इस वीडियो में हम ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी और शी जिनपिंग के बीच की बातचीत और संबंधों पर चर्चा करेंगे। साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि कैसे यह सम्मेलन भारत-चीन के रिश्तों के लिए एक संतुलन बनाने का मंच बन सकता है। हम भारत और चीन के विश्वास, संवेदनशीलता और सामरिक अवसरों के उन सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
इसके अलावा, हम यह भी देखेंगे कि भारत चीन के साथ रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर कौन-कौन से ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की राह खोली जा सकती है। कैसे ब्रिक्स का विकास ग्लोबल साउथ के देशों को एक वैकल्पिक विकल्प प्रदान करता है। ब्रिक्स देशों की एकता और भारत-चीन के बीच सहयोग के संभावित रास्तों की तलाश की जा रही है। क्या यह सम्मेलन दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है? वीडियो देखें और जानें!
बातचीत में:
नग़मा सहर
सीनियर फेलो, ORF
डॉ. अतुल कुमार
फेलो, ORF
अंतरा घोषाल सिंह
फेलो, ORF