विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के समर्थन के ऐलान ने अफवाहों के बाज़ार पर ब्रेक लगा दिया है, जिसके बाद सत्ताधारी एमडीपी प्रमुख मोहम्मद नाशीद के साथ भारतीय संसद के स्पीकर के साथ भारत में उनकी मुलाक़ात हुई. लेकिन नई दिल्ली की बैठक, जिसमें भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर भी मौज़ूद थे, उसने मालदीव में कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
“सोलिह दूसरा कार्यकाल जीतेंगे,” शाहिद ने एक भारतीय मीडिया साक्षात्कार में कहा और इस तरह अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर अपनी लंबी चुप्पी को उन्होंने तोड़ा. हाल के सप्ताह में, नशीद ने शाहिद के 2018 में राष्ट्रपति बनने के बारे में बात की थी और कहा था कि विदेश मंत्री इस पद के लिए उपयुक्त थे. हालांकि स्थानीय मीडिया ने इसे इस रूप में बताया कि नशीद का मतलब था कि वह अपने पुराने दोस्त सोलिह के लिए दूसरे कार्यकाल के पक्ष में नहीं थे, भले ही वह देश के संविधान में लिखी गई संसदीय योजना के अपने विचार की जगह नहीं ले सके. इसके साथ ही शाहिद की देखरेख में विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया के उन सुझावों को तुरंत ख़ारिज़ कर दिया जिसमें कहा गया कि भारत चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति यामीन को गिरफ़्तार किया जाए. “किसी विदेशी राष्ट्र ने यामीन को कैद करने का निर्देश नहीं दिया है,” मंत्रालय ने कहा और इस बात पर जोर दिया कि शाहिद उस समय भारत में थे. रिपोर्ट से ऐसे संकेत मिले कि जयशंकर ने शाहिद को उनके यूएनजीए में बेहतर प्रदर्शन और मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए बधाई दी.
अपने आप में एक हाई-प्रोफाइल व्यक्तित्व, शाहिद की लोकप्रियता उनके एक साल के लंबे यूएनजीए कार्यकाल के बाद और भी अधिक हो गई है जो इस महीने ख़त्म होने जा रहा है. इसलिए उनके चाहने के बारे में अटकलें, या उनके राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की संभावनाएं, अनुमान से पांच साल पहले हो रही है.
अपने आप में एक हाई-प्रोफाइल व्यक्तित्व, शाहिद की लोकप्रियता उनके एक साल के लंबे यूएनजीए कार्यकाल के बाद और भी अधिक हो गई है जो इस महीने ख़त्म होने जा रहा है. इसलिए उनके चाहने के बारे में अटकलें, या उनके राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की संभावनाएं, अनुमान से पांच साल पहले हो रही है. भारत में उनके मीडिया साक्षात्कार ने इस मामले में सभी प्रकार की अफवाहों और अटकलों पर विराम लगा दिया है. संयोग से संयुक्त राष्ट्र महासभा के निवर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत में अपने मीडिया साक्षात्कार के दौरान, शाहिद ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों का भी आह्वान किया जिसमें मौज़ूदा भू-राजनीतिक रुझानों को शामिल किए जाने की उन्होंने बात की. “मैं संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष सत्र की अध्यक्षता कर रहा हूं जो 40 वर्षों के बाद सुरक्षा परिषद के अनुरोध पर बुलाई गई है. हमने दुनिया को 143 देशों के साथ एकजुट होते देखा है, जिस प्रस्ताव को पेश किया गया था उसका समर्थन किया गया. हमने देखा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जोरदार तरीक़े से इसकी वकालत करता है, उन्होंने यह बातें इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कहा कि उनकी भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र को लेकर था.
‘इंडिया आउट’ अभियान पर रोक लगाएंगे यामीन
अपनी पार्टी के लिए यामीन, विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर एक गठबंधन रैली में कहा कि वह अपने ‘इंडिया आउट’ अभियान को रोक रहे थे. बतौर राष्ट्रपति सोलिह के फरमान ने इस तरह की रैलियों पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि ‘राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को कानून का पालन करना चाहिए‘. एक स्थानीय मीडिया साक्षात्कार में, यामीन ने हालांकि घोषणा की कि अगर वो राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह भारत और सोलिह सरकार के बीच उथुरु थिलाफुलु (यूटीएफ) कोस्ट गार्ड डॉक समझौते की वक़ालत करेंगे, जिसका वह और उनकी पार्टी संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध कर रहे हैं.
हालांकि, संसद के अंदर यामीन खेमा भारत को लगातार निशाना बना रहा है. ‘इंडिया आउट’ अभियान को अपराध घोषित करने वाले विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए पीपीएम के उपाध्यक्ष अहमद श्याम ने बिना किसी सबूत के कहा कि ‘इस बिल का मसौदा भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने तैयार किया था. उनकी पार्टी के सहयोगी अली हुसैन ने यह तर्क देते हुए एक कदम आगे कहा कि यदि विधेयक पारित हो जाता है तो सत्तारूढ़ एमडीपी को बुरी तरह से नुक़सान होगा, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 27 के तहत गारंटीकृत ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ को रोकता है. उन्होंने कहा कि मालदीव के लोगों को अभी भी देश में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने से रोका जाएगा. यहां तक कि संसद ने ‘इंडिया आउट’ विधेयक पर चर्चा की, जानकारी के अनुसार सोलिह मंत्रिमंडल ने एक उप-समिति की 39 सिफारिशों पर चर्चा की, जो राजधानी माले में 21 जुलाई को संयुक्त रूप से युवा और खेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संयुक्त राष्ट्र के योग दिवस समारोह के दौरान हमले से जुड़ी थी. इस तरह के हमलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उप-समिति ने पांच क्षेत्रों में बदलाव की सिफारिशें की थीं. नेशनल स्टेडियम में योग दिवस समारोह में गड़बड़ी के मामले में पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया.
हालांकि, संसद के अंदर यामीन खेमा भारत को लगातार निशाना बना रहा है. ‘इंडिया आउट’ अभियान को अपराध घोषित करने वाले विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए पीपीएम के उपाध्यक्ष अहमद श्याम ने बिना किसी सबूत के कहा कि ‘इस बिल का मसौदा भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने तैयार किया था.
एक स्थानीय मीडिया साक्षात्कार में यामीन के राष्ट्रपति पद (2013-18) के बारे में बात करते हुए, उनके सौतेले भाई और छह बार के राष्ट्रपति, मौमून अब्दुल गयूम ने कहा कि जब उन्होंने उनकी सरकार की ग़लतियों के बारे में बात की तो वह ‘निराश और गुस्से में‘ थे. उनके अनुसार, ” उनके प्रशासन के दौरान जबरन वसूली, भ्रष्टाचार और न्याय की कमी के मामले थे”,और इससे उनके बीच मतभेद पैदा हो गए. इसके कारण यामीन ने पार्टी की कमान संभाली और मौमून गयूम को कुछ समय के लिए जेल भी जाना पड़ा. बाद में मौमून रिफॉर्म्स मूवमेंट (एमआरएम) की स्थापना की, जो एमडीपी के नेतृत्व वाली सोलिह सरकार में जूनियर पार्टनर की हैसियत रखती है.
जैसा कि यामीन शिविर द्वारा आरोप लगाया गया था कि गयूम ने साक्षात्कार लेने वाले को खुद के सवालों से घेरने की कोशिश की, जब उनसे मालदीव में “भारतीय सैन्य उपस्थिति” पर उनकी राय मांगी गई. वह जानना चाहते थे कि क्या साक्षात्कार करने वाले के पास कोई जानकारी भी है, और ‘क्या होगा अगर भारतीय सेना मौज़ूद थी …’ जैसे काल्पनिक सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया, साथ ही उनका दृढ़ विश्वास था कि मालदीव में किसी विदेशी राष्ट्र से संबंधित कोई भी सेना सक्रिय नहीं होनी चाहिए.
सबसे क़रीबी दोस्त और सहयोगी
भारतीय मीडिया के साथ अपने इंटरव्यू में विदेश मंत्री शाहिद ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन कैक्टस’ (1988) से सुनामी के बाद की बहाली (2004) से लेकर कोरोना के दौरान मदद करने (2020) तक, ‘भारत हमारा पहला और सबसे क़रीबी दोस्त साबित हुआ है लेकिन चीन भी हमारा भागीदार है‘. राष्ट्रपति गयूम के ख़िलाफ़ भाड़े के नेतृत्व वाली तख्तापलट की कोशिश को बेअसर करने के लिए कोड नेम ‘ऑपरेशन कैक्टस’ के तहत भारत द्वारा सैन्य सहायता देने का संदर्भ दिया गया था. शाहिद ने साक्षात्कारकर्ता को यह भी बताया कि उनके देश में यामीन के नेतृत्व वाले विपक्ष ने ‘इंडिया आउट’ अभियान शुरू किया था क्योंकि उनके पास विकास का कोई एज़ेंडा नहीं था.
उन्होंने सरकार की ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति की ओर इशारा किया और कहा कि “मालदीव और भारत के बीच साझेदारी आपसी विश्वास और निकटता पर आधारित है, हमारे देशों के बीच गहरी आत्मीयता है .”उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति सोलिह के समय में संबंध पूरी तरह से फले-फूले हैं”. इसके अतिरिक्त उन्होने कहा कि “साथ ही हम चीन और कई अन्य देशों सहित सभी के साथ काम करना जारी रखेंगे, जो उनकी सहायता और सहयोग में बहुत उदार रहे हैं,”. माले में विदेश राज्य मंत्री अहमद खलील ने चीन के साथ त्रिपक्षीय समन्वय तंत्र की दूसरी संयुक्त बैठक में मालदीव के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने देश में चीनी उद्यमों के साथ तीसरी शाखा बनाने को लेकर वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया. अपनी टिप्पणी में मंत्री खलील ने द्विपक्षीय साझेदार के रूप में चीन के महत्व को रेखांकित किया.
भारतीय मीडिया के साथ अपने इंटरव्यू में विदेश मंत्री शाहिद ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन कैक्टस’ (1988) से सुनामी के बाद की बहाली (2004) से लेकर कोरोना के दौरान मदद करने (2020) तक, ‘भारत हमारा पहला और सबसे क़रीबी दोस्त साबित हुआ है लेकिन चीन भी हमारा भागीदार है’.
एक वीडियो में लिक्सिन ने दावा किया कि 100 मिलियन लोगों ने चीनी ऋण पर चीन द्वारा निर्मित माले-हुल्हुले, सिनामाले समुद्री पुल का इस्तेमाल किया था. स्थानीय सोशल मीडिया के एक वर्ग ने दावा किया कि चीनी दूत इस पुल की तुलना और भारतीय बुनियादी ढांचे के प्रमुख एफकॉन्स द्वारा और भारत की 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फंडिंग की मदद से निर्मित थिलामले समुद्री पुल से करना चाह रहे थे, क्योंकि इस पुल ने चीनी पुल, जिससे यात्री आवाजाही सुविधाजनक बनी उसके मुक़ाबले चीन के उद्योग और व्यापार को और अधिक बढ़ावा दिया था.
मालदीव में एकमात्र सबसे बड़ी परियोजना, थिलामाले पुल पर काम, कोरोना महामारी के कारण देरी से हुआ. हाल के हफ्तों में काम फिर से शुरू हो गया है लेकिन पिछले महीने कंस्ट्रक्शन प्लेटफॉर्म के धाराशायी होने की वज़ह से इसके काम में रूकावटें आई हैं. देश की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने तब से विलीमाले द्वीप में प्राकृतिक चट्टान को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है, तीन द्वीपों में से एक, नया पुल कनेक्ट होगा, अन्य दो राजधानी माले और थिलाफुशी द्वीप भी इससे जुड़ेंगे.
The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.