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यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को एक बड़ा झटका लगा है. इजरायल ने यूक्रेनी सेना को अपना एयर डिफेंस सिस्टम देने से मना कर दिया है. यूक्रेन ने राजधानी कीव पर रूसी सेना द्वारा मिसाइल और ड्रोन के हमले के बाद इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम की मांग की थी. इजरायली सरकार ने यूक्रेन की मांग को दूसरी बार ठुकरा दिया है. इजरायल के इस फैसले से निश्चित रूप से यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में सवाल उठता है कि रूसी सेना के हमलों को रोकने के लिए यूक्रेनी सेना अब क्या कदम उठाएगी. यूक्रेनी सेना के पास क्या विकल्प है.
यह एक मोबाइल मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. इसे एक ट्रक के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है. इस डिफेंस सिस्टम को इजरायल ने अमेरिका के साथ मिलकर बनाया है. वर्ष 2011 में यह इजरायली सेना में शामिल किया गया. यह किसी भी मौसम में कारगर है. कोहरा और बारिश के दौरान भी यह दुश्मन पर प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है. यह दुश्मन के ड्रोन, मोर्टार और रॉकेट हमलों के खिलाफ बेहतर काम करता है. इजरायली सेना का दावा है कि यह क्रूज मिसाइलों के खिलाफ भी काफी कारगर है.
इजरायली सरकार ने यूक्रेन की मांग को दूसरी बार ठुकरा दिया है. इजरायल के इस फैसले से निश्चित रूप से यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में सवाल उठता है कि रूसी सेना के हमलों को रोकने के लिए यूक्रेनी सेना अब क्या कदम उठाएगी. यूक्रेनी सेना के पास क्या विकल्प है.
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि इजरायल और रूस के बीच मधुर संबंध है. इन संबंधों के कारण ही पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद इजरायल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को देने से मना किया है. उन्होंने कहा कि हालांकि, इजरायल ने यूक्रेन जंग के दौरान मानवीय सुविधाएं जारी रखी हैं.
प्रो पंत ने कहा इजरायल जानता है कि उसके दिए हुए हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन रूसी सेना के विरुद्ध करेगा. उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ सकती है. प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन की मांग को ठुकरा कर इजरायल ने यह संदेश दिया है कि पश्चिमी मुल्कों के दबाव में आकर वह रूस से अपने संबंधों को नहीं बिगाड़ेगा.
प्रो पंत ने कहा यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इजरायल पर कूटनीतिक दबाव बना रहे हैं, लेकिन वह बेअसर है. उन्होंने कहा कि इजरायली विदेश नीति की पहली प्राथमिकता यहूदी समुदाय हैं. रूस और यूक्रेन में भारी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग रहते हैं.
प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन की मांग को ठुकरा कर इजरायल ने यह संदेश दिया है कि पश्चिमी मुल्कों के दबाव में आकर वह रूस से अपने संबंधों को नहीं बिगाड़ेगा.
ऐसे में इजरायल, रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर चल रहा है. उन्होंने कहा कि रूस में यहूदियों की बड़ी आबादी रहती है. रूस में यहूदियों की यह संख्या करीब 1,65,000 के करीब थी. जंग के बाद हजारों यहूदी समुदाय के लोग वहां से पलायन कर गए हैं. यूराेपीय देशों में यूक्रेन में बड़ी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग हैं. करीब 15 हजार यूक्रेनी शरणार्थी इजरायल में रह रहे हैं.
हालांकि, यहूदियों को लेकर रूस और इजरायल में विवाद शुरू हो गया है. रूस ने इजरायल की ओर पलायन कर रहे यहूदियों की मदद करने वाली एजेंसी पर शिकंजा कसा है. रूस का कहना है कि यहूदियों को मदद करने वाली एजेंसी को बंद कर दिया जाना चाहिए. इस मामले को लेकर रूस और इजरायल के बीच विवाद गहराया है.
प्रो पंत ने कहा कि भविष्य में यह विवाद और गहरा सकता है. यहूदियों की मदद को लेकर रूस और इजारायल आमने-सामने हैं. ऐसे में इजरायल, यूक्रेन को डिफेंस सिस्टम देकर इसे और नहीं बढ़ाना चाहता है. प्रो पंत ने कहा कि अगर इजरायल ने अपना एयर डिफेंस सिस्टम यूक्रेन को दिया तो इससे रूस के बीच शुरू हुआ कूटनीतिक विवाद शत्रुता में बदल सकता है.
रक्षा मंत्री ने साफ किया कि वह यूक्रेन जंग का हिस्सा नहीं बनना चाहते. रक्षा मंत्री ने यूरोपीय संघ के नेताओं से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन को हथियार नहीं देंगे.
इजरायल के रक्षा मंत्री बेली गैंट्ज ने साफ कहा कि यूक्रेन जंग के मामले में हमारे देश की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के प्रति हमारी नीति स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि इजरायल पश्चिमी देशों के साथ है. हमारा देश शरणार्थियों और घायलों की भी पूरी मदद कर रहा है. रक्षा मंत्री ने साफ किया कि वह यूक्रेन जंग का हिस्सा नहीं बनना चाहते. रक्षा मंत्री ने यूरोपीय संघ के नेताओं से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन को हथियार नहीं देंगे.
यह एक मोबाइल मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. इसे एक ट्रक के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है. इस डिफेंस सिस्टम को इजरायल ने अमेरिका के साथ मिलकर बनाया है. वर्ष 2011 में यह इजरायली सेना में शामिल किया गया. यह किसी भी मौसम में कारगर है. कोहरा और बारिश के दौरान भी यह दुश्मन पर प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है. यह दुश्मन के ड्रोन, मोर्टार और राकेट हमलों के खिलाफ बेहतर काम करता है. इजरायली सेना का दावा है कि यह क्रूज मिसाइलों के खिलाफ भी काफी कारगर है.
यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.
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Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
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