Author : Atul Kumar

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Published on Jul 22, 2024 Updated 0 Hours ago

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में सुधार का एलान किया. इन सुधारों के केंद्र में उच्च स्तरीय कमान का पुनर्गठन करना था.

शी जिनपिंग ने चीनी फ़ौज के उच्च स्तरीय कमान में किया सुधार: भारत पर पड़ता प्रभाव?

31 दिसंबर 2015 को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में सुधार का एलान किया. इन सुधारों के केंद्र में उच्च स्तरीय कमान का पुनर्गठन करना था, ताकि युद्ध में PLA के प्रदर्शन को बेहतर बनाया जा सके और सेना के सभी अंगों के आपस में मिलकर एक दूसरे के संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए लड़ने की क्षमता को मज़बूत करके साझा युद्ध की डॉक्ट्रिन1 को लागू किया जा सके. इस लेख में इन सुधारों और इसके बाद मिलकर काम करने, आपसी तालमेल बढ़ाने और संयुक्त अभियान चलाने की क्षमता में आए बदलावों की पड़ताल की गई है, जो इन सुधारों का असर मक़सद थे. इस लेख में चीन की युद्ध लड़ने की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी और इसके क्षेत्रीय सुरक्षा के ढांचे पर पड़ने वाले असर का भी आकलन किया गया है.

 

2015-16 के सुधार

 

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने पुनर्गठन की शुरुआत सितंबर 2015 में की थी और तीन लाख सैनिकों को सेना से हटा दिया गया था, जिसके बाद PLA की क्षमता बीस लाख सैनिकों की रह गए थी. 1954 के बाद से सैनिकों की संख्या में कमी लाने के 11वें दौर के अंतर्गत उन लोगों और इकाइयों की छंटनी की गई थी, जिनका या तो युद्ध लड़ने से कोई सीधा ताल्लुक़ नहीं था, या फिर उनके पास पुराने पड़ चुके हथियार थे2. साल ख़त्म होने से पहले ही शी जिनपिंग ने PLA की थल सेना के लिए एक अलग मुख्यालय की स्थापना कर दी थी और PLA की रॉकेट फोर्स को थिएटर स्तर की सेवा में तब्दील कर दिया था. इसके साथ साथ, शी जिनपिंग ने उप-थियेटर स्तर के दो स्वतंत्र सैन्य बलों का भी गठन किया था: पीएलए सामरिक सहयोग बल, जिसकी ज़िम्मेदारी सूचना औऱ अंतरिक्ष के क्षेत्र में युद्ध लड़ने की थी, और ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स सपोर्ट फोर्स, जिसको संसाधनों से जुड़े कामों का ज़िम्मा सौंपा गया था3.

 जनवरी 2016 में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) ने उस वक़्त मौजूद PLA के चार सामान्य विभागों को भंग कर दिया था और उनकी जगह 15 नई एजेंसियों की स्थापना की थी, ताकि वो सीधे CMC के निर्देशन में इन भंग विभागों की ज़िम्मेदारियां और भूमिकाएं संभाल सकें.

जनवरी 2016 में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) ने उस वक़्त मौजूद PLA के चार सामान्य विभागों को भंग कर दिया था और उनकी जगह 15 नई एजेंसियों की स्थापना की थी, ताकि वो सीधे CMC के निर्देशन में इन भंग विभागों की ज़िम्मेदारियां और भूमिकाएं संभाल सकें4. चीन की सेना की सात क्षेत्रीय कमानों का भी नए सिरे से गठन6 किया गया था और बाद में उन्हें युद्ध क्षेत्र की पांच थिएटर कमानों में तब्दील कर दिया गया था5. इसके अलावा, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स की 18 ग्रुप आर्मीज़ को घटाकर 13 कर दिया गया था, ताकि सेनाओं के ढांचे को बेहतर ढंग से संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने के सिद्धांतों के अनुरूप बनाया जा सके.

 

केंद्रीय सैन्य आयोग ने7 PLA की कमान श्रृंखला को अधिक सुगम बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त क़दम भी उठाए, जिनमें अभियान चलाने और प्रशासन की श्रृंखलाओं के अलग अग त्रिस्तरीय चेन ऑफ कमान का गठन करना भी शामिल था. हर इकाई की ज़िम्मेदारी बिल्कुल अलग थी, पर वो सब एक बड़े लक्ष्य को हासिल करने में पूरक की भूमिका में थे. चीन के सैन्य बलों की इस नई व्यवस्था को ‘लीडरशिप ऐंड मैनेजमेंट सिस्टम’ (LMS) और ज्वाइंट ऑपरेशनल कमान सिस्टम (JOCS) का नाम दिया गया था, जो अमेरिकी सैन्य बलों की प्रशासनिक और अभियान चलाने की दोहरी चेन ऑफ कमान से मिलती जुलती थी. PLA के प्रबंधन की चेन ऑफ कमान में CMC, अलग अलग सैन्य बल और थिएटर कमान में उनके अंतर्गत आने वाली इकाइयां शामिल थीं6, जिनके पास भर्ती करने, प्रशिक्षण देने, कार्यकाल के प्रबंधन और सहयोगी काम करने की ज़िम्मेदारी थी. इसके उलट, अभियान चलाने से जुड़ी कमान श्रृंखला सीधे केंद्रीय सैन्य आयोग से संचालित होते हुए थिएटर कमान और ज़मीनी स्तर पर उनके अंतर्गत आने वाली संयुक्त टास्क फोर्स को नियंत्रित करती है, जिसमें प्रशासनिक शाखा की न्यूनतम संभव भागीदारी होती है.

 

CMC ने संयुक्त कमान और नियंत्रण को और मज़बूत बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश, मैन्युअल और नियम जारी किए थे, ताकि कमान और कंट्रोल, योजना बनाने, सैन्य बल के निर्माण, प्रशिक्षण और अभियान में आपसी तालमेल और जुड़ाव मज़बूत बने. इन दिशा निर्देशों में सैन्य रणनीति को ‘लोकल वॉर्स अंडर इन्फॉर्मैटाइज़्ड कंडीशंस’ की परिकल्पना के साथ ढाला गया था.

 

PLA में संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमता में आए बदलाव

 

कमान और प्रबंधन की श्रृंखलाओं को अलग करने से थिएटर कमान और सैन्य बलों को अपनी ज़िम्मेदारी वाले विशेष क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. जैसे कि अभियान चलाने और सैन्य बल का निर्माण करना. इसी के मुताबिक़, ऑपरेशनल कमान को आवश्यक तवज्जो दी जाती है8.

 

2024 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सैन्य बलों के आधुनिकीकरण का पहला चरण पूरा कर लिया है. 2020 में पूरी की पूरी सेना का यंत्रीकरण कर लिया गया था, जो 2027 में पूरी हो रही शताब्दी के लिए तय किया गया मील का शुरुआती पत्थर है. केंद्रीय सैन्य आयोग9 ने पर्याप्त संसाधन आवंटित किए हैं, जिससे सैन्य बल अपने विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता को पाल-पोस सकें और अपनी इकाइयों को अपने अंतर्गत आने वाले क्षेत्र विशेष के लिए प्रशिक्षित कर सकें11. अपनी कुशलता को और बढ़ाने के लिए, PLA ने अपनी स्ट्रैटजिक सपोर्ट फोर्स को तीन स्वतंत्र शाखाओं में विभाजित किया है: एरोस्पेस फोर्स, साइबर स्पेस फोर्स, और इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स. PLA ने हर स्तर पर संयुक्त उपक्रम चलाने10 और एक बल के संसाधन दूसरी इकाइयों के साथ मिलकर इस्तेमाल करने के क़दम लागू किए हैं और उसने इकाई और सैन्य बल के स्तर पर अभ्यास आयोजित किए हैं, ताकि संयुक्त अभियानों के दौरान सैन्य बलों की कुशलता और धारदार हो सके. चीन के उच्च स्तरीय सैन्य नेतृत्व ने इस पहलू पर लगातार ध्यान बनाए रखा है. शी जिनपिंग बार बार PLA के एकीकृत विकास की बात पर बल देते रहे हैं, ताकि चीन की सेनाएं आधुनिक सैन्य संसाधनों और सूचना से लैस होकर बौद्धिक सैन्य बल बन सके.12

 

जो समस्याएं अभी बनी हुई हैं

 

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अभी भी सभी सैन्य बलों के बीच मिलकर काम करने क्षमता पूरी तरह से लागू नहीं कर सकी है. इसकी बड़ी वजह संयुक्तता के सिद्धांता विरोध है. पीएलए की थलसेना तो विशेष रूपु से अपने दबदबे वाली ज़िम्मेदारियों को दूसरे सैन्य बलों को सौंपने को तैयार नहीं है, जबकि नौसेना और वायुसेना ने अपनी क्षमताओं में काफ़ी इज़ाफ़ा कर लिया है और अब वो थल सेना की बराबरी पर पहुंच गई हैं13.

 भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शी जिनपिंग के अभियान के अंतर्गत हज़ारों जनरलों के ख़िलाफ़ तफ़्तीश की गई, और 2013 से 2015 के दौरान 82 जनरलों समेत सेना के 242 अधिकारियों को सज़ा दी गई थी. बड़े पैमाने पर फैले इस भ्रष्टाचार की  ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों और PLA के वरिष्ठ नेताओं के बीच भरोसा भी घट गया है

पीएलए के भीतर भ्रष्टाचार एक और बाधा है. भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शी जिनपिंग के अभियान के अंतर्गत हज़ारों जनरलों के ख़िलाफ़ तफ़्तीश की गई, और 2013 से 2015 के दौरान 82 जनरलों समेत सेना के 242 अधिकारियों को सज़ा दी गई थी. बड़े पैमाने पर फैले इस भ्रष्टाचार की  ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों और PLA के वरिष्ठ नेताओं के बीच भरोसा भी घट गया है14. PLA के कई गुटों को भंग कर दिया गया है, वहीं शी जिनपिंग के दिशा निर्देश में नए गुट उभर रहे हैं. पहले हाशिए पर धकेले गए कई सैन्य नेताओं को PLA की थल सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों के ओहदे पर तैनात किया गया है. इनकी वजह से सेना के लिए नक़ली और घटिया सामानों की ख़रीद, सेना के साथ साथ दूसरी जगह पर काम करने और फ़र्ज़ी या फिर प्रतीकात्मक युद्ध अभियान जैसी समस्याएं पैदा हुई हैं. जहां एक तरफ़ शी जिनपिंग ने अपने पसंदीदा लोगों को PLA15 में तैनात करके सैन्य बलों पर अपना नियंत्रण और बढ़ा लिया है16. वहीं दूसरी ओर, प्रमोशन में दरकिनार किए गए जनरल और असैन्य शाखाओं द्वारा सैन्य बलों के भीतर की जा रही दख़लंदाज़ी से सेनाओं के भीतर असंतोष ने एक अस्थिर माहौल पैदा कर दिया है.

 

इसका नतीजा ये हुआ है कि PLA की तमाम शाखाओं के बीच मिलकर काम करने का लक्ष्य हासिल करना अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है. संस्थागत ढांचे में सुधार की वजह से सैन्य बलों के बीच एक दूसरे के साथ काम करने और संचार की क्षमताओं में तो सुधार हुआ है. लेकिन, PLA के सभी बलों के भीतर आपसी संपर्क और आपसी संवाद को प्रभावी बनाना इस बात पर निर्भर करता है कि सबके मानक एक जैसे हों, जो अभी भी एक चुनौती बना हुआ है. अलग अलग निर्माताओं के अलग-अलग सिस्टम और हथियार, जिन सबके मानक अलग अलग हैं, वो लॉजिस्टिक और सहयोग के प्रबंधन में जटिलताएं लाते हैं और अभियान चलाने में मुश्किलें पैदा करते हैं.

 

इसके अतिरिक्त, रक्षा प्रतिष्ठानों के उच्च पदों पर कुछ पसंदीदा लोगों या ‘राजकुमारों’ को बैठाने के चलन की वजह से पारिवारिक संबंधों के दुरुपयोग, प्रमोशन में रियायत देने के पैमाने में रियायत और PLA में पेशेवराना बर्ताव की कमी की तरफ़ इशारा करते हैं. जो दूसरी पीढ़ी के अधिकारी हैं, वो अक्सर अपने माता-पिता की इकाइयों की वफ़ादारी रखते हैं, जो किसी इकाई के भीतर के तो रिश्ते मज़बूत करती है. लेकिन, सुधारों की राह में बाधाएं खड़ी करती है और भाई-भतीजावाद को बड़ावा देती है, जिससे भ्रष्टाचार करने के और अवसर पैदा होते हैं17.

 

ज्वाइंट वॉरफेयर डॉक्ट्रिन को कामयाबी से लागू करने के लिए PLA के भीतर इन चुनौतियों से निपटना ज़रूरी है. हालांकि, अगर इसे सफलतापूर्वक लागू कर लिया गया, तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की युद्ध लड़ने की क्षमता काफ़ी बढ़ जाएगी.

 

भारत पर प्रभाव

 

एक संशोधनवादी ताक़त होने की वजह से चीन सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय ढांचे को बदलना चाहता है, ताकि इस क्षेत्र में अपनी दादागीरी की महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सके. ऐसे में चीन के लिए एक ताक़तवर सेना होना आवश्यक है, और इस मामले में ज्वाइंट वॉरफेयर डॉक्ट्रिन का एक बड़ी भूमिका तय करना लाज़मी है. हालांकि, संयुक्त अभियान चलाने और दूर तक अपनी क्षमता के प्रदर्शन करने की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी से भारत के साथ तनाव बढ़ सकता है.

 भारत को उच्च स्तर की कमान में सुधार करने चाहिए, ताकि वो अपनी युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ा सके और दूर दराज़ के क्षेत्रों में अपनी ताक़त के प्रदर्शन की क्षमता में वृद्धि कर सके, ताकि वो चीन की वजह से उभरती चुनौती से निपट सके.

अपनी बढ़ती सैन्य क्षमता की वजह से चीन पहले से ही अपने पास पड़ोस में आक्रामक रुख़ अपनाता रहा है, जिसके पीछे उसके लगातार बढ़ते सामरिक और आर्थिक हित हैं. चीन की नौसेना और वायुसेना अपनी दूर तक मार करने की क्षमता को लगातार बढ़ा रहे हैं. इनमें लड़ाकू विमानों को हवा में ईंधन देने, परिवहन विमान और आपूर्ति एवं लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने वाले संसाधनों में बढ़ोत्तरी शामिल है. जिबूती के सैनिक अड्डे और हिंद महासागर और पास-पड़ोस के समुद्री क्षेत्रों में चीन के मालिकाना हक़ या फिर प्रबंधन वाले बंदरगाहों को अगर हम क्षमता में इस इज़ाफ़े के साथ जोड़कर देखें, तो इससे सुरक्षा का क्षेत्रीय ढांचा बदल सकता है. ऐसे हालात में क्षेत्रीय बाज़ारों तक भारत की पहुंच और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा, जो उत्तर और पश्चिम से पहले से ही दबाव में है, उसके लिए जोखिम और भी बढ़ जाएगा, विशेष रूप से दक्षिण और पूर्व दिशा से. भारत को उच्च स्तर की कमान में सुधार करने चाहिए, ताकि वो अपनी युद्ध लड़ने की क्षमता को बढ़ा सके और दूर दराज़ के क्षेत्रों में अपनी ताक़त के प्रदर्शन की क्षमता में वृद्धि कर सके, ताकि वो चीन की वजह से उभरती चुनौती से निपट सके.

ENDNOTES


[1] Zhao Lei and Li Xiaokun, “Three new military branches created in key PLA Reform”, China Daily, January 02, 2016, URL: https://www.chinadaily.com.cn/kindle/2016-01/02/content_22904989.htm

[2] Kang Xiaolan, “China inaugurates PLA Rocket Force as military reform”, Xinhuanet, January 4, 2016,  http://www.scio.gov.cn/news_0/202209/t20220921_410148.html

[3] Xi Jinping, “Chinese President Xi Jinping’s New Year Speech”, CRI Online, January 01, 2016, http://en.people.cn/n3/2016/0101/c90000-8998156.html#;  Cary Huang, “Corruption, military and economy: The many hurdles in Chinese President’s Xi Jinping’s race to reform”, South China Morning Post, September 11, 2015, https://www.scmp.com/news/china/policies-politics/article/1857006/many-hurdles-xis-race-reform

[4] Ding Xuezhen, “PLA Art troupes shrink under military restructuring”, Global Times, January 25, 2016,  https://www.globaltimes.cn/content/965536.shtml

[5] Li Xuanliang, Zhang Xuanjie and Li Qinghua, “The founding ceremony of the PLA Rocket Force, Strategic Support Force and Army’s leadership body was held in Beijing (陆军领导机构火箭军战略支援部队成立大会在京举行 习近平向中国人民解放军陆军火箭军战略支援部队授予军旗并致训词)”, Xinhuanet, January 1, 2016,  http://www.xinhuanet.com/politics/2016-01/01/c_1117646667.htm;  “Experts: Strategic Support Forces will run through the entire combat process and are key to victory (专家:战略支援部队将贯穿作战全过程 是致胜关键)”, People’s Daily Online,  January 05, 2016,  https://military.people.com.cn/n1/2016/0105/c1011-28011251.html 

[6] Xinhuanet, January 01, 2016.

[7] “China’s military regrouped into five PLA Theater Commands”, Xinhua, February 02, 2016, http://en.people.cn/n3/2016/0202/c90785-9012526.html

[8] Wang Hairong, “Newly released defense reforms aim to create efficiencies, fortify military apparatus”, Beijing Review, December 10, 2015, https://www.bjreview.com/Nation/201512/t20151207_800044280.html

[9] Ni Guanghui, “Xi Jinping’s speech provides fundamental guidance for military reform. What will the Chinese military look like in 2020? (习近平讲话为军改提供根本遵循,2020年中国军队什么样?)”, People’s Daily, November 28, 2015, https://www.thepaper.cn/newsDetail_forward_1402264

[10] Edmund J. Burke, Kristen Gunness, Cortez A. Cooper III, and Mark Cozad, People's Liberation Army Operational Concepts, Santa Monica, CA, RAND Corporation, 2020. https://www.rand.org/pubs/research_reports/RRA394-1.html

[11] Ye Mengyuan, “On comprehensively improving the ability to prepare for war in the new era: The military is meant to fight (关于全面提高新时代备战打仗能力:军队是要打仗的)”, Liberation Army Daily,  September 24, 2022,  http://www.mod.gov.cn/shouye/2022-09/24/content_4921742.htm

[12] Ministry of National Defense, “Regular Press Conference of the Ministry of National Defense on November 26”, November 29, 2020, http://eng.mod.gov.cn/news/2020-11/29/content_4874839.htm

[13] Atul Kumar, “What China’s military reshuffle means for Asia”, The National Interest, November 05, 2022, https://nationalinterest.org/feature/what-china%E2%80%99s-military-reshuffle-means-asia-205735

[14] Zhao Lei, “Scores of PLA officers punished”, China Daily, January 30, 2015, https://global.chinadaily.com.cn/china/2015-01/30/content_19444883.htm 

[15] Chen Zhuo, “Chinese PLA embraces a new system of services and arms: Defense Spokesperson”, China Military online,  April 19, 2024, http://eng.chinamil.com.cn/CHINA_209163/TopStories_209189/16302105.html

[16] Ministry of Foreign Affairs China, Full Text of the Report to the 20th National Congress of the Communist Party of China, October 25, 2022, https://www.fmprc.gov.cn/eng/zxxx_662805/202210/t20221025_10791908.html 

[17] Amber Wang, “Chinese general calls for crackdown on ‘fake combat capabilities’ in the military”, South China Morning Post,  March 9, 2024,  https://www.scmp.com/news/china/military/article/3254722/chinese-general-calls-crackdown-fake-combat-capabilities-military

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