Author : Aravind Yelery

Published on Dec 02, 2021 Updated 0 Hours ago

लगातार कमज़ोर पड़ रही बहुपक्षीय प्रणाली ने वैश्विक निगमों को इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है कि उन्हें किस हद तक जुड़ा होना चाहिए.

अंतरराष्ट्रीय निकायों (कॉरपोरेशंस) और व्यापार क्षेत्र में आने वाले भय से सफ़लतापूर्वक निपटने की चुनौती!

यह लेख कोलाबा एडिट 2021 नामक हमारी श्रृंखला का हिस्सा है.


पार देशी या अंततराष्ट्रीय निगम (Transnational corporations) वैश्विक अर्थव्यवस्था के अग्रणी खिलाड़ियों में से हैं, यहां तक कि इनमें से कुछ ‘सुपरस्टार फर्म’ भी हैं, यानी ऐसी कंपनियां जो हर लिहाज़ से विश्व की चुनिंदा कंपनियों में शामिल हैं. ये निगम उस पारिस्थितिक तंत्र को आकार देते हैं जिसमें अन्य लोग अपना जीविकोपार्जन करते हैं. वैश्विक आर्थिक मामलों की प्रकृति, व्यापार युद्ध (trade-wars), और लगातार कठिन होती प्रतिस्पर्धा ने वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के प्रवाह पर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण को नए सिरे से आकार दिया है. ये वो आयाम है जिसने वैश्वीकरण को साकार किया है. आवश्यक वस्तुओं से लेकर बाह्य-अंतरिक्ष से जुड़े उद्यमों और सेवाओं तक, वैश्विक निगम आपूर्ति श्रृंखलाओं पर पूरी तरह नियंत्रण रखते हैं. यही वजह है कि ये दुनिया की अधिकांश बौद्धिक संपदा के स्वामित्व का दावा भी करते हैं.

वैश्विक निगम वैश्विक आर्थिक एकीकरण के नफ़े-नुकसान की बहस के केंद्र में हैं. वैश्विक आर्थिक मामलों की नई परिपाटी में वैश्विक निगम केवल आउटसोर्सिंग, बाज़ार या दुनिया भर में उत्पादन और आपूर्ति के सूक्ष्म प्रबंधन तक खुद को सीमित नहीं रखते हैं. 

पिछले दो दशकों में, वैश्विक व्यापार में आए व्यवधानों ने आर्थिक एकीकरण के सुनहले सपने और सीमाओं के परे लोगों व ज्ञान की बढ़ती आवाजाही की अवधारणा के लिए ख़तरा पैदा किया है. वैश्विक निगम वैश्विक आर्थिक एकीकरण के नफ़े-नुकसान की बहस के केंद्र में हैं. वैश्विक आर्थिक मामलों की नई परिपाटी में वैश्विक निगम केवल आउटसोर्सिंग, बाज़ार या दुनिया भर में उत्पादन और आपूर्ति के सूक्ष्म प्रबंधन तक खुद को सीमित नहीं रखते हैं. वैश्विक निगमों के व्यवहार में कई तरह के बदलाव आए हैं और इसलिए यह ज़रूरी नहीं कि वे उदार वैश्वीकृत व्यापार प्रथाओं का प्रतिनिधित्व करते हों. इसमें कोई दो राय नहीं है कि पार देशी या अंततराष्ट्रीय कंपनियां मायने रखती हैं और वैश्विक व्यापार नीति को प्रभावित करती हैं, लेकिन वैश्विक निगमों द्वारा अपने व्यवसायों के संचालन के दौरान पैदा होने वाले भेदों का सही विश्लेषण किया जाना ज़रूरी है.

यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि वैश्विक निगम अंतरराष्ट्रीय व्यापार के केंद्र में हैं. अतीत में, एक अधिक स्थिर व्यापार प्रणाली ने वैश्विक निगमों के हितों की रक्षा की, लेकिन बढ़ती वैश्विक अस्थिरता ने वैश्विक निगमों के लिए कई ज़रूरी सबक छोड़े हैं. वैश्विक वित्तीय संकट, व्यापार युद्ध और महामारी के बावजूद वैश्विक निगम, वैश्विक व्यापार प्रणाली के प्रमुख कारकों पर अपना नियंत्रण रख पाए हैं, लेकिन यह घटते मुनाफ़े और ख़राब प्रदर्शन की कीमत पर हुआ है. वैश्विक निगमों का इस तरह पिछड़ना भू-आर्थिक रूप से प्रेरित प्रतियोगिताओं का कारण रहा है. उदाहरण के लिए, ब्रिटिश  ट्रांसनेशनल कंपनियों से होने वाली कमाई में गिरावट की वजह से ब्रिटेन का भुगतान संबंधी लेखाजोखा ख़राब दिख रहा है.

वैश्विक निगम संकीर्ण किस्म का पूंजीवाद ला सकते हैं और एक ऐसे दौर ही शुरुआत कर सकते हैं जहां प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं. ये निगम अब अति विकास पर आधारित योजनाओं पर काम नहीं कर रहे हैं बल्कि छोटी और अनुकूल आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन पर निर्भर हैं. 

वैश्विक निगम बढ़ती अनिश्चितताओं को अपनाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था के मूल में रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वित्तीय संकट से शुरू होकर और व्यापार युद्ध (trade-wars) के कारण, वैश्विक निगम सूक्ष्म और परिष्कृत ढंग से नियंत्रणों को लागू करने के लिए अपनी रणनीतियों को पुन: परिभाषित कर रहे हैं. इस सबके के बीच इस बात की चिंता बढ़ रही है कि वैश्विक निगम संकीर्ण किस्म का पूंजीवाद ला सकते हैं और एक ऐसे दौर ही शुरुआत कर सकते हैं जहां प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं. ये निगम अब अति विकास पर आधारित योजनाओं पर काम नहीं कर रहे हैं बल्कि छोटी और अनुकूल आपूर्ति श्रृंखलाओं के पुनर्गठन पर निर्भर हैं. इस तरह के पुनर्गठन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर वैश्विक निगमों के प्रभाव को और तेज़ कर दिया है. एक व्यापार नेटवर्क और उससे संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं की पहुंच सीमित और संकरी होने लगी है, जिस के चलते अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अब वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करने का एक कारण मिल गया है.

WTO के नियमों की अवहेलना

उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखलाओं के अधिकाधिक विस्तार पर बढ़ते सवाल इस बात की ओर इशारा करते हैं कि वैश्विक निगम व्यापार से जुड़ी सोर्सिंग और उसके संचालन को ले कर विशेष शर्तों की आवश्यकता पर ज़ोर दे रहे हैं. यह वैश्विक निगमों को अलग-अलग सरकारों द्वारा सामने रखे गए प्रतिबंधात्मक सौदों और उपायों से बेहतर ढंग से निपटने में मदद करता है. वहीं दूसरी ओर और ख़ास तौर पर आज के संदर्भ में, कुछ अर्थव्यवस्थाओं ने पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भावना और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों की अवहेलना को जारी रखा है. संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं या चीन जैसी उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने विश्व स्तर पर स्वीकृत विवाद-निपटान तंत्र को अनुचित और अप्रभावी बताते हुए उन्हें दरकिनार करने की कोशिश की है, और यहां तक कि व्यापार भागीदारों के ख़िलाफ़ शुल्क लगाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए व्यापार प्रतिबंध लगाने का समर्थन भी किया है. इसने वैश्विक निगमों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद व्यापारों के लिए मौजूद विकल्पों को बहुत हद तक प्रभावित किया है.

आर्थिक संघर्ष के बढ़ते मामले पहले से ही कमज़ोर होती बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए चुनौतियों को दर्शाते हैं. भू-राजनीतिक रूप से उपजे व्यापार युद्ध, वैश्विक निगमों को अपने अस्तित्व से जुड़ी संभावनाओं को लेकर सावधान रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं, और इस सबके बीच इन पर नियंत्रण करने की तो बात तो दूर ही है. 

आर्थिक संघर्ष के बढ़ते मामले पहले से ही कमज़ोर होती बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए चुनौतियों को दर्शाते हैं. भू-राजनीतिक रूप से उपजे व्यापार युद्ध, वैश्विक निगमों को अपने अस्तित्व से जुड़ी संभावनाओं को लेकर सावधान रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं, और इस सबके बीच इन पर नियंत्रण करने की तो बात तो दूर ही है. लेकिन एकतरफा व्यापार को ले कर कुछ देशों की बढ़ती कार्रवाइयां और निहित स्वार्थों वाले निगमों की गतिविधियां सहयोगियों को साथ आने के लिए प्रेरित कर रही हैं. इसने निगमों के बीच उदार और खुले व्यापार संबंधों को प्रभावित किया है और व्यापार संबंधी रुकावटें अब बढ़ती जा रही हैं. जैसा कि स्पष्ट था, वैश्विक निगमों पर नियंत्रण का बंधन न केवल व्यापार और सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ी संवेदनशीलता तक सीमित था, बल्कि महामारी के दौरान, कई देशों ने चिकित्सा आपूर्ति से जुड़े निर्यात को भी प्रतिबंधित कर दिया.

वैश्विक कॉरपोरेशंस के ख़िलाफ़ शिकायतें

वैश्विक निगम (कॉरपोरेशंस) व्यापार को कहीं भी स्थानांतरित या उन्हें कहीं से भी संचालित नहीं कर सकते हैं. जबकि सरकारें विश्व व्यापार संगठन में अन्य देशों के ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज करना जारी रखती हैं, इनमें से अधिकतर शिकायतें वैश्विक निगमों के ख़िलाफ़ ही हैं. ऐसे में वैश्विक निगम अपने भागीदारों को चुनने और इन समस्याओं को दूर करने के तरीकों के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं. चयनात्मक और अनाकार व्यापार विस्तार के बीच फ़र्क करने की कोशिशें अब वैश्विक निगमों के लिए प्राथमिकता बन गई हैं. किसी देश को होने वाले ख़तरे की अवधारणा अब सैन्य प्रतिद्वंद्विता और खुफ़िया-एकत्रीकरण गतिविधियों की संकीर्ण आशंकाओं तक सामित नहीं है. अब इस में किसी देश की तकनीकी नेतृत्व क्षमता जैसे अधिक समग्र मापदंडों को शामिल किया जा रहा है. एक ओर, जहां वैश्विक निगम प्रौद्योगिकी और सेवाओं से लाभ पाने की क्षमता रखते हैं वहीं दूसरी ओर, उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर दबाव का सामना करना पड़ता है ताकि वे लगातार सामने आ रही इनोवेशन और तेज़ी से बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठा सकें.

 एक ओर, जहां वैश्विक निगम प्रौद्योगिकी और सेवाओं से लाभ पाने की क्षमता रखते हैं वहीं दूसरी ओर, उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर दबाव का सामना करना पड़ता है ताकि वे लगातार सामने आ रही इनोवेशन और तेज़ी से बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठा सकें.

वैश्वीकरण के दौर में जहां एक ओर पार देशी या अंततराष्ट्रीय निगमों की भूमिका को चुनौती दी गई है, वहीं सेवाओं के डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी-आधारित व्यापार, इन निगमों को खाद्य-श्रृंखला के शीर्ष पर रखेंगे. भले ही  पार देशीकरण (transnationalisation) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक जगत में गुणात्मक बदलाव लाता है, लेकिन राष्ट्र-राज्य लगातार मज़बूत हुए हैं, और वैश्विक निगम सबसे बेहतर ढंग से तभी काम कर पाए हैं जब वे राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर काम करते हैं. कुछ साल पहले तक यह एक अद्भुत व बेढंगा विचार था. विश्व स्तर पर व्यवसायों की मदद करने के लिए बनाए गए नियमों की तानाबाना जटिल है, और वैश्विक निगम अपने प्रभुत्व को बनाए रखने और उसे नए सिरे से परिभाषित करने के लिए जिस तरह काम करेंगे उससे वैश्विक व्यापार और उससे संबंधित नीतियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.

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