चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर विशेष आर्थिक क्षेत्र (स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन या SEZ) दक्षिणी चीन सागर (SCS) के साथ एक गहरा संबंध साझा करते हैं. ये संबंध आर्थिक सोच-विचार से परे है और इसका विस्तार भू-राजनीति, रणनीति और तकनीक़ी इनोवेशन के क्षेत्र तक है. इस महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र में इन SEZ की सामरिक स्थिति उनकी सफलता के लिए मददगार है और चीन की व्यापक आर्थिक एवं समुद्री रणनीति में उनके महत्व को रेखांकित करती हैं.
पिछले कुछ दशकों के दौरान चीन के आर्थिक कायापलट को तेज़ करने में SEZ ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ये दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे के पीछे एक महत्वपूर्ण ताकत है.
यह SEZ चीन के आर्थिक सुधार और खुलेपन की नीति का बुनियादी पहलू है और इसने आर्थिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण प्रयोगशाला के तौर पर काम किया है. इनका उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना, तकनीक़ी आधुनिकता को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना है. 70 के दशक के अंत में इन SEZ की स्थापना चीन की कठोर केंद्रीय स्तर की अर्थव्यवस्था की योजना से महत्वपूर्ण रूप से हटकर थी और शुरुआत में इन्हें पायलट प्रोजेक्ट या प्रयोग के क्षेत्र के तौर पर तैयार किया गया था जिसका मकसद आधुनिक पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं के बारे में समझ हासिल करना था. चीन के सभी चार शुरुआती SEZ दक्षिण चीन के तट पर स्थित थे जिन्होंने व्यापार के प्रमुख रूट तक पहुंच आसान बना दी जिनमें दक्षिणी चीन सागर में मौजूद रूट भी शामिल थे. पिछले कुछ दशकों के दौरान चीन के आर्थिक कायापलट को तेज़ करने में SEZ ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ये दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे के पीछे एक महत्वपूर्ण ताकत है. समुद्र में क्षेत्र के दावे और अधिकार जहां दक्षिण चीन सागर में चीन के आगे बढ़ने को लेकर बातचीत का एक हिस्सा हैं, वहीं SCS और मलक्का स्ट्रेट के जाम वाले हिस्से से गुज़रने वाली समुद्री लेन पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के बारे में दलीलें इन SEZ की रक्षा से जटिल तौर पर जुड़ी है.
SCS की सीमा से मिलते बड़े SEZ
चीन के दक्षिण-पूर्वी तट पर SCS में व्यापार के रूट SEZ के लिए प्रमुख महत्व के हैं. ये रूट इन SEZ की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले सामानों, संसाधनों और कच्चे माल के आवागमन के लिए महत्वपूर्ण रास्ते के तौर पर काम करते हैं. तटों के पास रणनीतिक तौर पर मौजूद शेंझेन, गुआंगझाऊ, शियामेन जैसे SEZ और हैनान द्वीप में स्थित SEZ की दुनिया के सबसे व्यस्त और सबसे अहम समुद्री व्यापार के रूट तक सीधी पहुंच है. ये भौगोलिक लाभ सामानों के अच्छी तरह से परिवहन, कम लागत और इन क्षेत्रों में बसे उद्योगों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में तब्दील होता है. सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण इस समुद्री रास्ते में SEZ का मौजूद होना ग्लोबल सप्लाई चेन में बुनियादी बिंदु के तौर पर काम करता है. वो मैन्युफैक्चरिंग, असेंबलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन की गतिविधियों के केंद्र के तौर पर काम करते हैं जिन्हें जटिलतापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के व्यापक ढांचे में शामिल किया गया है. SCS में अच्छी तरह से स्थापित बंदरगाह और शिपिंग की सुविधाएं वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ इन स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन के संपर्क को और बढ़ाती हैं.
इन SEZ को रणनीतिक तरीके से SCS की सीमा पर दक्षिण-पूर्व तट में स्थापित करके चीन ने न केवल काफी विदेशी निवेश आकर्षित किया है बल्कि इन इलाकों को बेहतरीन आर्थिक इंजन में भी बदल दिया है जहां इनोवेशन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है.
इस क्षेत्र में एक प्रमुख SEZ शेनझेन है जिसे अक्सर चीन के आर्थिक सुधार के मार्गदर्शक के तौर पर बताया जाता है. हॉन्ग कॉन्ग के पास होने की वजह से शेनझेन की सामरिक लोकेशन ने वैश्विक वित्तीय केंद्र के साथ साझा संबंध की सुविधा उपलब्ध कराई. इस नज़दीकी ने बिना किसी रुकावट के जानकारी, पूंजी एवं तकनीक के आदान-प्रदान की सुविधा दी, विकास की रफ्तार को तेज़ करते हुए तकनीक़ी तौर पर पावरहाउस बनाया और मैन्युफैक्चरिंग एवं इनोवेशन का एक केंद्र बनाया. शेनझेन के पास मौजूद गुआंगझाऊ शहर में एक और महत्वपूर्ण SEZ है. एक अच्छी तरह से स्थापित औद्योगिक केंद्र गुआंगझाऊ ने चीन की निर्यात केंद्रित आर्थिक रणनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाई है. पर्ल नदी के डेल्टा और SCS के पास इसकी रणनीतिक स्थिति ने इसे व्यापार एवं वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण द्वार बना दिया है और चीन के आर्थिक परिदृश्य में इसकी अहमियत और मज़बूत कर दी है.
तट से और पूरब की तरफ बढ़ने पर शियामेन और हैनान द्वीप में भी सामरिक महत्व के SEZ मौजूद हैं. ताइवान के पार स्थित शियामेन ने अपनी भौगोलिक नज़दीकी का फायदा उठाकर इस द्वीप के साथ मज़बूत व्यापार संपर्क स्थापित किए हैं. इस बीच एक फ्री ट्रेड पोर्ट के रूप में हैनान द्वीप का कायापलट SCS रीजन में आर्थिक गतिविधियों को तेज़ करने की चीन की महत्वाकांक्षा का एक सबूत है. इन SEZ की स्थापना और कामयाबी आर्थिक विकास को बढ़ाने में अपने समुद्री भूगोल का इस्तेमाल करने में चीन की कुशलता को रेखांकित करती है. इन SEZ को रणनीतिक तरीके से SCS की सीमा पर दक्षिण-पूर्व तट में स्थापित करके चीन ने न केवल काफी विदेशी निवेश आकर्षित किया है बल्कि इन इलाकों को बेहतरीन आर्थिक इंजन में भी बदल दिया है जहां इनोवेशन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है.
पहले के मुश्किल हालात में घिरे SCS में हैनान SEZ की नई योजना से हालात बिगड़ने के आसार
राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों के बावजूद हैनान SEZ चीन के दूसरे SEZ के साथ मुकाबला करने में नाकाम रहा है. फिर भी, हैनान फ्री ट्रेड पोर्ट (HFTP) को स्थापित करने की नई योजना, जिसका प्रस्ताव 2018 में सबसे पहले दिया गया था, व्यापक सुधारों और खुलेपन के साथ SEZ के विकास का भरोसा देती है. हैनान को 2025 तक दुनिया के सबसे बड़े फ्री ट्रेड पोर्ट में बदलने के पहले कदम के रूप में 2022 में HFTP को एक अलग कस्टम ज़ोन में बदल दिया गया. इसके अलावा HFTP को 11 शहरों (हॉन्ग कॉन्ग, मकाऊ, गुआंगझाऊ, शेनझेन, झुहाई, फोशान, झोंगशान, डोंगुआन, हुईझाऊ, जियांगमेन और झाओकिंग) के ग्रेटर बे एरिया के साथ जोड़ कर एक एकीकृत आर्थिक एवं व्यावसायिक केंद्र बनाने की योजना के साथ हैनान को एक क्षेत्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की भी योजना है. इसकी वजह ये है कि हैनान को चीन का हवाई द्वीप भी कहा जाता है.
ये देखते हुए कि चीन-आसियान संबंध HFTP की सफलता या नाकामी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, ऐसे में स्पष्ट रूप से SCS में चीन की गतिविधियां हैनान SEZ के लिए उसकी आर्थिक योजना से अलग दिखती हैं.
अपनी आर्थिक भूमिका के साथ हैनान प्रांत SCS को लेकर एक महत्वपूर्ण काम भी करता है. SCS के विवादित मुद्दों की देखरेख करने वाली सांशा सिटी हैनान प्रांत में स्थिति है और इसने तीन महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं– चीन के दावे और रवैये की ज़ोरदार वकालत, विवादों में चीन के हितों को सक्रिय आकार देना और SCS में चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने में रचनात्मक योगदान. हैनान द्वीप में चीन के प्रमुख सैन्य अड्डे भी मौजूद हैं और ये उसके दक्षिण सागर के बेड़े का हिस्सा हैं. ये द्वीप पिछले दिनों चीन के जासूसी वाले गुब्बारों को छोड़ने की जगह के रूप में भी सुर्खियों में रहा जिनमें से एक को अमेरिका ने इस साल फरवरी में मार गिराया. चीन गहरे समुद्र में रिसर्च का समर्थन करने के लिए सान्या में एक विशेष पोर्ट भी बना रहा है.
हैनान की भौगोलिक स्थिति की वजह से आसियान के सदस्य देश उसके लिए सबसे स्वाभाविक विदेशी साझेदार, निवेशक, भागीदार और पर्यटक बनने की ओर अग्रसर है. उम्मीद की जाती है कि हैनान आसियान के इंटरमीडियट उत्पादों (कच्चे माल) के साथ-साथ उपभोक्ता सामानों और सेवाओं के लिए भी एक बड़ा निर्यात बाज़ार बनेगा.
फिर भी, HFTP चीन के लिए दक्षिण चीन में भू-राजनीतिक स्थिति को मुश्किल बनाएगा क्योंकि हाल के वर्षों में SCS में न सिर्फ वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और यहां तक कि इंडोनेशिया के साथ अप्रिय घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है बल्कि ये देश और एक संगठन के रूप में आसियान SCS पर चीन के दावे के ख़िलाफ़ तेज़ी से मुखर हो रहे हैं. इस तरह की हाल की कुछ घटनाओं में चीन के द्वारा नाइन डैश लाइन की जगह 10 डैश लाइन दिखाने वाला नक्शा जारी करना शामिल है. इस तरह चीन ने SCS में अपने समुद्री क्षेत्र का सीमांकन किया है. इसके अलावा चीन के कोस्ट गार्ड के एक जहाज़ का फिलीपींस के एक जहाज़ के साथ टकराने की स्थिति में पहुंच जाना और अमेरिका एवं फिलीपींस के द्वारा साझा नौसैनिक अभ्यास जैसी घटनाएं भी शामिल हैं. इनमें से कोई भी घटना नई गतिविधि नहीं है बल्कि विवादित SCS में बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ये तो समय ही बताएगा कि HFTP चीन और आसियान के बीच नज़दीकी आर्थिक संबंधों में योगदान करता है या हालात कमोबेश उसी तरह बने रहते हैं जैसे कि वर्तमान समय में हैं. ये देखते हुए कि चीन-आसियान संबंध HFTP की सफलता या नाकामी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, ऐसे में स्पष्ट रूप से SCS में चीन की गतिविधियां हैनान SEZ के लिए उसकी आर्थिक योजना से अलग दिखती हैं.
प्रत्नाश्री बासु ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में एसोसिएट फेलो हैं.
एशिकी चौधरी ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में इंटर्न हैं.
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