एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां आप वही काम कर सकें जो आपको रोमांचित करती हो, जो आप पसंद करते हैं उसे सिखाएं और इस प्रक्रिया के तहत अपने जीवन को गुजारें. यही ज़ुनून आधारित अर्थव्यवस्था की अवधारणा है. काम के भविष्य को लेकर तैयार की गई एक रिपोर्ट में, उद्यम पूंजी फ़र्म आंद्रेसेन होरोविट्ज़ ने उल्लेख किया कि गिग इकॉनोमी और “उबर फ़ॉर एक्स” मॉडल आंशिक रूप से ज़ुनूनी अर्थव्यवस्था के लिए ही रास्ता बना रहे हैं, जहां छोटे उद्यमी अपने व्यक्तित्व और रचनात्मकता का व्यवसायीकरण कर सकते हैं. यह लेखक उद्यम नेटवर्क कैपिटल के ज़रिए ज़ुनूनी अर्थव्यवस्था की अवधारणा को अमल में लाने की कोशिशों में शामिल है.
दरअसल, पैशन इकोनॉमी के परिणामस्वरूप रोज़गार से काम को अलग किया जा सकेगा. लोग ज़ुनून और अपनी पसंद की तलाश करेंगे और उसी से अपनी पहचान का ख़ाका सामने लाएंगे, जो उन्हें जीवनयापन करने में भी मदद करेगा.
पैशन इकोनॉमी के बढ़ने की एक प्रमुख वज़ह है कि यह पैसा बनाने के वैकल्पिक तरीक़े, पेशेवर ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए रास्ते और अभूतपूर्व करियर के अवसर प्रदान करता है. दरअसल, पैशन इकोनॉमी के परिणामस्वरूप रोज़गार से काम को अलग किया जा सकेगा. लोग ज़ुनून और अपनी पसंद की तलाश करेंगे और उसी से अपनी पहचान का ख़ाका सामने लाएंगे, जो उन्हें जीवनयापन करने में भी मदद करेगा. दूसरे शब्दों में, वे अपने ज़ुनून का व्यवसायीकरण करने और अपनी शर्तों पर करियर बनाने की संभावना को बल देते हैं. इन दिनों नौकरी बदलने की लागत कम होती जा रही है और लोगों को प्रतिष्ठा और काम के सबूत के आधार पर नए-नए मौक़े मिल रहे हैं.
रोज़गार से काम को अलग करने का एक प्रमुख उदाहरण लेबनानी दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर महमूद रस्मी का है, जिन्होंने इंटरनेट पर कोहोर्ट- आधारित पाठ्यक्रम बनाने के लिए अपनी विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़ दी थी. रस्मी को दर्शनशास्त्र पढ़ाने में बेहद दिलचस्पी थी लेकिन अपने देश के विश्वविद्यालय में पढ़ाते रहना उन्हें अपने करियर के विकास के लिए अनुकूल नहीं लगा. आज वह दर्शनशास्त्र पर रचनात्मक और नए-नए पाठ्यक्रम बनाते हैं और नेटवर्क कैपिटल का इस्तेमाल अपने कार्यों को पेश करने, उसे बेचने और उसकी मार्केटिंग करने के लिए करते हैं. कुछ ही महीनों में वह अब हर महीने हज़ारों डॉलर कमा रहे हैं. लेबनान में आर्थिक और राजनीतिक संकट को देखते हुए वह देश के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं और इसके लिए ज़ुनून आधारित अर्थव्यवस्था को धन्यवाद दिया जाना चाहिए.
एक दूसरा उदाहरण विक्की बेनिसन का है जिन्होंने कॉलेज में जंतु विज्ञान की पढ़ाई की और बाथ विश्वविद्यालय से एमबीए के साथ स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद उन्होंने साइबेरिया, दक्षिण अफ्रीका और तुर्कमेनिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय विकास के क्षेत्र में काम किया. आज वह एक यू-ट्यूब चैनल पास्ता ग्रैनीज़ के पीछे सफल शख़्सियत के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं जो हाथ से बने पास्ता बनाने वाले असली इतालवी ग्रैनीज़ (नॉनाज़) का पता लगाती हैं और उन पर वीडियो बनाती हैं.
पैशन इकोनॉमी को आकार देना
आइए हम तीन मॉडलों को जानने की कोशिश करते हैं जिसमें ज़ुनून आधारित अर्थव्यवस्था और काम के भविष्य को एक आकार देने की संभावना निहित हो.
एक्सी इनफ़िनिटी एक ब्लॉकचेन-आधारित गेम है जिसने कोरोना महामारी के दौरान सकारात्मक जीवन के प्रति दृष्टिकोण बनाने के लिए फिलिपिनो की एक पूरी पीढ़ी को सशक्त बनाने का काम किया है. इस वीडियो गेम के बिना कई परिवार दवा ख़रीदने, बच्चों को स्कूल भेजने या फिर टेबल पर खाना रखने के भी लायक सक्षम नहीं होंगे.
एक्सी इनफ़िनिटी खेलने वाले किसी भी व्यक्ति को ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी की बुनियादी समझ होनी चाहिए. यह शैक्षिक और मनोरंजक दोनों है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने प्रतिभागियों को बड़ी डिज़िटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा, जहां किसी को किसी के भौतिक स्थान से परिभाषित करने की ज़रूरत नहीं है.
मिलेनियल्स और गेंज्स – फिलीपींस के बड़े शहरों और छोटे गांवों दोनों में – सबसे पहले एक्सी इनफ़िनिटी पारिस्थितिकी तंत्र से ख़ुद को परिचित करा कर अपने गेमिंग कौशल को ठीक करके न्यूनतम मज़दूरी को दोगुना करना शुरू कर दिया. हर जीत का मतलब घर के लिए अधिक आय थी. यह आग से नामकरण संस्कार जैसा ही था. एक्सी इनफ़िनिटी खेलने वाले किसी भी व्यक्ति को ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी की बुनियादी समझ होनी चाहिए. यह शैक्षिक और मनोरंजक दोनों है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने प्रतिभागियों को बड़ी डिज़िटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा, जहां किसी को किसी के भौतिक स्थान से परिभाषित करने की ज़रूरत नहीं है.
एक्सी इनफ़िनिटी एक युग-परिवर्तनकारी आंदोलन बन गया है जिसे मिलेनियल्स के किशोर और युवाओं ने शुरू तो किया लेकिन ज़ल्द ही बूमर में फैल गया. दादा-दादी सहित पूरे परिवार के ऐसे कुछ डिज़िटल रिकॉर्ड हैं जो गेमर बन गए और एक साथ एक बेहतर जीवन व्यतीत करने लगे. यह शायद, 21वीं सदी के गुणवत्तापूर्ण पारिवारिक समय के बेहद नज़दीक है.
कॉइनबेस के पूर्व सीटीओ बालाजी श्रीनिवासन कार्यों को पूरा करने और इसी प्रक्रिया में उसे सीखने के लिए बिटकॉइन में 1000 अमेरिकी डॉलर की पेशकश कर रहे हैं. उनका न्यूज़लेटर, 1729.कॉम, आपको छोटी परियोजनाओं को सीखने और पूरा करने के लिए भुगतान करता है जो यह दिखाता है कि आपने अंतर्निहित अवधारणा को कितना समझ लिया है.
बालाजी कहते हैं कि इस कोशिश को लेकर कई लक्ष्य हैं : “पहला है, मैं वास्तव में उन नागरिक पत्रकारों को आगे बढ़ाना चाहता हूं जिनके बारे में हमने बात की, और जो कंटेंट क्रिएटर हैं. दूसरा, मैं शिक्षा के संचयी रूप में निवेश करना चाहता हूं, ओपन-सोर्स शिक्षा जहां ये लोग ट्यूटोरियल की मदद ले रहे हैं. जैसे उदाहरण के लिए, मैंने अभी जिन 10 प्रश्नों का उल्लेख किया है वे विज्ञान पर हो सकते हैं लेकिन वे वीडियो संपादन या अन्य प्रकार की चीज़ों पर भी हो सकते हैं. और यह सब सिर्फ़ खुला स्रोत है ताकि लोगों को शैक्षिक कार्यों के निर्माण के लिए भुगतान किया जा सके जो दूसरे कर सकते हैं.”
लर्न-टू-अर्न मॉडल एक तरह से शिक्षा की सापेक्षता संबंधी चुनौतियों का समाधान करता है. जो वे स्कूल/विश्वविद्यालय में सीखते हैं और नौकरी का बाज़ार उन्हें जो पेशकश करता है उसमें काफी अंतर है. जबकि शिक्षा निश्चित तौर से सिर्फ रोज़गार प्राप्ति के लिए ज़रिया नहीं होना चाहिए बल्कि शिक्षा के ज़रिए छात्रों को भी तैयार किया जाना चाहिए – जो हज़ारों डॉलर ख़र्च करते हैं और अपने जीवन के कई साल एक रोज़गार योग्य भविष्य के लिए निवेश कर देते हैं.
कलाकार, रचनाकार और पढ़ाई लिखाई से जुड़े लोग अब ऑनलाइन काम करके अपना जीवन यापन कर सकते हैं. हालांकि, कई लोगों को ऐसा लग सकता है कि ऐसा करने के लिए सक्षम होने में कुछ भी नया नहीं है, डिज़िटल पारिस्थितिक तंत्र का उदय और नए व्यापार मॉडल जो विज्ञापन से परे हैं (जैसे सदस्यता) उससे अपेक्षाकृत बराबरी के खेल का मैदान तैयार हो रहा है.
नॉन-फ़न्ज़ीबल टोकन्स (एनएफटी) एक दिलचस्प केस स्टडी है. आसान शब्दों में कहें, तो एक एनएफटी में शानदार डिज़िटल कला छिपी होती है जिसे ब्लॉकचेन पर होस्ट किया जाता है. यह अद्वितीय है और इसका मूल्य इस तथ्य से पैदा होता है कि इसे बदला नहीं जा सकता.
एनएफटी कुछ भी डिज़िटल (संगीत, कला, छवि, ट्वीट, लेख) हो सकते हैं. दरअसल, अमेरिकी डिज़िटल कलाकार माइक विंकेलमैन या बीपल का एक एनएफटी, जिसे “एवरीडेज़ – द फर्स्ट 5,000 डेज़” कहा जाता है, क्रिस्टी की ऑनलाइन नीलामी में 69 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बिका था.
निष्कर्ष
कुछ बनाना- एक कोर्स, चित्रों की एक श्रृंखला, निबंधों का संग्रह – सीखने के प्रभावी तरीक़े हो सकते हैं. जैसे-जैसे काम में बदलाव होता है ये लोगों के लिए अपनी रचनात्मक उत्सुकताओं से कमाई करने के तरीक़े भी प्रदान करता है. ज़रूरी नहीं कि सभी प्रयास काम करेंगे ही लेकिन हर बीतते दिन के साथ लोगों के लिए प्रयास करना कहीं अधिक आकर्षक होता जा रहा है. न्यूज़लेटर के बेन थॉम्पसन जैसे करोड़पति अपवाद हुआ करते थे लेकिन अब प्रेरणा लेने के लिए और भी कई उदाहरण समाज में मौज़ूद हैं.
रोज़गार से काम या ‘नौकरी’ को अलग-थलग करना ऐसे ही “कमाई में योगदान” देने वाले मॉडल द्वारा आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह सोचना एक ग़लती होगी कि हर बदलाव मज़ेदार और सफल ही होगा. लोगों को कड़ी मेहनत करने, तेज़ी से प्रयोग करने और लगातार डिलीवरी करने के लिए अनुशासन और कठोरता की ज़रूरत होती है.
रोज़गार से काम या ‘नौकरी’ को अलग-थलग करना ऐसे ही “कमाई में योगदान” देने वाले मॉडल द्वारा आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह सोचना एक ग़लती होगी कि हर बदलाव मज़ेदार और सफल ही होगा. लोगों को कड़ी मेहनत करने, तेज़ी से प्रयोग करने और लगातार डिलीवरी करने के लिए अनुशासन और कठोरता की ज़रूरत होती है. नियमित रोज़गार के विपरीत, ज़ुनून आधारित अर्थव्यवस्था में प्रतिभागियों को मानव संसाधन, लेखांकन और कानूनी मुद्दों को स्वयं ही समझने की ज़रूरत होती है.
कंपनी ऑफ़ वन: व्हाई स्टेइंग स्मॉल इज़ द नेक्स्ट बिग थिंग फ़ॉर बिज़नेस में, पॉल जार्विस लिखते हैं कि आज के निर्माता अपना 50 प्रतिशत से अधिक समय असंगत कार्यों में लगाते हैं, जो आय और क्षमता की एक बड़ी बर्बादी है और यहां सुधार की बड़ी गुंज़ाइश दिखती है.
जैसा कि लोग अपना भविष्य स्वयं बनाना चाहते हैं, उन्हें कुछ अनिश्चितता और भ्रम का सामना करने की उम्मीद करनी चाहिए. क्योंकि काम और जीवन से जुड़े नए तरीक़ों को अपनाने के लिए समायोजन अवधि की ज़रूरत तो होती ही है. एक समाज के रूप में, शिक्षा और रोज़गार के प्रति हमारा दृष्टिकोण लगातार बदल रहा है. लिहाज़ा हमें भी अपने करियर को फिर से शुरू करने, नई चीज़ें सीखने और रचनात्मक रूप से पूर्ण और आर्थिक रूप से उचित रोज़गार पैदा करने की कोशिश करने की ज़रूरत है.
The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.