Published on Nov 23, 2020 Updated 0 Hours ago

ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूके के बाद, लेकिन स्वीडन से एक दिन पहले, चेक गणराज्य की एक छोटी सी कंपनी ने अपने 5जी क्रियान्वयन में चीनी कंपनियों को ख़ारिज कर दिया है.

चेक गणराज्य की निजी कंपनी CETIN ने हुआवेई को ख़ारिज कर वह कर दिखाया जो उसकी सरकार नहीं कर पाई

जब सरकारें अनिच्छा का शिकार होती हैं या कड़े फ़ैसले लेने में असमर्थ हों, तो निजी कंपनियां ‘नो-हुआवेई’ (no-Huawei) का नंबर डायल करती हैं. ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूके के बाद, लेकिन स्वीडन से एक दिन पहले, चेक गणराज्य की एक छोटी सी कंपनी ने अपने 5जी क्रियान्वयन में चीनी कंपनियों को ख़ारिज कर दिया है. 19 अक्टूबर 2020 को जारी किए गए एक बयान में, देश के सबसे बड़े नेटवर्क ऑपरेटर ‘शैटिन’ (CETIN) ने कहा कि वह अगली पीढ़ी के 5जी नेटवर्क के निर्माण के लिए स्वीडन की कंपनी ‘एरिक्सन’ का उपयोग करेगी. दूसरे शब्दों में कहें तो, यह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन या स्वीडन की तरह राज्य के नेतृत्व में लगाया गया प्रतिबंध नहीं है. यह ‘शैटिन’ के बोर्डरूम में लिया गया एक निर्णय है- और एक ऐसा निर्णय जिसकी तर्ज पर विश्व के कई अन्य बोर्ड बातचीत करेंगे. यह मुख्य़ रूप से संचार प्रौद्योगिकी के बदलते राजनीतिक परिदृश्य और आंशिक रूप से चीनी कंपनियों के ख़िलाफ़, संभावित लेकिन अपरिहार्य प्रतिक्रियाओं के कारण हुआ है.

यह ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन या स्वीडन की तरह राज्य के नेतृत्व में लगाया गया प्रतिबंध नहीं है. यह ‘शैटिन’ के  बोर्डरूम में लिया गया एक निर्णय है

अमेरिका के नेतृत्व वाली भू-राजनीति, जिसके आगे यूरोपीय संघ भी आज नहीं तो कल घुटने टेक देगा, संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बदलते राजनीतिक परिदृश्य के लिए ज़िम्मेदार है. ‘शैटिन’ का नेटवर्क देश की 99.6% आबादी तक फैला हुआ है और इस फ़ैसले ने उसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील कंपनी बना दिया है, जिसकी हर चाल, हर कार्य और हर निविदा को अब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा जांचा जाएगा और उस पर कड़ी नज़र रखी जाएगी.

‘शैटिन’ का नेटवर्क देश की 99.6% आबादी तक फैला हुआ है और इस फ़ैसले ने उसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील कंपनी बना दिया है, जिसकी हर चाल, हर कार्य और हर निविदा को अब लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा जांचा जाएगा और उस पर कड़ी नज़र रखी जाएगी. 

चीन और उसकी निजी कंपनी हुआवेई (Huawei) के प्रति बढ़ते अविश्वास को देखते हुए, यह ‘शैटिन’ के लिए एक संभावित आपदा हो सकती है. इसके अलावा, ‘शैटिन’ पीपीएफ (PPF) समूह का हिस्सा भी है, जिसके पास 56 बिलियन डॉलर की संपत्ति है, और यह 24 देशों में दूरसंचार, जैव प्रौद्योगिकी और रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करता है. यही वजह है कि चेक गणराज्य के बाहर, दूसरे भौगोलिक क्षेत्रों में और दूरसंचार से इतर उसके दूसरे व्यवसायों पर इसका असर पड़ सकता है.

निजी कंपनियों के लिए चीन बना ‘जोख़िम’

सरकारी तंत्रों के बीच संबंध और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के आदान प्रदान यानी G2G (Government to government) के विपरीत, जहां चेक गणराज्य को बीजिंग के ख़िलाफ़, वाशिंगटन के रुख का मूल्यांकन करना पड़ता और इसे एक बड़े भू-राजनीतिक घटक के रूप में देखने की आवश्यकता होती, एक निजी फर्म अपने विक्रेताओं को नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है. यहां, सभी प्रमुख कंपनियों के लिए चीन एक नया जोखिम है. शी जिनपिंग और उनकी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी किस बिंदु पर उन देशों के ख़िलाफ़ कोई क़दम उठाएगी, जहां कंपनियां अब काम कर रही हैं, यह अब चीन के लिए नया खेल है.

यहां, सभी प्रमुख कंपनियों के लिए चीन एक नया जोख़िम है. शी जिनपिंग और उनकी चीनी कम्यनिस्ट पार्टी किस बिंदु पर उन देशों के ख़िलाफ़ कोई क़दम उठाएगी, जहां कंपनियां अब काम कर रही हैं, यह अब चीन के लिए नया खेल है. 

सैन्य और व्यापार से लेकर निवेश और प्रौद्योगिकी तक, सब कुछ अब एक हथियार के रूप में देखा जाता है. ये सभी चीन के 2017 के राष्ट्रीय खुफ़िया कानून (National Intelligence Law) से प्रेरित है, जिसके चार अनुच्छेदों (7, 9, 12 और 13) ने हर संस्थान, कंपनी और नागरिक को एक जासूस (विस्तृत पेपर यहां पढ़ें) में बदल दिया है. अंतत: जोखिम अकेले ‘शैटिन’ के लिए नहीं है. इसकी मुख्य कंपनी पीपीएफ समूह के अन्य देशों में चल रहे व्यवसायों के साथ-साथ भी जोखिम होगा. यह इस जोख़िम के कम करने का दृष्टिकोण ही है कि ‘शैटिन’ ने हुआवेई को छोड़ा है, और ‘एरिक्सन’ को अपनाया है. मोटे तौर पर, ‘शैटिन’ वही कर रहा है, जो हर दूसरी कंपनी करेगी: व्यापार, शेयरधारकों और ग्राहकों के पक्ष में कठोर निर्णय लेना- ऐसे निर्णय जो कभी-कभी सरकारें नहीं ले सकती हैं.

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