Author : Chenchen Chen

Published on Nov 09, 2020 Updated 0 Hours ago

कोविड-19 के बाद के युग में औद्योगिक बदलाव की तरफ़ समझदारी से ले जाना, बहुराष्ट्रीय औद्योगिक और वैश्विक चेन में तेज़ होते रणनीतिक मुक़ाबले के “न्यू नॉर्मल” के साथ रहना, साथ ही स्वस्थ क्षेत्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देना चीन की अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौतियां होगीं.

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को लेकर तेज़ होते रणनीतिक मुक़ाबले में चीन के लिए रास्ता

कोविड-19 का सामाजिक-आर्थिक नुक़सान पूरी दुनिया में फैलने के बाद एक प्रमुख मुद्दा बन गया है बहुराष्ट्रीय सप्लाई चेन की सुरक्षा. इसके साथ वैश्वीकरण की रफ़्तार और महामारी के बाद महाशक्तियों के संबंध को लेकर भी गहरी चिंता जताई जा रही है.

कोविड-19 के प्रकोप के नतीजे के तौर पर नुक़सान की पहली लहर का सामना कंपनियों के सप्लाई चेन को करना पड़ रहा है. चीन दुनिया में सामानों का सबसे बड़ा निर्यातक और उत्पादन केंद्र है लेकिन वुहान में लॉकडाउन और चीन के दूसरे कई शहरों में लेवल-1 इमरजेंसी के फ़ौरन बाद कंपनियों को उत्पादन बंद करना पड़ा. इसकी वजह से निर्यात पर असर पड़ा. इटली और दक्षिण कोरिया में परिवहन और औद्योगिक उत्पादन बंद करने के साथ-साथ दहशत भी फैली. इटली में जहां दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण टेक्सटाइल और फ़ैशन गारमेंट का उत्पादन और डिज़ाइन केंद्र है वहीं दक्षिण कोरिया एशिया में मध्यम और उच्च स्तरीय सेमीकंडक्टर कंपोनेंट का उत्पादन केंद्र है. मार्च के मध्य तक 30 से ज़्यादा देशों ने राष्ट्रीय आपातकाल का एलान किया जिसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन का नुक़सान और ज़्यादा बढ़ गया. दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता सामान के बाज़ार अमेरिका में लॉकडाउन और मांग में अचानक कमी की वजह से दुनिया भर के उत्पादकों को नुक़सान का सामना करना पड़ा.

आज जब हम रणनीतिक शक्ति के मुक़ाबले की बात करते हैं तो ये सैन्य मुक़ाबले की बात कम और औद्योगिक मुक़ाबले की बात ज़्यादा होती है. ख़ुद को वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन में आगे रखने का अभूतपूर्व महत्व हो गया है. 

हालांकि, सिर्फ़ ये अल्पकालीन नुक़सान ग्लोबल सप्लाई चेन में मूलभूत बदलाव लाने के लिए काफ़ी नहीं हैं. लेकिन ये मौजूदा बदलते बहुराष्ट्रीय सप्लाई चेन की रफ़्तार पर लादे गए हैं. इस तरह 1950 के बाद ये अभूतपूर्व बदलाव है.

इतिहास की तरफ़ देखें तो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उदय और उनके उत्पादन के अंतर्राष्ट्रीयकरण ने 20वीं सदी के आख़िरी 50 सालों से दुनिया भर में सामान की सप्लाई बढ़ा दी है. कच्चे माल की ख़रीद के वैश्विक नेटवर्क, फिर उनका तैयार सामान में बदलना और आख़िर में उपभोक्ताओं के हाथ में सामान की बिक्री ने मज़बूती से आर्थिक वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया. इस प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और श्रम के बंटवारे का पैटर्न अलग-अलग देशों के हिसाब से तय होता है. ये भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है कि आज जब हम रणनीतिक शक्ति के मुक़ाबले की बात करते हैं तो ये सैन्य मुक़ाबले की बात कम और औद्योगिक मुक़ाबले की बात ज़्यादा होती है. ख़ुद को वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन में आगे रखने का अभूतपूर्व महत्व हो गया है.

दुनिया भर की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपनी औद्योगिक और सप्लाई चेन की रणनीति को कोविड-19 से पहले ही सुधारना शुरू कर दिया था और महामारी के प्रकोप के बाद भी उन्होंने नीतियों को जारी रखा. इसका मतलब है वैश्विक औद्योगिक चेन में अपनी फ़ायदेमंद स्थिति को पकड़ कर रखना और सप्लाई चेन और राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी देना. उदाहरण के लिए, ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी इतिहास में 18वीं सदी के बाद पहली बार अभूतपूर्व ढंग से व्यापक औद्योगिक नीतियां जारी की हैं जिनका मक़सद पूरे वैश्विक औद्योगिक चेन पर सीधा नियंत्रण, श्रम प्रधान उद्योगों को शुरू करना, पूंजी आधारित उद्योगों को बरकरार रखना और आधुनिक तकनीक वाले उद्योगों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), अत्याधुनिक उत्पादन, क्वांटम इन्फॉर्मेशन साइंस और 5जी में पूरी तरह दबदबा बनाए रखना है. 2017 से अमेरिका ने सप्लाई चेन को बेहतर बनाने के लिए भी कई रणनीतियां बनाई हैं ख़ास तौर से रक्षा क्षेत्र में.

बहुराष्ट्रीय सप्लाई चेन पर कोविड-19 का अल्पकालीन असर महामारी के बाद पलटा जा सकता है लेकिन वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन की तेज़ होती रेस महाशक्तियों के बीच रणनीतिक मुक़ाबले का सबसे ज़रूरी पहलू बना रहेगा. 

यूरोप में यूके अपनी दीर्घकालीन और व्यापक सप्लाई चेन रणनीति इनोवेशन आधारित सप्लाई चेन के विकास पर केंद्रित कर रहा है ताकि उत्पादन फ़ायदों को आगे कर सके. साथ ही SME को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए वित्तीय समर्थन और औद्योगिक सहयोग भी दे रहा है. जर्मनी में तकनीकी उपायों पर ज़ोर दिया जा रहा है ताकि उसके सप्लाई चेन की सक्षमता और सुरक्षा की गारंटी दी जा सके. कोविड-19 की वजह से जो अनिश्चितता आई है, उसे देखते हुए जर्मनी की कंपनियों पर विदेशी पूंजी की मदद से कब्ज़ा करने को रोकने के लिए भी कई क़दम उठाए गए हैं.

बहुराष्ट्रीय सप्लाई चेन पर कोविड-19 का अल्पकालीन असर महामारी के बाद पलटा जा सकता है लेकिन वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन की तेज़ होती रेस महाशक्तियों के बीच रणनीतिक मुक़ाबले का सबसे ज़रूरी पहलू बना रहेगा. चीन और अमेरिका के संबंध को मिसाल के तौर पर लीजिए. मौजूदा अमेरिका-चीन रणनीतिक मुक़ाबला एक रेस है जिसमें एक तरफ़ अमेरिका है जो पूरी सप्लाई चेन पर अपने दबदबे को फिर से पाने की कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ़ चीन औद्योगिक रूप से आगे बढ़ रहा है. 40 साल के सुधार और विश्व के लिए खुलने के बाद चीन ने अब पूरी तरह से श्रम प्रधान या संसाधन प्रधान विकास पर निर्भर रहने का तरीक़ा छोड़ दिया है और वैश्विक औद्योगिक चेन में आगे की तरफ़ बढ़ा है. इसकी वजह से न सिर्फ़ चीन की अर्थव्यवस्था की मूलभूत संरचना में बदलाव आया है बल्कि रणनीतिक शक्ति के मुक़ाबले में ये “न्यू नॉर्मल” बन गया है.

महामारी के प्रकोप के बाद अमेरिका के राजनेताओं ने महामारी को बहुराष्ट्रीय सप्लाई चेन में “चीन मुक्त” करने की परीक्षा के तौर पर दिखाया और ज़ोर दिया कि कोरोना वायरस की वजह से उत्तरी अमेरिका में नौकरियों की वापसी की रफ़्तार में तेज़ी लाने में मदद मिलेगी. कोविड-19 के बाद के युग में औद्योगिक बदलाव की तरफ़ समझदारी से ले जाना, बहुराष्ट्रीय औद्योगिक और वैश्विक चेन में तेज़ होते रणनीतिक मुक़ाबले के “न्यू नॉर्मल” के साथ रहना, साथ ही स्वस्थ क्षेत्रीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देना चीन की अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौतियां होगीं.

चीन के सामने कई बुनियादी काम हैं. इनमें सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम है वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी अनुकूल स्थिति की फिर से पहचान करना और महामारी की वजह से जो सामाजिक-आर्थिक नुक़सान हुए हैं, उनसे जल्द उबरने के मौक़ों को थामना ताकि अपने संसाधनों की ताक़त को झोंक कर वैश्विक मांग को पूरा कर सके. इस मामले में चीन के पास स्थायी और सक्षम सामाजिक-आर्थिक माहौल, पूरी तरह औद्योगिक सिस्टम, समृद्ध बौद्धिक संसाधन, तेज़ और आरामदायक लॉजिस्टिक और विशाल घरेलू बाज़ार जैसे फ़ायदे हैं. हालांकि, चीन सस्ते श्रम की भरमार का फ़ायदा खोता जा रहा है लेकिन अलग-अलग संसाधनों के फ़ायदों की पहचान कर उनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है.

जब तक चीन दुनिया को अच्छी क्वालिटी और कम दाम के उत्पाद मुहैया कराने में सक्षम रहेगा, वो दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ क़रीबी तौर पर जुड़ा रहेगा और वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन में उसकी स्थिति और महत्वपूर्ण हो जाएगी. 

दूसरी बात ये कि तकनीकी इनोवेशन को और मज़बूत किया जा सकता है. ग्लोबल वैल्यू चेन डेवलपमेंट रिपोर्ट 2019 के मुताबिक़ चीन परंपरागत व्यापार और साधारण वैश्विक वैल्यू चेन नेटवर्क में सप्लाई और डिमांड केंद्र के तौर पर ज़्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ज़रूरत इस बात की है कि चीन क्रांतिकारी मौक़ों, ख़ास तौर से डिजिटल अर्थव्यवस्था में, का फ़ायदा उठाकर नये औद्योगिक तौर-तरीक़ों की रचना करे और अपने उद्योगों को मुक़ाबले के लिए और तैयार करे. जब तक चीन दुनिया को अच्छी क्वालिटी और कम दाम के उत्पाद मुहैया कराने में सक्षम रहेगा, वो दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ क़रीबी तौर पर जुड़ा रहेगा और वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन में उसकी स्थिति और महत्वपूर्ण हो जाएगी.

आख़िरी लेकिन अहम बात, चीन को सीमा पार सहकारी औद्योगिक पार्क के निर्माण को मज़बूत करना चाहिए. 30 जुलाई, 2020 को चीन कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी पॉलिटिकल ब्यूरो की मीटिंग, जिसमें उम्मीद की जा रही थी कि 2020 के बाक़ी महीनों के लिए आर्थिक काम और आने वाली 14वीं पंचवर्षीय योजना के लिए संकेत दिए जाएंगे, में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने के लिए “लंबी लड़ाई लड़ने” की ज़रूरत और अनिश्चितताओं के बीच उच्च क्वालिटी के विकास पर रणनीतिक ध्यान बनाए रखने पर ज़ोर दिया गया. आर्थिक लचीलेपन और टिकाऊ विकास के लिए “दोहरे प्रसार” के एक नये पैटर्न का प्रस्ताव दिया गया है जिसका मतलब है घरेलू बाज़ार को मुख्य आधार रखना और साथ में घरेलू और विदेशी बाज़ार के बीच बेहतर संपर्क की सुविधा मुहैया कराना. “दोहरे प्रसार” के विकास के पैटर्न को हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण खंभा है विदेशों में उच्चस्तरीय औद्योगिक पार्क का निर्माण करना जो चीन की समझदारी और अनुभव को साझेदार देशों के साथ इकट्ठा करे. इससे महामारी की वजह से अंतर्राष्ट्रीय उत्पादन क्षमता को लेकर सहयोग पर जो चोट लगी है, उससे उबरने में मदद मिलेगी. इससे चीन की और ज़्यादा कंपनियों के पूरी दुनिया में फैलने और विदेशी कंपनियों के आने का दोहरा लक्ष्य पूरा होगा जो कोविड-19 के बाद के दौर में वैश्विक सप्लाई चेन में आपसी सद्भाव पैदा करेगा.

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.