Published on Feb 13, 2021 Updated 0 Hours ago

पिछले दिनों वित्तीय बाज़ार में जो कुछ घटा वो इस मामले से जुड़े तकनीकी और सांस्कृतिक तत्वों के समान ही दिलचस्प है.

गेमस्टॉप: उथलपुथल भरे दो हफ़्ते और पाँच असाधारण प्रकरण

जनवरी के आख़िर में वीडियो गेम कंपनी गेमस्टॉप के शेयरों में 1600 फ़ीसदी तक का उछाल देखने को मिला. इन शेयरों में इतनी बड़ी तेज़ी कुछ ही हफ़्तों के भीतर देखने को मिली. रेडिट जैसे प्लैटफ़ॉर्म और दूसरे माध्यमों पर सक्रिय निवेशक गेमस्टॉप के स्टॉक मूल्यों में गिरावट पर दांव लगा रहे संस्थागत निवेशकों के ख़िलाफ़ उठ खड़े हुए थे. हालांकि ये बग़ावत अब धीरे-धीरे ठंडी पड़ गई है और इसके बाद एक-दूसरे पर उंगली उठाने का काम शुरू हो गया है. गेमस्टॉप के शेयरों में इतने बड़े उछाल ने वॉल स्ट्रीट में सक्रिय बड़ी वित्तीय शक्तियों के क्रियाकलापों और उनकी दशादिशा के बारे में एक नई बहस छेड़ दी है. शुरुआती दौर की ख़बरों में डेविड और गोलियथ की कहानी जैसी पटकथा देखी गई लेकिन जैसे-जैसे नई जानकारियां सामने आती गईं ये कहानी और पेचीदा होती चली गई है. हम चाहे जिस भी नज़रिए से इसकी पड़ताल करें ये किस्सा एकदम नया और शिक्षाप्रद जान पड़ता है. पिछले दिनों वित्तीय बाज़ार में जो कुछ घटा वो इस मामले से जुड़े तकनीकी और सांस्कृतिक तत्वों के समान ही दिलचस्प है. क्या जैसे-तैसे घिसट-घिसट कर चलने वाली वीडियो गेम की खुदरा कंपनी गाली-गलौच भरी बातचीत का शौक रखने वाले रेडिट-समर्थित ऑनलाइन प्रशंसकों की भीड़ के सहारे “आसमान जैसी ऊंचाइयां’’ छू सकती है? बहरहाल, इस पूरे प्रकरण से अब कई राज़ बेपर्दा हो रहे हैं और इस घटना से जुड़ी जानकारियां प्रकाश में आ रही हैं. इस लेख में वॉल स्ट्रीट के बाज़ार निर्माताओं, फुटकर निवेशकों, सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म और समस्याओं के समाधान के लिए एल्गोरिथम की मदद से काम करने वाले व्यापारिक ऐप के आपसी टकराव से पैदा होने वाली सुर्ख़ियों की विषयवस्तु पर ध्यान दिया गया है.

गेमस्टॉप पर बड़ा दांव लगाने वाली रेडिट बोर्ड वॉलस्ट्रीट बेट्स के पास करीब साल भर पहले सिर्फ़ 8 लाख सदस्य थे. वहीं फ़रवरी 2021 के पहले हफ्ते तक इसके 84 लाख सब्स्क्राइबर हो गए.     

आंकड़े क्या बताते हैं

अगर आपके पास आंकड़ों के अलावा किसी और चीज़ के लिए वक़्त नहीं है तो आइए इन आंकड़ों पर ही नज़र डालते हैं. गेमस्टॉप के एक शेयर का भाव इस साल की शुरुआत में 17 अमेरिकी डॉलर था जो चार हफ़्तों के दौरान बढ़कर 483 डॉलर तक पहुंच गया. जनवरी के अंत में गेमस्टॉप अमेरिका का सबसे शॉर्टेड स्टॉक था. फैक्टसेट के मुताबिक इसके करीब 90 प्रतिशत स्टॉक को शॉर्ट के रूप में बेचा गया था (यहां हेज फ़ंड का अनुमान होता है कि इसके भाव में गिरावट आएगी). गेमस्टॉप पर बड़ा दांव लगाने वाली रेडिट बोर्ड वॉलस्ट्रीट बेट्स के पास करीब साल भर पहले सिर्फ़ 8 लाख सदस्य थे. वहीं फ़रवरी 2021 के पहले हफ्ते तक इसके 84 लाख सब्स्क्राइबर हो गए. मुश्किलों में घिरे इस वीडियो गेम रिटेलर के स्टॉक का भाव 5 फ़रवरी को 63.77 अमेरिकी डॉलर था जो 28 जनवरी को इसके दिनभर के उच्चतम स्तर से 87 फ़ीसदी नीचे था. गोल्डमैन सैक्स के एक पूर्व बैंकर और इन दिनों अमेरिकी संसद की वित्तीय सेवा समिति से जुड़े एक विशेषज्ञ के मुताबिक “दुर्भाग्यवश ऐसी चीज़ों के इलाज के लिए इनको गर्म तवे पर रखना ज़रूरी है.”

गरमागरम शुरुआती विचार

गेमस्टॉप के बारे में शुरुआती दौर में जो राय ज़ाहिर की गई वो ‘पेशेवर बनाम अनाड़ी’, ‘डेविड बनाम गोलियथ’ आदि विचारों सरीखे थे. इस दौरान बाज़ार के दार्शनिकों ने बड़ी कमाई की हालांकि इनमें करोड़पतियों की तादाद काफ़ी कम थी. ट्रेडिंग के ज़रिए धन कमाने के तरीके इसी कालखंड में इस स्टॉक की स्थिरता को लेकर चल रही ख़बरों की निर्बाध प्रवाह से भी ज़्यादा सधे हुए रहे. हेज फंड के प्रबंधकों ने काफी कुछ गंवाया तो काफ़ी कुछ हासिल भी किया. छोटे निवेशकों ने बहुत कुछ सीखा. जब ये स्टॉक 10 अमेरिकी डॉलर से भी कम मूल्य से बढ़कर 400 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया तो सेनवेस्ट मैनेजमेंट एलएलसी 700 मिलियन डॉलर के शुद्ध मुनाफ़े पर बैठी हुई थी जबकि मेलविन के 13 अरब डॉलर से ज़्यादा के फंड का करीब आधा हिस्सा रातोंरात ग़ायब हो चुका था. बार्कलेज़ कैपिटल के विशेषज्ञों ने लिखा कि गेमस्टॉप कांड “संस्थागत निवेशकों के लिए एक ख़तरे की घंटी जैसा है. ये इनके बिज़नेस मॉडल को स्थायी तौर पर प्रभावित करने की क्षमता रखता है.” वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि ओवरसोल्ड स्टॉक अपने ओवरसोल्ड होने की वजह से ख़तरे की ज़द में हैं. जीएमई के मामले में एक अलग बात देखी गई है और वो ये है कि ऑनलाइन माध्यमों पर सक्रिय भीड़तंत्र ने संगठित रूप से वित्तीय बाज़ार पर निशाना साधने और वहां उथलपुथल लाने की अपनी काबिलियत का प्रदर्शन किया है. ये एक बिल्कुल नई बात है. कनेक्टीकट स्थित एक हेज फ़ंड विश्लेषक ने इसकी पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहा है कि “इसने नफ़ा-नुकसान के बारे में उस सामान्य गुणा-गणित का घालमेल कर दिया है जिसपर हेज फ़ंड आम तौर पर निर्भर करते हैं.”

माइक ने 30 अमेरिकी डॉलर में शेयर ख़रीदा और उसे 31 डॉलर में बेच दिया. माइक का कहना है कि उन्होंने बाज़ार से इतनी जल्दी निकल जाने के लिए अपने आप को “लताड़” लगाई थी. आगे जब गेमस्टॉप के शेयरों को लेकर प्रचार-प्रसार हुआ तब उन्होंने कुछ और शेयर ख़रीद डाले. 

उपेक्षा का शिकार समूह

डेविड बनाम गोलियथ की इस पटकथा में गेमस्टॉप ही इकलौता डेविड नहीं रहा है. एएमसी एंटरटेनमेंट जैसे दूसरे भी इसी श्रेणी में आते हैं. हालांकि गेमस्टॉप इस संघर्ष का सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी बन गया है. हेज फ़ंड इसके संदर्भ में स्टॉक शार्ट (इसका बाज़ार भाव गिरने) पर दांव लगा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उनके इस दांव पर छोटे निवेशकों समेत एक बड़े समूह का प्रतिरोध देखा जा रहा था. ये तबका इसके शेयर को खड़ा करने की पुरज़ोर कोशिशें कर रहा था. हेज फ़ंड द्वारा बड़ी मात्रा में शार्ट किए जाने वाले कई स्टॉकों के भाव को बढ़ाने के पीछे खुलकर रेडिटर्स का हाथ देखा जाता रहा है. ये रेडिटर्स अब भी दो-दो हाथ करने को तैयार दिखते हैं. गेमस्टॉप ने जो मुनाफ़ा कमाया है वो छोटे निवेशकों और बड़े संस्थानों के आपसी प्रतिस्पर्धी विमर्शों के बीच के संघर्ष के बूते ही सामने आया है. एक विश्लेषक ने ओआरएफ को बताया कि वो बड़े मीडिया समूहों द्वारा छोटे निवेशकों को “बोरियत और गुस्से” से प्रभावित बताए जाने की प्रवृति से कतई सहमत नहीं हैं. उनके मुताबिक, “ये सारी चीज़े थोड़े समय पहले तब शुरू हुईं जब कुछ उपयोगकर्ताओं ने सोचा कि कंपनी का प्रति शेयर भाव वास्तविकता से कुछ डॉलर कम है. उन्होंने बोर्ड के नए सदस्यों और नए कंसोल के लॉन्च होने के बाद इसके आगे बढ़ने की नई संभावनाएं देखीं. शॉर्टेड स्टॉक और इसके हेज फ़ंड से चिपके रहने की प्रवृति बिल्कुल नई है. मेरा मानना है कि हम स्टॉक ले रहे हैं और हमारा लक्ष्य पैसे बनाना है.” माइक ने 30 अमेरिकी डॉलर में शेयर ख़रीदा और उसे 31 डॉलर में बेच दिया. माइक का कहना है कि उन्होंने बाज़ार से इतनी जल्दी निकल जाने के लिए अपने आप को “लताड़” लगाई थी. आगे जब गेमस्टॉप के शेयरों को लेकर प्रचार-प्रसार हुआ तब उन्होंने कुछ और शेयर ख़रीद डाले. हमने उनसे पूछा कि आगे इसका नतीजा क्या निकला? जवाब मिला “हमें कुछ भी हासिल नहीं हुआ!”. माइक जैसे ही रेडिट के दूसरे नियमित उपयोगकर्ता वर्जीनिया के रहने वाले एक पायलट हैं. उन्होंने रेडिट पर चैट मैसेज के ज़रिए हमें बताया कि “शुरुआत में ‘वॉल स्ट्रीट को आईना दिखाने’ से जुड़े जिन किस्सों की चर्चा हो रही थी वो सुनने में भले ही बड़ी रोमांचक लगती रहीं, लेकिन कुल मिलाकर ये कहानी सचमुच उदास करने वाली है.” वैसे उन्होंने कुछ भी नहीं ख़रीदा क्योंकि उनको लगता था कि ये वक़्त प्रयोग करने या फिर उच्चतम स्तर को लेकर किसी तरह के कयास लगाने के लिए मुफ़ीद नहीं है. वहीं रेडिट के एक और उपयोगकर्ता मिशिगन के लंबरजैक1067 ने इस ओर पूरे जोश से कदम बढ़ाया. उन्होंने बताया- “मैंने 350 अमेरिकी डॉलर के भाव पर खरीदी की, लिहाजा मेरे पास सिर्फ़ चार शेयर हैं. मैंने अपनी रकम को जीएमई और इस तरफ़ बांट दिया था. मैं इसपर जितने पैसे लगा सकता था, सारे लगा रहा था. मुझे इसके बाद वाले शुक्रवार को भुगतान भी मिल गया लिहाजा अगर मेरे बस में रहे तो मैं कुछ और शेयर ख़रीदने की योजना बना रहा हूं.” बाज़ार के संदर्भ में तथाकथित तुच्छ या बुरे लोगों की एक छवि अक्सर पेश की जाती है. सच्चाई ये है कि इस तथाकथित छवि के ज़रिए उन कारकों का पता नहीं चल पाता जो वास्तव में लोगों को बाज़ार में गोता लगाने या फिर अपने पास स्टॉक सहेज कर रखने की प्रवृति के उत्प्रेरक होते हैं. वहीं वॉल स्ट्रीट की दूसरी ओर ऑनलाइन समेत दूसरे माध्यमों पर पैदा हुई इस नई प्रतिरोधी प्रवृति को एक स्वस्थ सम्मान मिल रहा है. इनका कहना है कि, “बाज़ार में और अधिक लोकतंत्र एक अच्छी चीज़ है…ये ताज़गी से भरपूर है, मैं तो जैसे इसके मज़े लेता रहा हूं.”

प्रतिरोध का चेहरा

कंधे तक बाल रखने वाले और चटख रंग वाले बंदना धारण करने वाले 34 साल के कीथ गिल रेडिट पर “डीपफिंगवैल्यू” और यूट्यूब पर “रोरिंग किटी’’ के नाम से मशहूर हैं. उन्हें निवेशकों के इस लोकप्रिय विद्रोह का नायक बताया जा रहा है. इस प्रतिरोध का नतीजा है कि गेमस्टॉप के शेयरों ने आसमानी ऊंचाई हासिल की. सीएनएन और दूसरे न्यूज़रूमों ने भले ही उन्हें “अनाड़ी’’ बताया हो लेकिन सच्चाई ये है कि गिल के पास वॉल स्ट्रीट में ट्रेडिंग करने का परिष्कृत लाइसेंस है. मैसाचुसेट्स का ये निवासी रेडिट के वॉलस्ट्रीट बेट्स फोरम का जानामाना नाम है. ये फ़ोरम लुटेपिटे स्टॉकों के लिए टफ़गाय मीम का बड़ा ठिकाना है. गिल के यूट्यूब चैनल रोरिंग किटी (इनके ट्वीटर हैंडल का नाम भी यही है) के 4 लाख से भी अधिक सब्सक्राइबर हैं. गिल अपने ब्रोकरेज खाते का स्क्रीनशॉट इसमें पोस्ट करते हैं और अपने यूट्यूब फ़ीड पर एक बार में घंटों तक इसके बारे में बातें करते हैं. गेमस्टॉप में उछाल के बाद रेडिट पर सक्रिय ऑनलाइन बिरादरी द्वारा उनको मिल रही प्रशंसा के बारे में उन्होंने अपने पहले इंटरव्यू में the   को बताया कि “ये कहानी मुझसे कहीं ज़्यादा बड़ी है. मैं इन खुदरा निवेशकों के साथ हूं और अपनी छाप छोड़ने की उनकी काबिलियत का समर्थक हूं.” हाल ही जारी गिल के 7 घंटे के यूट्यूब थीसिस को 7 फ़रवरी तक 8 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है. गिल ने ये वीडियो तहखाने में बने अपने स्टूडियो और दफ़्तर में शूट किया है. इस वीडियो की शुरुआत बिल्लियों की तस्वीरों से होती है और आगे चलकर इनको स्टॉक चार्ट्स पर छलांग लगाते हुए दिखाया गया है. उनके रोरिंग किटी यूट्यूब चैनल का कमेंट थ्रेड उनके प्रशंसकों की ललकार भरी बातों से पटा पड़ा है. उनके प्रशंसकों का कहना है कि “अगर वो अब भी इसमें शामिल हैं तो हम भी उनके साथ इसमें शामिल हैं.” गिल ने जीएमई के साथ मोटा मुनाफ़ा कमाया है. अब उनकी योजना एक घर खरीदने की है और शायद इसके साथ ही वो बंद दरवाज़ों के भीतर एक ट्रैक सुविधा बनाने के अपने पुराने सपने को साकार करने में भी जुट जाएं.

छान-बीन

नियामक संस्थाएं रोरिंग किटी के पीछे पड़ गई हैं. कीथ गिल को अपने घर में ही जांच का सामना करना पड़ रहा है. मैसाचुसेट्स की एक नियामक संस्था गिल के ख़िलाफ़ छानबीन में जुट गई है. उनके ख़िलाफ़ संभावित हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि एक तरफ़ तो वो लाइसेंसधारी सिक्योरिटीज़ ब्रोकर का काम करते हैं तो वहीं दूसरी ओर बीमा कंपनी मास म्यूचुअल के लिए “वित्तीय स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक” का भी काम देखते हैं. गिल ने 28 जनवरी तक यहां काम किया था जबकि 22 जनवरी तक वो गेमस्टॉप के शेयरों के संभावित वित्तीय स्वास्थ्य के बारे में घंटे-भर के वीडियो बना-बनाकर उन्हें पोस्ट कर रहे थे. अमेरिकी कांग्रेस की सदस्या और संसद की वित्तीय सेवा समिति की अध्यक्षा मैक्सिन वाटर्स ने इसपर 18 फ़रवरी की सुनवाई तय कर रखी है. इस सुनवाई का शीर्षक है: “गेम बंद? जब शॉर्ट सेलर्स, सोशल मीडिया और फुटकर निवेशक टकराते हैं तो किसका नफ़ा, किसका नुकसान होता है.” हेज फ़ंड के बारे में वॉटर्स के विचार किसी से छिपे नहीं हैं. उनका मानना है कि ये “परपीड़क और शिकारी प्रवृति” के होते हैं और उनके हिसाब से उनके इन कारनामों का बचाव नहीं किया जा सकता. उनके विचार कुछ इस प्रकार के हैं: हमें हेज फ़ंड के साथ सख्ती से पेश आने की ज़रूरत है. बाज़ार में हाल में देखे गए उथलपुथल भरे माहौल के पीछे की वजह उनके अनैतिक कृत्य हैं. हमें मोटे तौर पर पूरे बाज़ार की पड़ताल करनी चाहिए. ये पता लगाना ज़रूरी है कि हेज फ़ंड और उनके सहयोगियों ने ख़ुद को फ़ायदा पहुंचाने के लिए यहां किस तरह के हेरफेर किए हैं और कैसे दूसरों को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी है.”

ऑनलाइन माध्यमों पर समन्वय करने की लोगों की काबिलियत का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय स्टॉक के वॉल स्ट्रीट पर छा जाने और सोशल मीडिया द्वारा भड़काए जाने के बाद 6 जनवरी को अमेरिकी संसद पर हुए हमले के बीच कई समानताएं देख रहे हैं. 

हालांकि अगर आगे चलकर ये पता चलता है कि बाज़ार में किसी तरह का हेरफ़ेर नहीं हुआ तो नियामकों के पास ज़्यादा कुछ करने को नहीं होगा. जैसा कि एसईसी के एक पूर्व चेयरमैन ने वॉल स्ट्रीट जरनल को बताया- “आप लोगों को तबतक कूड़ा भी बेच सकते हैं जबतक आप लोगों से ये कहते रहेंगे कि ये कूड़ा है और अगर आप इसे ख़रीदते हैं तो आप मूर्ख कहलाएंगे लेकिन फिर भी क्या आप इसे ख़रीदना चाहेंगे?” गेमस्टॉप के मामले में बाज़ार में देखे गए उथलपुथल पर वित्तीय क्षेत्र के शीर्ष नियामकों की आपसी चर्चा से ये नतीजा निकला कि “बाज़ार का मुख्य बुनियादी ढांचा इस दौर में भी सतत रूप से प्रभावी रहा है.” प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने किसी भी तरह के गड़बड़झाले को दुरुस्त करने का वादा किया है. ऑनलाइन माध्यमों पर समन्वय करने की लोगों की काबिलियत का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय स्टॉक के वॉल स्ट्रीट पर छा जाने और सोशल मीडिया द्वारा भड़काए जाने के बाद 6 जनवरी को अमेरिकी संसद पर हुए हमले के बीच कई समानताएं देख रहे हैं. मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के इनिशिएटिव ऑन द डिजिटल इकोनॉमी के निदेशक सिनल एराल ने एपी को बताया कि, “हमें बाज़ार में हेरफ़ेर करने में जुटे मुख्य किरदार और इस प्रकार की गतिविधि में फंसे फुटकर निवेशक के बीच के फर्क को समझना पड़ेगा.” हारवर्ड बिज़नेस रिव्यू को दिए एक साक्षात्कार में एरल ने एक प्लैटफ़ॉर्म पर घटित होने वाली बाक़ी तमाम घटनाओं और एल्गोरिथम मेडिएशन के घालमेल के अलग-अलग तरीकों के बारे में कई अहम विचार व्यक्त किए हैं. एरल ने एचबीआर से आगे कहा, “मुझे लगता है कि लोगों को ये समझना ज़रूरी है कि जहां तक बाज़ारों का सवाल है तो सोशल मीडिया अलगाव भरे माहौल या फिर शून्य में काम नहीं करता. बेशक सोशल मीडिया भीड़ से जानकारियां इकट्ठा करने वाला माध्यम है. यहां बड़ी तादाद में लोग अपने व्यवहार को साझा कर उनका समन्वय करते हैं. दुष्प्रचार करने या फिर स्टॉक बेचने-खरीदने आदि कार्यों के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है. हालांकि, ये एक बहुत ही परिष्कृत तंत्र से जुड़ा हुआ है जो इन माध्यमों पर व्यक्त की जा रही भावनाओं का लगातार विश्लेषण करते रहते हैं. आगे चलकर इन भावनाओं को स्वचालित ट्रेडिंग एल्गोरिथम से जोड़ दिया जाता है. इतना ही नहीं संस्थागत निवेशकों को स्टॉक की ख़रीद-बिक्री के बारे में सिफ़ारिशें करने में भी इनकी ही मदद ली जाती है. इसी तरह से यहां अपनी बात वापस पहुंचाने का भी एक तंत्र है. संस्थागत निवेशकों ने अपनी संवेदन या तंत्रिका तंत्र को इसी भीड़ के व्यवहार और बर्ताव से जोड़ दिया है. इससे इस किस्से में काफ़ी पेचीदगी आ जाती है. इसका मतलब ये नहीं है कि यहां दो तंत्र एक दूसरे से उलझे पड़े हैं. दरअसल इसका मतलब ये है कि एक बड़ा तंत्र ही ख़ुद में उलझा हुआ है”

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