ये लेख 'विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार' शीर्षक वाली श्रृंखला का हिस्सा है.
जैसे-जैसे दुनिया अधिक डिजिटलाइज़ेशन की तरफ बढ़ रही है, वैसे-वैसे स्वास्थ्य सेवा और कल्याण के लिए तकनीक के इस्तेमाल में भी तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है. टेलीमेडिसिन के उपयोग के ज़रिए मरीज़ के साथ सीधी बातचीत से लेकर हेल्थ इन्फॉर्मेटिक्स (कम्युनिकेशन में सुधार के लिए कंप्यूटर स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम का अध्ययन और उस पर अमल) के लिए डेटा और आधुनिक सूचना के इस्तेमाल तक, रिमोट निगरानी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बरकरार रखने तक डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशन का उपयोग अच्छी सेहत और कल्याण के SDG 3 के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है.
वैश्विक शासन व्यवस्था की संरचना को महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख वैश्विक मंच के रूप में G20 ने पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल डिजिटल हेल्थ की प्रगति की राह पर असर डाला है.
डिजिटल हेल्थ की वास्तविक क्षमता का एहसास करने के लिए दुनिया भर के अलग-अलग हितधारकों के बीच अंतरराष्ट्रीय समन्वय, सहयोग और तालमेल होना महत्वपूर्ण है. वैश्विक शासन व्यवस्था की संरचना को महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करने वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख वैश्विक मंच के रूप में G20 ने पिछले कुछ वर्षों में ग्लोबल डिजिटल हेल्थ की प्रगति की राह पर असर डाला है.
इस लेख का उद्देश्य अतीत की अलग-अलग अध्यक्षताओं के माध्यम से डिजिटल हेल्थ पर संवाद का सारांश पेश करना और ब्राज़ील की अध्यक्षता के दौरान संवाद की संभावित दिशा पर चर्चा करना है. इसके लिए हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) और नेताओं के स्तर पर चर्चा के साथ-साथ बहस किए गए किसी दूसरे नतीजे का विश्लेषण किया जाएगा.
हेल्थ वर्किंग ग्रुप में चर्चा
G20 के एजेंडे में वैश्विक स्वास्थ्य को रखने के लिए 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता के दौरान HWG की स्थापना की गई थी. HWG की प्राथमिकताएं थीं वैश्विक स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन का आधार तैयार करना, स्वास्थ्य प्रणाली की मज़बूती और एंटी माइक्रोबियल रेज़िस्टेंस (AMR) को नियंत्रित करना लेकिन इसमें डिजिटल हेल्थ का कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. हालांकि इसके बाद 2018 से डिजिटल हेल्थ G20 के स्वास्थ्य मंत्रियों की सभी बैठकों का एक महत्वपूर्ण विषय रहा है.
अर्जेंटीना की अध्यक्षता में G20 के स्वास्थ्य मंत्रियों ने ई-हेल्थ टूल्स और टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल के महत्व को मान्यता दी और अलग-अलग देशों को डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को विकसित करने और उसे शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने ई-हेल्थ के क्षेत्र में तालमेल बढ़ाने और ई-हेल्थ लागू करने में सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को साझा करने की ज़रूरत को भी उजागर किया.
इटली की अध्यक्षता के दौरान स्वास्थ्य मंत्रियों ने ध्यान दिया कि डिजिटल स्वास्थ्य के एकीकरण और स्वास्थ्य सूचना प्रणाली में सुधार का महत्वपूर्ण लाभ हो सकता है.
जापान की अध्यक्षता में स्वास्थ्य मंत्रियों ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) को हासिल करने में तेज़ी लाने के लिए नैतिक डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकों के महत्व को मान्यता दी. उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकों को बढ़ावा देने की मांग की जिसमें डिजिटल स्वास्थ्य सूचना प्रणाली की मज़बूती एवं इंटरऑपरेबिलिटी और डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकों की न्यायसंगत उपलब्धता शामिल हैं. उन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य पर WHO की गाइडलाइन का भी स्वागत किया और डिजिटल स्वास्थ्य को लेकर वैश्विक रणनीति की उम्मीद जताई.
सऊदी अरब की अध्यक्षता के दौरान कोविड-19 महामारी की वजह से डिजिटल स्वास्थ्य और भी महत्वपूर्ण बन गया. स्वास्थ्य मंत्रियों ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) को बढ़ावा देने और SDG 3 के मामले में प्रगति को तेज़ करने के लिए डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस की क्षमता को मान्यता दी. उन्होंने इस बात पर गौर किया कि स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान डिजिटल हेल्थ एक बुनियादी औज़ार है और इसे स्वास्थ्य सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर का एक प्रमुख घटक बनाने का नतीजा अधिक कार्यक्षमता, सुरक्षित संवाद और बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के रूप में निकल सकता है. उन्होंने एक डिजिटल हेल्थ टास्क फोर्स बनाने का समर्थन किया जो डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस के इस्तेमाल के लिए सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों एवं रणनीतियों को साझा करने के उद्देश्य से एक रिपोर्ट लेकर आया. उन्होंने एक डिजिटल हेल्थ गाइडिंग फ्रेमवर्क फॉर इनोवेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (इनोवेशन और परिवर्तन के लिए डिजिटल स्वास्थ्य मार्गदर्शन की रूप-रेखा) तैयार करने की भी मांग की. मंत्रियों ने स्वास्थ्य में मूल्य (वैल्यू) बेहतर बनाने के लिए ग्लोबल इनोवेशन हब (वैश्विक इनोवेशन केंद्र या GIH) की स्थापना का भी समर्थन किया.
इटली की अध्यक्षता के दौरान स्वास्थ्य मंत्रियों ने ध्यान दिया कि डिजिटल स्वास्थ्य के एकीकरण और स्वास्थ्य सूचना प्रणाली में सुधार का महत्वपूर्ण लाभ हो सकता है. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस को इस तरह से अमल में लाना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों (पर्सनल हेल्थ डेटा) की रक्षा की जा सके. इंडोनेशिया की अध्यक्षता के दौरान UHC और दूसरे SDG को हासिल करने में मदद के लिए डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस के महत्व पर ज़ोर दिया गया और मंत्रियों ने वैश्विक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल पर भी चर्चा की.
पिछले दिनों भारत की अध्यक्षता के दौरान हेल्थकेयर सिस्टम को मज़बूत करने में डिजिटल हेल्थ की अहमियत और UHC को हासिल करने में इनोवेटिव तकनीकों की क्षमता पर ध्यान दिया गया. मंत्रियों ने एक-दूसरे से जुड़ी डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली की सहायता के लिए मौजूदा पहल के बीच तालमेल के महत्व को भी उजागर किया. उन्होंने ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन डिजिटल हेल्थ (डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल या GIDH) की स्थापना के लिए WHO के प्रयासों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई.
नेताओं के स्तर पर चर्चा
जापान की अध्यक्षता के दौरान G20 के नेता डिजिटल और दूसरी इनोवेटिव तकनीकों समेत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के इनोवेशन के माध्यम से स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध बने रहे. इसी तरह सऊदी अरब की अध्यक्षता के तहत G20 के नेताओं के असाधारण (एक्स्ट्राऑर्डिनरी) शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ डिजिटल तकनीकों का फायदा उठाने का वादा किया. नेताओं ने GIH की स्थापना का भी स्वागत किया. इटली की अध्यक्षता के दौरान नेताओं ने डिजिटल और स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी तकनीकों में इनोवेशन बढ़ाने का वादा किया. इंडोनेशिया की अध्यक्षता के दौरान नेताओं ने भरोसेमंद वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य नेटवर्क बनाने के लिए तालमेल का भरोसा दिया. भारत की अध्यक्षता के दौरान नेताओं ने GIDH की स्थापना का स्वागत किया.
दूसरे नतीजे
जैसा कि ऊपर बताया गया है, G20 ने कई रिपोर्ट और पहल का स्वागत किया है.
WHO के द्वारा “स्वास्थ्य प्रणाली की मज़बूती के लिए डिजिटल हस्तक्षेप पर सिफारिशों” की गाइडलाइन का जापान की अध्यक्षता के दौरान स्वास्थ्य मंत्रियों ने स्वागत किया. ये गाइडलाइन डिजिटल स्वास्थ्य पर साक्ष्यों के बारीक मूल्यांकन का नतीजा है और डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेप करते हुए सोच-समझकर फैसले लेने की सिफारिश मुहैया कराती है.
दस्तावेज़ का मक़सद सबके लिए स्वास्थ्य के विज़न को पूरा करने के उद्देश्य से अलग-अलग हितधारकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य के प्रयोग को मज़बूत करना है.
जापान की अध्यक्षता के दौरान नेताओं ने डिजिटल स्वास्थ्य 2020-2025 के लिए वैश्विक रणनीति पर नज़र डाली. इस दस्तावेज़ का उद्देश्य डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस को बढ़ावा देकर दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना है. साथ ही स्वास्थ्य एवं कल्याण और SDG 3 की प्रगति को तेज़ करने के लिए स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़ों का इस्तेमाल करना है. दस्तावेज़ का मक़सद सबके लिए स्वास्थ्य के विज़न को पूरा करने के उद्देश्य से अलग-अलग हितधारकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य के प्रयोग को मज़बूत करना है.
सऊदी अरब की अध्यक्षता के दौरान G20 डिजिटल हेल्थ टास्कफोर्स के द्वारा महामारी से निपटने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य कार्यान्वयन दृष्टिकोण (डिजिटल हेल्थ इम्प्लीमेंटेशन अप्रोच) पर G20 रिपोर्ट लॉन्च की गई थी. डिजिटल स्वास्थ्य पर ये पहली G20 रिपोर्ट थी और इसमें किसी स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस के इस्तेमाल के लिए प्रस्तावित कदमों और सिफारिशों के बारे में बताया गया था. इस रिपोर्ट ने G20 के देशों को अपना डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस तैयार करने के लिए एक ब्लूप्रिंट मुहैया कराया. इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सऊदी G20 डिजिटल स्वास्थ्य सचिवालय ने एक और दस्तावेज़ जारी किया जिसमें महामारी से निपटने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य रणनीतियों की भूमिका को उजागर किया गया था.
GIH की स्थापना भी सऊदी अरब की अध्यक्षता के दौरान पांच साल के कार्यकाल के साथ एक स्वैच्छिक पहल के रूप में की गई थी. इसे एक जानकारी वाली संस्था (नॉलेज बॉडी) के रूप में बनाया गया है जिसका उद्देश्य उन दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालना है जो स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक लचीला एवं उत्तरदायी बना सकते हैं और UHC के लक्ष्य में मदद कर सकते हैं. GIH जानकारी जुटाता और साझा करता है, मौजूदा अध्यक्ष देशों के साथ भागीदारी करता है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों का समर्थन एवं नीति बनाने में जानकारी मुहैया कराता है.
GIDH विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा चलाए जा रहे नेटवर्कों का एक अनौपचारिक नेटवर्क है जिसका उद्देश्य ग्लोबल स्ट्रेटजी ऑन डिजिटल हेल्थ 2020-2025 पर अमल को आसान बनाना और सदस्य देशों के द्वारा डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस के उपयोग में मदद करके UHC की स्थिति हासिल करने में समर्थन देना है. इसमें ये परिकल्पना की गई कि G20 के सदस्य देश GIDH की सहायता के लिए राजनीतिक, वित्तीय और तकनीकी समर्थन प्रदान करेंगे. हालांकि GIDH के तहत G20 देशों को ऐसी कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई.
G20 में डिजिटल हेल्थ का भविष्य
सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सूचना के अनुसार ब्राज़ील की अध्यक्षता के दौरान हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) “टेलीहेल्थ के विस्तार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों से डेटा के एकीकरण और विश्लेषण के लिए डिजिटल हेल्थ” और GIDH पर ध्यान केंद्रित करेगा. HWG के एजेंडे में निरंतरता प्रशंसा के योग्य है और ये देखना दिलचस्प होगा कि अगले साल डिजिटल स्वास्थ्य पर संवाद का विस्तार कैसे होता है.
टेलीहेल्थ पर विशेष ध्यान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के डेटा के एकीकरण एवं विश्लेषण के साथ ये देखना दिलचस्प होगा कि डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (DEWG) और HWG- दोनों में मौजूद सामान्य चीज़ों (ओवरलैप) का समाधान कैसे होगा. सीमा पार डेटा का फ्लो, प्राइवेसी की चिंताएं और डेटा की सुरक्षा जैसे मुद्दे DEWG के दायरे में आएंगे और HWG के पास शायद इन मुद्दों से निपटने की विशेषज्ञता नहीं है. ये देखना भी दिलचस्प होगा कि G20 कैसे GIDH की मदद करने में सक्षम होगा.
बासु चंदोला ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में एसोसिएट फेलो हैं.
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