Author : Shoba Suri

Published on Jul 26, 2023 Updated 0 Hours ago

देशभर में बदलाव की सफल कहानियां इंगित करती हैं कि लड़कियों एवं महिलाओं में निवेश करने तथा पोषण एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की आवश्यकता है. अध्ययन बताते हैं कि जीवनभर पोषण (Nutrition) में निवेश करने से कुपोषण के पीढ़ीगत चक्र से छुटकारा पाया जा सकता है.

Malnutrition problem in the Northeast: पूर्वोत्तर में कुपोषण की समस्या
Malnutrition problem in the Northeast: पूर्वोत्तर में कुपोषण की समस्या
भारत में पीढ़ीगत कुपोषण (Malnutrition) चिंता का विषय रहा है. बच्चों में इस समस्या का मुख्य कारण बाल विवाह और किशोरावस्था में गर्भधारण है, जिसके स्वास्थ्य(Health), शिक्षा (Education) एवं रोजगार (Employment) पर दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं. माता व शिशु तथा किशोरवय में स्वास्थ्य में निवेश के अच्छे परिणाम निम्न व मध्य आय के देशों में देखने को मिलते हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि बाल विवाह में ठहराव है, लेकिन किशोर आयु में गर्भधारण बढ़ा है.

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