Published on Dec 11, 2021 Updated 0 Hours ago

सूखे और अकाल से लड़खड़ा रहा मेडागास्कर ख़ुद को दीर्घकालिक अनुकूलन फंड की ख़तरनाक ज़रूरत में पाता है.

Madagascar: गंभीर सूखा, प्रचंड अकाल और अनुकूल फंड की कमी से जूझते मेडागास्कर की दुर्दशा

दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में से एक मेडागास्कर, जहां क़रीब 75 प्रतिशत आबादी 1.9 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन से कम पर ग़ुज़र करती है, सूखे और महामारी से गंभीर रूप से जूझ रहा है. मेडागास्कर में 2015 से सामान्य से कम बारिश हो रही है लेकिन मौजूदा सूखा 1981 से अब तक में सबसे ज़्यादा घातक है. बारिश की कमी ने तीन दक्षिणी क्षेत्रों एंड्रॉय, एनोसी और एटसिमो एंड्रीफाना में फसल पर बहुत बुरा असर डाला है और पशुओं पर भी इसका ख़राब प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा रिफ्ट वैली फीवर (आरवीएफ) के प्रकोप ने जानवरों की क़ीमत में और भी ज़्यादा कमी की है. खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 1.14 मिलियन लोग बहुत ज़्यादा खाद्य असुरक्षा में रह रहे हैं. इनमें से क़रीब 14,000 लोग आईपीसी (इंटिग्रेटेड फूड सेक्युरिटी फेज़ क्लासिफिकेशन) की फेज़ 5 परिस्थिति में रह रहे हैं. दक्षिणी मेडागास्कर के बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं. यूनिसेफ के अनुमानों के अनुसार क़रीब 0.5 मिलियन बच्चे बहुत ही कुपोषित हैं जिनमें से 1,10,000 बच्चे गंभीर स्थिति में हैं.

ज़्यादातर विशेषज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां दक्षिणी मेडागास्कर में मौजूदा अकाल जैसी स्थिति के पीछे गंभीर सूखे को मुख्य कारण मानते हैं. प्रसिद्ध विद्वान जेरेमी विलियम्स दलील देते हैं कि जलवायु परिवर्तन अकाल पर मौजूदा जानकारी को बदलकर दोबारा लिख रहा है. 

ज़्यादातर विशेषज्ञ और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां दक्षिणी मेडागास्कर में मौजूदा अकाल जैसी स्थिति के पीछे गंभीर सूखे को मुख्य कारण मानते हैं. प्रसिद्ध विद्वान जेरेमी विलियम्स दलील देते हैं कि जलवायु परिवर्तन अकाल पर मौजूदा जानकारी को बदलकर दोबारा लिख रहा है. वो दावे के साथ कहते हैं कि दक्षिणी मेडागास्कर आधुनिक इतिहास में पहले ऐसे अकाल का अनुभव कर रहा है जिसका कारण पूरी तरह से ग्लोबल वॉर्मिंग है. वैसे जलवायु परिवर्तन से जुड़ा बार-बार का सूखा, दक्षिणी मेडागास्कर में फसल के भारी नुक़सान के लिए ज़िम्मेदार है लेकिन खाद्य उत्पादन के आंकड़े देश में चावल की नाटकीय कमी के बारे में नहीं बताते. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) पूर्वानुमान लगाता है कि 2021 में देश में धान का उत्पादन औसत से ज़्यादा होगा. हालांकि 2020 के 4.2 मिलियन टन के उच्च स्तर से इसमें थोड़ी गिरावट हो सकती है. इसके अलावा अनाज के आयात की ज़रूरत में भी क़रीब 4 प्रतिशत मामूली बढ़ोतरी का अनुमान है. (आंकड़े देखें)

चित्र-1:  मेडागास्कर का अनाज आयात 000 टन में

Note: Cereals include rice, wheat, and maize Source: FAO (2021)

इस तरह मेडागास्कर का अकाल अमर्त्य सेन के अधिकार विफलता सिद्धांत के भीतर पूरी तरह से आता है. देश के एक हिस्से के मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से चावल के उत्पादन में गिरावट का परिणाम आदर्श रूप से देश के प्रभावित हिस्सों में अकाल के रूप में नहीं निकलना चाहिए क्योंकि खाद्य को आसानी से ज़्यादा उपलब्ध क्षेत्रों से कम उपलब्ध क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सकता है या आयात और सहायता को बढ़ाया जा सकता है. मेडागास्कर के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य उत्पादन में कमी ने दक्षिणी भाग में रहने वाले परिवारो के अधिकार में प्रत्यक्ष और वस्तु-विनिमय की असफलता पैदा की है और खाद्य तक पहुंचने की उनकी क्षमता को कमज़ोर किया है. मेडागास्कर के क़रीब दो-तिहाई परिवार स्वयं के द्वारा उत्पादित चावल का उपभोग करते हैं. इसके परिणामस्वरूप चावल के उत्पादन में तेज़ गिरावट का मतलब परिवारों के प्रत्यक्ष अधिकारों में गिरावट है. खाद्य के ख़रीदारों के लिए फसल के उत्पादन में असफलता का तात्पर्य वस्तु-विनिमय के अधिकार में असफलता भी है क्योंकि उनकी आमदनी में गिरावट की वजह से बिना काम की अवधि में खाद्य ख़रीदने की उनकी क्षमता घट जाती है. इसके अलावा दक्षिणी मेडागास्कर के लोग अधिकतर अनौपचारिक श्रम पर विश्वास करते हैं और जब ज़्यादा काम का मौसम नहीं होता है तो शहरी क्षेत्रों में काम करने के लिए जाते हैं. लेकिन कोविड-19 की पाबंदियों के कारण वो शहरी क्षेत्रों तक जाने में सक्षम नहीं हो पाए जबकि सूखे के कारण खेतों में कोई काम नहीं बचा था. चावल के दाम में नाटकीय बढ़ोतरी (पिछले साल के मूल्य से क़रीब 30 प्रतिशत ज़्यादा) ने लोगों की क्रय शक्ति को और भी कमज़ोर किया है.

मेडागास्कर के क़रीब दो-तिहाई परिवार स्वयं के द्वारा उत्पादित चावल का उपभोग करते हैं. इसके परिणामस्वरूप चावल के उत्पादन में तेज़ गिरावट का मतलब परिवारों के प्रत्यक्ष अधिकारों में गिरावट है. 

अंतरराष्ट्रीय मदद की ज़रूरत

इससे भी बढ़कर, मेडागास्कर के लोग दुनिया के सबसे ग़रीब लोगों में से एक हैं और भयानक ग़रीबी की वजह से झटकों से संभलने का उनका सामर्थ्य भी काफ़ी कम है. वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के द्वारा राहत की गतिविधियों में तेज़ी आई है लेकिन ज़रूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. सबसे पहले, संसाधनों की कमी के कारण अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के द्वारा खाद्य वितरण ज़्यादातर आधे दिन के राशन तक सीमित है. कुछ गांव ऐसे भी हैं जिन्हें किसी भी तरह की सहायता नहीं मिल रही है. दूसरा, आधे बंजर दक्षिणी क्षेत्र में कई दूरदराज के गांव हैं जहां सड़क नहीं होने की वजह से सहायता पहुंचाना काफ़ी कठिन काम है. राजधानी एंटानानारिवो से एंबोआसारी ज़िले के मुख्य शहर तक पहुंचने में कम-से-कम तीन दिन का समय लगता है और फिर वहां से सबसे ज़्यादा अकाल ग्रस्त दूरदराज के गांवों तक पहुंचने में कई घंटे लग सकते हैं. इस साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी की वजह से देश के भीतर प्रवेश करने और यात्रा पर लागू पाबंदियों के कारण सहायता एजेंसियों के सुचारु ढंग से काम करने में और ज़्यादा रुकावट आई.

मेडागास्कर में लोगों की जान बचाने के लिए जहां तुरंत काफ़ी खाद्य सहायता और देश के दक्षिणी हिस्से में प्रचंड अकाल को ख़त्म करने की ज़रूरत है, वहीं यहां की कृषि को जलवायु से अभेद्य बनाने और लोगों के संभलने के सामर्थ्य को बेहतर करने के लिए कोशिश तेज़ करने की भी आवश्यकता है. 

महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को भी मुसीबत में डाला है. 2020 में मेडागास्कर वास्तविक जीडीपी में 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ मंदी की स्थिति में चला गया. निर्यात और पर्यटन में बड़ी गिरावट की वजह से चालू खाते का घाटा और भी ख़राब स्थिति में पहुंच गया. इसके अलावा कर राजस्व में गिरावट और महामारी की वजह से सरकारी खर्च में बढ़ोतरी के कारण बजट घाटा भी गिरकर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गया. ऐसे में राजकोषीय उपायों से संकट के समाधान का सरकार का सामर्थ्य लगभग अनुपस्थित है.

सबसे पहले, संसाधनों की कमी के कारण अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के द्वारा खाद्य वितरण ज़्यादातर आधे दिन के राशन तक सीमित है. कुछ गांव ऐसे भी हैं जिन्हें किसी भी तरह की सहायता नहीं मिल रही है. 

गंभीर सूखे, अकाल, कोविड-19 और आर्थिक मंदी ने पहले ही मेडागास्कर के लोगों की मुसीबत काफ़ी बढ़ा दी है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को निश्चित रूप से इस ग़रीब देश की मदद करने के लिए राहत अभियानों की मात्रा का विस्तार करना चाहिए. मेडागास्कर में लोगों की जान बचाने के लिए जहां तुरंत काफ़ी खाद्य सहायता और देश के दक्षिणी हिस्से में प्रचंड अकाल को ख़त्म करने की ज़रूरत है, वहीं यहां की कृषि को जलवायु से अभेद्य बनाने और लोगों के संभलने के सामर्थ्य को बेहतर करने के लिए कोशिश तेज़ करने की भी आवश्यकता है. मेडागास्कर जलवायु परिवर्तन से बेहद असुरक्षित है और ग़रीबी की अधिक व्यापकता, कम कृषि उत्पादकता और संभलने के ख़राब सामर्थ्य को देखते हुए यहां अनुकूलन की कोशिशों को तुरंत तेज़ करने की ज़रूरत है. सीमित संसाधनों के साथ एक छोटे द्वीपीय देश के रूप में मेडागास्कर को अनुकूलन के लिए फंड की ज़रूरत है. लेकिन क्या कोई सुन रहा है?

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