Published on Aug 17, 2018 Updated 0 Hours ago

क्या आप चाहते हैं कि आपकी नौकरी को कोई खतरा नहीं रहे? तो मशीन लर्निंग को अपनाएं। ऐसा कर के आप अपने उन सहकर्मियों से आगे रहेंगे जो इसे उपेक्षित कर रहे हैं। यह कह रहे हैं एरिक ब्रिन्योल्फसन। वे एमआईटी इनिशिएटिव ऑन डिजिटल इकॉनामी के निदेशक हैं और एमआईटी स्लोन स्कूल में प्रोफेसर हैं। उन्होंने ऑटोमेशन के उदय, कार्य के भविष्य और मशीन लर्निंग के लिए बेहद अनुकूल व्यापारिक प्रक्रिया को ऑटोमेट नहीं करने वाली कंपनियों के सामने डिजिटल अर्थव्यवस्था में मौजूद खतरों आदि पर विस्तार से बात की है।

“मशीन लर्निंग का उपयोग जानने वाले प्रबंधक, उन प्रबंधकों की जगह ले लेंगे जिन्हें यह नहीं आता” – एरिक ब्रिन्योल्फसन

ब्रिन्योल्फसन व्हाईट हाउस एआई सेलेक्ट कमेटी में शामिल हैं, जिसकी घोषणा इस साल अमेरिकी सरकार के एआई सम्मेलन के दौरान की गई थी। उनका शोध कारोबारी रणनीति, उत्पादकता और कार्यप्रदर्शन, डिजिटल कारोबार और अप्रत्यक्ष संपत्ति पर सूचना तकनीक के प्रभाव का आकलन करता है। एमआईटी में, वे सूचना के अर्थशास्त्र और एनालिटिक्स लैब से जुड़े पाठ्यक्रमों को पढ़ाते हैं।

ब्रिन्योल्फसन आईटी के उत्पाकता संबंधी योगदान और सांगठनिक पूंजी व अन्य अप्रत्यक्ष प्रभावों से जुड़ी सहायक भूमिका का आकलन करने वाले प्रारंभिक शोधार्थियों में से हैं। उनके शोध ने पहली बार ऑनलाइन प्रोडक्ट वेराइटी का मूल्य निर्धारण करने वाला आकलन पेश किया, जिसे अक्सर ‘लांग टेल’ के रूप में जाना जाता है। साथ ही उन्होंने सूचना संबंधी उत्पादों के मूल्य निर्धारण और बंडलिंग को विकसित किया। उनके शोधों को अर्थव्यवस्था, प्रबंधन और विज्ञान के प्रमुख प्रकाशनों में जगह मिली है। साथ ही उनको शोध को दस सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र में जगह मिली है और पांच पेटेंट हासिल हुए हैं।

हाल में ब्रिन्योल्फसन ‘मशीन प्लैटफॉर्म क्राउड: हार्नेसिंग आवर डिजिटल फ्यूचर’ (2017) और न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिकक सर्वाधिक बिकने वाली ‘द सेकेंड मशीन एज: वर्क, प्रोग्रेस एंड प्रोसपेरिटी इन ए टाइम ऑफ ब्रिलिएंड टेक्नालॉजी’ (2014) के सह-लेखक रहे हैं। मशीन लर्निंग की सीमा और संभावनाओं पर उनका काम साइंस सहित दुनिया के प्रमुख प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ है।

ब्रिन्योल्फसन और उनके साथी शोधकर्ता आधुनिक डिजिटल क्रांति की त्रिमूर्ति को ले कर हमारी समझ पर काम कर रहे हैं, जो हैं: मस्तिष्क और मशीनों को नए सिरे से संतुलित करने की प्रक्रिया, उत्पाद और प्लेटफार्म व उपयोगकर्ता। मशीनों के तेजी से बढ़ने की वजह से व्यापक प्रभाव पड़ रहे हैं, यह लागत के ढांचे को बदल रहा है; इसका ठहराव भी अपने आप में काफी ताकतवर है, जहां यह उन कंपनियों को भी प्रभावित करता है जो बदलाव की प्रक्रिया को का सबसे ज्यादा प्रतिरोध करती हैं।

वीडियो

ब्रिन्योल्फसन के कार्य में मशीन लर्निंग और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में घटती जीडीपी वृद्धि दर के अंतर्विरोध का आकलन भी एक अहम विषय रहा है।

अपने सहयोगी एंड्र्यू मैकफी के साथ मिल कर लिखी किताब मशीन, प्लेटफार्म, क्राउड में ब्रिन्योल्फसन लिखते हैं — “मशीन, प्लेटफार्म और क्राउड का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, इसके आधार पर इनका प्रभाव बहुत अलग-अलग हो सकता है। वे सत्ता और संपत्ति को और कम लोगों के हाथों में केंद्रित कर सकते हैं या फिर निर्णय लेने की प्रक्रिया और संपन्नता को ज्यादा विस्तार दे सकते हैं। वे निजता को बढ़ा सकते हैं, खुलेपन को बल दे सकते हैं या एक साथ दोनों को तेज कर सकते हैं। वे ऐसा कार्यस्थल तैयार कर सकते हैं जो प्रेरणा और उद्देश्य से संचालित होता हो, या फिर ऐसा भी बना सकते हैं जो लालच और भय से चलता हो। जैसे-जैसे तकनीक की शक्ति बढ़ती है, हमारे भविष्य की संभावना भी बढ़ रही है। यह संभावना हमारे लक्ष्य को ले कर स्पष्टता और हमारे मूल्यों को ले कर ज्यादा गहराई से सोचने के महत्व को बढ़ाती है।”

निखिला नटराजन ने न्यूयॉर्क-कैंब्रिज, मेसाचुशेट्स वीडियो कॉल के दौरान ब्रिन्योल्फसन से ऐसे विभिन्न विषयों पर बात की। एमआईटी स्लोअन के प्रोफेसर ब्रिन्योल्फसन अध्ययन अवकाश पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जाने वाले हैं।

मशीन लर्निंग के प्रभाव, काम-काज के भविष्य और फर्म के स्तर की प्रक्रिया को ले कर ब्रिन्योल्फसन के सबसे ज्यादा चर्चित कार्यों पर हुई इस चर्चा के अंश प्रस्तुत हैं:

आपने कहा है कि सफलता (हमेशा) उनको नहीं मिलती जहां सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और रणनीति की सर्वश्रेष्ठ समझ हो, बल्कि कई छोटे-छोटे फैसले इस मायने में काफी अहम होते हैं। एक जैसे उत्पाद बनाने वाली एक या दो कंपनियां ही हावी रहेंगीं.. इन छोटे-छोटे फैसलों के बारे में बताएं।

एरिक ब्रिन्योल्फसन: यह सफलता हमेशा ऐसे प्राप्त नहीं होती। यह जरूर है कि सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और सर्वश्रेष्ठ रणनीति से मदद मिलती है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कई बार छोटे-छोटे अवसर आते हैं जो समान अवसर को किसी एक के पक्ष में मोड़ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर हम सोशल नेटवर्किंग को लेते हैं। यह हम सभी के लिए अच्छा रहता है कि हम सब एक ही सोशल नेटवर्क पर रहें ताकि मैं अपनी तस्वीर अपने भाई, अपनी मां और अपने हाई स्कूल के दोस्तों से साझा कर सकूं और अगर हम सभी अलग-अलग नेटवर्क पर रहेंगे तो यह काम आसानी से नहीं कर पाएंगे। इसलिए नेटवर्क के प्रभाव को देखते हुए यहां एक ही फर्म के हावी रहने की उम्मीद है। सैकड़ों या हजारों लोगों के पास सोशल नेटवर्क का विचार था, लेकिन आखिरकार अर्थव्यवस्था ऐसी है कि एक ही हावी रहेगा। यह असामान्य स्थितियों की बात भी हो सकती है, संभव है कि कुछ छोटी-मोटी बातें रही हों, जिन्होंने एक या दूसरे के पक्ष में परिस्थितियों को मोड़ दिया हो। प्रभावशाली लोगों का एक अहम समूह या फिर उपयोग में बहुत मामूली से सुगमता की वजह से फेसबुक को माईस्पेस पर बढ़त मिल गई हो।

मानवीय परिस्थितियां जिस तरह काम करती हैं, बहुत से लोग कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी गणित या तकनीकी कौशल के सही मिश्रण से दूर ही रह जाते हैं। उनके कौशल को बढ़ाने या दुबारा उपलब्ध करवाने का क्या बेहतरीन तरीका हो सकता है?

ब्रिन्योल्फसन: जिन लोगों को मैं सबसे कामयाब देखता हूं वे जरूरी नहीं कि गणित में और तकनीकी कौशल में पारंगत हों, बल्कि उनके अंदर कई सोफ्ट स्किल का मिश्रण होना चाहिए। जटिल कार्यों को करने में मशीन लगातार बेहतर होती जा रही हैं, लेकिन ये मशीनें दो तरह के काम करने में बेहतर साबित नहीं हो रही हैं। यहां इंसान बेहतर कर सकते हैं — रचनात्मकता और बड़े स्तर की समस्या की पहचान। सही प्रश्न पूछने में सक्षम होना और उनके रचनात्मक और बिल्कुल असाधारण समाधान ढूंढ़ना। दूसरी बड़ी श्रेणी है अंतरवैयक्तिक कौशल। प्रोत्साहित करना, नेतृत्व करना, विक्रय, समझाना, लोगों का खयाल रखना और देख-भाल करना — ये ऐसे काम हैं, जिनके लिए हम मशीनों पर भरोसा नहीं करते। अगर हम तकनीकी कौशल के साथ रचनात्मकता और अंतरवैयक्तिक कौशल का मेल कर लें तो यह हमारी विजय को सुनिश्चित करेगा।

कीमतों को कम करने वाले प्लेटफार्म का विरोध करते समय लोग और कारोबार आम तौर पर क्या गलतियां करते हैं?

ब्रिन्योल्फसन: समझने की बात है कि जब प्लेटफार्म कीमतों को कम करते हैं तो इसका फायदा उसमें भाग लेने वाले सभी पक्षों को हो सकता है, अगर वे दो तरफा नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह दोतरफा नेटवर्क की अर्थव्यवस्था पारंपरिक अर्थव्यवस्था से काफी अलग है। बड़ी संख्या में लोगों के दोतरफा नेटवर्क में भाग लेने की वजह से कीमतों के घटने से बाजार काफी तेजी से बढ़ता है। यह नीचे की तरफ जाती मांग का सामान्य प्रक्रिया नहीं। एक तरह से यह टर्बोचार्ज्ड है। इसका फायदा तभी मिलता है जब आप दोतरफा नेटवर्क का हिस्सा हों, अगर आप इसके मुकाबले में खड़े हों तो इससे आपको लाभ नहीं मिलता। सामान्य भ्रम यह रहता है कि इस प्लेटफार्म के साथ इसका हिस्सा बनने कीबजाय इसके खिलाफ पूरी ताकत के साथ खड़े हो जाओ।

फर्म और उनके तहत काम करने वाले लोग अजीब और उत्पादकता को नुकसान पहुंचाने वाले काम करते रहते हैं, लेकिन इस हाथी को जैसा उन्होंने समझा होता है, उसके मुताबिक उन्हें लगता रहता है कि वे बहुत शानदार काम कर रहे हैं। उनकी नजरों को धोखा देने वाली प्रक्रिया ही आम तौर पर वह चीज होती है जिसे किसी भी फर्म में बदला जाना सबसे मुश्किल होता है। फर्म कब और कैसे इस बात को समझेंगीं?

ब्रिन्योल्फसन: पुरानी फर्मों के लिए इस बात को समझना बहुत मुश्किल है कि उन्हें बदलना है। बहुत से स्टार्टअप उद्योग जगत में हावी हो रहे हैं। किसी फर्म में अगर कुछ लोगों को यह समझ आ जाता है कि प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है, तो इसे पूरा करने के लिए एक मिले-जुले प्रयास की जरूरत होती है। इसे समझाने के लिए अक्सर मैं इस उदाहरण का इस्तेमाल करता हूं.. मान लीजिए कि आपके पास एक एनालॉग घड़ी है- संभव है कि यह एक स्विस घड़ी हो और आप इसके एक-एक पुर्जे का फायदा उठाना चाहते हों। आप घड़ी के पीछे के हिस्से को खोलते हैं और एक ट्रांजिस्टर को बदल देते हैं.. आपको मालूम है कि यह इस तरह काम नहीं करता। आपको एकीकृत बदलाव लाना होगा। आपको या तो पूरी तरह से डिजिटल घड़ी लेनी होगी या फिर एनालॉग। टुकड़े-टुकड़े में यह नहीं हो सकता। फर्म के साथ भी यही है। घड़ी में तो आप उन पुर्जों को देख सकते हैं, संगठनों में ये उनके इंसेंटिव सिस्टम, प्रक्रिया, लोगों की चयन प्रक्रिया आदि होती है और इन सभी को एक-दूसरे का साथ खरा उतरना होगा। अक्सर किसी एक व्यक्ति को पता नहीं होता कि ये सभी एक-दूसरे का साथ फिट कैसे बैठेंगे। लेकिन इसमें कुछ फर्म सफल हो जाते हैं।

अधिकांश फर्म अपनी कारोबारी प्रक्रिया को डिजाइन के जरिए नया जीवन देते हैं जबकि कुछ को यह किस्मत से मिल जाता है… उनके लिए जो प्रथम या शुरुआती में नहीं हैं, इसमें खतरे क्या हैं (सामान्य खतरों को छोड़ कर)?

ब्रिन्योल्फसन: खतरा यह है कि आप बीच रास्ते में ही अटक जाते हैं। आपके संगठन के कुछ पुर्जे होते हैं जो डिजिटाइज हो चुके होते हैं और कुछ नहीं हुए होते हैं। आपको पूरा फायदा तो नहीं ही मिलता है। साथ ही कई बार तो आप पहले से भी बुरी स्थिति में आ जाते हैं। कई बार इसमें किस्मत की भी भूमिका होती है। आप सही फैसला करने में सफल होते हैं और जहां यह बदलाव हो रहा होता है वहां बाजार के अदृष्य हाथ जहां होते हैं, वहीं बहुत से फर्म अपने प्रयास करते हैं। उनमें से कई सही मिश्रण तक पहुंच जाते हैं और सफल हो जाते हैं। ऐसी फर्म जो उद्यमी नजरिया अपनाती है जिसमें बाजार संचालित नजरिया होता है और जो प्रयोग करने के लिए तैयार होती है, उसके कामयाब होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे बदलाव के लिए पंचवर्षीय योजना बनाने की बजाय, कई छोटे-छोटे प्रयोग करना ज्यादा प्रभावी हो सकता है।

ऑनलाइन कारोबार का मामला लें जो ग्राहकों के लिए मुफ्त हैं, इन तक पहुंचने के लिए किसी भुगतान की जरूरत नहीं और जो अपने ट्रैफिक को बढ़ाने के लिए पूरी तरह पेड सर्च पर निर्भर करते हैं.. इन कंपनियों में क्या बदलाव आप अवश्यंभावी पाते हैं? क्या कम कर्मचारी और स्थिर लागत?

ब्रिन्योल्फसन: इसके कई प्रभाव हैं.. हम देखते हैं कि ऐसे बाजार में पंक्ति काफी लंबी होती है — ऐसे विशिष्ट बाजार में कुछ तो विजेता होते हैं और कुछ मध्य स्तर के फर्म होते हैं, जबकि बहुत से छोटे फर्म होते हैं। यूट्यूब पर वीडियो को देखिए- कुछ को तो एक अरब व्यूज मिल जाते हैं जबकि बहुत से ऐसे होते हैं जिनको महज सौ व्यूज पर ही संतोष करना होता है। दूसरे उद्योगों में जो होता है, उससे यह काफी अलग है। निर्माण के क्षेत्र में इतनी लंबी पंक्ति नहीं होती, लेकिन डिजिटल मार्केट में ऐसी लंबी पंक्ति आम बात है। इनमें से बहुत से विज्ञान की मदद से सुचारू रूप से चल पाते हैं, खास कर विज्ञापन बहुत लक्ष्यकेंद्रित हो रहे हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप निश्चित तौर पर उस एक अरब व्यूज हासिल करने वाली श्रेणी में आ ही जाएंगे। कंटेंट भी डिजिटाइज होने के दौरा में है तो इस बाजार में भी आप यही स्थिति देख सकते हैं।

पिछले 12-24 महीनों में एक दर्जन से ज्यादा देशों ने एआई की राष्ट्रीय रणनीति जारी की है और बहुत से लाने वाले हैं। चूंकि आप अमेरिका में रहे हैं और यहां काम किया है, यहां की योजना पर आपका क्या विचार है?

ब्रिन्योल्फसन: इस संबंध में व्हाईट हाउस में हुई बैठक में मैं भी शामिल था। इस बारे में ओबामा सरकार के पास तीन बहुत अच्छी रिपोर्ट्स थीं, जो बहुत विस्तार से इस विषय पर विचार करती हैं। अब ट्रंप प्रशासन इनमें से कुछ पर विचार कर रहा है। यह काफी बाजार संचालित नजरिया है जिसमें निजी क्षेत्र से उम्मीद की जाती है कि वह नेतृत्व करेगा। सौभाग्य से अमेरिका में हमारा निजी क्षेत्र काफी मजबूत है, साथ ही हमारे यहां दुनिया के कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय हैं, जैसे एमआईटी, जहां मैं अभी हूं और स्टैनफोर्ड और कार्नेगी मेलोन, जो इन क्षेत्र में बहुत शानदार काम कर रहे हैं। इससे पैदा होने वाले स्वभाविक बढ़त का फायदा उठाना अमेरिका की रणनीति है। मुझे खुशी है कि कुछ अन्य देश भी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आखिरकार, जब ज्यादा लोग, देश और संगठन एआई में निवेश करेंगे तो यह पूरी मानवीयता को लाभान्वित करने की क्षमता हासिल कर सकेगा। इनमें से कुछ बीमारियों के इलाज पैदा होंगे तो कुछ कैंसर की जांच के नए तरीके पैदा होंगे, जो पहले से उपलब्ध नहीं थे। हमारे पास बेहतर सेल्फ ड्राइविंग कार होंगी और प्रेडिक्टिव मशीनें होंगी।

क्या अमेरिका की आप्रवास नीति आपके कार्य क्षेत्र को प्रभावित कर रही है? क्या आप इस संबंध में कुछ कहना चाहेंगे?

ब्रिन्योल्फसन: दुर्भाग्य से आप्रवास नीति अमेरिका को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है और व्हाईट हाउस में हुई बैठक के दौरान यही मुद्दा मैंने उठाया। उच्च कौशल वाले लोगों के देश में आने के लिहाज के अमेरिका पहले के मुकाबले ज्यादा खिलाफ दिखाई दे रह है। मेरे अपने छात्रों के लिए भी यह ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है कि वे अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद यहां रह सकें और पढ़ाई कर सकें। यह लोगों को यहां आने से ही हतोत्साहित कर रहा है। यह स्वभाविक तौर पर अमेरिका के लिए बुरा है और पूरी दुनिया के लिए भी। शीर्ष शोधकर्ता को तब ज्यादा नतीजे मिलते हैं जब वे साथ मिल कर काम करते हैं, कंधे से कंधा मिला कर। अगर हम एमआईटी और सिलिकॉन वैली जैसी जगहों में उनके एक साथ एकजुट हो कर काम करने को ज्यादा मुश्किल बनाते जाएंगे तो मुझे नहीं लगता कि विज्ञान उतनी तेजी से प्रगति कर सकेगा जितनी तेजी से वह लोगों की स्वतंत्र आवाजाही और साथ मिल कर काम करने से कर सकता है।

आप और श्री एंड्र्यू मैकफी ऐसे विषय पर काम कर रहे हैं जिसके बारे में आप कहते हैं कि इस पर अध्ययन बहुत कम हुआ है लेकिन यह बहुत अहम है — डिजिटल तकनीक और अमेरिकी कामगारों के अर्जन के भविष्य पर प्रभाव। आपने क्या पाया?

ब्रिन्योल्फसन: हमने पाया है कि डिजिटल तकनीक ने लाभ को बढ़ाया है। दुनिया ने अब तक जितनी संपत्ति नहीं देखी होगी, उससे ज्यादा यह पैदा कर रहा है। खास कर मानव इतिहास में जितने करोड़पति और अरबपति हमने देखे हैं, उससे ज्यादा यह पैदा कर रहा है। लेकिन यह उतना अच्छा नहीं है। इससे असमानता भी पैदा हो रही है और लोग बड़ी संख्या में पीछे छूट रहे हैं। यह बहुत लंबी पंक्ति (लांग टेल) है, जिसके बारे में मैं चर्चा कर रहा था, जिस तक पहुंचने के लिए बहुत से लोग प्रयासरत हैं। दुर्भाग्य से, अर्थव्यवस्था का ऐसा कोई नियम नहीं है जो कहता हो कि इन बदलावों से सभी को फायदा पहुंचना आवश्क है। संभव है कि कुछ लोग इसमें पीछे छूट जाएं। सैद्धांतिक रूप से यह भी संभव है कि संपत्ति कुछ लोगों तक सीमित हो जाए और बहुसंख्यक लोग पीछे छूट जाएं। यह उस तरह से हो, ऐसा जरूरी नहीं। इसके बहुत से नतीजे हो सकते हैं। तकनीक एक औजार है और हमने अपनी किताब सेकेंड मशीन एज और मशीन, प्लेटफार्म, क्राउड में भी इस बात पर जोर दिया है कि इन औजार का उपयोग संपत्ति को और कम लोगों के हाथ में सीमित होने या फिर अधिक से अधिक लोगों को संपन्न बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यहां तक कि एंड्र्यू मैकफी और मैंने मिल कर हमने इनक्लूसिव इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है जहां हम उन लोगों और संगठनों को 10 लाख डॉलर मुहैया करवा रहे हैं जो तकनीक का उपयोग समृद्धि को ज्यादा से ज्यादा व्यापकता देने के लिए कर रहे हों। हमने सैकड़ों संगठनों की पहचान की है जिन्होंने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है और परिणामस्वरूप हम उन संगठनों को 10 लाख डॉलर का पुरस्कार दे रहे होंगे जिन्होंने तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ संपत्ति और लाभ अर्जन के लिए नहीं, बल्कि साझा समृद्धि के लिए किया हो जिसमें बहुत से लोग भाग ले सकें।

आपकी हाल की पुस्तक में सभी अध्याय कई प्रश्नों के साथ समाप्त हो रहे हैं, इनमें से एक है.. “अगर क्राउड में से कोई बेहतर विचार आए तो आप इसे अपनी मुख्यधारा में कैसे शामिल करेंगे? आप जो समझ रखते हैं, उसके मुताबिक इसका गुप्त स्रोत क्या है?”

ब्रिन्योल्फसन: यह बात बहुत सहज है, लेकिन इसे अधिकांश कंपनियां समझ नहीं पातीं और यह बात है कि चाहे आपके प्रबंधन में कितने ही स्मार्ट लोग हों और चाहे आप कितने ही स्मार्ट लोगों को रख लें, लेकिन अधिकांश स्मार्ट लोग फिर भी आपकी कंपनी के लिए काम नहीं कर रहे होंगे। उनमें से अधिकांश आपकी कंपनी के बाहर होंगे। संभवतः ज्यादा अहम बात यह है कि आपकी कंपनी के बाहर के लोग अलग तरह से सोचते होंगे। आपकी संस्कृति के मुकाबले उनके तरीके अलग होंगे। वे जब उन समस्याओं का सामना करेंगे तो वे जिस तरह से उस समस्या को लेंगे, उससे समाधान हासिल होने की संभावना ज्यादा होगी। अगर आपके लोग लंबे समय से किसी समस्या का समाधान पाने में सफल नहीं हुए हों, तो हो सकता है कि वे इसे गलत तरीके से देख रहे हों और किसी दूसरे संगठन या दुनिया कि किसी दूसरे हिस्से में मौजूद कोई व्यक्ति इसे अलग तरीके से देखे और उन्हें इसका समाधान बहुत आसान लगे। टॉपकोडर जैसे प्लेटफार्म हैं और ऐसे कई हैं जिनको आप ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं और इसमें संस्कृति में बदलाव की जरूरत होती है। अगर प्रबंधकों को सफल होना है तो उन्हें बाहर से आने वाले विचारों का स्वागत करना होगा। सर्वाधिक सफल प्रबंधक ठीक यही कर रहे हैं और फिर उसे अपने संगठन के अनुरूप स्वरूप दे देते हैं। कंपनियां जब क्राउड का उपयोग सफलतापूर्वक करती है तो मुख्य प्रक्रियाओं में 100 या 1,000 गुना तक बेहतरी आती है।

आप अपने पाठकों से एक और सवाल पूछते हैं: रिक्त स्थानों को भरें: अगर हमरा प्रतिद्वंद्वी.. के लिए मशीन लर्निंग सिस्टम तैयार कर लते हैं, हम गंभीर समस्या में होंगे। क्या आप कहेंगे कि किसी भी कारोबार के लिए यह सबसे अहम सवाल है?

ब्रिन्योल्फसन: मुझे लगता है कि शायद ऐसा ही है। क्योंकि हमारे समय की सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामान्य उद्देश्य की तकनीक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मशीन लर्निंग श्रेणी है और अब यह ऐसे लगभग सभी काम करने में सक्षम है जो पहले सिर्फ मनुष्य ही कर सकते थे। टॉम मिशेल के साथ मैंने ‘व्हाट कैन मशीन लर्निंग डू’ शीर्षक से जो शोधपत्र तैयार किया था, उसमें हमने एक ढांचा तैयार किया था, जिसमें हमने बताया था कि किस तरह के काम हैं जिनमें मशीन लर्निंग बेहतर है और कौन से ऐसे काम हैं, जिनमें यह ठीक नहीं है। उस चार्ट का अपने संगठन के संदर्भ में उपयोग कर आप देख सकते हैं कि आपके संगठन के मामले में मशीन लर्निंग कहां बेहतर कर सकती है और हम उस प्रश्नावली में कहते हैं कि संभव है कि आपका प्रतिद्वंद्वी इस काम के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग कर रहा हो और वह आपके कारोबार के अर्थशास्त्र को पूरी तरह से बदल कर रख दे। हमने कई उद्योगों में ऐसा होते हुए देखा है और आप इस समय जिस भी उद्योग में हों, यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि आप इससे अछूते रह जाएंगे। मशीन लर्निंग की क्षमता को समझना एक अहम चुनौती है। एंड्र्यू मैकफी और मैंने हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के एक आलेख में लिखा है, जिसे मैं यहां उद्धृत करना चाहूंगा — मशीन लर्निंग प्रबंधकों की जगह नहीं लेने जा रही, लेकिन प्रबंधक जो मशीन लर्निंग का उपयोग करना जानते हैं, वे उनकी जगह ले लेंगे जो इसे नहीं जानते।

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