पाकिस्तान में इमरान खान को विपक्ष ने आउट करना चाहा. इमरान ने वादे के अनुसार जुझारू पारी खेलने की कोशिश की. नेशनल असेम्बली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी अम्पायर की भूमिका में आ गए हैं. रविवार को उन्होंने इमरान की सरकार के ख़िलाफ अविश्वास प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया. राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संदेश में इमरान ने कहा कि तीन महीनों में ताजा चुनाव होंगे. उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भी पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली भंग करने के लिए मनाया.
शनिवार को ही पाकिस्तान के पूर्व विश्वकप विजेता कप्तान ने कह दिया था कि चिंता करने की ज़रूरत नहीं, मेरे पास कल के लिए एक प्लान है. उन्होंने इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने सुझाव दिया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलज़ार अहमद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन जाएं. शनिवार को ही पाकिस्तान के पूर्व विश्वकप विजेता कप्तान ने कह दिया था कि चिंता करने की ज़रूरत नहीं, मेरे पास कल के लिए एक प्लान है. उन्होंने इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया. वे असेम्बली सेशन में नहीं गए. निचले सदन में विपक्षी दलों ने स्पीकर असद कैसर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जारी किया तो इस महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता डिप्टी स्पीकर सूरी ने की.
पाकिस्तान की सियासत
सूरी ने इमरान के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि इमरान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय साज़िश था. उन्होंने प्रस्ताव को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी विदेशी ताक़त को इसकी इज़ाज़त नहीं दी जा सकती कि पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को हटा सके. उधर विपक्षी पार्टी पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कह दिया कि हम एकजुट हैं. पाकिस्तान में विपक्ष के नेता पीएमएल-एन के शाहबाज शरीफ और पीपीपी के भुट्टो हैं, इन दोनों वंशवादी पार्टियों का पाक सियासत पर दशकों से दबदबा रहा है.
इमरान ने उन्हीं के ख़िलाफ मोर्चा खोलकर तहरीक-ए-इंसाफ की गठबंधन सरकार बनाई थी. अब हमें यह पता चल चुका है कि इमरान जिस विदेशी हाथ का आरोप लगा रहे थे, वे दक्षिण एशिया में अमेरिका के असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट डोनाल्ड लू हैं. लू और वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद के बीच हुई एक वार्ता में अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तानी राजनयिक से कथित रूप से कहा था कि अगर इमरान अविश्वास प्रस्ताव से बच गए तो उन्हें नतीजे भुगतने होंगे.
लू और वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद के बीच हुई एक वार्ता में अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तानी राजनयिक से कथित रूप से कहा था कि अगर इमरान अविश्वास प्रस्ताव से बच गए तो उन्हें नतीजे भुगतने होंगे.
अमेरिका ने आरोपों से साफ इनकार किया है. इमरान का कहना है कि चूंकि उन्होंने अमेरिकी नीतियों की आलोचना की है, इसलिए अमेरिका उन्हें हटाने की साजिश रच रहा है. इमरान अमेरिका के वॉर-ऑन-टेरर के घोर आलोचक रहे हैं, लेकिन हाल ही में उनका मॉस्को जाकर व्लादीमीर पुतिन से भेंट करना अमेरिका को बहुत नागवार गुजरा है. इमरान पुतिन से ऐन उसी दिन मिले थे, जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर धावा बोला था.
रूस की ओर हाथ बढ़ाने की कोशिश
ऐसा लगा कि इमरान चीन-पाकिस्तान संबंधों को मज़बूत करते हुए रूस की ओर हाथ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले सप्ताह इमरान की पार्टी 342 सदस्यों की असेम्बली में बहुमत खो चुकी थी. उनके एक महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी ने कहा कि उनके सात सांसद विपक्ष में वोट देंगे. वहीं स्वयं इमरान की पार्टी के एक दर्ज़न से अधिक सांसदों ने उनके ख़िलाफ जाने के संकेत दिए थे. चुनावों में इमरान को फौज़ का चहेता बताया गया था, जबकि आज फौज यह संकेत दे रही है कि उसे इमरान का अमेरिका-विरोधी प्रलाप पसंद नहीं है.
शनिवार को आर्मी चीफ कमर बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका और चीन से बेहतरीन ताल्लुक हैं. साथ ही उन्होंने साफ शब्दों में यूक्रेन पर चढ़ाई करने के लिए रूस की आलोचना भी की. आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर फौज़ पहले ही इमरान से नाराज़ थी, अब जिस तरह से इमरान ने अमेरिका के ख़िलाफ मोर्चा खोला है, वह पाकिस्तान की बहुत ऐहतियात के साथ बनाई गई इस नीति के ख़िलाफ जाता है कि अमेरिका और चीन दोनों को साधकर चलो. पाकिस्तान की आर्थिक-बदहाली तो खैर एक मसला है ही.
चुनावों में इमरान को फौज़ का चहेता बताया गया था, जबकि आज फौज यह संकेत दे रही है कि उसे इमरान का अमेरिका-विरोधी प्रलाप पसंद नहीं है.
चुनावों में इमरान को फौज़ का चहेता बताया गया था, जबकि आज फौज संकेत दे रही है कि उसे इमरान का अमेरिका-विरोधी प्रलाप पसंद नहीं है. आर्मी चीफ कमर बाजवा ने हाल में कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका और चीन से बेहतरीन ताल्लुक हैं.
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