यूरोपीय संघ का संकट: चीन पर निर्भरता कैसे हो कम?

चीन से डी-कपलिंग और डी-रिस्किंग के शोर शराबे के बीच यूरोपीय संघ (EU) के चैंबर ऑफ कॉमर्स इन चाइना और चाइना मैक्रो ग्रुप की एक नई रिपोर्ट आई है. ये रिपोर्ट उबासी लेते हुए मीडिया में सुर्ख़ियां बटोरेगी, थिंक टैंक की बैठकों में इस पर लगातार चर्चा होगी. चीन का मज़ाक़ उड़ाया जाएगा और फिर इस रिपोर्ट को खोखली बयानबाज़ी के कचरेदान में फेंक दिया जाएगा. रिस्कफुल थिंकिंग: नैविगेटिंग दि पॉलिटिक्स ऑफ इकॉनमिक सिक्योरिटी शीर्षक से आई इस रिपोर्ट की बुनियाद में ये बचकानी सोच है कि चीन को लेकर उसके 11 सुझावों को लागू किया जाएगा. वास्तविकता ये है कि इस रिपोर्ट में चीन से लगभग गिड़गिड़ाते हुए ये अपील की गई है कि वो नियमों पर आधारित व्यवस्था का पालन करे. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि चीन, आत्मनिर्भरता पर ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर देने से बचे. इस पूरे विषय को विस्तार से समझें इस वीडियो में. 

चर्चा में: 

नग़मा सहर, सीनियर फेलो, ओआरएफ़  
गौतम चिकरमने, वाइस प्रेसिडेंट, ओआरएफ़