Author : Anchal Vohra

Published on Jun 29, 2021 Updated 0 Hours ago

अमेरिका सहित दुनिया भर के कई देशों ने दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम का स्वागत किया

इसराइल-फ़लस्तीन संघर्ष: 11 दिनों के ख़ून-ख़राबे के बाद युद्धविराम

इसराइल की सरकार और इस्लामी फ़लस्तीनी समूह हमास ने 11 दिनों की लगातार बमबारी के बाद मई के आख़िरी सप्ताह में युद्धविराम पर सहमति जताई. अमेरिका सहित दुनिया भर के कई देशों ने दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम का स्वागत किया और दोहराया कि 1948 में इसराइल की स्थापना और अपने देश से हज़ारों-सैकड़ों फ़लस्तीनियों के पलायन के बाद से हिंसा से प्रभावित इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका दो-राज्यों की स्थापना से जुड़ा समाधान है. 

मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वेनेसलैंड,संघर्ष विराम का समर्थन करने वाले पहले लोगों में से थे. युद्धविराम लागू होने से कुछ समय पहले उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि, “मैं गाज़ा और इसराइल के बीच संघर्ष विराम का स्वागत करता हूं. मैं हिंसा के पीड़ितों और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं शांति बहाल करने में मदद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ निकट संपर्क में रह कर मिस्र और क़तर की ओर से किए गए प्रयासों की भी सराहना करता हूं. फ़लस्तीन के निर्माण का काम शुरू किया जा सकता है.”

दोनों पक्षों के बीच यह युद्धविराम बेहद देर से आया. इस दौरान 248 फ़लस्तीनियों की जानें चली गईं, जिसमें 66 बच्चे और 12 इसराइली शामिल थे, जो लड़ाई के दौरान मारे गए.

हालांकि, दोनों पक्षों के बीच यह युद्धविराम बेहद देर से आया. इस दौरान 248 फ़लस्तीनियों की जानें ली ईं, जिसमें 66 बच्चे और 12 इसराइली शामिल थे, जो लड़ाई के दौरान मारे गए. इसराइल के हवाई हमलों से गाज़ा में भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 चिकित्सा सुविधा क्षेत्रों या अस्पतालों पर बमबारी की गई थी, जिसमें कम से कम 1,000 इमारतें शामिल हैं जो या तो घर थे, या मीडिया कंपनियों के कार्यालय या फिर गाज़ा के एक मात्र कोरोनावायरस परीक्षण केंद्र, जिन्हें हमेशा के लिए नष्ट कर दिया गया था. जबकि इसराइल ने दावा किया कि जिन इलाक़ों और इमारतों पर बमबारी की गई वह हमास के बुनियादी ढांचे का हिस्सा थीं और नागरिकों को इन्हें लेकर पहले से चेतावनी दी गई थी. हालांकि, फलस्तीनियों का कहना है कि सभी को इन हमलों की सूचना नहीं दी गई थी. इस बीच, हमास ने इसराइल के शहरों पर अंधाधुंध 4,300 रॉकेट दागे, लेकिन इसराइल के पास अमेरिकी सैन्य सहायता से आंशिक रूप से वित्त पोषित एंटी-मिसाइल आयरन डोम रक्षा प्रणाली के कारण इसराइल खुद को बचा पाया. इसराइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इसराइल की सुरक्षा के प्रति अमेरिका के स्पष्ट समर्थन को जारी रखने के लिए धन्यवाद भी दिया.

इस बीच इसरायली प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने इसराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) की उपलब्धियों के दावे करते हुए कहा कि उन्होंने अपने हमलों और जवाबी कार्रवाई से हमास को “वर्षों पीछे कर दिया गया.” हालांकि, उन्होंने इस कार्रवाई के बाद हमास, जिसे इसराइल और अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया है, को हुए नुकसान के बारे में कोई विवरण साझा नहीं किया.

नेतन्याहू का बड़बोलापन

यरुशलम पोस्ट ने इसराइल के प्रधान मंत्री के हवाले से कहा, “जनता सब कुछ नहीं जानती है, हमास सब कुछ नहीं जानता है, लेकिन हमारी सभी उपलब्धियां समय के साथ सामने आएंगी. इस समय, मैं यह कह सकता हूं कि हमने साहसी और नई चीजें कीं हैं.” उन्होंने कहा कि इसराइल अपने शहरों पर दाग़े गए रॉकेटों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और इसरायली रक्षा बलों ने हमास को सबक सिखाया है. उन्होंने कहा, “अतीत में जो हुआ वह अब नहीं होगा.वे हमेशा अपनी सुरंगों और अपने ठिकानों से बाहर आते हैं, लेकिन वे जानते थे कि उन्होंने खुद के लिए किस चीज़ को निमंत्रण दिया.” नेतन्याहू की बढ़चढ़ की गई टिप्पणियों के बावजूद, इसराइली सवाल कर रहे हैं कि पूरे अभ्यास से उन्हें क्या हासिल हुआ है, क्योंकि कोई भी यह नहीं मानता है कि हमास को, इसरायली शहरों पर हमला करने से प्रभावी ढंग से रोक लिया गया है. इसके बजाय, इन संघर्षों में, हमास ने यह प्रदर्शित किया कि उसने अपने रॉकेटों की सीमा और सटीकता में सुधार किया है, भले ही वह उन्हें स्थानीय स्तर पर बना रहा है.

नेतन्याहू ने इसराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) की उपलब्धियों के दावे करते हुए कहा कि उन्होंने अपने हमलों और जवाबी कार्रवाई से हमास को “वर्षों पीछे कर दिया गया.” 

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास हमास के समर्थक नहीं है और इसराइल के साथ संघर्ष व इस मसले को हल करने के उस के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन उन्होंने फिर से तनाव को भड़काने की कोशिश के लिए इसराइल को दोषी ठहराया. पिछले शुक्रवार को, युद्धविराम की घोषणा के कुछ घंटों बाद, इसरायली पुलिस ने अल-अक्सा परिसर में उपासकों पर रबर की गोलियां चलाईं, जो कथित तौर पर पत्थर फेंकने वालों को जवाब दे रही थीं. इसराइल के इसी तरह रवैये ने दो सप्ताह पहले दोनों पक्षों के बीच हिंसा को अंजाम दिया था.

गाज़ा के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने एक बयान में कहा कि “इसराइल की सरकार, उकसावे, हमलों और घुसपैठ की अपनी नीति को जारी रखते हुए, अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को चुनौती दे रही है, जो शांति तक पहुंचने और यरुशलम और कब्ज़े वाले फलस्तीनी क्षेत्रों में हिंसा और विस्तार को रोकने के साथ गाज़ा पर हिंसक कार्रवाई को रोकने के लिए अब तक किए गए हैं.” 

अब तक संघर्षविराम को दोनों पक्षों की ओर से बरक़रार रखा गया है और दोनों पक्षों ने जीत का दावा किया है.

अब तक संघर्षविराम को दोनों पक्षों की ओर से बरक़रार रखा गया है और दोनों पक्षों ने जीत का दावा किया है.लेकिन जानकारों के बीच इस बात को लेकर बहुत कम असहमति है कि जब तक दो-राज्यों से संबंधित समाधान लागू नहीं किया जाता है, तब तक इसराइल और फलस्तीन दोनों के बीच शांति बहाल नहीं हो सकती. इसराइल केवल संघर्ष का प्रबंधन करना चाहता है, लेकिन अगर वह हिंसा को समाप्त करना चाहता है, तो उसे फलस्तीनियों की इच्छाओं को भी अपने समाधान में समायोजित करना होगा.

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