भले ही विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक मोर्चे पर मालदीव सरकार को पहले से आगाह किया हो, पड़ोसी देश श्रीलंका में जारी आर्थिक और विदेशी मुद्रा संकट के कारण मतदाताओं का मूड शांत हो गया है, जिसके मालदीव के कई लोगों के पारिवारिक संबंध हैं. हालांकि क़ीमतों में तेज़ बढ़ोतरी और पारिवारिक आय में गिरावट, के साथ मुख्य आर्थिक गतिविधि के क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र को लेकर जारी अस्पष्टता ने उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा सब्सिडी और कर कटौती के लिए सरकार की ओर देखने के लिए मज़बूर किया है, जो ख़ुद असमंजस में पड़ी हुई है – जिसका नतीजा अधिक सब्सिडी लेकिन अधिक कर भी है.
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट ‘मालदीव पब्लिक एक्सपेंडिचर रिव्यू‘ में कहा है कि देश को तत्काल आर्थिक संकट के जोख़िम का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन कोरोना महामारी से पहले ही वह अपनी सीमा से अधिक ख़र्च कर रहा था. जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में जितना बज़टीय घाटे को वहन किया जा सकता था उससे कहीं ज़्यादा सरकार ने भारी कर्ज़ भी लिया, जिससे 2021 के अंत तक 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज़ हो गया, या एमवीआर 100 बिलियन के क़रीब, जो सकल घरेलू उत्पाद का अनुमानित 125 प्रतिशत था, जिसमें स्थानीय कर्ज़ 65 फ़ीसदी और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार कर्ज़ का हिस्सा 60 फ़ीसदी है.
मालदीव के लिए, फोर्ब्स के विश्लेषण के अनुसार, साल 2020 में कुल कर्ज़ एमवीआर 86 बिलियन था, जिसमें से एमवीआर 44 बिलियन विदेशी कर्ज़ था. इसमें चीन का कर्ज़ देश की सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 फ़ीसदी है.
गारंटीकृत ऋण को छोड़कर, सरकार का प्रत्यक्ष ऋण 2021 में 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 107 प्रतिशत था. जबकि इसमें मालदीव के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए), देश के केंद्रीय बैंक के एडवांस शामिल नहीं थे. रिपोर्ट में कहा गया कि राजकोषीय जोख़िम, अनुमानित 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 45 प्रतिशत, गारंटीकृत और उधार दिए गए ऋणों के साथ-साथ राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू)को दिए गए व्यापार देय, सब्सिडी और पूंजी इंजेक्शन से पैदा हुआ है, जैसा कि सभी जगह जाना जाता है.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यूरोपीय निवेश बैंक से 18.7 मिलियन यूरो, दूसरे यूरोपीय बैंक से 101 मिलियन यूरो और आईडीबी से 8.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण सरकार ने लिया था, जो एक ही महीने में एमवीआर 2.17 बिलियन तक बढ़ गया. रिपोर्ट के अनुसार, यूएस फेड की ब्याज़ दर में बढ़ोतरी ने डॉलर के मूल्य को बढ़ा दिया जिससे अन्य मुद्राओं को नुक़सान हुआ.
बढ़ता कर्ज़ का भार
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 2010 से 2021 तक विदेशी ऋण औसतन 1193.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो उस वर्ष 2448.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सबसे ज़्यादा उच्च स्तर को छू गया था. साल 2015 में 696.40 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड निचला स्तर दर्ज़ किया गया था, जब संयोग से, विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन के अब्दुल्ला यामीन राष्ट्रपति थे. राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के शासनकाल के दौरान देश पर कर्ज़ सबसे कम था, जिन्होंने 2008 तक 30 साल तक देश पर शासन किया और बाद में राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के अधीन रहा, जो उनके उत्तराधिकारी बने. सरकार के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि 2022 की पहली तिमाही के अंत तक देश का कर्ज़ बढ़कर एमवीआर 99 बिलियन या सकल घरेलू उत्पाद का 113 प्रतिशत हो गया.
वास्तव में लोकतंत्र समर्थक राष्ट्रपति, लोगों की नब्ज़ पर अपनी उंगली रखकर अधिक ख़र्च कर रहे हैं – मोहम्मद इब्राहिम सोलिह, जो नशीद की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) से भी हैं – अपने ‘निरंकुश‘ सौतेले भाइयों, गयूम और यामीन के मुक़ाबले अधिक ख़र्च कर रहे हैं. इसके विपरीत, मोहम्मद वहीद हसन माणिक (2012-13) की अल्पकालिक अध्यक्षता के दौरान कर्ज़ का कुछ हिस्सा वापस किया गया और कुल कर्ज़ को कम कर दिया.
यह इस पृष्ठभूमि में विश्व बैंक की 2020 की रिपोर्ट पर आधारित फोर्ब्स पत्रिका के एक अध्ययन ने बताया कि कैसे मालदीव श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ तीन दक्षिण एशियाई देशों में चीनी कर्ज़ में डूबा हुआ था. इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि 97 देश, या संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संख्या के क़रीब आधे देश, चीन के कर्ज़ में हैं, उनमें से ज़्यादातर बीआरआई परियोजना की वज़ह से हैं, जिसके बारे में हाल ही में बहुत कुछ नहीं सुना गया है.
मालदीव के लिए, फोर्ब्स के विश्लेषण के अनुसार, साल 2020 में कुल कर्ज़ एमवीआर 86 बिलियन था, जिसमें से एमवीआर 44 बिलियन विदेशी कर्ज़ था. इसमें चीन का कर्ज़ देश की सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 फ़ीसदी है. चीन से ऋण के साथ वित्त पोषित परियोजनाओं में सिनामाले ब्रिज का निर्माण और हवाई अड्डा विकास परियोजना शामिल है.
इससे पहले, अप्रैल 2020 में प्रकाशित संयुक्त विश्व बैंक – आईएमएफ ऋण स्थिरता विश्लेषण में, इस धारणा पर ऋण का आकलन किया गया था कि पूंजीगत व्यय कम हो जाएगा, हालांकि कोरोनामहामारी के बाद से यह बदल गया है. मालदीव के मामले में, कोरोना महामारी के इलाज़ और परिवार की मदद पर अतिरिक्त ख़र्च के साथ-साथ रिसॉर्ट मालिकों और आश्रित उद्योगों के लिए पर्यटन आय और सरकारी राजस्व में भारी गिरावट आई. जैसा कि सभी जानते हैं कि मालदीव में पर्यटन चार दशक से भी अधिक समय से देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रहा है.
इस संदर्भ में, इस वर्ष की विश्व बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान अर्जित सभी कर्ज़ की राशि कोरोना महामारी के दौरान अल्पकालिक ज़रूरतों के लिए निर्देशित नहीं थे. जबकि इसका अधिकांश हिस्सा भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खड़ा करने में ख़र्च हो गया और इससे आने वाले लघु, मध्यम और लंबी अवधि के रिटर्न भी पर्याप्त नहीं रहे, कर्ज़ की भुगतान की तो बात ही छोड़ दीजिए. रिपोर्ट के अनुसार मौज़ूदा कर्ज़ पर कुल ऋण सेवा लागत 2026 में 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर या एमवीआर 13.8 बिलियन हो जाएगी, जो संभवतः 2019 के राजस्व के 60 प्रतिशत के बराबर है.
ऐसा लगता है कि सरकार ख़र्चों में कटौती करने के बजाय अधिक धन जुटाने के साधन के रूप में टैक्सेशन का उपयोग कर रही है.
विश्व बैंक ने संकेत दिया कि संप्रभु विकास कोष इनमें से कुछ कर्ज़ के भुगतान को आंशिक रूप से पूरा कर सकता है लेकिन पूरे कर्ज़ को नहीं. हालांकि, राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के मौज़ूदा प्रशासन ने बार-बार कहा है कि वे भुगतान में चूक नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने अतिरिक्त राजस्व के उन स्तरों के स्रोत का संकेत दिए बिना यह बात कही है. वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर ने भी कई मौक़ों पर अर्थव्यवस्था के लिए किसी भी जोख़िम से इनकार किया है. फिर भी, इस साल जून में सरकार ने एक ही महीने में नए ऋणों में 2 अरब एमवीआर की राशि ली है.
भविष्य में धीमी आर्थिक सुधार
जुलाई में अपने प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के अंत में, जब वे लोक लेखा और आर्थिक मामलों की संसदीय समितियों के साथ मिले, तो आईएमएफ ने सरकार के आर्थिक उपायों को मंजूरी दी. प्रतिनिधिमंडल के नेता टिडियन किंडा ने सरकार और संसद पैनल को बताया कि इस साल के अंत में देश की अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार होगा. उन्होंने बताया कि कैसे यूक्रेन युद्ध से जुड़े वैश्विक रुझानों ने क़ीमतों में वृद्धि की थी और कैसे सरकार ने सब्सिडी के माध्यम से मुद्रास्फीति को वैश्विक औसत से 3 प्रतिशत कम रखा था. इस प्रतिनिधिमंडल ने करों में बढ़ोतरी के सरकार के फैसले की भी सराहना की.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस साल बज़ट घाटा अगस्त के अंत तक एमवीआर 5.8 बिलियन तक पहुंच गया, जो पूरे वर्ष के लिए अनुमानित कुल एमवीआर 9.8 बिलियन के मुक़ाबले कम है – यह 31 दिसंबर को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2021 के लिए एमवीआर 11 बिलियन के कुल घाटे की तुलना में है. विपक्ष समर्थक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार ने इस साल राजस्व में गिरावट का अनुमान लगाया था लेकिन सरकार के ख़र्च कम करने के पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं.
केंद्रीय बैंक ने बताया है कि अगस्त में राष्ट्रीय भंडार घटकर 657.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो पिछले महीने 244 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 244 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सपेंडेबल कंपोनेंट के साथ है. पिछले वित्त वर्ष के अंत में यह आंकड़ा 371 मिलियन अमेरिकी डॉलर था. हालांकि पर्यटन मंत्री, डॉ अब्दुल्ला मौसूम से शुरू होकर सरकार के मंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय निवेश बैंक जेपी मॉर्गन की भविष्यवाणी को ख़ारिज़ कर दिया है कि अगले वित्त वर्ष में राष्ट्रीय भंडार पूरी तरह से कम हो जाएगा (जो कि पिछली तिमाही में राष्ट्रपति चुनावों के साथ मेल खाता है).
पर्यटन देश की अर्थव्यवस्था का मज़बूत आधार है लेकिन पूर्व-कोविड स्तरों पर पूरी तरह से ठीक होने की भविष्यवाणियां उत्साहजनक नहीं हैं, जैसा कि वर्तमान रुझानों से संकेत मिलता है. आईएमएफ ने अभी बस इतना ही कहा है कि इस साल यूरोप की सर्दियों में रूसी गैस की कमी की वज़ह से प्रत्याशित शॉर्ट-फॉल्स को पूरा करने में मालदीव विकल्प हो सकता है, क्योंकि यही वक्त मालदीव का पीक टूरिज़्म सीज़न होता है.
टैक्सेशन ड्राइव
यह देखते हुए कि विश्व बैंक ने कहा है कि राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) ने मालदीव की अर्थव्यवस्था के लिए एक जोख़िम पैदा किया है और उनका निजीकरण करने की ज़रूरत हो सकती है लेकिन यह एक जीवंत राजनीतिक-चुनावी मुद्दा बन सकता है, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना के असर से उबर रही है.
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि एसओई का योगदान सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत और रिसॉर्ट क्षेत्र के बाहर काम करने वाली आबादी का 12 प्रतिशत या 21,000 नौकरियों का योगदान है. एक परिवार के तीन मतदाताओं का औसत, यदि अधिक नहीं, तो उनकी संख्या 60,000 है या अगले साल के राष्ट्रपति चुनावों में अनुमानित मतदाताओं का एक चौथाई है. यह बहुत कुछ कह रहा है और ऐसे में एसओई को बनाए रखना/पुनर्गठन करना एक चुनावी मुद्दा बन सकता है.
ऐसा लगता है कि सरकार ख़र्चों में कटौती करने के बजाय अधिक धन जुटाने के साधन के रूप में टैक्सेशन का उपयोग कर रही है. इसमें सोलिह नेतृत्व को पार्टी में प्रतिद्वंद्वी नशीद खेमे का समर्थन मिला है. देश में ‘मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था‘ के एक चैंपियन, अध्यक्ष नशीद ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को 6 से 8 प्रतिशत और क्षेत्र-विशिष्ट पर्यटन माल और सेवा कर (टीजीएसटी) को 12 से बढ़ाकर 16 फ़ीसदी कर सरकार की योजनाओं का समर्थन किया है. यह सरकार के टैक्सेशन अभियान के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि सत्तारूढ़ एमडीपी की संसद में मौज़ूदगी बड़ी है, उनकी 87 संख्या वाले सदन में 65 सदस्य हैं.
हालांकि सरकार के पास नशीद के सुझाव का पालन करने की मंशा नहीं दिखती है क्योंकि नशीद का कहना है कि सरकार एक्सचेंज के मोर्चे पर आत्म-भ्रम में ना रहे और एमवीआर 15.42 के ‘कृत्रिम रूप से आंकी गई‘ आंकड़े के मुक़ाबले अमेरिकी डॉलर को 17 एमवीआर के स्तर पर मान ले. नशीद ने कहा कि केंद्रीय बैंक में डॉलर का भंडार चिंताजनक स्तर तक कम हो चुका है और अमेरिकी डॉलर में काला बाज़ार बेरोकटोक जारी है. शिक्षित लोग इसे पिछले कई महीनों में श्रीलंकाई डॉलर की स्थिति से जोड़ने लगे हैं.
ऐसे में सरकार की बेचैनी समझी जा सकती है. राष्ट्रपति के तौर पर नशीद ने रूफिया को ‘फ्लोट‘ किया, जिससे उन परिवारों के लिए कानूनी लेनदेन में भारी बढ़ोतरी हुई जिन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए पड़ोसी श्रीलंका या भारत में यात्रा करने या पैसे भेजने की ज़रूरत थी. लेकिन इसने सरकार और सत्तारूढ़ एमडीपी को रातों-रात अलोकप्रिय बना दिया क्योंकि देश के लगभग हर परिवार के पास डॉलर के लिए वैध आवश्यकताएं हैं, जिसे वे बैंकों जैसे कानूनी तरीक़ों से ख़रीदते हैं और सोलिह नेतृत्व इसे दोहराना नहीं चाहता है.
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