Author : Aditya Bhan

Issue BriefsPublished on Jan 12, 2024
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प्रतिबंधों से घिरे रूस के साथ भारत के द्वारा संबंध बनाए रखने का आर्थिक तर्क क्या है?

  • Aditya Bhan

    रूस मौजूदा समय में दुनिया का सबसे अधिक प्रतिबंधित देश है, और उसके ऊर्जा नोर्यात, केंद्रीय बैंक और अन्य क्षेत्रों को लक्षित करते हुए अभूतपूर्व दंडात्मक कार्रवाई की गई है. ऐसे आर्थिक प्रतिबंधों के बीच रूस की आर्थिक प्रतिरोध क्षमता और भारत की रक्षा और ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए रूस पर निर्भरता को देखते हुए, यह सार संक्षेप नई दिल्ली द्वारा मास्को के साथ मौजूदा व्यापार संबंधों को बनाए रखने, निरंतर भू-राजनीतिक दबाव के बावजूद, के आर्थिक तर्क पर प्रकाश डालता है.

Attribution:

आदित्य भान, "प्रतिबंधों से घिरे रूस के साथ भारत के द्वारा संबंध बनाए रखने का आर्थिक तर्क क्या है," ओआरएफ़ सार संक्षेप संख्या 680, दिसंबर 2023, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन.

भूमिका

रूस-यूक्रेन युद्ध के विस्फ़ोट के बाद से, नई दिल्ली को पश्चिमी देशों और घरेलू स्तर, दोनों में विभिन्न क्षेत्रों से मास्को के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को छोड़ देने और "टीम अमेरिका" में शामिल होने का आह्वान किया गया और नीतिगत सलाह दी गई.[i] हालांकि, भारत अपने भू-राजनीतिक और भू-रणनीतिक हितों को सुरक्षित करने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों के प्रति जागरूक रहा है.

संदर्भ के लिए, 5 दिसंबर 2022 को, जी7, ऑस्ट्रेलिया और 27 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने और दुनिया भर में स्थिर कीमतों को बनाए रखने की मास्को की क्षमता को कम कर के उद्देश्य से कच्चे तेल के रूसी जहाज़ों के निर्यात पर एक मूल्य सीमा लगा दी. यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा समुद्री रूसी कच्चे तेल की खरीद पर प्रतिबंध के बाद यह मूल्य सीमा, 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर निर्धारित की गई थी, जिसकी समीक्षा हर दो महीने में की जाएगी, जो जनवरी 2023 के मध्य से शुरू होने वाली है.[ii]

मौजूदा समय में रूस दुनिया का सबसे अधिक प्रतिबंधित देश है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र और बैंक खातों तक पहुंच को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं ताकि वह अपने युद्ध को जारी रखने के लिए ज़रूरी वित्तपोषण हासिल न कर सके. आधुनिक सेना को लैस रखने के लिए आवश्यक उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित करने के लिए निर्यात नियंत्रण भी लागू किए गए, जैसे कि कंप्यूटर चिप्स.[iii] वर्तमान मेंअमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय संघ के देशों जैसे 30 से अधिक राष्ट्र इस अभूतपूर्व दंडात्मक प्रयास में शामिल हैं, जिसके तहत रूसी ऊर्जा निर्यात पर मूल्य सीमा लागू की जा रही है, रूसी सेंट्रल बैंक की संपत्ति को फ़्रीज़ किया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन के स्थानांतरण के लिए अग्रणी प्रणाली स्विफ़्ट (SWIFT) तक रूस की पहुंच को रोका जा रहा है.[iv]

इस तरह के आर्थिक प्रतिबंधों के बीच रूस की आर्थिक प्रतिरोध क्षमता और भारत की रक्षा और ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए रूस पर निरंतर निर्भरता को देखते हुए, यह सार संक्षेप नई दिल्ली द्वारा प्रतिबंधों से संतप्त मास्को के साथ संबंध बनाए रखने के लिए आर्थिक तर्क का आकलन करता है.

रूस की प्रतिरोध क्षमता

2022 में प्रतिबंधों के बीच रूसी अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद, मास्को का राजकोषीय राजस्व बढ़ा है (चित्र 1 देखें). यह मुख्य रूप से ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों और रूस द्वारा निर्यात को चीन और भारत (चित्र 2 देखें) जैसे वैकल्पिक खरीदारों की नई दिशा की ओर ले जाने के प्रयासों से वजह से हुआ. चीन ने अकेले मार्च और दिसंबर 2022 के बीच रूस से 50.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का कच्चा तेल खरीदा, जो 2021 में इसी अवधि की तुलना में 45 प्रतिशत की वृद्धि है (चित्र 3 देखें). चीन द्वारा कोयले का आयात 54 प्रतिशत बढ़कर 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पाइप्ड गैस और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) सहित प्राकृतिक गैस का आयात 155 प्रतिशत बढ़कर 9.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.[v]

चित्र 1: जनवरी 2018 से रूस का कर राजस्व

स्रोत: सीईआईसी[vi]

चित्र 2: रूसी यूराल कच्चे तेल की कीमत

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[vii]

चित्र 3: चीन का रूस से कच्चे तेल का आयात (2019-2022)

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[viii]

मॉस्को चीन से अरबों डॉलर मूल्य की मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, बेस मेटल, वाहन, जहाज़ और विमान भी आयात कर रहा है (चित्र 4 देखें)[ix]. रूस से पश्चिमी कार ब्रांडों के बाहर निकलने के बाद, हवल, चेरी और जिली जैसे चीनी कार ब्रांडों के बाज़ार हिस्से में 10 प्रतिशत से 38 प्रतिशत तक का भारी विस्तार हुआ है और 2023 में यह हिस्सा और बढ़ने की संभावना है.[x] उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में, चीनी ब्रांड, जिनका 2021 के अंत तक रूसी स्मार्टफ़ोन बाज़ार में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा था, ने 95 प्रतिशत बाज़ार हिस्सेदारी के साथ उद्योग पर कब्ज़ा कर लिया है.[xi] स्विफ़्ट से बाहर किए जाने के बाद, रूसी कंपनियां चीन के साथ अपने बढ़ते व्यापार के लिए माध्यम के रूप में चीनी युआन का उपयोग बढ़-चढ़कर कर रही  हैं. रूसी बैंकों ने भी पश्चिमी प्रतिबंधों से खुद को बचाने के लिए युआन का उपयोग करके लेन-देन बढ़ा दिया है.[xii]

चित्र 4: चीन से रूस का कुल आयात

स्रोत: सीईआईसी[xiii]

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध लगाए जाने से मॉस्को में वित्तीय अव्यवस्था, रूबल के गिरने और नकदी की कमी की आशंका थी (चित्र 5 देखें). हालांकि, आर्थिक तबाही और बैंक रन (जब किसी विशिष्ट वित्तीय संस्थान या बैंक के ग्राहकों की एक बड़ी संख्या इस डर के कारण जमा वापस लेना शुरू कर देती है कि बैंक के पास पैसा नहीं है और वह जल्द ही भुगतान करने में नाकाम हो सकता है- ऐसी स्थिति को बैंर रन कहते हैं) के डर सच साबित नहीं हुए, जैसे कि 1998 में रूस के ऋण भुगतान में चूक जाने के बाद हुआ था. यह आंशिक रूप से इसलिए था क्योंकि रूस के केंद्रीय बैंक ने तुरंत बाज़ारों को बंद कर दिया, मुद्रा विनिमय को प्रतिबंधित कर दिया और ब्याज़ दरों को 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया (चित्र 6 देखें).[xiv] इसके अतिरिक्त, 2014 में क्रीमिया के विलय के बाद रूस के पास प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ अपनी प्रतिरोध क्षमता को मज़बूत करने के लिए कई साल थे.

चित्र 5: अमेरिकी डॉलर से रूसी रूबल का चार्ट (सितंबर 2021- सितंबर 2023)

स्रोत: एक्सई[xv]

चित्र 6: बैंक ऑफ रूस की ब्याज दर (जनवरी 2022-  अक्टूबर 2023)

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xvi]

रूस की आर्थिक संरचना ने भी चल रहे प्रतिबंधों के बीच देश को मजबूत बनाया है. सोवियत युग से अधिकतर अपरिवर्तित, राज्य-स्वामित कंपनियां सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग दो-तिहाई हिस्सा बनाती हैं, जबकि छोटे और मध्यम आकार के उद्यम केवल जीडीपी का पांचवां हिस्सा बनाते हैं. हालांकि यह संरचना विकास के अनुकूल नहीं है लेकिन यह प्रतिकूल परिस्थितियों में स्थिरता देने वाले का काम कर सकती है, जैसा कि कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान देखा गया था (चित्र 7 देखें).[xvii]

चित्र 7: रूस की जीडीपी वृद्धि दर (वर्ष-दर-वर्ष)

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xviii]

 

एक आश्रित भारत

पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद, यूरोपीय संघ रूसी तेल का सबसे बड़ा "अप्रत्यक्ष" आयातक बना हुआ है.[xix] दरअसल, यूरोपीय संघ रूस के करीबी सहयोगियों, जैसे कि तुर्की (चित्र 8 देखें) और चीन (चित्र 9 देखें) से परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद खरीद रहा है, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिबंधित रूसी तेल का आयात बढ़ गया है, प्रभावी रूप से जी7 मूल्य सीमा को दरकिनार कर दिया गया है.

चित्र 8: यूरोपीय संघ द्वारा तुर्किये से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात (बिलियन यूरो में)


स्रोत: सीईआईसी[xx]

चित्र 9: यूरोपीय संघ द्वारा चीन से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात (बिलियन यूरो में)


स्रोत: सीईआईसी[xxi]

साथ ही, रूस यूरोप को एलएनजी का निर्यात भी जारी रखे हुए है.[xxii] इस तरह, भारत संभवतः रूस पर व्यापक पश्चिमी प्रतिबंधों- और नई दिल्ली पर ऐसा करने से रोकने के पश्चिमी दबाव, के बीच भी रूसी तेल का आयात करने को उचित समझता है- मुद्रास्फ़ीति को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, "खनिज ईंधन, तेल, आसवन (डिस्टिलेशन) उत्पाद" यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से रूस से भारतीय आयात में शामिल हैं (चित्र 10 और तालिका 1 देखें). यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि युद्ध से पहले के पांच वर्षों में, रत्न और आभूषण रूस से भारतीय आयात की सबसे बड़ी श्रेणी हुआ करते थे.[xxiii]

चित्र 10: रूस से भारत का कच्चा तेल आयात (2012-2022)


 

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xxiv]

तालिका 1: 2022 में रूस से भारत के आयात की शीर्ष 10 श्रेणियां (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)

रूस से भारतीय आयात

मूल्य

खनिज ईंधन, तेल, आसवन (डिस्टिलेशन) उत्पाद

33,970

उर्वरक

2,730

मोती, कीमती पत्थर, धातु, सिक्के

1,290

पशु, वनस्पति वसा और तेल, विदलन उत्पाद (क्लीवेज प्रोडक्ट्स)

907.82

लोहा और इस्पात

324.47

ऐसी वस्तुएं जो प्रकार के अनुसार निर्दिष्ट नहीं हैं

245.91

मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर

163.75

कागज और पेपरबोर्ड, लुगदी की वस्तुएं, क़ाग़ज़ और बोर्ड

158.00

अकार्बनिक रसायन, कीमती धातु यौगिक, आइसोटोप

92.21

रबर

91.52

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xxv]

भारत ने पहले ही कहा है कि वह जी7 द्वारा लागू 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मूल्य सीमा के करीब या उससे ऊपर रूसी कच्चे तेल का आयात जारी रखेगा क्योंकि यह बाहरी आर्थिक जोखिमों का मुकाबला करने में सहायक है (चित्र 11 देखें).[xxvi]

चित्र 11: बेंचमार्क ब्रेंट के मुकाबले यूराल कच्चे तेल की कीमत में छूट


स्रोत: स्टेटिस्टा[xxvii]

क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि वास्तव में भारत के चालू खाते के घाटे को बढ़ाएगी और देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव डालेगी, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक मुद्रा बाज़ारों में भारतीय रुपये के मूल्य पर अधोमुखी दबाव पड़ेगा (चित्र 12 देखें). हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था और उसका विकास पथ काफी हद तक लचीला बना हुआ है (चित्र 13 देखें) लेकिन प्रचलित भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं आर्थिक गतिविधि को बाधित कर सकती हैं और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की विकास गति को रोक सकती हैं, जो कमज़ोर कॉर्पोरेट आय और घरों द्वारा कम ख़र्च के रूप में प्रकट हो सकती है. महंगे आयात के मुद्रास्फ़ीति के प्रभाव 35 करोड़ भारतीय घरों में महसूस किए जाएंगे, ख़ासकर निम्न- से मध्यम-आय वाले समूहों में (चित्र 14 देखें). यह तनाव बढ़े हुए ईंधन की कीमतों और दैनिक उत्पादों की लागत में प्रकट होगा, क्योंकि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि फर्म्स कच्चे माल की कीमतों में अधिकांश वृद्धि को उच्च कीमतों वाले उत्पाद के माध्यम से घरों को स्थानांतरित कर देंगी.

चित्र 12: 29 सितंबर 2023 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की समय श्रृंखला (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)


स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xxviii]

चित्र 13: भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वार्षिक वृद्धि दर (2016 की तीसरी तिमाही से 2023 की दूसरी तिमाही)


स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xxix]

चित्र 14: भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-आधारित मुद्रास्फीति दर (अगस्त 2023 में समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि में)

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xxx]

भारतीय आयातक जिन्होंने हाल के महीनों में आधे से अधिक यूराल समुद्री निर्यात को खपाया है, वे रूस को अधिक कीमत देने को तैयार हैं क्योंकि ये वैकल्पिक स्रोतों द्वारा उद्धृत कीमतों से अभी भी कम होंगी.[xxxi] ये आयातक बीजिंग से बढ़ती प्रतिस्पर्धा को भी ध्यान में रख रहे हैं, जो चीन में घरेलू मांग में उछाल आने के कारण अधिक से अधिक रूसी कच्चे तेल को साफ़ करने के लिए भी तैयार बैठे हैं. वास्तव में, रूस 2022 में भारत का कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधों ने मास्को को नए बाज़ारों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया.[xxxii]

नई दिल्ली कई तरह के सैन्य हार्डवेयर के लिए भी मास्को पर अत्यधिक निर्भर है. भारत के पारंपरिक हथियारों का 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक सोवियत या रूसी मूल का है.[xxxiii] इसके अतिरिक्त, दोनों देशों ने पिछले कई वर्षों में घनिष्ठ सैन्य निर्माण संबंध विकसित किए हैं. उदाहरण के लिए, लगभग दो दशकों से भी अधिक समय तक भारत और रूस संयुक्त रूप से ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल का निर्माण किया, जिसे जहाज़ों, विमानों या तट-आधारित लांचरों से लॉन्च किया जा सकता है.[xxxiv] साथ ही, हाइपरसॉनिक ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल, ब्रह्मोस-II, के भी आने की संभावना है. ब्रह्मोस-II में रूस की त्सिरकॉन मिसाइल के हाइपरसोनिक संस्करण के समान ही विशेषताएं होने की भी संभावना है, जिसका परीक्षण पांच या छह वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है.[xxxv] यदि ब्रह्मोस-II कार्यक्रम सफल होता है, तो यह रूस के रक्षा उद्योग की प्रतिरोध क्षमता और रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करेगा.[xxxvi] किसी भी सूरत में, कुछ ख़ास सैन्य तकनीकों को भारत के साथ साझा करने के मामले में रूस किसी भी पश्चिमी देश की तुलना में अधिक तैयार रहा है, साथ ही मॉस्को ने यह भी दिखाया है कि वह भारत को किसी भी पश्चिमी आपूर्तिकर्ता की तुलना में काफ़ी कम क़़ीमतों पर उच्च-तकनीक वाले हथियारों की आपूर्ति कर सकता है.[xxxvii] ऐसे घनिष्ठ जुड़ाव को देखते हुए, रूस के साथ संबंधों में कोई भी बदलाव भारत के लिए वित्तीय और रणनीतिक लागत उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगा.

भारत-रूस के संबंधों का महत्वपूर्ण समय

भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों का वर्तमान चरण दर्शाता है कि समानता का संबंध दूसरे पर खुद को थोपे जाने के जाल से बच सकता है. वास्तव में, अप्रैल 2023 में, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों को वैश्विक संबंधों में "सबसे स्थिर" में से एक बताया, यह तर्क देते हुए कि इस रिश्ते ने हाल ही में बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है, इसलिए नहीं कि यह बदल गया है, बल्कि इसलिए कि यह नहीं बदला है.[xxxviii]

कुछ संकेत उभर रहे हैं कि वाशिंगटन नई दिल्ली के अपने हितों के लिए मास्को के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के रुख के साथ सामंजस्य बैठा रहा है, भले ही भारत अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत कर रहा है.[xxxix] दरअसल, नई दिल्ली संकेत दे रही है कि इस मिसाल को 'एक की जीत, दूसरे की हार'  के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. लगता है कि अमेरिका इसे स्वीकार कर रहा है, भले ही अनिच्छा से, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जून 2023 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है, उसके बाद बाइडेन सितंबर 2023 में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

यहां तक ​​​​कि पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने हाल ही में कहा था कि वाशिंगटन को मास्को के साथ भारत के संबंधों के संबंध में नई दिल्ली के साथ धैर्य बनाए रखना चाहिए. इस बात पर ज़ोर देते हुए कि भारत यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन नहीं करता है, उन्होंने कहा कि नई दिल्ली "सही दिशा में आगे बढ़ रही है,"[xl] और भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करना जारी रखने पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसा न होने पर सामाजिक अशांति और राष्ट्रीय शक्ति में कमी परिलक्षित होगी.

निश्चित रूप से, भारतीय महत्वाकांक्षाएं विकास-केंद्रित हैं और नई दिल्ली के हिंद-प्रशांत में केवल एक संतुलन बनाए रखने वाले की भूमिका स्वीकार करने की संभावना नहीं है, भले ही वाशिंगटन और उसके सहयोगी इसे कैसे भी देखें. रूस का प्रस्ताव है कि भारत को आयात किए जाने वाले तेल से होने वाली भारी कमाई को भारत के विनिर्माण उद्योग में ही निवेश करेगा जिससे पैदा होने वाले उत्पाद रूस को निर्यात किए जाएंगे, सीमा पार भुगतान के लिए रूसी वित्तीय संदेश प्रणाली को अपनाने का समझौता, रूस में भारतीय रुपे कार्ड और यूपीआई को स्वीकार किया जाएगा और रूस के एमआईआर कार्ड और फ़ास्ट पेमेंट सिस्टम को भारत में, और व्लादिवोस्तोक और चेन्नई को जोड़ने वाले समुद्री गलियारे का संचालन शुरू करना दोनों देशों की भारत-रूस व्यापार और आर्थिक संबंधों के व्यापक विस्तार के लिए आवश्यक नींव डालने की उत्सुकता को दर्शाता है, जो पहले ही पिछले दशक में तेज़ी का अनुभव कर चुके हैं (चित्र 15 देखें).[xli]

चित्र 15: रूस से भारत के आयात (2013-2022)

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xlii]

भारत रूस को अपना निर्यात बढ़ाने का इच्छुक है (चित्र 16 और तालिका 2 देखें), जबकि रूस मुक्त व्यापार समझौते (एफ़टीए) पर बातचीत को तेज़ी से आगे बढ़ाना चाहता है और निवेश संरक्षण समझौते की दिशा में काम करना चाहता है.[xliii]

चित्र 16: रूस को भारत का निर्यात (2013-2022)


स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स[xliv]

तालिका 2: 2022 में रूस को शीर्ष 10 भारतीय निर्यात (मिलियन अमेरिकी डॉलर में)

रूस को भारतीय निर्यात

मूल्य

फार्मास्युटिकल उत्पाद

430.59

कार्बनिक रसायन

284.49

मशीनरी, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर

272.95

इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

179.04

लोहा और इस्पात

160.42

मछली, परूषकवची (क्रस्टेशियंस), मृदुकवची (मोलस्क), जलीय अकशेरुकी (अक्वेटिक इन्वर्टेब्रेट्स)

126.88

कॉफ़ी, चाय, मेट और मसाले

116.51

विविध रासायनिक उत्पाद

112.36

अकार्बनिक रसायन, कीमती धातु यौगिक, आइसोटोप

99.60

विविध सहायक भोजन पदार्थ

92.31

स्रोत: ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स [xlv]

निष्कर्ष

अक्टूबर 2023 में भारत के तेल आयात का 33 प्रतिशत हिस्सा रूस से आया.[xlvi] यह आंकड़ा यूक्रेन युद्ध शुरू होने से ठीक पहले जनवरी 2022 में 2 प्रतिशत से कम था.[xlvii] उस समय, भारत अपने तेल के लिए मुख्य रूप से पश्चिम एशिया पर निर्भर था.[xlviii] रूसी कच्चे तेल पर बढ़ती इस निर्भरता ने भारत के व्यापार घाटे को चीन के साथ उसके घाटे के बाद रूस के साथ दूसरा सबसे बड़ा बना दिया है.[xlix] दरअसल, रूस के साथ घाटा सात गुना बढ़ गया है, वित्त वर्ष 2021-22 के जनवरी-अप्रैल में 4.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में उसी अवधि के दौरान 34.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.[l] ऐसे में, नई दिल्ली ने इस व्यापार घाटे को कम करने या कम से कम नियंत्रित करने की इच्छा व्यक्त की है.[li]

यह देखते हुए कि रूस विश्व मंच पर एक प्रतिरोध क्षमता वाली ताक़त बना हुआ है, नई दिल्ली को मॉस्को के साथ अपने संबंधों को एक बहुध्रुवी विश्व व्यवस्था[lii] को आगे बढ़ाने की दिशा में केंद्रित करना चाहिए, ख़ासकर तब जबकि शीत युद्ध के बाद के युग में, भारत ने अपनी वास्तविक क्षमता को साकार करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, आर्थिक और रणनीतिक दोनों रूप से.

 (ऊपर व्यक्त विचार लेखक के हैं.)

Endnotes


[i] Marziya Sharif, “US lawmaker calls for India to join ‘team America’, abandon China-Russia axis,” The Siasat Daily, April 13, 2023, https://www.siasat.com/us-lawmaker-calls-for-india-to-join-team-america-abandon-china-russia-axis-2567510/.

 

[ii] “G7 price cap on Russian oil: what are the main elements,” Reuters, December 5, 2022, https://www.reuters.com/business/energy/g7-price-cap-russian-seaborne-crude-oil-main-elements-2022-12-05/.

 

[iii] “No economic 'knockout' yet from West's sanctions on Russia,” The Economic Times, February 22, 2023, https://economictimes.indiatimes.com/news/international/world-news/no-economic-knockout-yet-from-wests-sanctions-on-russia/articleshow/98159502.cms.

 

[iv] “No economic 'knockout' yet from West's sanctions on Russia”

 

[v] Laura He, “How China is helping to prop up the Russian economy through the war in Ukraine,” CNN, February 26, 2023, https://edition.cnn.com/2023/02/22/economy/china-russia-economic-ties-ukraine-intl-hnk/index.html.

 

[vii] “Urals Oil,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/commodity/urals-oil.

 

[viii] “China Imports from Russia of Crude Oil,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/china/imports/russia/crude-oil-petroleum-bituminous-minerals.

 

[ix] United States, Congressional Research Service, China’s Economic and Trade Ties with Russia, Washington, D.C.: Congressional Research Service, 2022, crsreports.congress.gov/product/pdf/IF/IF12120

 

[x] “The market share of European and Japanese cars in Russia fell to 6%,” Autostat, February 20, 2023, https://www.autostat.ru/infographics/53937/.

 

[xi] “China is helping to prop up the Russian economy. Here’s how,” Counterpoint, February 26, 2023, https://www.counterpointresearch.com/about/in-the-press/china-helping-prop-russian-economy-heres/.

 

[xii] Elena Fabrichnaya and Alexander Marrow, “Exclusive: Russia's Sberbank to issue yuan bonds in 2023 if opportunity arises,” Reuters, June 14, 2023, https://www.reuters.com/markets/rates-bonds/russias-sberbank-issue-yuan-bonds-2023-if-opportunity-arises-2023-06-14/.

 

[xiii] “Russia Total Imports from China,” CEIC, accessed November 23, 2023, https://www.ceicdata.com/en/indicator/russia/total-imports-from-china.

 

[xiv] Phillip Inman and Mark Sweney, “Russia’s central bank doubles interest rates and closes stock market as rouble plunges,” The Guardian, February 28, 2022, https://www.theguardian.com/business/2022/feb/28/russia-central-bank-rates-rouble-sanctions-economy-ukraine.

 

[xv] “US Dollar to Russian Ruble Exchange Rate Chart,” Xe, accessed September 28, 2023, https://www.xe.com/currencycharts/?from=USD&to=RUB&view=2Y.

 

[xvi] “Russia Interest Rate,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/russia/interest-rate.

 

[xvii] Brendan Cole, “Russia's Resilient Economy Sees Putin Get the Last Laugh,” Newsweek, February 23, 2023, https://www.newsweek.com/russia-economy-resilient-sanctions-putin-last-laugh-1782655.

 

[xviii] “Russia GDP Annual Growth Rate,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/russia/gdp-growth-annual.

 

[xix] Lauri Myllyvirta, Hubert Thieriot, Andrei Ilas, Oleksii Mykhailenko, Financing Putin’s war: Fossil fuel imports from Russia in the first 100 days of the invasion, Helsinki, CREA, 2022, https://energyandcleanair.org/publication/russian-fossil-exports-first-100-days/

 

[xx] “European Union Imports: EU 27E: Turkey: Petroleum Products,” CEIC, accessed November 23, 2023, https://www.ceicdata.com/en/european-union/eurostat-trade-statistics-by-sitc-european-union-turkey/imports-eu-27e-turkey-petroleum-products.

 

[xxi]  “European Union Imports: EU 27E: China: Petroleum Products,” CEIC, accessed November 23, 2023, https://www.ceicdata.com/en/european-union/eurostat-trade-statistics-by-sitc-european-union-china/imports-eu-27e-china-petroleum-products.

 

[xxii] “Europe continues buying Russian LNG, says Novatek CEO,” TASS, February 6, 2023, https://tass.com/economy/1572207.

 

[xxiii] Confederation of Indian Industry, India-Russia Trade and Investment Relations, New Delhi, Confederation of Indian Industry, 2017, https://www.ciiblog.in/india-russia-trade-and-investment-relations-2/

 

[xxiv] “India Imports from Russia of Crude Oil,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/india/imports/russia/crude-oil-petroleum-bituminous-minerals.

 

[xxv] “India Imports from Russia,” Trading Economics, accessed September 28, 2023, https://tradingeconomics.com/india/imports/russia.

 

[xxvi] “India Oil Imports: India talks tough on Russian oil imports, says will look for best deal,” The Economic Times, April 16, 2023, https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/foreign-trade/india-may-buy-russian-crude-past-cap-if-opec-cuts-boost-costs/articleshow/99534220.cms.

 

[xxvii] “Difference between Urals and and Brent oil price from December 31, 2021 to September 20, 2023,” Statista, accessed November 23, 2023, https://www.statista.com/statistics/1298092/urals-brent-price-difference-daily/.

 

[xxviii]  “India Foreign Exchange Reserves,” Trading Economics, accessed September 29, 2023, https://tradingeconomics.com/india/foreign-exchange-reserves.

 

[xxix] “India GDP Annual Growth Rate,” Trading Economics, accessed September 29, 2023, https://tradingeconomics.com/india/gdp-growth-annual.

 

[xxx] “India Inflation Rate,” Trading Economics, accessed September 29, 2023, https://tradingeconomics.com/india/inflation-cpi.

 

[xxxi] “Russian oil prices soar amid falling freight rates, strong demand,” Reuters, February 23, 2023, https://www.reuters.com/article/russia-oil-exports-idUSL8N3525NN.

 

[xxxii] Irina Slav, “State Department Says India Is Buying Russian Crude Below Price Cap,” OilPrice.com, March 2, 2023, https://oilprice.com/Latest-Energy-News/World-News/State-Department-Says-India-Is-Buying-Russian-Crude-Below-Price-Cap.html.

 

[xxxiii] “More than 60-70% of India armed forces equipped with Russian origin weapons: Indian envoy,” The Economic Times, July 11, 2020, https://economictimes.indiatimes.com/news/defence/more-than-60-70-of-india-armed-forces-equipped-with-russian-origin-weapons-indian-envoy/articleshow/76903811.cms?from=mdr.

 

[xxxiv] Apart from India’s army, navy, and air force, the BrahMos missile shall also be operated by the Philippine Marine Corp, which is in the process of receiving deliveries of the missile. Philippines had signed a USD 375 million contract in 2022, for three batteries of BrahMos anti-ship missiles.

 

[xxxv] “Hypersonic BrahMos-II missile may include technology from Tsirkon missile — CEO,” TASS, August 1, 2022, https://tass.com/defense/1487641.

 

[xxxvi] Aditya Bhan, The Hypersonic Potential of India-Russia Military-Technical Cooperation, Kolkata, Observer Research Foundation, 2022, https://www.orfonline.org/expert-speak/hypersonic-potential-of-india-russia-military-technical-cooperation/

 

[xxxvii] Sumit Ganguly, “Why India has been soft on Russia? Here are some strong reasons,” The Economic Times, April 18, 2022, https://economictimes.indiatimes.com/news/how-to/why-india-has-been-soft-on-russia-here-are-the-strong-reasons/articleshow/90873069.cms.

 

[xxxviii] S. Jaishankar, “Remarks by External Affairs Minister, Dr. S. Jaishankar at the "India-Russia Business Dialogue"” (speech, New Delhi, April 17, 2023), Ministry of External Affairs, Government of India, https://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/36496/Remarks_by_External_Affairs_Minister_Dr_S_Jaishankar_at_the_IndiaRussia_Business_Dialogue.

 

[xxxix] Anjana Pasricha, “India, Russia to Strengthen Trade Ties,” Voice of America, April 23, 2023, https://www.voanews.com/a/india-russia-to-strengthen-trade-ties/7062526.html.

 

[xl] “US needs to show strategic patience with India on Russia: Ex-defence secy Mattis,” The New Indian Express, April 27, 2023, https://www.newindianexpress.com/world/2023/apr/27/us-needs-to-show-strategic-patience-with-india-on-russia-ex-defence-secymattis-2569929.html.

 

[xli] M.K. Bhadrakumar, “Pivotal Moment in India-Russia Relations,” NewsClick, April 26, 2023, https://www.newsclick.in/pivotal-moment-india-russia-relations.

 

[xlii]  Trading Economics, “India Imports from Russia”

 

[xliii] “India, Russia Working On Investment Protection Pact: Russian Deputy Prime Minister Denis Manturov,” Outlook, April 18, 2023, https://www.outlookindia.com/business/india-russia-working-on-investment-protection-pact-russian-deputy-prime-minister-denis-manturov-news-279319.

 

[xliv] “India Exports to Russia,” Trading Economics, accessed September 29, 2023, https://tradingeconomics.com/india/exports/russia.

 

[xlv] Trading Economics, “India Exports to Russia”

 

[xlvi] “India's appetite for Russian oil reduces, share slips to lowest in 9 months as OPEC gains,” ET EnergyWorld, November 23, 2023, https://energy.economictimes.indiatimes.com/news/oil-and-gas/indias-appetite-for-russian-oil-reduces-share-slips-to-lowest-in-9-months-as-opec-gains/105428988.

 

[xlvii] Toru Tsunashima, “India's dependence on Russian oil soars to 30%,” Nikkei Asia, April 23, 2023, https://asia.nikkei.com/Business/Markets/Commodities/India-s-dependence-on-Russian-oil-soars-to-30.

 

[xlviii] Phil Rosen, “India could rely on Russia for half its oil imports soon as Moscow continues to sell cheap barrels,” Markets Insider, April 25, 2023, https://markets.businessinsider.com/news/commodities/russian-oil-india-exports-fuel-energy-sanctions-ukraine-war-moscow-2023-4.

 

[xlix] Tina Edwin, “India's trade deficit with Russia rises a whopping 674% in H1 on discounted oil buys,” Money Control, November 10, 2022, https://www.moneycontrol.com/news/business/economy/indias-trade-deficit-with-russia-rises-a-whopping-674-in-h1-on-discounted-oil-buys-9489011.html.

 

[l] Shreya Nandi, “India's trade deficit with Russia grows seven-fold to $34.79 billion,” Business Standard, April 18, 2023, https://www.business-standard.com/amp/economy/news/india-s-trade-deficit-with-russia-rose-nearly-seven-fold-last-year-123041800865_1.html.

 

[li] “India and Russia should resolve trade imbalance: Jaishankar,” The Statesman, April 17, 2023, https://www.msn.com/en-in/news/other/india-and-russia-should-resolve-trade-imbalance-jaishankar/ar-AA19XQAE.

 

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