टू-डेट और अधिक व्यापक HSS डेटा के साथ एक निगरानी, ​​​​मूल्यांकन और रिपोर्टिंग प्रणाली की स्थापना की जाती है, जिसकी अभी भी G20 में भी कमी है. [f] समय-समय पर और अलग-अलग डेटा संग्रह और भविष्य का आकलन करने वाली विश्लेषण क्षमता के निर्धारण से HSS, स्वास्थ्य देखभाल के लिए अनिवार्य चीजों, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों की मांग में सुधार होगा.

(2) सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना

G20 में विशेषत: उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी बजट से जुड़ी बाधाओं को देखते हुए, HSS के व्यापक प्रावधान और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए विकसित G20 से सहयोग की आवश्यकता है. इसके साथ ही घरेलू और विदेशी निवेश से स्वास्थ्य देखभाल के सामान और सेवाओं के चार मोड्‌स में व्यापार नियमों में और अधिक उदारीकरण ज़रूरी हैं. ग्लोबल साउथ में हेल्थकेयर उत्पादों के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने से उभरते हुए G20 देशों को लागत-कुशल मॉडल निर्धारित करने और स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए व्यावसायिक रणनीतियों को आधुनिक बनाने में सहायता मिल सकती है. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित करने में G20, कॉम्पैक्ट विथ अफ्रीका [g] की सफ़लता से सीखकर उभरते हुए G20 देशों में स्वास्थ्य सेवा निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक समान अवधारणा को अपना सकता है.

  • मोड 1 - डिजिटल चिकित्सा प्रौद्योगिकी में घरेलू क्षमता बढ़ाना: G20 की इंडोनेशियाई और भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत, डिजिटल हेल्थ इन्नोवेशन्स को हेल्थ इक्विटी और सस्टेनेबिलिटी की दृष्टि से अहम माना गया था. उभरते देशों को निजी क्षेत्र और विकसित G20 देशों के साथ साझेदारी में डिजिटल चिकित्सा तकनीक के अनुसंधान और विकास के लिए अधिक सार्वजनिक धन आवंटित करना चाहिए.
  • मोड 2 - विकसित G20 देशों के बीच स्वास्थ्य और सामाजिक संबंधी सेवा मूल्य श्रृंखलाओं को मज़बूत करना: भारत की अध्यक्षता में हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) उभरते हुए G20 देशों के चिकित्सा मूल्य यात्रा (स्वास्थ्य या चिकित्सा पर्यटन) के महत्व पर जोर देता है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी असमानताओं को दूर किया जा सके. इंडोनेशिया, भारत और मैक्सिको में स्थापित अग्रणी वैश्विक चिकित्सा केंद्र, विदेशी विशिष्ट नर्सिंग या सेवानिवृत्ति गृहों सहित गुणवत्तापूर्ण और लागत प्रभावी चिकित्सा उपचार और सस्ती सामाजिक सेवाएं प्रदान करते हैं. बढ़ती उम्र की आबादी ने विकसित G20 देशों को सामाजिक सुरक्षा, पेंशन प्रणाली, और स्वास्थ्य देखभाल के बढ़ते ख़र्च के बोझ की ओर धकेल दिया है.[11],[12] इसे देखते हुए G20 देशों के बीच HHS मूल्य श्रृंखलाओं को मज़बूत किया गया तो इसके चलते नागरिकों को चिकित्सा का विकल्प मिलेगा. ऐसा करने से विकसित G20 देशों के राजकोषीय बोझ को कम कर उभरते हुए G20 के बीच आय वितरण में सुधार किया जा सकता है.
  • मोड 3- विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ निवेश प्रोत्साहन नीतियों को मज़बूत करना और निवेश संबंध बनाना: निवेश प्रोत्साहन नीतियों का मिश्रण चिकित्सा नवाचार के साथ FDI को आकर्षित करने में सहायक साबित होगा. विकसित G20 देशों की ताकत को देखते हुए, उभरते हुए G20 देश और विकसित G20 देशों के बीच निवेश संबंधों को बनाया जा सकता है. इसके लिए उभरते हुए G20 देशों में एक स्पष्ट और पारदर्शी HSS नीति और नियामक ढांचा तैयार किया जा सकता है. ऐसा करने के लिए गुणवत्ता आश्वासन और मेज़बान देशों में HSS व्यवसायों की अंतरराष्ट्रीय शाखाओं पर प्रवेश और परिचालन प्रतिबंधों को हटाने पर फोकस होना चाहिए. इसके अलावा, मेज़बान देश बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNE) और स्टार्ट-अप के लिए निवेश के माहौल को पोषक बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और प्रासंगिक कौशल विकास जैसे कदम उठा सकते हैं.
  • मोड 4- स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा से संबंधित क्षेत्र में नैचुरल पर्सन्स की आवाजाही पर पारस्परिक मान्यता समझौतों को लागू करना: HSS क्षेत्र में अविकसित म्युच्युअल रिकग्निशन एग्रीमेंटस्‌ (MRA), जिसमें सीमा पार नैचुरल पर्सन्स मूवमेंट के ख़राब दस्तावेज़ शामिल हैं, मान्यता और प्रमाणन प्रणाली की कमी, और भाषा और संचार संबंधी बाधाएं मोड 4 में HSS व्यापार की प्रगति में बाधा डालती हैं. G20 सदस्यों के बीच नियामक निकायों में संस्थागत क्षमता की कमी, विशेष रूप से धन और पर्याप्त विधायी ढांचे के मामले में पेशेवर संगठनों और प्रासंगिक सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोग को रोकता है.[13] इस प्रकार, G20 देशों को इस मोड में HSS व्यापार का विस्तार करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों और विनियमों और स्वास्थ्य संबंधी मान्यता और प्रमाणन के आधार पर सदस्यों के बीच MRA के लिए बातचीत और समन्वय को बढ़ावा देना चाहिए.
  • स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाओं के उदारीकरण और अविनियमन के नकारात्मक प्रभावों का प्रतिसंतुलन (ex-post उदारीकरण) 
  • गुणवत्ता आश्वासन

G20 को स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य HSS प्रदाताओं के पर्याप्त क्वॉलिटी एश्योरन्स के लिए सदस्यों के बीच HSS व्यापार में संस्थागत प्रक्रियाओं, विनियामक सामंजस्य, मानकीकरण और मान्यता को सुव्यवस्थित करना चाहिए. क्वॉलिटी एश्योरन्स न केवल UHC की गुणवत्ता की गारंटी देता है, बल्कि जैसा कि HWG द्वारा जोर दिया गया है, यह MVT के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को भी मज़बूत करता है.

(2) उच्च गुणवत्ता वाली सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देना

G20 को HSS व्यापार उदारीकरण के संभावित नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने के लिए आयु-समावेशी कवरेज, दीर्घकालिक देखभाल, राष्ट्रीय बीमा कवरेज, और बड़े पैमाने पर प्राथमिक देखभाल[14] सहित UHC की ओर प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा, G20 को स्वास्थ्य सेवा प्रावधान में निजी क्षेत्र की भागीदारी की सीमा निर्धारित करनी चाहिए. एक इष्टतम निजीकरण स्तर तय करने के लिए क्षेत्रीय परामर्श से प्राप्त एक स्पष्ट और पारदर्शी HSS नीति और नियामक ढांचे को तैयार किया जाना चाहिए, जो सेवाओं तक समान पहुंच की सुविधा प्रदान करता है. नीति निर्माण में इन कारकों का प्रतिसंतुलन HSS की गुणवत्ता आपूर्ति और समानता को बढ़ावा देगा.

  • अराजनीतिकरण, व्यापार उदारीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ाना

विकसित G20 देशों के समर्थन में तेजी लाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से तकनीकी सहायता लेकर वैश्विक दक्षिण में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की क्षमताओं को मज़बूत करके स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला में अराजनीतिकरण हासिल किया जा सकता है.

(1) क्षेत्रीय संस्थाओं का विकास करना

अपनी योजना द्वारा वितरित बड़े पैमाने पर निवेश लाभों के बावजूद, G20 CwA ने MNE के बीच फार्मास्युटिकल क्षेत्र में मार्केट मोनोपोली पैदा की, जिसकी वज़ह से स्थानीय निर्माता गायब हो गए. सिस्टम के एंड-टू-एंड व्यापार में स्थानीय निर्माताओं और गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने और क्षेत्रीय संस्थाओं की स्थापना करने से एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला और उभरते हुए G20 देश में समान पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है. इसके अलावा, सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों की स्थापना और चिकित्सा उत्पादों में व्यापार को और उदार बनाने से बेहतर विनियामक कार्यान्वयन का लाभ उठाकर बेहतर संसाधन आवंटन और उपयोग की सुविधा मिल सकती है.

  1. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर क्षमता निर्माण के लिए एक इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना

विकसित G20 देशों और यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेन्स ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट के सहयोग से Empretec का अनुसरण करते हुए विकासशील देशों के लिए बनाया गया एक इंक्यूब्शेन सेंटर वैश्विक स्वास्थ्य सेवा उद्योग में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों की क्षमता बढ़ाने के लिए तथा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और संबंधित व्यापार ज्ञान को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो सकता है. समर्थन में विकसित ज्ञान-साझाकरण प्लेटफॉर्म, वित्त पोषण, और, विशेष रूप से कमज़ोर समूहों वाले उद्यमियों को अन्य सहायता शामिल हो सकती है.[15]


एट्रीब्यूशन : उपलत कोरवतनसाकुल et al., ‘‘अचविंग क्वॉलिटी हेल्थ फॉर ऑल बाय एनहांसिंग हेल्थकेयर सप्लाई चेन रेसिलियन्स एंड ट्रेड लिबरलाइज़ेशन,’’ T20 पॉलिसी ब्रीफ, मई 2023.


 Endnotes

[1] Günther Maihold, “A New Geopolitics of Supply Chains: The Rise of Friend-Shoring,” SWP Comment 2022/C, no. 45 (July 2022): 2, doi:10.18449/2022C45.

[2] Juliette Rowsell, “What Happens When Politics Ensnares Supply Chains?,” Analysis, Supply Management, June 1, 2022.

[3] Lieve Fransen, John Nkengason, Smita Srinivas, and Stefano Vella. Boosting Equitable Access and Production of Diagnostics, Therapeutics and Vaccines to Confront Covid-19 on a Global Footing (Italy: Think20, 2021).

[4] GlobalEDGE. Healthcare: Trade Statistics, (March 16, 2023), distributed by Michigan State University.

[5] Upalat Korwatanasakul, Kaliappa Kalirajan, Hikari Ishido, and Martha Primanthi, Trade in Services: Health Related and Social Services (Promoting Services Trade in ASEAN: Second Phase (Social Services Paper 1) (Tokyo: ASEAN-Japan Centre, 2020).

[6] World Bank, World Bank Open Data, (March 16, 2023), distributed by the World Bank.

[7] World Trade Organization, Trade in Services data by mode of supply (TISMOS), (March 16, 2023), distributed by the World Trade Organization.

[8] Tedros Adhanom Ghebreyesus, “Health Is a Fundamental Human Right,” Newsroom, World Health Organization, December 10, 2017.

[9]G20 Bali Leaders’ Declaration,” G20, November 15-16, 2022.

[10] Fauziah Zen, “Capital Market Development and Financial Market Integration,” in Mid-Term Review of ASEAN Economic Community Blueprint, (Jakarta: Economic Research Institute for ASEAN and East Asia, 2012).

[11] Upalat Korwatanasakul, Pitchaya Sirivunnabood, and Adam Majoe, “Demographic Transition and its Impacts on Fiscal Sustainability in East and Southeast Asia” in Demographic Transition and Its Impacts in Asia and Europe, eds. Sang-Chul Park, Naohiro Ogawa, Chul-Ju Kim, Pitchaya Sirivunnabood, and Thai-Ha Le (Tokyo: Asian Development Bank Institute, 2021), 9-39.

[12] Pitchaya Sirivunnabood and Upalat Korwatanasakul, “Achieving Resilient and Inclusive Social Welfare Systems for Aging Societies against the Pandemic,” Think20 (T20): 1-2.

[13] Dovelyn Rannveig Mendoza and Guntur Sugiyarto, The Long Road Ahead: Status Report on the Implementation of the ASEAN Mutual Recognition Arrangements on Professional Services (Manila: Asian Development Bank, 2012).

[14]  Pitchaya Sirivunnabood and Upalat Korwatanasakul, “Achieving Resilient and Inclusive Social Welfare Systems for Aging Societies against the Pandemic,” (Indonesia: Think20, 2022).

[15]UNCTAD Empretec – Inspiring entrepreneurship,” United Nations Conference on Trade and Development, May 3, 2019.

टेबल 1: G20 में स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाओं के प्रमुख संकेतक

 

Population

(millions)

 

Population ages 65 and above (% of total population) Current health expenditure (% of GDP) Universal Health Coverage Service Coverage Index   Physicians (per 1,000 people)   Nurses and midwives (per 1,000 people)   Hospital beds (per 1,000 people)  
  2021 2021 2019 2019   2020   2020   2019  
Argentina 45.8 12 Ageing 9.51 73.4   4.1   2.6 d 5.0 d
Australia 25.7 17 Aged 9.91 87.2   4.1   13.1 b 3.8 e
Brazil 214.3 10 Ageing 9.59 75.0   2.3 b 7.4 b 2.1 d
Canada 38.2 19 Aged 10.84 89.4   2.4 b 11.1   2.5  
China 1,412.4 13 Ageing 5.35 82.2   2.2 b 3.1 b 4.3 d
France 67.7 21 Super-aged 11.06 83.9   3.3 b 11.8 b 5.9 c
Germany 83.2 22 Super-aged 11.70 85.8   4.4   14.2 b 8.0 d
India 1,407.6 7 Ageing 3.01 61.2   0.7   1.7   0.5 d
Indonesia 273.8 7 Ageing 2.90 58.7   0.6   4.0   1.0 d
Italy 59.1 24 Super-aged 8.67 83.4   3.9   6.3   3.1 c
Japan 125.7 30 Super-aged 10.74 84.9   2.5 c 11.9 c 13.0 c
Mexico 126.7 8 Ageing 5.43 73.9   2.4 b 2.8 b 1.0 c
South Korea 51.7 17 Aged 8.16 87.1   2.5 b 8.2 b 12.4 c
Russia 143.4 16 Aged 5.65 75.4   3.8   8.5 b 7.1 c
Saudi Arabia 36.0 3 Young 5.69 72.9   2.7   5.8 b 2.2 d
South Africa 59.4 6 Young 9.11 67.5   0.8 b 5.0 c 2.3 f
Türkiye 84.8 8 Ageing 4.34 78.7   1.9 b 3.0 b 2.9 c
UK 67.3 19 Aged 10.15 87.7   3.0   8.9   2.5  
US 331.9 17 Aged 16.77 82.6   2.6 c 15.7 c 2.9 d
European Union 447.2 21 Super-aged 9.92 79.2 a 3.9 c 9.5 c 4.6 c

नोट: a = यूरोप और मध्य एशिया;  b= 2019; c = 2018; d = 2017; e = 2016; f = 2010

स्रोत: विश्व बैंक[6]

टेबल 2 G20 HSS व्यापार की अपेक्षाकृत कम मात्रा और हिस्सेदारी यानी शेयर को दिखाती है, जो पूर्व सेवा व्यापार उदारीकरण में HSS के महत्व को दी जाने वाली तुच्छता को दर्शाता है. 2017 में, G20 का HSS निर्यात US$25.8 बिलियन था, जबकि कुल आयात US$34 बिलियन था, जो कुल HSS व्यापार मूल्यों का केवल 0.5 प्रतिशत था. HSS व्यापार में उभरते हुए G20 का हिस्सा और भी छोटा, यानी विकसित G20 की तुलना में लगभग दस गुना छोटा हो जाता है. G20 अर्थव्यवस्थाओं ने मोड 1 (सीमा पार व्यापार के माध्यम से आपूर्ति) और सीमित श्रम गतिविधि (मोड 4) का कम उपयोग किया. [e] समान चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, विकसित और उभरती हुई G20 अर्थव्यवस्थाओं ने HSS व्यापार में विभिन्न लाभों को देखा है. विकसित G20 देशों ने जहां मोड 3 में अपनी ताकत प्रदर्शित की और HSS व्यापार के बीच उच्चतम व्यापार मात्रा (US$27.0 billion का आयात और US$22.2 billion का निर्यात) और हिस्सेदारी (आयात का 89 प्रतिशत और निर्यात का 93.9 प्रतिशत) दर्शाता है. हालाँकि, उभरती हुए G20 देशों की ताकत US$2 बिलियन (HHS व्यापार का 55.1 प्रतिशत) की सबसे बड़ी आयात मात्रा और US$1.8 बिलियन (HSS व्यापार का 85.6 प्रतिशत) की निर्यात मात्रा के साथ मोड 2 पर निर्भर करती है. इस प्रकार, कम उपयोग किया गया मोड 2 (विदेश में ख़पत) विकसित G20 के लिए एक चुनौती है, जबकि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (मोड 3) को आकर्षित करने में परेशानी उभरते हुए G20 के लिए एक चुनौती है, जो उनके न्यूनतम मोड 3 आयात मात्रा (US$32 मिलियन या 1.5 उभरते हुए G20 के HSS व्यापार का प्रतिशत) के माध्यम से दिखाया गया है.

टेबल 2. G20 में स्वास्थ्य और सामाजिक से संबंधित सेवा व्यापार का अनुमानित मूल्य और हिस्सा (2017, US$ millions और प्रतिशत में)

 

nt)

  Receipts from the world (imports) Supply to the world (exports)
 

Health-related and

social services

Total services

Health-related and

social services

Total services
G20 Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 ** 925.5 2.7 1,994,703.2 26.8 522.2 2.0 1,521,417.3 28.2
Mode 2 ** 4,761.0 14.0 748,187.2 10.0 2,858.4 11.1 414,895.6 7.7
Mode 3 ** 27,970.5 82.3 4,509,635.9 60.6 22,203.7 86.2 3,272,680.9 60.6
Mode 4 ** 308.5 0.9 192,159.7 2.6 174.2 0.7 192,554.2 3.6
Total 33,965.4 100.0 7,444,686.0 100.0 25,758.4 100.0 5,401,548.0 100.0
Advanced G20 * Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 434.0 1.4 1,391,720.1 26.1 314.7 1.3 1,067,639.4 27.0
Mode 2 2,754.0 9.1 448,487.5 8.4 1,017.1 4.3 257,818.7 6.5
Mode 3 26,987.6 89.0 3,346,753.0 62.8 22,171.7 93.9 2,492,696.9 63.1
Mode 4 144.7 0.5 140,863.6 2.6 104.9 0.4 134,918.2 3.4
Total 30,320.3 100.0 5,327,824.2 100.0 23,608.3 100.0 3,953,073.3 100.0
Emerging G20 * Value Share Value Share Value Share Value Share
Mode 1 491.5 13.5 602,983.0 28.5 207.5 9.7 453,777.9 31.3
Mode 2 2,006.9 55.1 299,699.7 14.2 1,841.3 85.6 157,076.8 10.8
Mode 3 982.8 27.0 1,162,882.9 54.9 32.0 1.5 779,984.0 53.8
Mode 4 163.8 4.5 51,296.1 2.4 69.3 3.2 57,636.0 4.0
Total 3,645.2 100.0 2,116,861.8 100.0 2,150.1 100.0 1,448,474.7 100.0

नोटस्‌:  * के लिए फुटनोट d देखें; ** के लिए फुटनोट d देखें 

स्रोत: विश्व व्यापार संगठन[7]

 

G20 की भूमिका

गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, G20 को अपनी भूमिकाओं का ध्यान इन बातों पर देना होगा (i) प्रणाली की राजनीतिक आक्रोश से स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाना, और (ii) स्वास्थ्य प्रणाली की समावेशिता और लचीलेपन की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना.

स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली में राजनीतिक हित-प्रेरित विविधताओं को मिटाने के लिए, सबसे पहले अराजनीतिकरण की आवश्यकता को समझते हुए स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को रेखांकित करना आवश्यक है.[8] G20 बाली लीडर्स डिक्लेरेशन[9] में उजागर किए गए दीर्घकालिक विकास और सतत् विकास के लिए G20 को अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए ताकि सुधारों के माध्यम से लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क और न्यायसंगत बहुपक्षीय व्यापार को सुनिश्चित किया जा सके. इसे हासिल करने के लिए, G20 को राजनीतिक आक्रोश से व्यवस्था की स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए.

दूसरा, SDG 3.8 हासिल करने के लिए G20 की राजनीतिक इच्छाशक्ति अहम है. G20 की सिफ़ारिशों और 'सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल' के लिए हस्तक्षेप की निरंतरता को महसूस किया जाना चाहिए. G20 सरकारों द्वारा स्वास्थ्य समावेशन और लचीलेपन की सुविधा के लिए उद्देश्यपूर्ण प्रतिबद्धता प्रत्येक क्षेत्राधिकार के विनियामक और कानूनी ढांचे में अनुवादित नीतिगत कार्यों में परिलक्षित होनी चाहिए. निम्नलिखित नीतिगत प्रस्तावों को लागू करने के लिए, G20 को UHC की ओर स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक विभिन्न संसाधनों का पता लगाना चाहिए. यह G20 सदस्यों के बीच और G20 एवं संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों (जैसे विश्व व्यापार संगठन), और तकनीकी सहायता कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले प्रमुख बहुपक्षीय विकास बैंकों के बीच सहयोग को मज़बूत करके किया जा सकता है.

G20 के लिए सिफारिशें

यह आलेख सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य तक पहुंच में सुधार के लिए तीन मुख्य नीतिगत विचारों का प्रस्ताव करता है.

  • स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं से संबंधित व्यापार में प्रत्याशित उदारीकरण को और बढ़ावा देना (प्रत्याशित उदारीकरण)

 

  1. उदारीकरण के निहितार्थ के साथ सुधार

G20 को HSS में घरेलू विशेषताओं के अनुरूप सुधार करने चाहिए. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से तुलनात्मक लाभ के आधार पर HSS में होने वाला व्यापार, सदस्य देशों के बीच सेवाओं की निरंतर गुणवत्ता में योगदान देता है. उदाहरण के लिए, उभरते हुए G20 देशों के साथ विकसित G20 अधिक इन्नोवेटिव क्लीनिकल ​​और चिकित्सा सेवाएं साझा कर सकता है, जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाएं विकसित G20 को मिड-स्कील्ड हेल्थ वर्कर्स प्रदान कर सकती हैं. HSS इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और प्रबंधन में विदेशी खिलाड़ियों द्वारा बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर योजनाएं आवश्यक हैं.[10]  इस तरह की योजनाओं के लिए (i) राष्ट्रीय बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और स्वास्थ्य देखभाल रखरखाव संस्थानों के लिए वित्तीय समीक्षा की आवश्यकता होती है, और (ii) अप-टू-डेट और अधिक व्यापक HSS डेटा के साथ एक निगरानी, ​​​​मूल्यांकन और रिपोर्टिंग प्रणाली की स्थापना की जाती है, जिसकी अभी भी G20 में भी कमी है. [f] समय-समय पर और अलग-अलग डेटा संग्रह और भविष्य का आकलन करने वाली विश्लेषण क्षमता के निर्धारण से HSS, स्वास्थ्य देखभाल के लिए अनिवार्य चीजों, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों की मांग में सुधार होगा.

(2) सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना

G20 में विशेषत: उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी बजट से जुड़ी बाधाओं को देखते हुए, HSS के व्यापक प्रावधान और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए विकसित G20 से सहयोग की आवश्यकता है. इसके साथ ही घरेलू और विदेशी निवेश से स्वास्थ्य देखभाल के सामान और सेवाओं के चार मोड्‌स में व्यापार नियमों में और अधिक उदारीकरण ज़रूरी हैं. ग्लोबल साउथ में हेल्थकेयर उत्पादों के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने से उभरते हुए G20 देशों को लागत-कुशल मॉडल निर्धारित करने और स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए व्यावसायिक रणनीतियों को आधुनिक बनाने में सहायता मिल सकती है. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित करने में G20, कॉम्पैक्ट विथ अफ्रीका [g] की सफ़लता से सीखकर उभरते हुए G20 देशों में स्वास्थ्य सेवा निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक समान अवधारणा को अपना सकता है.

  • मोड 1 - डिजिटल चिकित्सा प्रौद्योगिकी में घरेलू क्षमता बढ़ाना: G20 की इंडोनेशियाई और भारतीय प्रेसीडेंसी के तहत, डिजिटल हेल्थ इन्नोवेशन्स को हेल्थ इक्विटी और सस्टेनेबिलिटी की दृष्टि से अहम माना गया था. उभरते देशों को निजी क्षेत्र और विकसित G20 देशों के साथ साझेदारी में डिजिटल चिकित्सा तकनीक के अनुसंधान और विकास के लिए अधिक सार्वजनिक धन आवंटित करना चाहिए.
  • मोड 2 - विकसित G20 देशों के बीच स्वास्थ्य और सामाजिक संबंधी सेवा मूल्य श्रृंखलाओं को मज़बूत करना: भारत की अध्यक्षता में हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) उभरते हुए G20 देशों के चिकित्सा मूल्य यात्रा (स्वास्थ्य या चिकित्सा पर्यटन) के महत्व पर जोर देता है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी असमानताओं को दूर किया जा सके. इंडोनेशिया, भारत और मैक्सिको में स्थापित अग्रणी वैश्विक चिकित्सा केंद्र, विदेशी विशिष्ट नर्सिंग या सेवानिवृत्ति गृहों सहित गुणवत्तापूर्ण और लागत प्रभावी चिकित्सा उपचार और सस्ती सामाजिक सेवाएं प्रदान करते हैं. बढ़ती उम्र की आबादी ने विकसित G20 देशों को सामाजिक सुरक्षा, पेंशन प्रणाली, और स्वास्थ्य देखभाल के बढ़ते ख़र्च के बोझ की ओर धकेल दिया है.[11],[12] इसे देखते हुए G20 देशों के बीच HHS मूल्य श्रृंखलाओं को मज़बूत किया गया तो इसके चलते नागरिकों को चिकित्सा का विकल्प मिलेगा. ऐसा करने से विकसित G20 देशों के राजकोषीय बोझ को कम कर उभरते हुए G20 के बीच आय वितरण में सुधार किया जा सकता है.
  • मोड 3- विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ निवेश प्रोत्साहन नीतियों को मज़बूत करना और निवेश संबंध बनाना: निवेश प्रोत्साहन नीतियों का मिश्रण चिकित्सा नवाचार के साथ FDI को आकर्षित करने में सहायक साबित होगा. विकसित G20 देशों की ताकत को देखते हुए, उभरते हुए G20 देश और विकसित G20 देशों के बीच निवेश संबंधों को बनाया जा सकता है. इसके लिए उभरते हुए G20 देशों में एक स्पष्ट और पारदर्शी HSS नीति और नियामक ढांचा तैयार किया जा सकता है. ऐसा करने के लिए गुणवत्ता आश्वासन और मेज़बान देशों में HSS व्यवसायों की अंतरराष्ट्रीय शाखाओं पर प्रवेश और परिचालन प्रतिबंधों को हटाने पर फोकस होना चाहिए. इसके अलावा, मेज़बान देश बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNE) और स्टार्ट-अप के लिए निवेश के माहौल को पोषक बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और प्रासंगिक कौशल विकास जैसे कदम उठा सकते हैं.
  • मोड 4- स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा से संबंधित क्षेत्र में नैचुरल पर्सन्स की आवाजाही पर पारस्परिक मान्यता समझौतों को लागू करना: HSS क्षेत्र में अविकसित म्युच्युअल रिकग्निशन एग्रीमेंटस्‌ (MRA), जिसमें सीमा पार नैचुरल पर्सन्स मूवमेंट के ख़राब दस्तावेज़ शामिल हैं, मान्यता और प्रमाणन प्रणाली की कमी, और भाषा और संचार संबंधी बाधाएं मोड 4 में HSS व्यापार की प्रगति में बाधा डालती हैं. G20 सदस्यों के बीच नियामक निकायों में संस्थागत क्षमता की कमी, विशेष रूप से धन और पर्याप्त विधायी ढांचे के मामले में पेशेवर संगठनों और प्रासंगिक सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोग को रोकता है.[13] इस प्रकार, G20 देशों को इस मोड में HSS व्यापार का विस्तार करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों और विनियमों और स्वास्थ्य संबंधी मान्यता और प्रमाणन के आधार पर सदस्यों के बीच MRA के लिए बातचीत और समन्वय को बढ़ावा देना चाहिए.
  • स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाओं के उदारीकरण और अविनियमन के नकारात्मक प्रभावों का प्रतिसंतुलन (ex-post उदारीकरण) 
  • गुणवत्ता आश्वासन

G20 को स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य HSS प्रदाताओं के पर्याप्त क्वॉलिटी एश्योरन्स के लिए सदस्यों के बीच HSS व्यापार में संस्थागत प्रक्रियाओं, विनियामक सामंजस्य, मानकीकरण और मान्यता को सुव्यवस्थित करना चाहिए. क्वॉलिटी एश्योरन्स न केवल UHC की गुणवत्ता की गारंटी देता है, बल्कि जैसा कि HWG द्वारा जोर दिया गया है, यह MVT के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को भी मज़बूत करता है.

(2) उच्च गुणवत्ता वाली सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा देना

G20 को HSS व्यापार उदारीकरण के संभावित नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने के लिए आयु-समावेशी कवरेज, दीर्घकालिक देखभाल, राष्ट्रीय बीमा कवरेज, और बड़े पैमाने पर प्राथमिक देखभाल[14] सहित UHC की ओर प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा, G20 को स्वास्थ्य सेवा प्रावधान में निजी क्षेत्र की भागीदारी की सीमा निर्धारित करनी चाहिए. एक इष्टतम निजीकरण स्तर तय करने के लिए क्षेत्रीय परामर्श से प्राप्त एक स्पष्ट और पारदर्शी HSS नीति और नियामक ढांचे को तैयार किया जाना चाहिए, जो सेवाओं तक समान पहुंच की सुविधा प्रदान करता है. नीति निर्माण में इन कारकों का प्रतिसंतुलन HSS की गुणवत्ता आपूर्ति और समानता को बढ़ावा देगा.

  • अराजनीतिकरण, व्यापार उदारीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ाना

विकसित G20 देशों के समर्थन में तेजी लाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से तकनीकी सहायता लेकर वैश्विक दक्षिण में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की क्षमताओं को मज़बूत करके स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति श्रृंखला में अराजनीतिकरण हासिल किया जा सकता है.

(1) क्षेत्रीय संस्थाओं का विकास करना

अपनी योजना द्वारा वितरित बड़े पैमाने पर निवेश लाभों के बावजूद, G20 CwA ने MNE के बीच फार्मास्युटिकल क्षेत्र में मार्केट मोनोपोली पैदा की, जिसकी वज़ह से स्थानीय निर्माता गायब हो गए. सिस्टम के एंड-टू-एंड व्यापार में स्थानीय निर्माताओं और गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने और क्षेत्रीय संस्थाओं की स्थापना करने से एक लचीली आपूर्ति श्रृंखला और उभरते हुए G20 देश में समान पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है. इसके अलावा, सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों की स्थापना और चिकित्सा उत्पादों में व्यापार को और उदार बनाने से बेहतर विनियामक कार्यान्वयन का लाभ उठाकर बेहतर संसाधन आवंटन और उपयोग की सुविधा मिल सकती है.

  1. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर क्षमता निर्माण के लिए एक इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना

विकसित G20 देशों और यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेन्स ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट के सहयोग से Empretec का अनुसरण करते हुए विकासशील देशों के लिए बनाया गया एक इंक्यूब्शेन सेंटर वैश्विक स्वास्थ्य सेवा उद्योग में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों की क्षमता बढ़ाने के लिए तथा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और संबंधित व्यापार ज्ञान को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो सकता है. समर्थन में विकसित ज्ञान-साझाकरण प्लेटफॉर्म, वित्त पोषण, और, विशेष रूप से कमज़ोर समूहों वाले उद्यमियों को अन्य सहायता शामिल हो सकती है.[15]


एट्रीब्यूशन : उपलत कोरवतनसाकुल et al., ‘‘अचविंग क्वॉलिटी हेल्थ फॉर ऑल बाय एनहांसिंग हेल्थकेयर सप्लाई चेन रेसिलियन्स एंड ट्रेड लिबरलाइज़ेशन,’’ T20 पॉलिसी ब्रीफ, मई 2023.


 Endnotes

[1] Günther Maihold, “A New Geopolitics of Supply Chains: The Rise of Friend-Shoring,” SWP Comment 2022/C, no. 45 (July 2022): 2, doi:10.18449/2022C45.

[2] Juliette Rowsell, “What Happens When Politics Ensnares Supply Chains?,” Analysis, Supply Management, June 1, 2022.

[3] Lieve Fransen, John Nkengason, Smita Srinivas, and Stefano Vella. Boosting Equitable Access and Production of Diagnostics, Therapeutics and Vaccines to Confront Covid-19 on a Global Footing (Italy: Think20, 2021).

[4] GlobalEDGE. Healthcare: Trade Statistics, (March 16, 2023), distributed by Michigan State University.

[5] Upalat Korwatanasakul, Kaliappa Kalirajan, Hikari Ishido, and Martha Primanthi, Trade in Services: Health Related and Social Services (Promoting Services Trade in ASEAN: Second Phase (Social Services Paper 1) (Tokyo: ASEAN-Japan Centre, 2020).

[6] World Bank, World Bank Open Data, (March 16, 2023), distributed by the World Bank.

[7] World Trade Organization, Trade in Services data by mode of supply (TISMOS), (March 16, 2023), distributed by the World Trade Organization.

[8] Tedros Adhanom Ghebreyesus, “Health Is a Fundamental Human Right,” Newsroom, World Health Organization, December 10, 2017.

[9]G20 Bali Leaders’ Declaration,” G20, November 15-16, 2022.

[10] Fauziah Zen, “Capital Market Development and Financial Market Integration,” in Mid-Term Review of ASEAN Economic Community Blueprint, (Jakarta: Economic Research Institute for ASEAN and East Asia, 2012).

[11] Upalat Korwatanasakul, Pitchaya Sirivunnabood, and Adam Majoe, “Demographic Transition and its Impacts on Fiscal Sustainability in East and Southeast Asia” in Demographic Transition and Its Impacts in Asia and Europe, eds. Sang-Chul Park, Naohiro Ogawa, Chul-Ju Kim, Pitchaya Sirivunnabood, and Thai-Ha Le (Tokyo: Asian Development Bank Institute, 2021), 9-39.

[12] Pitchaya Sirivunnabood and Upalat Korwatanasakul, “Achieving Resilient and Inclusive Social Welfare Systems for Aging Societies against the Pandemic,” Think20 (T20): 1-2.

[13] Dovelyn Rannveig Mendoza and Guntur Sugiyarto, The Long Road Ahead: Status Report on the Implementation of the ASEAN Mutual Recognition Arrangements on Professional Services (Manila: Asian Development Bank, 2012).

[14]  Pitchaya Sirivunnabood and Upalat Korwatanasakul, “Achieving Resilient and Inclusive Social Welfare Systems for Aging Societies against the Pandemic,” (Indonesia: Think20, 2022).

[15]UNCTAD Empretec – Inspiring entrepreneurship,” United Nations Conference on Trade and Development, May 3, 2019.

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