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किसी भी सिद्धांत या कानूनी नियमों से परे, शी जिनपिंग और उनकी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) पूरी तरह से भ्रमित प्रतीत होते हैं.
स्टॉकहोम द्वारा 5जी नेटवर्क के शुरुआती क्रियान्वयन में चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बीजिंग की हालिया प्रतिक्रिया, विदेशी नीति की दृष्टि से बेहद उबाऊ है, यानी- अनुमानित, जर्जर और आश्चर्यजनक. किसी भी सिद्धांत या कानूनी नियमों से परे, शी जिनपिंग और उनकी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) पूरी तरह से भ्रमित प्रतीत होते हैं. एक के बाद एक राष्ट्र, चीन के घुसपैठिया स्वभाव और PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के जवाब में चीनी कंपनियों को लेकर सुरक्षात्मक रवैया अपना रहे हैं. चीनी कंपनियों के सामने यह सुरक्षा बाधाएं, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा National Intelligence Law यानी राष्ट्रीय खुफ़िया कानून के बढ़ते तंत्र को लेकर खड़ी की जा रही हैं, क्योंकि यह कानून, चीनी फर्मों से लेकर नागरिकों तक को जासूसों में बदल रहा है. ऐसे में बीजिंग की प्रतिक्रिया अब पलटवार की होगी, इस बात की पूरी अपेक्षा है. यानी अगर आप हुआवेई (Huawei) पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो चीन आपकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा.
यह कानून, चीनी फर्मों से लेकर नागरिकों तक को जासूसों में बदल रहा है. ऐसे में बीजिंग की प्रतिक्रिया अब पलटवार की होगी, इस बात की पूरी अपेक्षा है.
दुर्भाग्य से दुनिया अब शी जिनपिंग के इस खोखले ख़तरे के लिए तैयार है. खुले व्यापार और निवेश के माहौल की बात करें तो, जब चीन वैश्विक तकनीक और मीडिया कंपनियों को अपनी सीमाओं में नहीं आने देता है, तो चीन की यह भभकी पूरी तरह अर्थहीन है. शी जिनपिंग के अधीन, चीन पूरी तरह उच्चश्रृंखल राष्ट्र (rogue nation) बन गया है, जो पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के समकक्ष है. वो देश जो चीन के ग्राहक राज्यों के रूप में अपनी संप्रभु प्रतिमाओं का पहले ही अवमूल्यन कर रहे हैं. ऐसे समय में जब चीन को इस समस्या को सुलझाने की दिशा में कारगर क़दम उठाने चाहिए, और शांति स्थापना की ओर अग्रसर होना चाहिए, तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, अतीत में उलझी है, जो पहले ही हाथों से निकल चुका है.
ऐसे समय में जब चीन को इस समस्या को सुलझाने की दिशा में कारगर क़दम उठाने चाहिए, और शांति स्थापना की ओर अग्रसर होना चाहिए, तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, अतीत में उलझी है, जो पहले ही हाथों से निकल चुका है.
ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, यूके, चेक गणराज्य और स्वीडन के बाद, अब और देश भी 5जी की नीलामी और रोलआउट से हुआवेई और ज़ेडटीई (ZTE) की घातक जोड़ी पर प्रतिबंध लगाएंगे. जैसे ही वे ऐसा करते हैं, चीन अपनी पुरानी चिरपरिचित रणनीति के तहत: धमकी और अपील का रास्ता अपनाएगा. चीन की हालिया प्रतिक्रियाओं का एक नमूना है:
चीन ने तकनीकी घुसपैठ का इस्तेमाल कर, अपने लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को स्वयं मुद्द बनाया है. भले ही 5जी घुसपैठ ‘चीन के सम्राट’ का विराट राजनीतिक क़दम हो, लेकिन इस तरह के दोगलेपन और अपनी आक्रामकता पर पर्दा डालने की चीन की कार्रवाई और रणनीति के दिन अब लद चुके हैं. जैसा कि अगले कुछ महीनों में सामने आएगा, एक के बाद एक राष्ट्र, चीनी तकनीक से सामने ‘नो-एंट्री’ का बोर्ड लगाएंगे.
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Gautam Chikermane is Vice President at Observer Research Foundation, New Delhi. His areas of research are grand strategy, economics, and foreign policy. He speaks to ...
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