सार्वजनिक स्वास्थ्य के दूसरे लक्ष्यों से जुड़े डेटा: ODTI के मानकीकृत प्रोटोकॉल्स से डेटा के और बड़े दायरे तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी. इनमें बताई गई दवाइयां और इलाज भी शामिल हैं. एक अहम संकेतक, एंटीबायोटिक प्रेस्क्रिप्शंस में बदलाव एंटीबायोटिक प्रतिरोध के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. मेडिकल रिकॉर्ड्स के डिजिटल भंडारण से मरीज़ों को अपने मेडिकल दस्तावेज़ साझा करने की सहूलियत मिल जाएगी. इस तरह वो इस बात की तस्दीक़ कर सकेंगे कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पर्चियां तैयार करने और मेडिकल जांच-पड़ताल में उचित दिशानिर्देशों का पालन किया गया या नहीं. ODTI में स्वास्थ्य से जुड़े संकेतकों के निरीक्षण की तमाम संभावनाएं हैं. इससे अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े तंत्र के आकलन की सुविधा मिल पाएगी. प्रति व्यक्ति आंकड़ों से स्वास्थ्य से जुड़े संकेतकों के क्रियाकलापों और रुझानों की तत्काल बारीक़ तस्वीर मिल पाएगी. इससे मांग-आपूर्ति से जुड़ी व्यवस्था को बेहतर तरीक़े से समझने में मदद मिलेगी.
पड़ोसी देशों को एकीकृत करना: UPI की तरह टेलीहेल्थ सेवाओं का भी दूसरे देशों तक विस्तार किया जा सकता है. भारत में 2019 में तक़रीबन 7 लाख मेडिकल टूरिस्ट आए थे. इनमें से ज़्यादातर पड़ोसी मुल्कों से थे. 2019 में भारत में मेडिकल सुविधाओं का लाभ उठाने आए कुल विदेशी नागरिकों में से 57.5 प्रतिशत लोग अकेले बांग्लादेश के थे. लिहाज़ा ODTI दूसरे देशों के मरीज़ों द्वारा सीमा पार से स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने की संभावनाएं और क्षमताएं भी पैदा कर सकता है. इससे अर्थव्यवस्था को रफ़्तार मिलेगी. साथ ही भारत को टेलीहेल्थ सेंटर बनाने में भी मदद मिलेगी.
निजता और दूसरी चिंताएं: चूंकि ODTI के तहत संवेदनशील निजी सूचनाएं जुटाई जाएंगी, लिहाज़ा निजता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मज़बूत उपाय करना बेहद अहम है. इसके अलावा उत्पीड़न और दुराचार से जुड़े वाक़यों को न्यूनतम करने के उपायों पर अमल करना भी ज़रूरी होगा. इससे मरीज़ों और चिकित्सकों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा. इसे प्लेटफ़ॉर्म के ढांचे और प्रक्रियाओं के साथ जोड़कर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के तयशुदा मसौदा दिशानिर्देशों को मज़बूती से अमल में लाया जा सकता है.
निष्कर्ष
ODTI के निर्माण और तैनाती से टेलीहेल्थ सेवाओं में भारी सुधार होगा. इससे स्वास्थ्य सेवाओं को सबके लिए सुलभ ओर सस्ता बनाने के राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. इससे देशभर में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के विस्तार की रफ़्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े तमाम लक्ष्यों की पूर्ति का मक़सद भी हासिल किया जा सकेगा.
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